29-01-2020, 01:48 PM
(This post was last modified: 30-04-2021, 09:02 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
छुटकी ननदिया
और मम्मी ने भी रात में साढ़े ग्यारह बजे उनसे गुड्डी को भी फोन लगवाया ,पूरे पौन घण्टे बात की दोनों ने।
" भईया ,इत्ती रात को , ... "
अलसाती ,अंगड़ाई लेती आवाज में गुड्डी बोली।
थोड़ी शिकायत,थोड़ी नखड़ा।
" क्यों रात को नहीं कर सकता क्या मैं ,"
वो सीधे मम्मी के सिखाये लेवल पर आ गए ,पर मेरी छिनार ननदिया,दुहरी मीनिंग वाले डायलाग बोलने में उनसे भी २० थी।
बड़ी अदा से वो शोख किशोरी बोलीं,
" एकदम कर सकते हो भैया आप ,चाहे दिन को चाहे रात को , मैं मना नहीं करुँगी। "
फिर कुछ रुक के बोली ,
"लेकिन आज दिन में किया था न फिर से रात में ,"
वो लेवल बढ़ाती जा रही थी , उन्हें उकसा रही थी।
और अब वो भी पक्के बेशर्म ,लौंडिया पटाने में एक नम्बर के , वो भी बोले ,
" क्यों एक बार कर लूंगा तो दुबारा नहीं करवाएगी तू ,:
मुझे लगा अब वो गुस्सा हो जाएगी , या फोन रख देगी पर वो भी ,
कुछ देर वो खिलखलाती रही ,फिर बोली ,
" अरे भैया लगता है तुझे कुछ हो गया है ,इत्ती रात को ऐसी ऐसी बातें ,... "
फिर कुछ रुक के सीरियस होती बोली ,
" भइया तू नम्बरी भुलक्कड़ हो। दिन में क्या बोला था मैंने , भूल गए इतनी जल्दी। अरे मैंने बोला था , तू ही पीछे हट जाते हो मैंने आज तक मना नही किया। फिर ये भी तो कहा था न की मान लो मैं मना करूँ भी , तो कोई जरूरी है तू मान जा। "
" एकदम नहीं मानूँगा , मेरे पीछे हटने का सवाल ही नहीं ,अब तुझे भी पीछे नहीं हटने दूंगा ,और नहीं मानेगी तो जबरदस्ती। "
" उफ़्फ़ जबरदस्ती , ऐसे तो न थे आप ,खिलखलाती वो बोली ,फिर हंस के कहा , अच्छा समझी ,भाभी ने बताया था न दिन में ,उनकी पांच दिन की छुट्टी चल रही है इस लिए इतने जोश में हो आप। "
गुड्डी भी न ,
फिर गुड्डी ने उन्हें और उकसाया ,
" अच्छा चलिए आप इतना बोल रहे हो न तो बोलो ,क्या करोगे जबरदस्ती ,ज़रा मैं भी तो देखूं अपने प्यारे प्यारे भइय्या की हिम्मत। "
एक पल केलिए वो रुके ,
एकदम जोश में आ चुके थे वो ,पहले तो मेरी सास से एकदम खुल्लमखुल्ला और फिर अब ये छिनार ननद तो और ,...
तंबू पूरा तना और ऊपर से मम्मी ने शार्ट खींचकर उसे बाहर भी कर दिया ,
" तेरी ले लूंगा ,आने तो दो मुझे। "
" क्या ले लोगे ," गुड्डी अब भी उन्हें छेड़ रही थी ,चढ़ा रही थी
" सब कुछ ,कुछ भी नहीं छोडूंगा। " वो भी अब जोश में थे।
" पहले आओ तो , अभी भी ३४ घंटे १८ मिनट बचे है तेरे यहां आने में। "
बड़ी शिकायत से तल्खी भरे अंदाज में वो बोली।
लेकिन वो अब मूड में आ गए थे बोलते रहे ,
बोले ,
" तेरे गुलाबी होंठ ,प्यारे प्यारे गाल , ...मीठी सी चुम्मी ,... आगे बोलूं क्या क्या लूंगा। "
" नहीं नहीं , अब मुझे नींद आ रही है सोने जा रही हूँ , ... "
वो हंस के बोली।
" आ जाऊं मैं भी , बाकी का सपने में बता दूंगा क्या क्या लेनी है तेरी। "
वो अब एकदम जोश में थे।
"एकदम भैय्या आओ न , फिर कुछ रुक के हलके से बोली ,
" मैं तो तुझे सच में भी मना नहीं करुँगी ,सपने में कौन मना करता है , गुड नाइट एंड स्वीट ड्रीम ,लेकिन सपने में आना जरूर। "
और गुड्डी ने फोन काट दिया।
' साली ,छिनार , ऊँगली कर रही होगी तेरे लन्ड के बारे में सोच सोच के " मम्मी ने उनका लन्ड मुठियाते बोला ,
फिर जोड़ा ,
" देख न,कैसे गीली हो रही थी ,कित्ते मोटे मोटे चींटे काट रहे थे हरामजादी की चूत में ,
अरे जा रहे हो परसों तो पहला मौका पाते ही चांप देना ,वरना इतना गरमाई है किसी से भी भरतपुर लुटवा लेगी। "
