30-01-2020, 12:27 AM
रिशा ने उठकर दरवाजा खोला और अपने पती को देखकर मुस्करायी. समीर घर के अंदर आया और रिशा ने उसके पीछे दरवाजा बंद किया. समीर ने अपना बैग मेज पर रखा और फिर वो सोफे पर बैठ गया. वो काफी थका हुआ लग रहा था. उसने सर सोफे की पीठ पर टेक कर अपनी आँखे बंद कर ली थी. “अरे आज आप इतनी जल्दी कैसे आ गए? फ़ोन कर लेते तो मैं भी आपसे मिलने आती थी. मझे बाजार जाना था. थोड़ी शॉपिंग भी करनी थी. ” रिशा भी अपने पती के बाजु में बैठ गयी और उसे निहारने लगी. “आज नहीं यार. आज मैं बहुत थका हुआ हु.” समीर ने थोड़े चिढ़ते हुए ही जवाब दिया. रिशा ने जब देखा की वो सच में ही काफी थका हुआ लग रहा था तो उसने भी बात को आगे नहीं बढाया. “क्या हुआ? आप काफी परेशान दिख रहे है ? कुछ तकलीफ है क्या?”रिशा ने अपनी ओढ़नी से समीर का सर पोंछने का प्रयास किया. “परेशान नहीं बस थका हुआ हूँ. जरा एक कप चाय पिला दो प्लीज.” समीर ने उसका हाथ हटाकर कहा. “ठीक है. आप थोडा फ्रेश हो जाईयें. मैं तब तक चाय लेकर आती हूँ.” इतना कहकर रिशा किचन की ओर चली गयी और समीर भी उठकर बाथरूमकी तरफ चला गया. पांच मिनट बाद जब समीर वापस हॉलमें आया तो रिशा चाय के साथ वही थी. समीर और रिशा दिल्ली में रहते थे. वैसे तो वो दोनों मराठी थे लेकिन समीर की नौकरी की वजह से पिचले ४ सालो से वो दिल्ली में ही रह रहे थे. समीर एक कंपनी में सेल्स मैनेजरकी हैसियत से काम करता था और रिशा गृहिणी थी. समीर ३० साल का था और रिशा २५ की थी. उनकी शादी को अब ५ साल हो चुके थे लेकिन अब तक उन्हें संतान सुख नसीब नहीं हुआ था.
समीर रिशा के बाजू में बैठ गया और उसने चाय उठा ली. दो घूट चाय पिने के बाद उसने चाय वापस मेज पर रख दी और रिशा की तरफ देखा. उसने काले रंग का स्लीवेलेस (बिना आस्तीन वाला) कुरता पहना था और नीचे सफ़ेद रंग की सलवार पहनी थी. उसके बाल खुले हुए थे और वो उसके आकर्षक नितंबो तक आते थे. समीर की नजर अपनी बीवी के बड़े वक्ष स्थलों पर गयी और उसका मन चंचल हो उठा. रिशा के इन्ही भारी स्तनों ने उसे दीवाना किया था और उसकी वजह से उसने उसके साथ शादी के लिए हां कही थी. उनकी शादी अर्रेंज थी और उसे रिशा के मामा ने तय की थी. समीर की नजर उसके भरे भरे जवानी पर पड़े थे ये देखकर रिशा थोडा शर्मा गयी. वो काफी खुबसूरत थी लेकिन रिशा के बदन का सबसे आकर्षक हिस्सा उसके बड़े बड़े स्तन ही थे. वो आज कल की लडकियों की तरह स्लिम नहीं थी बल्कि उसका शरीर और वक्षस्थल काफी मांसल और भरे भरे थे. लेकिन फिर भी वो मोटी नहीं थी. उसके इसी भरे हुए शरीर की वजह से सारे मर्द उसके कायल हो जाते थे. जब समीर की नजर उसके स्तनों पर से नहीं हटी तो रिशा ने आखिर पूछही लिया. “क्या देख रहे है आप? बड़े ही बेशर्म हो.” ये कहकर रिशा उठाने लगी तो समीर ने उसका हाथ थाम लिया और उसे अपनी तरफ खिंचा. “आज तुम बहुत खुबसूरत दिख रही हो.” समीर ने रिशा को अपनी बाहों में भरते हुए कहा. रिशा ने भी थोडा नखरा किया लेकिन फिर वो भी अपने पती की बाहों में समां गयी.
