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Misc. Erotica ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण
#53
अब पूनम को अमित की परवाह नहीं थी. आज दिन में भी पूनम के मोबाइल में 4-5 नॉनवेज मैसेज आये थे. शाम को ऑफिस से लौटते वक़्त पूनम को लगा था की गुड्डू शाम में उसकी गली के कार्नर पे ही खड़ा होगा और वो सोंचती आ रही थी की उसे क्या रिएक्शन देगी. कल रात में वो चूत और चुदाई जैसे शब्द फ़ोन पे बोल चुकी थी, तो पता नहीं आज वो क्या बोलेगा और मैं क्या कर पाऊँगी. लेकिन पूनम की आशंका गलत हुई और गुड्डू वहाँ नहीं था. पूनम अपनी चाल जरा धीमी कर दी और इधर उधर देखने लगी की शायद वो कहीं नज़र आ गयी. लेकिन पूनम को निराशा ही हाथ लगी क्यू की गुड्डू आस पास कहीं नहीं था.

पूनम की मम्मी आज नहीं आयी थी। वो अब एक दिन बाद आने वाली थी। अपने पापा के ऑफिस से आने तक तो पूनम नंगी होकर इधर उधर कुछ करती रही, लेकिन उसे मज़ा नहीं आ रहा था. उसका मन हुआ भी की काश अभी गुड्डू का कॉल आ जाता और वो कल ही की तरह बातें करता, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा था. वो अपनी तरफ से गुड्डू को कॉल नहीं कर पाई. करने का मतलब होता उसकी बात मानने के लिए राज़ी होना. वो कपडे पहन ली और खाना बनाने लगी.

आज रात में वो गुड्डू के कॉल का इंतज़ार कर रही थी. लेकिन गुड्डू ने न तो कोई कॉल किया और न ही मैसेज। पूनम को नींद नहीं आ रही थी तो वो आलमीरा से एन्वेलोप निकाल ली, लेकिन अब ये बासी हो चुके थे और इनसे पूनम को मज़ा नहीं आ रहा था। पूनम जबर्दस्ती चुत में ऊँगली रगड़ रही थी, लेकिन जब उसे मज़ा नहीं आया तो फिर वो बिना चुत से पानी निकाले ही सो गयी।

आज भी न तो वो दोनों सुबह में दिखे और न ही शाम में । रात में पूनम सोने के लिए अपने रूम में आ ही रही थी की उसके मोबाइल पे मैसेज आने का टोन हुआ। गुड्डू का नाम देखते ही उसकी चुत गीली हो गयी। वो तुरंत अपने रूम में आकर गेट बंद कर ली और मैसेज पढ़ने लगी। पहले तो 2 मैसेज में सेक्सी चुटकुले आये थे और फिर एक मैसेज आया “बोलो, मैं तुमसे अपनी चूत चुदवाऊँगी.”

पूनम बेड पे सीधी लेट कर फिर से अपने ट्राउजर और पैंटी को नीचे करके चूत सहलाने लगी थी. उसका मन हो रहा था की जल्दी से गुड्डू कॉल करे. थोड़ी ही देर में गुड्डू का कॉल आ गया. पूनम 4-5 रिंग बजने दी और फिर रिसीव कर ली. गुड्डू तुरंत बोला “आज भी तेरा एन्वेलोप तुझे नहीं दी पाया. “
पूनम तुरंत बोली “मुझे चाहिए भी नहीं.” अपनी बहन को देने वाली लाइन आज पूनम नहीं बोल पाई. गुड्डू बोला “ठीक है, मत लेना. मैंने जो लास्ट मैसेज किया है, देखो तो उसमे क्या लिखा है, मेरे से पढ़ा नहीं रहा है.” पूनम को हँसी आ गयी. बोली “तुम खुद को ज्यादा तेज़ समझते हो. उस दिन बोल दी, इसका मतलब क्या, आज भी बोल दूंगी.” गुड्डू बोला “क्या नहीं बोलोगी?”

पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला “कितनी अच्छी पिक्स और कहानी रखी है तेरे लिए, लेकिन 2 दिन से तुझे दे ही नहीं पा रहा.” पूनम कुछ नहीं बोली.


