Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
गतान्क से आगे................
मैं भी संभाल गया और मैने मा को छ्चोड़ दिया और मा किचन में चली गयी.
मैने सोचा कि शायद मा अपने बेटे के साथ पहले नाजायज़ संपर्क से घबरा गयी
थी. लेकिन चिंता की कोई बात ना थी. रात को बियर वाली बात मेरे लिए
फ़ायदेमंद होगी. शराब से आदमी की झिझक ख़तम हो जाती है. मैं बाज़ार से
कुच्छ बियर और एक बॉटल वोद्का की ले आया जिसको मैने फ्रिड्ज में रख दिया.
राधा दीदी भी वापस आ चुकी थी. उसने एक सिल्क की हल्के नीले रंग की
पारदर्शी सारी पहनी हुई थी. मा और दीदी ड्रॉयिंग रूम में बैठे हुए थे.
मैं दीदी के साथ सॅट कर छ्होटे सोफे पर बैठ गया. दीदी के जिस्म से भीनी
भीनी सुगंध उठ रही थी और उसका मखमली बदन मुझे उतेज़ित कर रहा था. "मा मैं
बियर लाया हूँ. किओं ना थोड़ी सी हो जाए.

दीदी का मूड भी ठीक हो जाएगा और हम वकील से हुई बात भी डिसकस कर लेंगे"
मा ने सिर हिला दिया और मैं तीन ग्लास में बियर के साथ वोड्का मिक्स कर
के ले आया. मा और राधा दीदी ने ग्लास पकड़ लिए और धीरे से पीने लगी. शराब
के अंदर जाते ही मेरे लंड में आग भड़क उठी. मुझे अपनी दीदी और मा बहुत ही
कामुक लगने लगी. एक प्लेट में मैने फ्राइड फिश और सॉस रखी हुई थी. दीदी
ने जब चुस्की लेने के बाद फिश खाई तो उसके होंठों पर सॉस फैल गयी." राधा
ध्यान से खा...देख अपना मुख गंदा कर लिया है तूने...मैं नॅपकिन ले कर आती
हूँ" मा उठी और बाहर चली गयी. मैने देखा कि दीदी के मुख पर सॉस लगी हुई
थी. मैने दीदी को बाहों में लेते हुए उसके होंठों से सॉस चाटनी शुरू कर
दी,"मा तो पागल है...मेरे स्वीट दीदी के स्वीट होंठों से सॉस सॉफ करने के
लिए जब उसका भाई बैठा है तो नॅपकिन की क्या ज़रूरत...भाई है ना दीदी के
होंठों को प्यार से सॉफ करने के लिए!!!" मैने दीदी को कस कर आलिंगन में
ले लिया और उसके चेहरे को चूमने लगा. दीदी भी उतेज़ित हो रही थी किओं कि
वो मुझे वापिस किस कर रही थी.

जब मा वापिस आई तो हम भाई बेहन के मुख एक दूसरे से ऐसे जुड़े हुए थे जैसे
की कोई प्रेमी हों. मा चुप चाप बैठ गयी."रॉकी बेटा, मैने तुझे यही सबक
दिया था कि जब तक तेरी दीदी का तलाक़ नहीं हो जाता तब तक ध्यान से. तू
यहाँ अपनी दीदी से किस कर रहा है और बाहर दरवाज़ा खुला है. अगर कोई अंदर
आ जाता तो? मेरे बच्चो, मेरी खुशी तुम्हारी खुशी मैं ही है. मैने कल रात
सब कुच्छ देख लिया था और राधा ने मुझे सब कुच्छ बता दिया था. मैं तुम
दोनो के साथ हूँ. रॉकी बेटा, वकील ने कहा है कि विनोद को उसकी बेहन के
साथ संबंध के साथ ब्लॅकमेल कर के अच्छा पैसा बनाया जा सकता है...खास कर
जब तेरे पास उनकी फोटोस के साथ. अगर हम उस से 3-4 करोड़ ले लेते हैं तो
इस शहर को छ्चोड़ कर किसी दूसरी जगह जा सकते हैं. लेकिन तब तक बहुत ध्यान
से रहना होगा. बेटा तू जवान है...पर थोड़ा ध्यान से!!!"