" एकदम मम्मी। "
उन्होंने हामी भरी।
और मम्मी ने भी रात में साढ़े ग्यारह बजे उनसे गुड्डी को भी फोन लगवाया ,पूरे पौन घण्टे बात की दोनों ने।
" भईया ,इत्ती रात को , ... "
अलसाती ,अंगड़ाई लेती आवाज में गुड्डी बोली।
थोड़ी शिकायत,थोड़ी नखड़ा।
" क्यों रात को नहीं कर सकता क्या मैं ,"
वो सीधे मम्मी के सिखाये लेवल पर आ गए ,पर मेरी छिनार ननदिया,दुहरी मीनिंग वाले डायलाग बोलने में उनसे भी २० थी।
बड़ी अदा से वो शोख किशोरी बोलीं,
" एकदम कर सकते हो भैया आप ,चाहे दिन को चाहे रात को , मैं मना नहीं करुँगी। "
फिर कुछ रुक के बोली ,
"लेकिन आज दिन में किया था न फिर से रात में ,"
वो लेवल बढ़ाती जा रही थी , उन्हें उकसा रही थी।
और अब वो भी पक्के बेशर्म ,लौंडिया पटाने में एक नम्बर के , वो भी बोले ,
" क्यों एक बार कर लूंगा तो दुबारा नहीं करवाएगी तू ,:
मुझे लगा अब वो गुस्सा हो जाएगी , या फोन रख देगी पर वो भी ,
कुछ देर वो खिलखलाती रही ,फिर बोली ,
" अरे भैया लगता है तुझे कुछ हो गया है ,इत्ती रात को ऐसी ऐसी बातें ,... "
फिर कुछ रुक के सीरियस होती बोली ,
" भइया तू नम्बरी भुलक्कड़ हो। दिन में क्या बोला था मैंने , भूल गए इतनी जल्दी। अरे मैंने बोला था , तू ही पीछे हट जाते हो मैंने आज तक मना नही किया। फिर ये भी तो कहा था न की मान लो मैं मना करूँ भी , तो कोई जरूरी है तू मान जा। "
" एकदम नहीं मानूँगा , मेरे पीछे हटने का सवाल ही नहीं ,अब तुझे भी पीछे नहीं हटने दूंगा ,और नहीं मानेगी तो जबरदस्ती। "
" उफ़्फ़ जबरदस्ती , ऐसे तो न थे आप ,खिलखलाती वो बोली ,फिर हंस के कहा , अच्छा समझी ,भाभी ने बताया था न दिन में ,उनकी पांच दिन की छुट्टी चल रही है इस लिए इतने जोश में हो आप। "
गुड्डी भी न ,
फिर गुड्डी ने उन्हें और उकसाया ,
" अच्छा चलिए आप इतना बोल रहे हो न तो बोलो ,क्या करोगे जबरदस्ती ,ज़रा मैं भी तो देखूं अपने प्यारे प्यारे भइय्या की हिम्मत। "
एक पल केलिए वो रुके ,
एकदम जोश में आ चुके थे वो ,पहले तो मेरी सास से एकदम खुल्लमखुल्ला और फिर अब ये छिनार ननद तो और ,...
तंबू पूरा तना और ऊपर से मम्मी ने शार्ट खींचकर उसे बाहर भी कर दिया ,
" तेरी ले लूंगा ,आने तो दो मुझे। "
" क्या ले लोगे ," गुड्डी अब भी उन्हें छेड़ रही थी ,चढ़ा रही थी
" सब कुछ ,कुछ भी नहीं छोडूंगा। " वो भी अब जोश में थे।
" पहले आओ तो , अभी भी ३४ घंटे १८ मिनट बचे है तेरे यहां आने में। "
बड़ी शिकायत से तल्खी भरे अंदाज में वो बोली।
लेकिन वो अब मूड में आ गए थे बोलते रहे ,
बोले ,
" तेरे गुलाबी होंठ ,प्यारे प्यारे गाल , ...मीठी सी चुम्मी ,... आगे बोलूं क्या क्या लूंगा। "
" नहीं नहीं , अब मुझे नींद आ रही है सोने जा रही हूँ , ... "
वो हंस के बोली।
" आ जाऊं मैं भी , बाकी का सपने में बता दूंगा क्या क्या लेनी है तेरी। "
वो अब एकदम जोश में थे।
"एकदम भैय्या आओ न , फिर कुछ रुक के हलके से बोली ,
" मैं तो तुझे सच में भी मना नहीं करुँगी ,सपने में कौन मना करता है , गुड नाइट एंड स्वीट ड्रीम ,लेकिन सपने में आना जरूर। "
और गुड्डी ने फोन काट दिया।
' साली ,छिनार , ऊँगली कर रही होगी तेरे लन्ड के बारे में सोच सोच के " मम्मी ने उनका लन्ड मुठियाते बोला ,
फिर जोड़ा ,
" देख न,कैसे गीली हो रही थी ,कित्ते मोटे मोटे चींटे काट रहे थे हरामजादी की चूत में ,
अरे जा रहे हो परसों तो पहला मौका पाते ही चांप देना ,वरना इतना गरमाई है किसी से भी भरतपुर लुटवा लेगी। "
" एकदम मम्मी। "
उन्होंने हामी भरी।