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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
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रिया और मै दोनों नग्न अवस्था में ही थककर सो गए, रात के १०:३० बजे दोनों को गहरी निद्रा सो गये थे। तो हम दोनों बिना खाना खाए ही बेड पर निढाल हो गए। फिर देर रात तकरीबन ०१:०० बजे मेरी नींद खुली, तो मेरा लंड मुरझाया हुआ था।

और दीदी करवट लिए सो रही थी, कुछ देर तक मै उनको घूरता हुआ उनकी पीठ और चूतड़ को सहलाता रहा। फिर दीदी ने चित होकर आंखें खोली और वो बोली।

दीदी – क्या कर रहे हो जानू, बहुत गर्मी लग रही है चलो स्नान करते है।

मैं दीदी के स्तन को पुचकारते हुए बोला – हां चलो ना, साथ में स्नान करेंगे फिर खाना भी खाना है।

तो रिया मेरे साथ वाशरूम घुसी, फिर हम दोनों झरने के नीचे जमीन पर बैठ गए। झरने से पानी दोनों के बदन पर गिर कर बदन को गीला कर रहा था। रिया और मै दोनों आमने सामने अपने चूतड़ को जमीन पर रखकर आराम से बैठे हुए थे, तो दीदी मेरे छाती को सहला रही थी और मै उसके मुलायम चूची को दबा रहा था।

दोनों का बदन पानी से भिंग गया तो मैंने झरने को बंद करके एक बॉडी शैंपू लिया, और फिर बैठकर रिया के गले से चूची तक शैंपू लगाने लग गया। वो मेरे छाती से कमर तक शैंपू लगाते हुए मेरे बदन की मालिश कर रही थी।

उसके चिकने बदन पर शैंपू लगाता हुआ, मैं उसके चूची को मसलने लग गया। तो वो अब मेरे जांघ से लंड को शैंपू से सराबोर करके, मेरे लंड को हाथ में लेकर धीरे धीरे हिलाने लग गई। लंड २ १/२ घंटे से आराम कर रहा था।

तो उसमें जान आने लग गयी और मैने अब दीदी की बुर पर शैंपू लगाकर बुर को झाग युक्त कर दिया। दोनों के बदन का अगला हिस्सा झाग से ढका हुआ था, और वो मेरे लंड को पकड़ हिलाते हुए मस्त हो रही थी।

तो मै दीदी की चूत में एक उंगली करके बुर को कुरेदने लग गया, शैंपू बुर के अंदर पेल रहा था ताकि बुर को अंदर से साफ कर सकूं। अब दीदी मुझे मुड़ने को बोली तो मै पीछे की ओर घूम गया, और रिया मेरे पीठ से लेकर चूतड़ तक शैम्पूक से मालिश करने लग गई।

कुछ देर बाद मैने रिया को खड़ा होने बोला और अब वो खड़ी हो गयी, तो मै उसके पीछे खड़ा होकर उसके बदन की मालिश सहित शैंपू से सफाई करने लग गया। दोनों अब आमने सामने नग्न अवस्था में खड़े थे।

फिर मैंने झरने को खोला और अब दो जिस्म एक दूसरे से लिपटकर स्नान करने लग गये, मेरा लंड अब अर्ध रूप से खड़ा हो चुका था। तो मै दीदी की चूतड़ को सहला रहा था और तभी रिया मेरे ओंठो को चूमने लग गई।

तो मै रिया की चूत में उंगली पेलकर बुर को कुरेदने लग गया, और रिया मेरे ओंठ को मुंह में लेकर चूसने लग गई। दोनों के बदन पे पानी गुजर रहा था, तो अब दो बदनो मे आग और ऊपर से पानी आ रहा था।

ऐसे दोनों का स्नान हो रहा था, मैं तो दीदी कि बुर को उंगली से चोदता हुआ मस्त था। मेरा लंड अब असली रूप में आने लग गया, कुछ देर के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हुए। अब दोनों का बदन साफ हो चुका था, और फिर दोनों एक दूसरे के गीले बदन को तौलिए से साफ करने लगे।

अब दोनों नग्न अवस्था में ही कमरा में आए और फिर रिया किचेन से खाना लेकर आई। तो वहीं हम दोनों खा लिया और हाथ मुंह धोकर नग्न ही एक साथ सो गए।

कुछ देर के बाद दोनों गहरी निंद्रा में चले गए और सुबह रिया की नींद पहले खुली। लेकिन मै अभी तक सो रहा था, मेरी आंखें तब खुली जब मुझे अपने गाल पर चुम्बन का एहसास हुआ। मानो मै सपना देख रहा था, आंखें खुली तो रिया मेरे चेहरे के करीब बैठी हुई थी।

मेरा लंड खड़ा होकर मानो दीदी को सलामी दे रहा था, तभी मै पास पड़े चादर से लंड को ढक लिया और उठकर बोला।

मैं – एक चाय बना दो ना।

रिया शायद स्नान ध्यान करके तैयार थी, फिर वो उठकर चली गई। तो मै वाशरूम जाकर फ्रेश हुआ और फिर अपने रूम में आकर बरमूडा पहन लिया। सुबह के ०९:०० बज रहे थे तो डायनिंग हाल में बैठकर मैं दीदी के साथ चाय पीने लग गया, फिर दीदी मुस्कुराते हुए बोली।

दीदी – दिन में खाना क्या बनाऊ?