मैने दूसरा ग्लास बनाया जब सब ने पहला ग्लास खाली कर दिया था. इस बारी
मैने ग्लास में वोड्का की मात्रा बढ़ा दी ता कि सब को नशा जल्दी हो जाए.
मेरी प्लान आज रात को अपने परिवार की दोनो औरतों को चोद लेने की थी. राधा
दीदी के साथ मैं रात बिता चुका था जिसका मा को पता था. अब मा को छ्चोड़
देना बेवकूफी होगी. आख़िर मा की भी कुच्छ ज़रूरतें थी. मेरी मा की भी लंड
की भूख मुझे ही मिटानी होगी. अपनी मा के गदराए जिस्म को देख कर मैं पागल
हो रहा था. मैं दीदी को ग्लास पकड़ा कर मा के साथ सॅट कर बैठ गया. मा ने
घूँट भरा तो शराब उसके होंठों से नीचे बह गयी और उसकी गर्दन तक शराब के
कारण उसका जिस्म भीग गया. मैने जीभ से शराब चाटना शुरू कर दिया. मा ने
अपने आप को छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन मैने उसको जाकड़ रखा था. कुछ
हिस्सा मा की चुचि तक चला गया जिसको मैं चूम चूम कर चाटने लगा. दीदी चुप
चाप देख रही थी जब मेरे हाथ मा की चुचि पर कस चुके थे. मा की साँस ऐसे चल
रही थी जैसे कोई जानवर चुद्ते वक्त साँस लेता हो.

मैं थोड़ी देर में मा से अलग होता हुआ बोला"मा, आज से हम दोनो तेरी हर
बात मानेगे, लेकिन मेरी एक बात तुम दोनो को माननी होगी. तुम दोनो के साथ
मेरा रिश्ता वैसा ही होगा जैसा तुमने कल रात दीदी के साथ देखा था. आज से
मेरा क़ब्ज़ा ना सिर्फ़ राधा पर होगा बल्कि मा, तुझ पर भी होगा. मैं
जानता हूँ मा, की तुझे भी जिस्म की भूख लगती है और दीदी के भी कुच्छ
अरमान हैं. मैं घर का मर्द हूँ. आप दोनो का मेरे जिस्म पर पूरा हक है और
मेरा तुम दोनो पर. यानी पति एक पत्नियाँ दो. रॉकी कल बना था बेह्न्चोद और
आज बनेगा मदर्चोद!!! बोलो मज़ुर है आपको?" कहते हुए मैं मा का हाथ अपने
लंड पर रख दिया. इस बरी मा ने अपना हाथ नहीं खींचा. "राधा क्या तुम मुझे
मा के साथ बाँट सकती हो?" मैने पुछा तो राधा अपनी सीट से उठी और मा के
होंठों पर होंठ रख कर किस करने लगी. किसी जवाब की ज़रूरत ना थी. मा मेरे
लंड से खेलने लगी और अपनी बेटी को किस करने लगी.

मैने मा की जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और दीदी की सारी खोल डाली.
"रॉकी बेटा, तू और राधा तो ठीक हो, मुझे इस काम में मत घसीतो. मैं अब
जवान नहीं हूँ. यूँ दोनो की शादी मैं करवा दूँगी. मेरा वादा रहा. मुझे
तुम जैसा जमाई और राधा बेटी जैसी बहू कहाँ मिलेगी और मैं तुम दोनो का
प्यार अपनी आँखों के सामने देख सकूँगी" मैं मा की बात सुन कर खुश तो हुआ
लेकिन बिना मा के मेरी ग्रहस्ति पूरी होने वाली नहीं थी. आज रात को मेरी
मा मेरे लिए मेरी प्यारी सुजाता बन जाएगी. बिल्कुल मेरी बेहन जैसी एक
चोदने वाली औरत. मेरी एक और पत्नी!!! मैने अपनी ज़िप खोल दी और मा का हाथ
अपने गरम लंड पर रख दिया," सुजाता, अपने बेटे का लंड पकड़ कर देखो कि
आपके पति से बड़ा है या नहीं? मेरी प्यारी सुजाता, चाहे ये लंड तेरी चूत
से निकला हो, आज तेरी चूत को चोद कर तुझे औरत का सुख देगा, तुझे मेरे बाप
की कमी महसूस ना होने देगा!!!"

