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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
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मुठ मारने का आनंद ही अलग है। वो भी तब जब आप अपनी आंखे बंद करके किसी खूबसूरत लड़की या औरत की नग्न बदन की कल्पना करते हैं।

दीपक अपनी बड़ी बहन रिया के नग्न बदन से सात दिन तक खेलता रहा, और सच में अब उसे उबन सी होनी लगी थी तो दीपक अपनी बहन से बोला।

दीपक – अब अगले १५ दिन तक हम दोनों एक दूसरे की ओर देखेंगे तक नहीं।

रिया – सही है, लेकिन मुझे पता है, कि तुम हि मेरे बदन पर हाथ लगाकर मुझे गरम करोगे।

दीपक – ठीक है तो लगी शर्त, कौन किसको पहले छूता है?

और दोनों फिर सामान्य जीवन जीने लगे, मम्मी पापा के वापस आने पर घर का माहौल बदल गया था। और एक सप्ताह तक सही में हम दोनों एक दूसरे के करीब भी नहीं आए। एक रविवार मै दीदी के कमरे में घुसा तो रिया अपने कमरे में नहीं थी।

लेकिन मेरी नजर उसकी ब्रा और पैन्टी पर टिक सी गई, बेड पर रखा पीले रंग का जालीदार ब्रेसियर और पैन्टी देख मेरा लन्ड तमतमा उठा। निश्चित रूप से रिया वाशरूम में थी और उसकी ब्रा और पेंटी शायद स्नान करने के बाद उसके गुप्तांगों पर सुशोभित होती है।

तभी मै रिया के दोनों कपड़े को उठाकर अपने बरमूडा के पॉकेट में रखे, और मैं अपने कमरे में दाखिल हो गया। अब उसकी ब्रा और पैंटी को मैने अपने वार्डरोब में रख दिया और मैं एक किताब लेकर बेड पर लेट गया।

फिर किताब पढ़ते हुए मैं इस इंतजार में था, कि कब रिया मेरे पास आकर अपने ब्रा और पेंटी की खबर मुझसे लेगी। लगभग एक घंटे के बाद रिया मेरे कमरे में आई, उसने घुटने तक की स्कर्ट और टॉप्स पहन रखी थी।

मै उसे देखकर मुस्कुराया और मैं बोला – आओ दीदी, बैठो।

रिया – अबे दीदी के बच्चे, मेरे कमरे से तूने जो चोरी की है, वो किधर है?

मै – तुम्हारा कमरा मै गया तक नहीं और क्या चोरी हुआ है जरा बताना?

रिया एक बेशर्म लड़की की तरह अपनी स्कर्ट को कमर तक उपर करके बोली -सारे कपड़ा सूख रहे है, और जो पहनने के लिए रखी थी वो तुम उठा लाए हो।

उसकी बुर की लालिमा देख मुंह में पानी आ गया और मैं बोला – दीदी घर में इस पर कपड़ा डालने की क्या जरूरत है, इसे भी ताजी हवा लगने दो।

दीदी स्कर्ट नीचे कर चुकी थी, और इधर मेरा देखते ही टाईट हो गया था।

दीपक – बिल्कुल नहीं बेबी।

फिर रिया मेरी कमर के पास बैठकर मुझे देख रही थी, तो वो अचानक से उसने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे लंड के उभार को पकड़ लिया और जोर से दबा दिया।

मैं – आऊच ये क्या कर रही हो?

और उसने दुबारा मेरे लंड को पकड लिया, पर अब उसने आराम से बरमूडा के किनारे से बाहर निकाल दिया। अब नग्न लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए मस्त हो रही थी तो मै बोला।

मैं – शर्त तो हार गई बेबी।

रिया – तुम अगर मेरी ब्रा और पैंटी इधर नहीं लेकर आते तो फिर मै नार्मल ही रहती। लेकिन हार तुम्हारी हुई है।

मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था और रिया उसको कसकर थामे हिला रही थी। तभी मै आवेश में आकर उठा और सीधे वाशरूम में मूतने चला गया। मूतने के बाद लंड को धोकर एक तौलिए से साफ किया और मैं अपने कमरे में आया, तो रिया बेड के किनारे बैठे मुस्कुरा रही थी।

मैं बोला – मेरे वार्डरोब में तुम्हारा गायब किया हुआ सामान रखा हुआ है निकलो।

रिया – अरे तुम गुस्से में क्यों हो।

और ये कहते ही वो मेरे सामने खड़ी हुई, मै कुछ समझ पाता इससे पहले ही उसने मेरा बरमूडा जोर से नीचे की ओर खींच दिया। मेरा टाईट लंड उसके हाथ में था, लेकिन उसकी मंशा तब मुझे समझ में आई।

जब वो बेड पर बैठे मेरे लंड को पकड़ कर सीधा मुंह खोल कर पूरा लन्ड मुंह में भरने लग गयी। रिया अब मुखमैथुन की कला में दक्ष हो चुकी थी, अपने सर का झटका देते हुए जोर जोर से मेरा लंड चूसने लग गयी तो मै सिसक रहा था।

मैं – ओ अबे साली रण्डी, घर में मम्मी पापा है। अगर उन्होंने देख लिए तो तेरी गान्ड फाड़ देंगे।