गुड्डू फिर से बोला “इस बार नयी नयी विदेशी रंडियों वाली पिक्स रखा है तेरे लिये मैंने. देखना वो लोग कितने मज़े से चुदवाती हैं.” पूनम कुछ नहीं बोली. वो अपने चूत को बस सहला रही थी. वो गुड्डू के मुंह से सुनना चाहती थी, उसे मज़ा आ रहा था, लेकिन वो अपने मुँह से बोलकर खुद को जाहिर नहीं करना चाहती थी की उसे मज़ा आ रहा है.

गुड्डू आगे बोला “इसमें जो लड़की है वो बिलकुल तेरे जैसी ही दिखती है, मस्त भरा भरा बदन है साली का, तेरे टाइप. और दो मर्दों के बड़े लंड के साथ क्या मस्त चुदवा रही है. आगे से, पीछे से एक साथ. दोनों मर्द जो उसे एक साथ चोद रहे हैं, उनका लंड भी हम लोग टाइप बड़ा बड़ा है.” गुड्डू के शब्दों को पूनम इमेजिन कर रही थी की किस टाइप वो लड़की चुदवा रही होगी और उसकी उँगलियाँ चूत के रस से गीली हो रही थी.

पूनम अभी भी कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला “कुछ बोल क्यू नहीं रही?” पूनम बोली “क्या बोलूं, मुझे नहीं सुनना.” गुड्डू बोला “हम तो उन पिक्स को देख कर इमेजिन कर रहे थे की इसी तरह हम दोनों भी तुझे भी चोदेंगे तो कितना मज़ा आएगा.” पूनम तुरंत बोली “मतलब!!!”

गुड्डू बोला “मतलब क्या?” पूनम मतलब जानती थी. वो पहले के पिक्स में देख चुकी थी की एक लड़की को दो लोग मिलकर चोद रहे थे और पिक्स के अनुसार उसे भरोसा था की गुड्डू और उसका दोस्त विक्की ही वो दोनों लड़के थे. पूनम कुछ बोलती उससे पहले ही गुड्डू फिर से बोला “मैं और विक्की दोनों चोदेंगे तुझे, उसी लड़की की तरह, एक साथ."

पूनम बोली "तुमलोग पागल हो क्या?" गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "लड़की हमारे बीच में बस चुदाई के वक़्त आती है, जब हम दोनों उसे चोद रहे होते हैं। नहीं तो और कभी नहीं। इसलिए जिसे भी चोदते हैं, हम दोनों भाई साथ में चोदते हैं।"

पूनम उसकी बात इमेजिन कर रही थी और उसी ख्यालों में खोयी हुई ही वो बोली "मतलब मुझे भी दोनों करोगे." बोलते ही पूनम को अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन अब फिर से उसके पास समय को वापस लौटाने वाली कोई टेक्नोलॉजी नहीं थी। गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "सही समझी." पूनम को बहुत बुरा लग रहा था और उसे बहुत शर्म आ रही थी की ये क्या बोल गयी है वो। 'उसे गुड्डू से चुदाई की बात सुनने में अच्छा लगता है, चुदाई की कहानी और पिक्स अच्छा लगता है, लेकिन मैं अब किसी के साथ चुदाई करवाने नहीं वाली।'

बोली "नहीं... नहीं.... मेरा मतलब था कि मेरे बारे में भी तुमलोगों का यही प्लान है।"

गुड्डू मुस्कुराता हुआ ही बोला "हाँ जान. जब पहली बार हम वो पिक्स देखे थे, तभी लगा की उसकी शकल और बदन तेरे से मिलती है. और हम दोनों हँसने भी लगे थे की तू हमदोनो के साथ मज़े से चुदवा रही है.”

पूनम बोली "तुमलोग सच में बहुत बड़े हरामी हो. तुम लोग बस सपने ही देखो. किसी और पे मेहनत करो तो सफल भी होओगे.” गुड्डू बोला “वो तू हमपे छोड़ दे. चोदेंगे तो तुझे जरूर. बस देखना ये है की कब तू हम दोनों का लंड लेती है.” पूनम उनसे इस टॉपिक पे बहस नहीं की। उसके मन में उत्सुकता थी की क्या सच में ये लोग एक साथ लड़की की चुदाई करते हैं। पिक में तो वो देख चुकी थी, लेकिन उसके मन में जो सवाल उमड़ रहे थे, वो उन्हें पूछने लगी। बोली “तुम लोग एक दुसरे के सामने नंगे होते हो तो तुम्हे शर्म नहीं आती.”

