29-01-2020, 01:02 PM
मैंने पूछा – यहाँ?
स्वरूप – हां, देखो यह दूर दूर तक कोई दिख नहीं रहा है। खुले आसमान के निचे मज़ा भी ज्यादा आएगा, और ये हमारा पहला अनुभव यादगार रहेगा।
मैंने कहा – ठीक है।
अब वो आगे बढ़कर मुझे मेरे होठो पर चूमने लग गया, मैं भी उसका साथ देने लग गयी। फिर उसने मेरी नीली जीन्स के बटन्स खोले और मैं खड़ी होकर जीन्स और पैंटी एक साथ शरका कर निचे से पूरी नंगी हो गयी।
स्वरुप ने भी अपनी जीन्स और अंडरवियर उतर दी। हम दोनो उस सुनसान जगह पर निचे से नंगे थे और हमारे क्लीन शेव्ड अंतरंग दोपहर के रौशनी में चमक रहे थे। फिर मैं चादर पे लेट गयी, और वो मेरी चूत के साथ अपनी उँगलियों से खेलने लग गया।
मैं गुदगुदी के मारे हंस रही थी, कि अचानक से उसने अपनी जुबान मेरी चूत पर लगा दी। और मेरी सिसकरी निकल गयी। मैं छटपटान लगी और मैं बोली।
मैं – लंड डाल दो प्लीज।
पर वो न माना और वो बोला – इतनी जल्दी! अभी तो बस सुरुवात है।
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह के सामने कर के चूसने का इशारा किया, और मैं लंड को चूसने लग गयी, जैसे वो एक आइसक्रीम हो। अब उसने मेरी पिंक टॉप तो पूरा ऊपर सरका दिया, और मेरी ब्रा को भी बिना खोले सरका कर दोनों को एक एक कर के बारी बारी से चूसने लगा।
फिर वो अपना लंड ले के चूत के पास आया और ऊपर रगड़ने लग गया। और वो धीरे से लंड को अंदर सरका रहा था। चुकी मैं मूली से बहुत बार सेक्स कर चुकी हूँ, इसलिए मुझे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई, पर फिर ये मेरे लिए एक अलग एहसास था।
स्वरूप – हां, देखो यह दूर दूर तक कोई दिख नहीं रहा है। खुले आसमान के निचे मज़ा भी ज्यादा आएगा, और ये हमारा पहला अनुभव यादगार रहेगा।
मैंने कहा – ठीक है।
अब वो आगे बढ़कर मुझे मेरे होठो पर चूमने लग गया, मैं भी उसका साथ देने लग गयी। फिर उसने मेरी नीली जीन्स के बटन्स खोले और मैं खड़ी होकर जीन्स और पैंटी एक साथ शरका कर निचे से पूरी नंगी हो गयी।
स्वरुप ने भी अपनी जीन्स और अंडरवियर उतर दी। हम दोनो उस सुनसान जगह पर निचे से नंगे थे और हमारे क्लीन शेव्ड अंतरंग दोपहर के रौशनी में चमक रहे थे। फिर मैं चादर पे लेट गयी, और वो मेरी चूत के साथ अपनी उँगलियों से खेलने लग गया।
मैं गुदगुदी के मारे हंस रही थी, कि अचानक से उसने अपनी जुबान मेरी चूत पर लगा दी। और मेरी सिसकरी निकल गयी। मैं छटपटान लगी और मैं बोली।
मैं – लंड डाल दो प्लीज।
पर वो न माना और वो बोला – इतनी जल्दी! अभी तो बस सुरुवात है।
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह के सामने कर के चूसने का इशारा किया, और मैं लंड को चूसने लग गयी, जैसे वो एक आइसक्रीम हो। अब उसने मेरी पिंक टॉप तो पूरा ऊपर सरका दिया, और मेरी ब्रा को भी बिना खोले सरका कर दोनों को एक एक कर के बारी बारी से चूसने लगा।
फिर वो अपना लंड ले के चूत के पास आया और ऊपर रगड़ने लग गया। और वो धीरे से लंड को अंदर सरका रहा था। चुकी मैं मूली से बहुत बार सेक्स कर चुकी हूँ, इसलिए मुझे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई, पर फिर ये मेरे लिए एक अलग एहसास था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