लेकिन रिया लंड चूसने लाने में लीन थी और मेरा लंड उसकी मुंह में लोहे की सलाख की भांति गरम और कड़ा हो चुका था। कुछ पल बाद रिया ने अपने मुंह से मेरा गीला लंड बाहर निकाल दिया।

और अब वो उसको थामे जीभ से चाटने लग गयी, तो मेरे पैर में कम्पन होने लग गये। रिया लंड को चाटकर सीधे वाशरूम भागी। मै सोच रहा था कि रिया को अभी पटक कर चोद डालूं या फिर बुर चाटकर लंड का रस उस रण्डी को पिला दुं।

इतने में रिया वापस कमरे में आई और मेरे बेड पर लेट कर बोली – दीपक, मम्मी कुछ काम से बाहर गई है। लेकिन वक़्त कम और काम ज्यादा है।

दीपक – शर्त तो हार गई, अब क्या लेना है बोल?

रिया – छुपकर नहीं खुलकर चुद्वाती हूं।

और मैं रिया के कमर के पास बैठकर उसकी स्कर्ट को ऊपर करने लग गया। वो बेशर्म लड़की की तरह अपनी दोनों टांगों को फैला कर लेट गयी। तो मैने एक तकिया रिया के नितम्ब के नीचे डाल दिया, और अब अपना चेहरा दीदी कि दोनों मस्त जांघों के बीच करके बुर का दीदार करने लग गया।

सही में जब से रिया चूत चुदाई करवाने लगी, तो उसकी बुर की खूबसूरती देखने लायक थी। मैं उसको चूमता हुआ उसकी बुर के छेद में एक उंगली पेल कर उसे रगड़ने लग गया।

मैं बुर के दोनों फांक को चूमकर मस्त हो रहा था, तो वो सिसकने लगी और बोली – अरे कुते, लंड में जंग लगा है क्या, उंगली पेल रहा है?

लेकिन मै रिया की बुर को चूम चूम कर मस्त हो रहा था और अब बुर की आग असहनीय थी। तो मैंने उंगली निकालकर अब बुर की फांकों को फैलाया, और मैं अपनी जीभ रिया की बुर को चाटने लग गया।

तो रिया अपने चूतड़ को उच्काने लगी, वो सिसक लेते हुए बोली – उई मां, इतनी खुजली ही रही है चोद ना दीपक।

लेकिन मै बुर के अंदर जीभ लपालप करता हुआ उसके पानी पीने को तरस रहा था। दीदी की चूत की पानी का स्वाद नमकीन था, तो अब मेरा लंड पूरी तरह से गुफा में जाने को तरस रहा था।

तभी मै रिया की चिकनी और गद्देदार चूत को मुंह में भर कर चूसने लग गया, और वो तड़पते हुए बोली – अब अब नहीं, प्लीज़ छोड़ दो आह बुर का पानी।

फिर मैं बुर का रस को पीकर मस्त हो उठा। घर में सिर्फ हाम दोनो हि थे और रिया को मैने एक हफ्ते से नहीं चोदा था। और साथ ही एक शर्त भी मैं जीत चुका था।

अब रिया वाशरूम चली गई तो मै उसका इंतजार करने लग गया। रिया के गोल गोल स्तन, पतली कमर और गोल गुंबदाकार गान्ड किसी को सम्मोहित करने के लिए काफी थी।

वो बेड पर आकर लेटी तो मैने उसको कोहनी और घुटने के बल कर दिया। अब स्कर्ट कमर पर था तो उसकी गान्ड देख मुंह में पानी आ गया, । खैर अब तक उसकी गान्ड को चोदने का मुझे मौका नहीं मिला था।

तो मै अब घुटने के बल होकर लंड को बुर में घुसाने लग गया। सुपाड़ा सहित १/२ लंड आराम से बुर में चला गया और मै उसकी कमर को कसकर पकड़े एक जोर का धक्के से लुंड को उसकी बुर में डालने लग गया।

रिया – बाप रे, बुर का भर्ता बना देगा क्या?

मै चोदता हुआ बोला – चूपकर साली कुती एक तो पेंटी और ब्रा के बहाने बुर दिखाने आ गई और शर्त हार कर भी बोलती है।

रिया – बुर में आग लगी हुई है जानू, वो तो एक बहाना था लेकिन तुम भी तो मेरा ब्रा और पैंटी लेकर आए थे।

अब उसकी गीली चूत में मेरा लंड पूरे गति से चुदाई कर रहा था, यकीन ही नहीं हो रहा था कि इस चूत को मैंने पहले भी चोदा है। और रिया अब पीछे की ओर देखते हुए अपने चूतड़ की हिलाने लगी। सही में दोनों काफी मजे ले रहे थे और वो बुर की गर्मी से राहत चाहती थी।

रिया – अब रहम करो बे चोदु।

मै- दम मार जल्दी ही माल झाड़ूगा।

बुर की आग में मेरा लंड तेज गति से चुदाई कर रहा था, फिर लंड का दम घुटने लगा तो मेरा लंड रिया की चूत में वीर्य झाडने लग गया। फिर दोनों अलग हुए और फ्रेश होकर कपड़ा पहन आराम करने लगे।

















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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
didi in waterfall - by neerathemall - 04-06-2019, 01:34 PM
Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 29-01-2020, 12:07 PM



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