गुड्डू हंसने लगा. बोला “कैसी शर्म. बचपन से एक दुसरे को नंगे देख रहे हैं. और साथ में चोदने में ज्यादा मज़ा आता है. हम चुत के लिए झगडा नहीं करते, मिल कर फाड़ते हैं उसे.” पूनम बोली “तुम लोग सब को एक साथ ही करते हो?” गुड्डू खुश हो रहा था। उसकी होने वाली रण्डी की चुत में उसके लण्ड के लिए खुजली बढ़ रही थी। बोला “हाँ मेरी जान, और तुझे भी एक साथ ही चोदेंगे. एक तरफ मैं तेरी चुत चोदुंगा और विक्की तुम्हे अपना लौड़ा खिलायेगा। और फिर विक्की तुम्हे चोदेगा और मैं तुम्हारे मुँह में वीर्य भरूँगा। और तुझे बहुत मज़ा आएगा.”

पूनम बाएँ हाथ से मोबाइल पकड़ी हुई थी और दाएँ हाथ की बिच वाली ऊँगली उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रही थी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था इस तरह की बात सुनने में। पूनम की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। बोली "सबको एक साथ ही करते हो? हमेशा?" गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "तुझे कैसे चुदवाना है। अकेले अकेले या फिर साथ में।" पूनम शर्मा गयी और उसे लगा की वो ज्यादा ही उत्साहित हो रही है तो वो चुप हो गयी। फिर बोली "मैं इसलिए पूछ रही हूँ की कैसे वो लड़की लोग साथ में करवा लेती है?"

गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "अकेले भी करते हैं जान, लेकिन हर चुत को दोनों चोदते ही हैं। चाहे अलग अलग चोदें या साथ में। ऐसी कोई चुत नहीं है अभी तक, जिसमे किसी एक का ही लण्ड अंदर गया हो। तुम्हारी चुत में भी जल्दी ही हम दोनों का लण्ड अंदर बाहर हो रहा होगा।"

गुड्डू आगे बोला “एक औरत के घर पे गए थे तो हम दोनो। इससे पहले वो हम दोनों से अलग अलग चुदवा चुकी थी, लेकिन उस दिन साथ में चुदी तो फिर तो पूछो ही मत। अब तो हर बार साथ में ही चुदवाना चाहती है।"

पूनम को और मज़ा आने लगा था. वो और सुनना चाहती थी. पूछी “कितनी लड़कियों के साथ किये हो?” गुड्डू को लगा की इतनी देर में उसकी जान की चुत पूरी गर्म हो गयी होगी। बोला “क्या किये हो?” पूनम की चूत में सिहरन होने लगी. वो समझ गयी की गुड्डू आज फिर से उससे क्या कहलवाने वाला है. उसका तो मन हुआ की बोल दी, लेकिन वो खुद को सम्हाली. बोली “वही जो बता रहे हो.”

गुड्डू बोला “देख ऐसे मत बोल. अच्छे से बोल जैसे कल बोल रही थी. फिर मज़ा आएगा.” पूनम मुस्कुरा दी. बोली “कल बोल दी तो क्या, आज भी बोल दूँगी. आज कुछ नहीं बोलने वाली मैं.” गुड्डू बोला “तो फिर मत बोल, मुझे फिर बात नहीं करनी.” पूनम भी अपने एटीच्युड दिखाते हुए बोली “तो रख दो. मैं तो चाहती ही हूँ की तुम मुझे कभी परेशान मत करो.” गुड्डू चिढ कर बोला “तो फिर ऐसे ही नंगी होकर चूत सहला रही है.” और बोलते हुए उसने कॉल कट कर दिया.

पूनम सोचने लगी की कितना हरामी है ये की इसे पता है की मुझे कैसा लग रहा है. पूनम को खुश होना चहिये था, लेकिन वो निराश हो गयी की गुड्डू ने कॉल कट कर दिया था. पूनम अब सोचने लगी की अब वो क्या करे. पुरानी कहानी और पिक्स मज़े नहीं देने वाले थे, लेकिन फिर वो मन मसोस कर उसे ही निकालने का मन बना रही थी.