मा ने मेरा लंड सहलाया और वो और भी कड़ा हो गया. राधा दीदी ने अपना हाथ
मा की कमीज़ में डाल कर उसकी चुचि को सहलाना शुरू कर दिया. मेरी मा
सुजाता का जिस्म आप वासना से गुलाबी होने लग चुका था. राधा दीदी भी बहुत
सेक्सी अंदाज़ से माँ को किस कर रही थी. "मा, रॉकी तुझे भी उसी तरह प्यार
करेगा जिस तरह मुझे कर चुका है. बहुत प्यारा है मेरा भाई....तेरा
बेटा.....हमारा ख्याल रखेगा....हमारा मर्द रॉकी....हम दोनो इसकी बन के
रहेंगी...और ये हमारा....ना मेरा ...ना तेरा...मा और बेटी का एक
मर्द...एक यार..एक लंड.....जो मेरा भी है और तेरा भी!!!!!"

मा का चेहरा और गुलाबी हो गया. शायद शरम और वासना का मिला जुला असर
था."हां बेटी, जिसको जमाई बनाया था वो तो धोका दे गया. अब अपने खून पर ही
भरोसा है मुझे. रॉकी मेरा बेटा भी है और दामाद भी और पति भी....हे भगवान
मेरे प्यार भरे परिवार को किसी की नज़र ना लगे. हां रॉकी, मेरे बेटे,
तेरा लंड तेरे बाप से भी बड़ा है और मोटा भी...मुझे यकीन है तुम इस से हम
मा बेटी दोनो को संतुष्ट रखोगे. तेरे लंड का स्पर्श मेरे अंदर एक जवाला
भड़का रहा है. मेरे अंदर की औरत को जगा रहा है. मुझे कोई आपत्ति नहीं अगर
राधा मुझे भी तेरा प्यार बाँटने के लिए राज़ी है. मेरे बेटा जैसा मस्त
जवान हमारे लिए बहुत है. जो मन मे आए कर ले तू बेटा!"

मैं उठ खड़ा हुआ और मा की कमीज़ उतारने लगा. मैने मा के बालों का जुड़ा
भी खोल दिया. राधा दीदी ने अपना ब्लाउस और पेटिकोट उतार दिया. राधा दीदी
का गोरा जिस्म प्यार और शराब के नशे से बहुत गुलाबी हो रहा था."मा, राधा
दीदी को चोद चुका हूँ मैं. तुझे चोद कर आज की रात यादगार बनाना चाहता
हूँ. सुजाता कहूँ तो कोई एतराज़ तो नहीं होगा? मुझे यकीन है कि राधा दीदी
को भी जलन ना होगी अगर मैं आप दोनो को चोदु!!!" राधा ने अपनी पॅंटी
उत्तरते हुए कहा"रॉकी, मेरे भाई, मा बेटी में कैसी जलन? घर का माल घर में
ही तो रहेगा. और वैसे भी सुजाता की मर्ज़ी से ही हमारा मिलन संभव होगा.
तेरा जितना हक अपनी बेहन पर है, उतना ही अपनी मा सुजाता पर होगा. मैं तुम
दोनो को चुदाई करते देख कर मा से कुच्छ सीख लूँगी. किओं मा?"

"ठीक है बेटी. मुझे भी आज 20 साल के बाद लंड नसीब हो रहा है और वो भी
अपने बेटे का. सच बेटा, तेरा लंड बिल्कुल तेरे बाप जैसा है, बस मोटा
थोड़ा अधिक है. आज अपनी मा को वो सुख दे दो जो तेरा बाप देता था. राधा
बेटी, चुदाई का सब से पहला कदम है मर्द का लंड सहलाना, मुठियाना, इस से
प्यार करना, इसको चूमना, चाटना. जो मैं करती हूँ तू भी वैसे ही करना.
जितना मज़ा रॉकी को आएगा, उतना ही तुझे और मुझे भी आएगा." मा ने मेरा लंड
अपने गरम हाथों में ले लिया और उप्पेर नीचे करने लगी. उसने मेरे सूपदे पर
ज़ुबान फेरी तो राधा दीदी के मूह से आह निकल गयी. राधा अब मा की हर हरकत
गौर से देखने लगी. मेरा लंड बेकाबू हो रहा था. राधा दीदी ने मा की नकल
करते हुए मेरे लंड पर ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी. ड्रॉयिंग रूम में ये सब
करना मुझे आरामदायक नहीं लग रहा था. मैने दोनो से कहा,"हमको बेड पर चलना
चाहिए. यहाँ मज़ा नहीं आएगा. मुझे लगता है कि मा के बेड पर चला जाए. उसी
बेड पर जहाँ मा को पहली बार पापा ने चोद कर गर्भवती किया था, उसी बेड पर
बेटा भी अपनी प्यारी मा की चुदाई का महुरत करना चाहता है!!किओं क्या
विचार है सुजाता?"