“क्या बात है? आज बड़ी तारीफ हो रही है मेरी?” समीर ने धीरे से रिशा के होठों पर अपने होठ टिकाये और उन्हें चूमा. रिशा ने भी अपना हाथ समीर के हाथ में दिया और उसके कंधे पर अपना सर रखते हुए बोली. “अब तुम खुबसूरत दिख रही हो तो मै तारीफ तो करूंगा ही ना.” ये कहकर समीर ने अपना हाथ रिशा की नग्न बाहों पर सहलाया. रिशा मन ही मन में खुश तो हुई लेकिन फिर भी उसे एक प्रश्न सताए जा रहा था. उसने आज समीर को अच्छे मूड में पाया तो वो पूछने का धैर्य करने लगी . उसने समीर के गाल पर अपने होठ टिकाये और फिर बोली. “समीर, वो सब छोडिये. मैं काफी दिनों से देख रही हूं की आप काफी परेशान दिख रहे हो. न तो ढंग से खाना खाते है न ठीक से बात करे है मुझसे. क्या हुआ? प्लीज कुछ तो बताईये? अगर आप अपनी बीवी की नहीं बतायेंगे तो किसे बतायेंगे? मैं कोई आज ही खुबसूरत नहीं दिखती. हमेशा ही दिखती हूं लेकिन आज तक तो कभी इतनी तारीफ नहीं की मेरी. आज क्या हो गया जो इतनी तारीफ करने लगे? मैं काफी दिनों से देख रही हूं. आप क्या परेशानी है बताइए तो सही. शायद मैं आपकी कुछ मदद कर पाऊ.” रिशा की गर्म सांसो का स्पर्श समीर के गले पर हो रहा था. उसने एक आह भरी और फिर उसने रिशा की आंखो में झांककर कहा. “अब मन तम्हे क्या बताउं रिशा. मैं कितने दिन से सोच रहा हूं की तुम्हे सच सच बता दूं लेकिन मैं हिम्मत नहीं जुटा पाया.” समीर निचे देखते हुए बोला. रिशा ने फिर से उसका हाथ दबाया और बोली.
“आज खुद मैंने ही ये मामला निकाला है अब बोल दीजिये. कोई खा नहीं जाउंगी मै आपको. क्या हुआ बोलिए तो सही?” समीर ने रिशा की आंखो में देखा और एक बार फिर से हिम्मत जुटाई.
“रिशा, मैंने काफी दिन से अपना साईड बिजनेस शुरू किया था. अब नौकरी तो मैं सिर्फ नाम के लिए करता हूं लेकिन हमारी ज्यादा आमदनी तो बिजनेस से ही होती है. लेकिन काफी दिन से मुझे बिजनेस में थोडा थोडा करते हुए काफी नुकसान है. अब मुझे एक ऑर्डर मिलने के आसार है लेकिन जो आदमी ये ऑर्डर मुझे देनी वाला है उसकी कुछ शर्ते है. अब उसकी बाकि सब शर्ते तो मैं पूरी कर सकता हूं लेकिन एक ऐसी शर्त है जो मैं पूरी नहीं कर सकता.” अब समीर ने रिशा का हाथ दबाया और रिशा उसकी तरफ देखने लगी. “ऐसी क्या शर्त है उसकी?” रिशा ने पूछा. “वो इतनी गंदी और असभ्य शर्त है की इसीलिए मैं आज तक तुम्हे उसके बारे में नहीं बोल पाया.” अब रिशा को कुछ कुछ समझ आ रहा था. “क्या शर्त है उसकी?” उसने धीरे से पूछा. “रिशा, वो मेरी बीवी के साथ सोना चाहता है.” ये सुनकर रिशा एकदम गुस्से से भर गयी. अब उसे समझ आ रहा था की समीर इतने दिन से क्यों परेशान है. “तो फिर आपने क्या कहा?” उसने समीर की आंखो में देखकर पूछा. समीर ने उसकी आंखे एक बार फिर झुका ली. “पहले तो उसकी शर्त सिर्फ एक बार सोने की थी और वो उसके लिए रुकने के लिये भी तैयार था. लेकिन उसमे मैंने एक चालाकी की जिसकी की वजह से वो और भी भड़क गया और उसने मुझे आखरी मौका देने की बात कही है.” रिशा का सर अब चकरा रहा था. उसका बदन सुन्न हो रहा था. “क्या चालाकी की आपने?” समीर अब उठा और फिर उसने रिशा को अपनी बाहों में ले लिया.
समीर रिशा के बाजू में बैठ गया और उसने चाय उठा ली. दो घूट चाय पिने के बाद उसने चाय वापस मेज पर रख दी और रिशा की तरफ देखा. उसने काले रंग का स्लीवेलेस (बिना आस्तीन वाला) कुरता पहना था और नीचे सफ़ेद रंग की सलवार पहनी थी. उसके बाल खुले हुए थे और वो उसके आकर्षक नितंबो तक आते थे. समीर की नजर अपनी बीवी के बड़े वक्ष स्थलों पर गयी और उसका मन चंचल हो उठा. रिशा के इन्ही भारी स्तनों ने उसे दीवाना किया था और उसकी वजह से उसने उसके साथ शादी के लिए हां कही थी. उनकी शादी अर्रेंज थी और उसे रिशा के मामा ने तय की थी. समीर की नजर उसके भरे भरे जवानी पर पड़े थे ये देखकर रिशा थोडा शर्मा गयी. वो काफी खुबसूरत थी लेकिन रिशा के बदन का सबसे आकर्षक हिस्सा उसके बड़े बड़े स्तन ही थे. वो आज कल की लडकियों की तरह स्लिम नहीं थी बल्कि उसका शरीर और वक्षस्थल काफी मांसल और भरे भरे थे. लेकिन फिर भी वो मोटी नहीं थी. उसके इसी भरे हुए शरीर की वजह से सारे मर्द उसके कायल हो जाते थे. जब समीर की नजर उसके स्तनों पर से नहीं हटी तो रिशा ने आखिर पूछही लिया. “क्या देख रहे है आप? बड़े ही बेशर्म हो.” ये कहकर रिशा उठाने लगी तो समीर ने उसका हाथ थाम लिया और उसे अपनी तरफ खिंचा. “आज तुम बहुत खुबसूरत दिख रही हो.” समीर ने रिशा को अपनी बाहों में भरते हुए कहा. रिशा ने भी थोडा नखरा किया लेकिन फिर वो भी अपने पती की बाहों में समां गयी.