2 मिनट हो गए थे की फिर से गुड्डू का कॉल आ गया. पूनम कॉल रिसीव कर ली. बोली “क्या हुआ अब.” गुड्डू बोला कपडे पहन ली की नंगी ही हो अभी.” पूनम अब फुल एटीच्युड में थी. बोली “क्यूँ?” गुड्डू बोला “कपडे कैसे पहनोगी. अब तक चूत से पानी नहीं निकल जाए, नींद थोड़े ही आएगी.” उसकी बात सच थी. गुड्डू आगे बोला “अमित से चुदवाते वक़्त चूत साफ़ रखती थी या झांटे थी?”

पूनम को फिर से मज़ा आने लगा था. लेकिन वो बोली “तुम्हे क्या मतलब है यार. तुम अपना काम करो ना.” गुड्डू बोला “मतलब ये है जान की जब हम चोदेंगे, उस दिन चूत को पूरा चिकना रखना.” पूनम अन्दर ही अन्दर मुस्कुरा रही थी. बोली “मैं बोली न की मैं नहीं करवाउंगी. कभी नहीं करवाउंगी.” गुड्डू बोला “क्या नहीं करवाएगी?”
पूनम बोली “बेवकूफ नहीं हूँ मैं, बोली न की कल बोल दी तो इसका मतलब क्या की आज भी बोल दूँ. आज कुछ नहीं बोलना.” गुड्डू बोला “बोल, अपने हाथ से अपनी चूत फैला कर तुमसे चुदवाऊँगी.” पूनम कुछ नहीं बोली. हालाँकि उसे डर था की कहीं गुड्डू फिर से कॉल कट न कर दे. उसे मज़ा आ रहा था की इस तरह जबर्दस्ती करके कोई उससे चुत और चुदाई बोलवा रहा था। गुड्डू बोला “बोल दे जान, तेरे मुँह से सुनकर मज़ा आता है.” पूनम बोली “इतनी लड़कियों के साथ कर चुके हो, फिर भी सुनकर इतना मज़ा क्यू आता है.”

गुड्डू बोला “तेरी बात और है जान, तू बहुत मजेदार है.” पूनम फिर से बोली “कितनी लड़कियों के साथ किये हो?” गुड्डू बोला “बोल न क्या किये हो?” पूनम की चूत गीली हो चुकी थी. उसकी ऊँगली पूरी तरह से अन्दर बाहर हो रही थी. वो ऊपर के कपडे भी निकाल दी थी और पूरी नंगी होकर बेड पे टाँगे फैलाये लेटी हुई थी.

वो बोली “कितनी लड़कियों को चोदे हो?” बोलते ही पूनम की चूत थोड़ी और गीली हो गयी. उसकी चूत में जैसे कुछ करंट सा लगा था. गुड्डू बोला “आह जान, कितना मज़ा आया. क्या चोदा हूँ?” पूनम को चिढ भी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था. बोली “फिर... बोलो न.” गुड्डू बोला “बोल न जान, प्लीज़ बोल न. बहुत मज़ा आ रहा है.”

पूनम फिर से बोली. कल वो बोल चुकी थी और अब उसे ज्यादा परेशानी नहीं हो रही थी. बोली “कितनी लड़कियों की चूत चोदे हो. खुश! अब जवाब दो.” गुडू बोला “आह्जान.... मज़ा आ गया. तेरे मुँह से जब चुत और चोदने की बात सुनता हूँ की लण्ड टाइट हो जाता है जैसे अभी ही तेरी चुत फाड़ देगा। मस्त माल है तू। बोल न, फिर से बोल न।" पूनम को भी मज़ा आ रहा था गुड्डू के साथ इस तरह बात करने में। वो सोच रही थी की इसलिए ये लोग इतनी लड़कियों को चोद चुके हैं। जब मैं ऐसी हो गयी हूँ जो इन्हें देखना भी पसंद नहीं करती थी, तो बाँकियों की तो बात ही और होगी।