मा के चेहरे पर एक खास मुस्कान उभर आई. आज मा का चेहरा ऐसे चमक रहा था
जैसे किसी नई नवेली दुल्हन अपनी पहली चुदाई की प्रतीक्षा कर रही हो. हम
तीनो पूरी तरह से नंगे हो कर मा के बेडरूम की तरफ बढ़ गये. जब मा आगे आगे
चल रही थी तो मुझे उसकी गांद बहुत उतेजक लग रही थी. सुजाता मेरी मा के
चूतड़ बहुत सेक्सी थे. "एक दिन सुजाता के मखमली नितंभों के बीच से उसकी
गांद ज़रूर चोदुन्गा" मैने अपने आप से वादा किया! "तुम दोनो बिस्तर पर
चलो, मैं एक लास्ट पेग बना कर लाता हूँ" मैने कहा और पेग बनाने लग पड़ा.
शराब के नशे को वासना ने दोगुना बढ़ा दिया था. मैने तीन बड़े पेग बनाए और
मा के रूम में जा घुसा. बिस्तर पर जो नज़ारा था देख कर दिल खुश हो गया.
मेरी मा और बेहन दोनो एक लेज़्बीयन 69 की पोज़िशन में साइड बाइ साइड लेटी
हुई थी. सुजाता की चूत पर राधा के होंठ और राधा की चूत पर सुजाता के होंठ
थे. मैं समझ गया कि दोनो औरतें छुड़ासी हो रही हैं. राधा दीदी की जीभ
सुजाता की चूत की फांकों को चूस रही थी और मा अपनी बेटी की चूत का रस चाट
रही थी. मैने ग्लास टेबल पर रखे और नज़दीक जा कर मुझ से ना रहा गया और
मैने एक उंगली मा की गांद में धकेल डाली. सुजाता को इस बात की कोई उम्मीद
नहीं थी और हाड़ बदाहट में उसने राधा की चूत को काट खाया. 'उई...मा ये
क्या...मर गयी!!!!" राधा दीदी छ्ट पटा पड़ी.

मा ने अपना मूह राधा दीदी की चूत से हटा लिया और बनावटी गुस्सा दिखाती
हुई बोली,"सॉरी बेटी, ये साला रॉकी मदर्चोद शरारत कर रहा था. इसने मेरी
गांद में उंगली डाल दी थी जिसस के लिए मैं तैयार नहीं थी" मैने मा के
नितंभ पर किस किया और बोला" कोई बात नहीं सुजाता रानी, अब गांद तो तभी
स्पर्श करूँगा जब तू तैयार होगी, अपने मदर्चोद बेटे से गांद मरवाने के
लिए. तब तक राधा दीदी को भी तैयार करो. सच कहूँ तो मेरा विचार तुम दोनो
को अपनी पत्नी बनाने का है, अगर तुम दोनो चाहो तो! मैं जीजा और बाप दोनो
का फ़र्ज़ निभाना चाहता हूँ. तुम्हारी दोनो की गांद है है ही बहुत
सेक्सी!!!"

राधा दीदी ने झट से अपना ग्लास उठाया और एक ही साँस में गटक गयी. मैं
सुजाता से लिपट कर उसको चूमने लगा और उसकी चुचि को मसल्ने लगा. राधा दीदी
ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. अब उसको अपने भाई के लंड से प्यार हो
गया था,और होता भी किओं नहीं. मैं अपने लंड को साबुन से धो कर रखता हूँ
और वो भी खुश्बुदार साबुन से.

राधा दीदी ने पहले तो अपने गालों पर मेरा सूपड़ा फेरा और फिर प्यार से
उसको किस किया. मैं किस करते हुए एक हाथ से मा की चुचि मसल रहा था और
दूसरे से उसकी चूत स्पर्श कर रहा था. तीन जिस्म अब हवस की आग में जल रहे
थे. रुकना मुनासिब ना था. राधा ने अब मेरा लंड हाथ में ले लिया था और
मेरे अंडकोष चूसने शुरू कर दिए थे. 'बेटा, अब जल्दी से डाल दो मेरी चूत
में अपना लंड. बहुत तर्सि हूँ मैं लंड के लिए. कल रात जब मैने तेरा लंड
राधा की चूत में जाते हुए देखा था, तब से मेरी निगोडी चूत भी इसकी कामना
कर रही है. तेरे लंड की चमक अभी तक मेरे दिलो दिमाग़ में बसी हुई है. बस
देरी ना करो, रॉकी बेटा. ठोक दो अपनी मा को, अपनी सुजाता को चोद कर निहाल
कर दो. हम मा बेटी के स्वामी बन जाओ. ओह बेटा, मेरी चूत में आग लगी हुई
है!!!