“क्या बात है? आज बड़ी तारीफ हो रही है मेरी?” समीर ने धीरे से रिशा के होठों पर अपने होठ टिकाये और उन्हें चूमा. रिशा ने भी अपना हाथ समीर के हाथ में दिया और उसके कंधे पर अपना सर रखते हुए बोली. “अब तुम खुबसूरत दिख रही हो तो मै तारीफ तो करूंगा ही ना.” ये कहकर समीर ने अपना हाथ रिशा की नग्न बाहों पर सहलाया. रिशा मन ही मन में खुश तो हुई लेकिन फिर भी उसे एक प्रश्न सताए जा रहा था. उसने आज समीर को अच्छे मूड में पाया तो वो पूछने का धैर्य करने लगी . उसने समीर के गाल पर अपने होठ टिकाये और फिर बोली. “समीर, वो सब छोडिये. मैं काफी दिनों से देख रही हूं की आप काफी परेशान दिख रहे हो. न तो ढंग से खाना खाते है न ठीक से बात करे है मुझसे. क्या हुआ? प्लीज कुछ तो बताईये? अगर आप अपनी बीवी की नहीं बतायेंगे तो किसे बतायेंगे? मैं कोई आज ही खुबसूरत नहीं दिखती. हमेशा ही दिखती हूं लेकिन आज तक तो कभी इतनी तारीफ नहीं की मेरी. आज क्या हो गया जो इतनी तारीफ करने लगे? मैं काफी दिनों से देख रही हूं. आप क्या परेशानी है बताइए तो सही. शायद मैं आपकी कुछ मदद कर पाऊ.” रिशा की गर्म सांसो का स्पर्श समीर के गले पर हो रहा था. उसने एक आह भरी और फिर उसने रिशा की आंखो में झांककर कहा. “अब मन तम्हे क्या बताउं रिशा. मैं कितने दिन से सोच रहा हूं की तुम्हे सच सच बता दूं लेकिन मैं हिम्मत नहीं जुटा पाया.” समीर निचे देखते हुए बोला. रिशा ने फिर से उसका हाथ दबाया और बोली.
“आज खुद मैंने ही ये मामला निकाला है अब बोल दीजिये. कोई खा नहीं जाउंगी मै आपको. क्या हुआ बोलिए तो सही?” समीर ने रिशा की आंखो में देखा और एक बार फिर से हिम्मत जुटाई.
“रिशा, मैंने काफी दिन से अपना साईड बिजनेस शुरू किया था. अब नौकरी तो मैं सिर्फ नाम के लिए करता हूं लेकिन हमारी ज्यादा आमदनी तो बिजनेस से ही होती है. लेकिन काफी दिन से मुझे बिजनेस में थोडा थोडा करते हुए काफी नुकसान है. अब मुझे एक ऑर्डर मिलने के आसार है लेकिन जो आदमी ये ऑर्डर मुझे देनी वाला है उसकी कुछ शर्ते है. अब उसकी बाकि सब शर्ते तो मैं पूरी कर सकता हूं लेकिन एक ऐसी शर्त है जो मैं पूरी नहीं कर सकता.” अब समीर ने रिशा का हाथ दबाया और रिशा उसकी तरफ देखने लगी. “ऐसी क्या शर्त है उसकी?” रिशा ने पूछा. “वो इतनी गंदी और असभ्य शर्त है की इसीलिए मैं आज तक तुम्हे उसके बारे में नहीं बोल पाया.” अब रिशा को कुछ कुछ समझ आ रहा था. “क्या शर्त है उसकी?” उसने धीरे से पूछा. “रिशा, वो मेरी बीवी के साथ सोना चाहता है.” ये सुनकर रिशा एकदम गुस्से से भर गयी. अब उसे समझ आ रहा था की समीर इतने दिन से क्यों परेशान है. “तो फिर आपने क्या कहा?” उसने समीर की आंखो में देखकर पूछा. समीर ने उसकी आंखे एक बार फिर झुका ली. “पहले तो उसकी शर्त सिर्फ एक बार सोने की थी और वो उसके लिए रुकने के लिये भी तैयार था. लेकिन उसमे मैंने एक चालाकी की जिसकी की वजह से वो और भी भड़क गया और उसने मुझे आखरी मौका देने की बात कही है.” रिशा का सर अब चकरा रहा था. उसका बदन सुन्न हो रहा था. “क्या चालाकी की आपने?” समीर अब उठा और फिर उसने रिशा को अपनी बाहों में ले लिया.