पूनम बोली "नहीं बताना है तो मत बताओ। मुझे भी नहीं सुनना।" गुड्डू पूरी तरह गिड़गिड़ाता हुआ बोला "प्लीज़ जान प्लीज़, बोल न। तू बोलती है तो बहुत मज़ा आता है। अभी पूरा नंगा हूँ और लण्ड पूरा टाइट है। बोल न प्लीज़।" पूनम मुस्कुराने लगी। वो भी तो पूरी नंगी है और उसकी भी चुत पूरी गीली है। पूनम बोली "अभी तक कितनी लड़कियों की चुत चोदे हो?" गुड्डू को सच में बहुत मज़ा आ रहा था। उसने भले ही बहुत सारी चुतों का बाजा बजाया था, लेकिन पूनम की बात ही और थी। ये तो लड़कियों में कोहिनूर थी। बोला "आहः जान, मस्त... फिर से प्लीज़ फिर से. बस लास्ट बार." पूनम को भी चुत और चुदाई बोलने में मज़ा आ रहा था। उसकी चुत पूरी गीली हो गयी थी। बोली "तुम पागल हो क्या। अब नहीं बोलूंगी मैं।"

गुड्डू बोला "प्लीज़ जान, बस लास्ट बार।" पूनम को मज़ा तो बहुत आ रहा था, लेकिन साथ में शर्म भी उतना ही लग रहा था। बोली "तुम न पागल हो। कितनी लड़कियों की चुत चोदे हो? खुश !!! और बोलूं। कितनी लड़कियों की चुत चोदे हो। चुत... चुत... चुत चोदे हो कितनी लड़कियों की? अब तो खुश न। पागल!" पूनम को बहुत मज़ा आया इस तरह बोलकर।

गुड्डू भी पूरा मज़ा ले रहा था। बोला "बहुत मज़ा आया। मस्त! बहुत सारी लड़कियों और औरतों की चूत चोदा हूँ जान. उनकी गांड मारा हूँ. उन्हें अपना वीर्य पिलाया हूँ. उनके चूत और गांड में वीर्य भरा हूँ.”

पूनम को अब और मज़ा आ रहा था. बोली “किसी को कुछ हुआ नहीं. जैसे प्रेग्नेंट हो गयी हो या कोई बीमारी हुई हो.” गुड्डू को उम्मीद हो रही थी की बस अब कुछ ही दिनों में उसकी चिड़िया उसका लण्ड खा लेगी। वो पूनम को और खोलना चाहता था. जितनी जल्दी पूनम जितनी खुल कर बात करती, उतनी जल्दी उसके लंड के नीचे आती. बोला “क्या करने से?”

पूनम ऐसे बोली की उसका बोलने का मन नहीं है. “प्लीज़.... इतनी बार बोली न” गुड्डू भी बोला “नहीं, अच्छे से बोलेगी, तभी मैं भी आगे बताऊंगा. बोल न जान, मज़ा आता है. तुम्हे मज़ा नहीं आ रहा क्या? ” गुड्डू बोला "झूठ मत बोलो। अगर तुम्हे मज़ा नहीं आ रहा होता तो तुम अभी नंगी होकर अपनी चुत नहीं सहला रही होती।" गुड्डू को पूरा यकीन था कि जो उसने बोला है, वो 100% सही होगा। कोई लड़की आधी रात में अकेले में उससे बात कर रही है और चुत और चुदाई बोल रही है और इतने इंटरेस्ट से चुदाई के बारे में पूछ रही है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि वो नंगी न हो और चुत में ऊँगली न कर रही हो।

पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला "बोलो, मैं गलत कह रहा हूँ क्या? मैं भी पूरा नंगा हूँ जान और लण्ड पूरा टाइट है। तुम हाँ कहो तो अभी तुम्हारे ऊपर चढ़ कर तुम्हारी कमसिन चुत में अपना लौड़ा पेल दूँ।" पूनम क्या बोलती। उसकी चुत तो पूरी गीली थी। वो नंगी होकर दोनों पैर फैलाये हुए सीधी लेटी हुई थी और चुत में ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी। गुड्डू इस तरह बोला की ऊपर चढ़ कर तो पूनम इमैजिन करने लगी की गुड्डू उसके ऊपर चढ़ कर उसकी गीली चुत में अपना टाइट लण्ड डाल रहा है। गुड्डू का लण्ड वो पिक में पहले देख चुकी थी।

गुड्डू बोला "बोल न? नंगी है कि नहीं?" पूनम अब विरोध करने के स्थिति में नहीं थी. सेक्स की नदी में डूबी हुई सी उसकी मादक आवाज़ निकली "हूँ." गुड्डू फिर से बोला "चुत में ऊँगली कर रही की नहीं." पूनम उसी तरह मदहोशी के आलम में बोली "हाँ." गुड्डू चिड़िया को पूरी तरह से जाल में फंसाते हुए बोला "तो फिर अच्छे से खुलकर बोल न जान. और मज़ा आएगा।"