मैने मा को लिटा लिया और उसकी जांघों को खोलते हुए उसकी चूत को प्यार से
सूँघा. मा की चुदसी चूत रो रही थी खुशी के मारे. फिर मैने अपना सूपड़ा
सुजाता की चूत पर टीकाया और चूत पर रगड़ने लगा. "उफफफफफ्फ़ रॉकी!!!! किओं
तरसा रहे हो? डाल दो ना!!" राधा दीदी मेरी पीठ से सॅट कर मुझ से लिपटने
लगी."भाई, पेल डालो अपनी सुजाता को. फिर मेरी बारी आएगी अपने प्यारे भाई
के लंड से चुदवाने की. रॉकी, सुजाता की चूत मस्ती से भरी पड़ी है. मसल
डालो इसको अपनी मा की प्यासी चूत को. जो काम पापा ने किया था आज उनका
बेटा भी कर डाले. भैया मा के बाद फिर मुझे कल वाली जन्नत दिखा देना. मैं
महसूस कर रही हूँ कि आज तेरा लंड कल से भी अधिक उतावला हो रहा है. और
मेरा राजा भैया का लंड उतावला हो भी क्यो ना? आज बेहन के साथ साथ मा भी
मेरे भाई की हमबिस्तर हो रही है. शाबाश भाई, चोदना शुरू करो, तब तक मैं
मा से अपनी चूत चुस्वाति हूँ. मेरी चूत भी जल रही है!!!" फिर राधा दीदी
ने मेरा लंड पकड़ कर मा की चिुत के अंदर धकेल दिया. मेरी मा की चूत से
इतना पानी बह रहा था कि लंड आसानी से चूत की गहराई में उत्तर गया. मा की
टाँगों ने मेरी कमर को कस लिया और वो अपनी गांद उच्छालने लगी.

राधा दीदी ने अपनी टाँगों को फैला कर अपनी चूत मा के मुख पर रख दी और
सुजाता ने अपनी ज़ुबान उसकी चूत में घुसा डी. राधा अब मा की ज़ुबान पर
चूत हिलाने लगी. राधा की साँस भी बहुत भारी हो चुकी थी. मा और दीदी दोनो
कामुक सिसकारियाँ भर रही थी. मैने सुजाता की चुचि को ज़ोर से मसल्ते हुए
धक्कों की स्पीड बढ़ा डाली. लंड फ़चा फ़च चूत के अंदर बाहर होने लगा. जब
मैने मा के निपल्स चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गयी और पागलों की तरह
चुदवाने लगी. सुजाता ने अपना मुख मेरी बेहन की चूत से अलग करते हुए कहा,"
वाह बेटा, वाह, चोद मुझे....चोद अपनी मा की चूत....चोद मेरी
चूत!!....अपनी मा की चूत से पैदा हो कर आज उसको चोद, मदर्चोद....तू अपनी
मा को जो आनंद दे रहा है, उसका का कोई मुकाबला नहीं...आआआहह....रॉकी!!!!!
ओह्ह्ह्ह मदर्चोद.........राधा...तेरा भाई वाकई ही बहुत दमदार है...तुझे
हमेशा खुश रखेगा...हम दोनो को खुश रखेगा...खूब चोदेगा हम दोनो को!!!!"

