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Adultery मेहमान बेईमान
मैं उसकी तरफ हैरान हो कर देखे जा रही थी… “ऐसे क्या देख रही है अरे जब तक तू नही कहेगी तब तक तेरी चूत मे नही डालुगा.” उसकी बात सुन कर मैं शर्मा गयी. मैं अच्छे से जानती थी कि वो लंड घुसाने के लिए बेताब बैठा हुआ है पर जान बुझ कर ऐसी बाते कर रहा था. मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. मैं देखना चाहती थी कि वो क्या कहता है और क्या करता है.
“अरे बोल ना क्या करू ? जब तक तू नही बोलेगी मैं यूँ ही बैठा रहुगा.” उसकी बात सुन कर मैने मन ही मन उसे हज़ारो गालिया दे डाली.. मैं समझ नही पा रही थी कि वो ऐसे क्यू कर रहा है अभी तो उसका बोहोत मन कर रहा था मरा जा रहा था और अब एका एक यूँ नोटॅंकी शुरू कर रहा है..
इधर मेरे अंदर आग लगी हुई थी और दूसरा बाहर से आ रही आवाज़े मुझे लगातार परेशान कर रही थी.मैने झिझकते हुए उस से कहा “जैसा तुम चाहते हो जल्दी कर लो बार बार मुझ से क्यू पूछते हो.. जल्दी से करो जो भी करना है कोई आ गया तो मेरी बात को समझो”
“हहे मैं तो तेरी चूत और गांद मारना चाहता हू मार लू ?” मैने गुस्से से कहा “तो मार ले ना फिर बार बार क्यू पूछ रहा है” मैने ये कह तो दिया और ये कहने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैने क्या कह दिया है. मैने उसे अपने आप अपना पूरा शरीर सोन्प दिया..
“हहे.. अब तुम इतना ज़ोर देकर मुझे अपनी चूत मारने को मजबूर कर रही हो तो मैं मार ही लेता हू तुम्हारी चूत को..” बुढहा अपनी गंदी हँसी हस्ते हुए बोला “पर एक वादा करो कि तुम चुदाई करते समय मेरे साथ खुल कर मज़ा लोगि भी और दोगि भी, बिना किसी बात की चिंता फिकर करते हुए”
“तुमको मेरे मज़े से क्या लेना देना तुम अपना काम करो जल्दी से इस से पहले की कोई यहाँ पर आ जाए” मैने उसे जल्दी से करने को कहा.
“कितनी चुदाई की है तुमने ? तुम्हे पीनू ने नही बताया कि चुदाई करते हुए अपने से ज़्यादा लुगाई का ख़याल रखना पड़ता है चोद्ते हुए” मुकेश ने मुझे किसी सेक्स टीचर के जैसे समझाते हुए कहा. पर जो भी उसकी ये बात मुझे दिल पर लग गयी. मुझसे अब बर्दाश्त करना मुश्किल होता जा रहा था मेरी योनि बुरी तरह से लंड के लिए बिलख रही थी. इस लिए मैने खुद ही बोल दिया..”तुम शुरू करो मैं खुद बा खुद तुम्हारा साथ देना शुरू कर दुगी.” अब उसे क्या मालूम था कि मैं जब पूरे जोश मे आ जाती हू तो खुद को काबू करना बोहोत मुश्किल हो जाता है.
उसने अपनी लंड को मेरी योनि के छेद पर रख दिया और बोला “देख रानी कितने प्यार से दोनो एक दूसरे को चूम रहे है” मुकेश के लंड को अपने छेद पर महसूस करके मेरे पूरे सरीर मे एक सनसनी की सी लहर दौड़ गयी. मैने इस को महसूस करते ही अपनी आँखे बंद कर ली और उसके गरम गरम लंड को योनि के छेद पर महसूस करने लगी. जिस कारण मेरे मुँह से हल्की हल्की मादक सिसकारिया निकलने लग गयी
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 30-01-2020, 10:10 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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