पूनम अब अपने वश में नहीं थी। बोली “इतनी लड़कियों और औरतों की चूत चोदे हो तो कोई प्रेग्नेंट नहीं हुई या कोई बीमारी नहीं हुई.” गुड्डू बोला “आहः, कुछ नहीं होता जान, बस मज़ा आता है. मस्ती होती है.” पूनम बोली “लेकिन अन्दर चुत में वीर्य गिराओगे तो प्रेग्नेंट तो होगी न.”

गुडू बोला “हमेशा प्रेग्नेंट नहीं होती. उसका टाइम होता है. और उसका उपाय भी होता है. तुम घबराओ मत, जब तुम्हे चोदूँगा तो तुम प्रेग्नेंट नहीं होगी.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला "वीर्य तुम्हारी चुत में नहीं डालूँगा, तुम्हारे मुँह में डालूँगा। तुम उसे पियोगी न।" पूनम कुछ नहीं बोली। क्या बोलती। उसका मन हाँ बोलने का था, लेकिन दिमाग ना में उलझा हुआ था। गुड्डू बोला "चोदने के बाद लण्ड में जो तुम्हारे चुत का रस लगा होगा, उसे चुसोगी तो बहुत मज़ा आएगा। और उसके बाद लण्ड से जो गरमा गरम ताज़ा ताज़ा वीर्य पियोगी, तो मज़ा आ जायेगा। देखि थी न वो लड़कियों वीर्य पी कर कितनी खुश होती हैं।"

पूनम की चूत से काम रस टपकने लगा. उसकी साँसे तेज़ हो गयी थी. वो फ़ोन को मुँह से थोड़ी दूर कर ली और अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगी.

थोड़ी देर की ख़ामोशी के बाद गुड्डू बोला “तुम बताई नहीं की चुत पे झांटे है या चिकनी हैं?” पूनम सीधी ही जवाब दी. आधा बोलने या नखरे करने से क्या फायदा था। “अभी बढ़ गया है.” गुड्डू बोला “तो कल चिकनी कर के आ जा न मेरे पास, मस्ती कराता हूँ तुझे.”

पूनम की चुत से काम रस निकल चुका था। अब वो अपने होश में थी। उसका दिमाग काम कर रहा था। बोली “मैं नहीं करवाउंगी. तुम समझ क्यू नहीं रहे इस बात को.” फिर से उसे लगा की गुड्डू पूरा लाइन बोलने बोलेगा. गुड्डू बस ऐसे “हूँ.....”किया की वो पूनम के आधे बोलने पे गुसा रहा हो. “पूनम बोली “देखो, तुम समझो, मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ. अमित के साथ करवाई तो वो ...” गुड्डू पूनम की बात को बीच में ही काटता हुआ बोला “पूरा तो बोल डार्लिंग, मज़ा आता है.” पूनम अपनी बात को आगे बढाई “अमित के साथ चुदवाई, ये अलग बात है. मुझे लगा की वो मेरे से प्यार करता है और शादी मेरे से ही करेगा. मुझे नहीं पता था की वो ऐसा हरामी कमीना निकलेगा और मुझे ऐसे धोखा देगा. लेकिन अब किसी और के साथ मैं ये सब नहीं करवाने वाली. अब जो होगा, शादी के बाद पति के साथ होगा, बस.”

गुड्डू हँसता हुआ बोला "चुत से पानी निकल गया?" पूनम शर्मा गयी लेकिन तुरंत अपनी लौ में लौट आयी। वो पूरी गंभीरता से और कॉंफिडेंट होकर बोली "ऐसी बात नहीं है। जो हुआ मैं ये मान ली की ये गलती हो गयी। लेकिन अब कुछ नहीं। बस।" गुड्डू पूनम की आवाज़ के कॉन्फिडेंस को समझ गया. बोला “ठीक है, मत चुदवाना किसी से. लेकिन ये फैसला फाइनल करने से पहले बस एक बार मेरे से चुदवा ले. बस मेरे से, विक्की से भी नहीं. फिर किसी के साथ कुछ मत करना. मैं बस एक ही बार चुदवाने के लिए कह रहा हूँ.” पूनम उसी कॉन्फिडेंस के साथ “नहीं” बोल दी. पूनम आगे बोली “ये सब मैं तुम्हारे साथ बोल दी या अमित के साथ करवाई... मेरा मतलब है चुदवाई तो उस सबका रीज़न तुम्हारा दिया हुआ पिक्स और स्टोरी है, जिसने मेरा दिमाग ख़राब कर दिया था. मैं बहुत शरीफ और अच्छी लड़की हूँ यार.”