राधा अब उठ कर आई और मेरे अंडकोष से खेलने लगी और मा की गांद में उंगली
करने लगी. लगता था कि अब मेरी बहना चुदाई में अधिक दिलचस्पी लेने लगी थी.
जिओं ही राधा की उंगली मा की गांद में गयी तो मा का जिस्म ऐंठने लगा.
उसकी गांद तूफ़ानी गति से उप्पेर उठने लगी. मा अब झड़ने वाली थी. मैने भी
चुदाई और तेज़ कर दी लेकिन मुझ से पहले मा झाड़ गयी." ऑश बेटा....मैं
गयी....रॉकी...तेरी सुजाता झारीईए...तेरी माआ झार रही है...आआअहह!!"
सुजाता की चूत का रस उसकी जांघों से होता हुआ बिस्तर पर गिरने लगा. कोई 2
मिनिट छ्ट पटाने के बाद सुजाता शांत हो गयी. लेकिन मैं अभी नहीं झारा था.
मैने अपना भीगा हुआ लंड सुजाता की चूत से निकाला और मा की बगल में ही
राधा दीदी को लिटा दिया. दीदी मेरे लंड को भूखी नज़रों से देख रही थी. वो
आगे झुकी और मेरे लंड को चूसने लगी, चाटने लगी. राधा दीदी मकी आँखें
उतेज्ना कारण बंद थी और वो किसी रांड़ की तरह अपने भाई का लंड चूस रही
थी. मुझे खुशी थी कि वो राधा जिसको अपने पति का लंड गंदा लगता था, आज
अपने भाई के लंड को किस तरह प्यार से चूम रही थी.

मैने दीदी को बालों से खींच कर घोड़ी बनाया और लंड घुसेड दिया एक ही झटके
में,"उम्म्फफफ्फ़... उम्म्फहफ़फ
इन्न्ननननननन्‍न्‍नममममममम......म्‍म्म्मफफफ्फ़...इट...आआहह......
म्‍म्म्फह...भैयाआअ....धीरे....माआआ....मर गइई" राधा बिलबिलाने लगी. मैं
अब दीदी को बेरेहमी से चोदने लगा. "राधा...कैसा लग रहा है? मेरा लंड तेरी
चूत में घुस चुका है...बहुत टाइट है तेरी चूत.....मुझे बहुत मज़ा दे रही
है ये" उधर मा हम दोनो को देख कर मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराती भी किओं
ना. आख़िर घर का मर्द घर की औरत को चोद कर आनंदित कर रहा था.

मेरा हाथ कई बारी राधा दीदी की चुचि मसल देता और कई बार उसके चूतर पर चपत
मार देता जिस से मेरी दीदी की कामुकता और तेज़ हो जाती. दीदी आगे की तरफ
झुकी हुई थी और मैं उसको घोड़ी बना कर चोद रहा था. घोड़ी बना कर चोदने का
मज़ा ही कुच्छ और होता है. कमरे के अंदर सेक्स की खुश्बू फैली हुई थी.
मुझे दीदी के नंगे जिस्म की तस्वीर और भी कामुक बना रही थी. धक्के
तूफ़ानी हो चुके थे और दीदी अपने चूतर पीछे धकेल कर मेरे मज़े को दोगुना
कर रही थी."रॉकी मेरे भाई, तेरी बेहन जा रही है...मेरी चूत पानी छ्चोड़
रही है.....आआहह मैं झाड़ रही हूँ...ज़ोर से....चोदो भाई......मैं मर
गयी....चोदो भैयाआ!!!" मेरा लंड भी चोद रहा था. मैं अपना रस दीदी की चूत
के अंदर छ्चोड़ने वाला था. मैने राधा को कस के पकड़ रखा था और तबाद तोड़
चोद रहा था." ऊऊऊहह......उूुउऊहह...म्‍म्म्ममममंणणन्...........आआआआमम्म्ममम!!!!!!!!"
मेरा लंड अपना फॉवरा छ्चोड़ने लगा. मैं कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. राधा
दीदी का भी हाल बुरा हो रहा था. मैं दीदी की चूत में लंड डाल कर सो गया.

अगले दिन जब मैं उठा तो दीदी और मा दोनो कमरे में नहीं थी. सवेर के 8 बज
रहे थे. मैं उठ कर बाथरूम में गया. नहा धो कर जब बाहर निकला तो देखा कि
मा पूजा कर रही थी और दीदी उसके साथ बैठी हुई थी. जब मैं वहाँ पहुँचा तो
पहले दीदी ने और फिर मा ने झुक कर मेरे पैरों को स्पर्श किया. जब मैने
उनको ऐसा करने से रोका तो वो शर्मा कर बोली," रॉकी तुम आज से हमारे पति
हो और हम तेरी पत्नियाँ. दुनिया हमारे रिश्ते को कुच्छ भी समझे, लेकिन
तुम हमारे स्वामी हो"

समाप्त
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 03-07-2019, 07:08 PM
ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 24-01-2020, 11:08 AM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
Zohra Ki Pyaas Papa Ne Bujhaee - by neerathemall - 29-01-2020, 02:39 PM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 29-01-2020, 03:26 PM



Users browsing this thread: 29 Guest(s)