30-01-2020, 10:12 PM
थोड़ी देर बाद मुकेश मेरे होंठो को किस करना छोड़ कर अपना सर उठा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला.. “तो जानेमन अब चुदाई का खेल शुरू किया जाए”.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और उसकी तरफ देख कर सिर्फ़ एक अदा के साथ मुस्कुरा दी..
मुकेश अच्छी तरह से जानता था कि किस तरह औरत को पूरी तरह से तडपाया जा सकता है.. इसी लिए वो बेशर्मी से मेरे चेहरे को अपने हाथ मे लेते हुए बोला कि, “ जाने मन बताओ ना, चुदाई का खेल शुरू किया जाए ?”
मैं भी अब बुरी तरह से तड़प रही थी इस लिए मैने उस से शरमाते हुए कहा “अब जल्दी करो जो करना है, कोई आ गया तो हम मुशिबत में फँस जाएँगे. बाहर लोगो की चहल पहल भी बढ़ती जा रही है.”
वो मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है जानेमन जैसा तुम चाहो” ये कह कर उसने अपना पूरा लिंग बाहर खींच लिया.केवल उसके लिंग का उपर का भाग ही अंदर रह गया था.
उसके इस तरह से लिंग को बाहर निकालने से मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी “अब क्या हुआ निकाल क्यू लिया ?”
वो मेरी हालत देख कर मुस्कुराते हुए बोला “कुछ नही ये एक बोहोत ही मजेदार प्यारा खेल है, थोड़ी ही देर मे तुम अपने आप समझ जाओगी”
“मुझे कोई खेल नही खेलना है… तुम जल्दी से करो ओर मुझे फ्री करो इस से पहले की छत पर भीड़ बढ़े” मैं बुरी तरह से तड़प रही थी सेक्स के लिए और उसे खेलने की पड़ी हुई थी इसलिए मैने उसपर झल्लाते हुए कहा.
“अरे मेरी जान तुम तो बेकार मे नाराज़ हो रही हो मैने कब मना किया कि मैं तुम्हारी चुदाई नही करूगा… हम दोनो के बीच मे चुदाई होगी पर एक अलग तरह से देखो मैं अपना पूरा लंड निकाल कर वापस जब तेरी चूत मे घुसाउन्गा तो तुझे बोहोत मज़ा आएगा”
उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया मई फिर से छींख उठी, आआआयययययययीीईईईई…अहह ज़रा धीरे से मुकेश, मुझे दर्द हो रहा है.
वो उसी तरह अपनी बत्तीसी निकालते हुए बोला “सॉरी-सॉरी जाने मन मुझे ध्यान ही नही रहा. कि तुम्हारी चूत को अभी मोटे और लंबे लिंग झेलने की आदत कम है”
उसने फिर से लिंग बाहर निकाल कर धीरे से मेरे अंदर घुस्साया और अपने चेहरे को मेरे चेहरे के एक दम नज़दीक लाते हुए बोला.. “अब बताओ जाने मन इस तरह तो तुम्हे दर्द नही हो रहा है ये तरीका ठीक है.”
सच मे उसने जिस तरह से इस बार अपने लिंग को अंदर किया मुझे ज़रा भी दर्द नही हुआ पर मैने उसे ना तो हां मे जवाब दिया और ना ही ना मैं बस अपनी आँखे बंद करके उसके लिंग को अपने अंदर महसूस करने लग गयी.
उसने मेरे चेहरे एक दम नज़दीक आते हुए मेरे गले को चूमते हुए फिर से पूछा “बताओ ना जानेमन ये तरीका तो ठीक है ना अब तो तुम्हे कोई दर्द नही हो रहा है ना ?”
मैने शरमाते हुए अपना सिर हां मे हिला दिया.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और उसकी तरफ देख कर सिर्फ़ एक अदा के साथ मुस्कुरा दी..
मुकेश अच्छी तरह से जानता था कि किस तरह औरत को पूरी तरह से तडपाया जा सकता है.. इसी लिए वो बेशर्मी से मेरे चेहरे को अपने हाथ मे लेते हुए बोला कि, “ जाने मन बताओ ना, चुदाई का खेल शुरू किया जाए ?”
मैं भी अब बुरी तरह से तड़प रही थी इस लिए मैने उस से शरमाते हुए कहा “अब जल्दी करो जो करना है, कोई आ गया तो हम मुशिबत में फँस जाएँगे. बाहर लोगो की चहल पहल भी बढ़ती जा रही है.”
वो मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है जानेमन जैसा तुम चाहो” ये कह कर उसने अपना पूरा लिंग बाहर खींच लिया.केवल उसके लिंग का उपर का भाग ही अंदर रह गया था.
उसके इस तरह से लिंग को बाहर निकालने से मैं बुरी तरह से चोव्न्क गयी “अब क्या हुआ निकाल क्यू लिया ?”
वो मेरी हालत देख कर मुस्कुराते हुए बोला “कुछ नही ये एक बोहोत ही मजेदार प्यारा खेल है, थोड़ी ही देर मे तुम अपने आप समझ जाओगी”
“मुझे कोई खेल नही खेलना है… तुम जल्दी से करो ओर मुझे फ्री करो इस से पहले की छत पर भीड़ बढ़े” मैं बुरी तरह से तड़प रही थी सेक्स के लिए और उसे खेलने की पड़ी हुई थी इसलिए मैने उसपर झल्लाते हुए कहा.
“अरे मेरी जान तुम तो बेकार मे नाराज़ हो रही हो मैने कब मना किया कि मैं तुम्हारी चुदाई नही करूगा… हम दोनो के बीच मे चुदाई होगी पर एक अलग तरह से देखो मैं अपना पूरा लंड निकाल कर वापस जब तेरी चूत मे घुसाउन्गा तो तुझे बोहोत मज़ा आएगा”
उसने एक झटके में पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया मई फिर से छींख उठी, आआआयययययययीीईईईई…अहह ज़रा धीरे से मुकेश, मुझे दर्द हो रहा है.
वो उसी तरह अपनी बत्तीसी निकालते हुए बोला “सॉरी-सॉरी जाने मन मुझे ध्यान ही नही रहा. कि तुम्हारी चूत को अभी मोटे और लंबे लिंग झेलने की आदत कम है”
उसने फिर से लिंग बाहर निकाल कर धीरे से मेरे अंदर घुस्साया और अपने चेहरे को मेरे चेहरे के एक दम नज़दीक लाते हुए बोला.. “अब बताओ जाने मन इस तरह तो तुम्हे दर्द नही हो रहा है ये तरीका ठीक है.”
सच मे उसने जिस तरह से इस बार अपने लिंग को अंदर किया मुझे ज़रा भी दर्द नही हुआ पर मैने उसे ना तो हां मे जवाब दिया और ना ही ना मैं बस अपनी आँखे बंद करके उसके लिंग को अपने अंदर महसूस करने लग गयी.
उसने मेरे चेहरे एक दम नज़दीक आते हुए मेरे गले को चूमते हुए फिर से पूछा “बताओ ना जानेमन ये तरीका तो ठीक है ना अब तो तुम्हे कोई दर्द नही हो रहा है ना ?”
मैने शरमाते हुए अपना सिर हां मे हिला दिया.