गुड्डू बोला “प्लीज़ जान, बस एक बार.” पूनम चिढने के अंदाज़ में बोली “देखो ऐसे परेशान मत करो. नहीं तो मैं कुछ कर लुंगी. मैं वैसे ही अमित की वजह से बहुत परेशान हूँ.” गुड्डू बोला “ठीक है, मत चुदवा. मैं जबरदस्ती नहीं करता. लेकिन मस्ती करती रह. कल वही पिक्स और स्टोरी ले लेना. जब चुदवाने का मन करे, तब चुदवाना, नहीं मन करे तो मत चुदवाना.” पूनम कुछ नहीं बोली. उसे बहुत हल्का लग रहा था. वो लड़का उसकी बात मान रहा था. गुड्डू बोला “बस जैसा अभी है, वैसा ही रहने देना. मतलब मेरे से पिक्स और स्टोरी लेते रहना और फ़ोन पे बात करती रहना.” पूनम कुछ नहीं बोली.

गुड्डू बोला “अमित जैसे लड़के का अफ़सोस मत मनाओ. वो बहुत मादरचोद टाइप का लड़का था. पूनम एक गहरी सांस लेती हूँ “हुम” बोली जैसे उसे बहुत अफ़सोस था. उसे अमित और उसके दोस्तों के बीच हुई बातचीत याद आ गयी. वो बोली “अमित बहुत ही गिरा हुआ इंसान है.” गुड्डू बोला “पता है जान, उस टाइप के सारे मादरचोद ऐसे ही होते हैं. इसलिए मैं प्यार मुहब्बत के चक्कर में नहीं पड़ता.”

पूनम बोली “उसे मेरे से दूर होना था, इसका अफ़सोस नहीं है. तुम्हारे डर की वजह से हुआ की जिस वजह से हुआ, उससे मतलब नहीं. लेकिन जब मुझे छोड़ दिया तो फिर मेरी इज्ज़त क्यू उछाल रहा है.” गुड्डू आश्चर्य से पूछा मतलब?” पहले तो पूनम उसे कुछ नहीं बताई, लेकिन जब गुड्डू ने जिद किया तो पूनम फ़ोन वाली पूरी घटना उसे बता दी. पूनम की आँखों में आँसू छलक आये।

गुड्डू गुस्से से बोला “इसलिए ऐसे हरामियों से गुस्सा आता है. मैं भी बहुत सी लड़कियों को चोदता हूँ, लेकिन किसी की इज्ज़त नहीं उछलता. कल बताता हूँ साले को.” पूनम बोली “नहीं, कुछ करने की जरूरत नहीं है. जब सुनी थी तो बहुत गुस्सा था मेरे मन में की उसका खून कर दूँ, लेकिन अब सोंचती हूँ की वो गिरा हुआ है तो मैं भी गिर जाऊँ क्या?” गुड्डू बोला “लेकिन उसे समझाना तो होगा न. नहीं तो वो और कितने जगह बोलेगा और कितना बढ़ा चढ़ा कर बोलेगा पता नहीं.” पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू आगे बोला “मादरचोद, एक लड़की को प्यार के नाम पे चोद कर ऐसे प्यार को बदनाम करते हैं. उन सालों को तो सच में मार देना चाहिए.”

पूनम कुछ नहीं बोली. वो बहुत उदास हो गयी थी. वो “ठीक है, रखो फ़ोन. गुड नाईट” बोलकर कॉल कट कर दी. उसका मन रोने का हो रहा था. लेकिन गुड्डू की बात सही थी की उसका अफ़सोस नहीं करना चाहिए. पूनम अपने आँसू पोछी और कुछ देर तो सोंचती ही रही और फिर नंगी ही सो गयी.
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RE: ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण - by Bunty4g - 07-02-2019, 09:11 PM



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