दीपक – मैं खाना बाहर से लेकर आ जाऊंगा।

रिया थोड़ा शरमाने लग गई और बोली – ओह मतलब दिन भर फुलटास आराम।

दीपक – जरूर।

और कुछ देर बाद घर में काम करने के लिए दाई आ गई, चाय पीने के बाद मै तैयार हुआ और मैंने दीदी से पूछा।

मैं – मै बाज़ार जा रहा हूं, खाने का आर्डर कर दूंगा तो खाना दोपहर में घर पहुंचा देगा और आप भी कुछ मंगवाना है तो मुझे बता दो।
रिया – हां, कोई गर्भनिरोधक गोलियां ले लेना ताकि।

दीपक – ठीक है।

मै घर के पास वाले बाज़ार गया और फिर वहां के एक रेस्तरां में जाकर खाने का ऑर्डर किया। , लेकिन दवाई दुकान पर जाकर चुप चाप खड़ा हो गया।

चूंकि वहां दो तीन लोग और थे, इसलिए गर्भनिरोधक दवाई मांगने में मुझे शर्म आ रही थी। फिर एक स्टाफ मुझसे पूछा और वो बोला – हां भैया, क्या लेना है?

दीपक धीरे से बोला – वो गर्भनिरोधक गोली “टुडे” लेनी है।

फिर उसने मुझे दवाई का एक पैकेट दिया और मै एक पॉलीथिन बैग में बियर और पॉकेट में गोली रखे घर की ओर चल पड़ा। घर में दाई काम कर रही थी तो बियर का थैला छुपाकर अंदर करना था, ताकि उसकी नजर उस पर ना पड़े।

मै घर के अंदर दाखिल हुआ और सीधे अपने रूम जाकर थैला को टेबल पर रख दिया, अब बाहर निकला तो रिया अपने रूम में लेटी हुई थी। और दाई किचन में काम कर रही थी, अब मैं उसके जाने का इंतज़ार था।

मैं दीदी को निहारता हुआ बोला – खाने का ऑर्डर कर दिया, १:३० बजे खाना पहुंच जायेगा।

रिया लेटे हुए बोली – लेकिन दीपक थकावट बहुत हो रही है।

दीपक – कोई बात नहीं, दाई को जाने दो तेरे बदन की मालिश कर दूंगा।

रिया – चुपकर साले तेरा मालिश सब समझती हूं, तू तो।

दीपक – चल फिर दूसरा उपाय भी है,

फिर मै उसके रूम से बाहर निकला तो दाई किचन से बाहर निकलते हुए मुझे बोली।

दाई – भैया, आज शाम मैं नहीं आ सकती, मुझे कुछ काम है।

फिर वो चली गई तो मैने घर का दरवाजा बंद किया, अब मेरा ध्यान रिया पर था, लेकिन मै उससे सटने वाला नहीं था। वो क्या करेगी मैं वो हि जानने वाला था।

तकरीबन आधे घंटे के बाद रिया मेरे रूम में आई, तो वो मेरे बेड पर बैठ कर बोली।



तो मै उठा और दोनों डायनिंग हाल में आकर सोफ़ा पर बैठ गये, फिर फिर मै ग्लास लेकर आया तो मैंने देखा कि, रिया आसमानी रंग के फ्रॉक में खूबसरत दिख रही है।

उसके जांघ के कुछ हिस्से नग्न थे, और वो पैर पर पैर चढ़ाकर बैठी हुई थी। मै भी उसके पास में बैठा रिया मेरी ओर खिंसक रही थी, तो मै उसके काफी करीब आ गया था।

अब दोनों के कंधा सटने लग गये और जांघें आपस में टकरा रही थी। रिया के फ्रॉक का डीप गला चूची के कुछ भाग को प्रदर्शित कर रहा था। एक दूसरे की जांघों को सहलाने लग गये, और रिया मेरे बरमूडा के किनारे में से अपना हाथ अंदर घुसाने लग गयी। वो मेरे लंड को पकड़ कर बरमूडा के कोने से बाहर निकालने लग गयी, और धीरे धीरे उसे सहलाते हुए मस्त होने लग गयी।

तो मेरा हाथ रिया की फ्रॉक में घुस चुका था, और अब पेंटी पर घूमने लग गया। दोनों बियर का आनंद लेते हुए एक दूसरे से मजे ले रहे थे। अब दोनों र एक दूसरे की आंखों में झांकने लग गये।

तो मै रिया की बुर को पेंटी पर से ही कुरेद रहा था और वो मेरे बरमूडा को उतारने लग गयी। मैने अपनी बनियान उतार दी, तो रिया मेरे सामने खड़ी होकर अपने एक पैर को सोफ़ा पर रख कर खड़ी हो गयी.

मै उसके फ्रॉक को कमर तक करके उसकी जांघों के बीच अपना चेहरा करने लग गया, और पेंटी पर अपना नाक रगड़ने लग गया। अब वो सिसकने लग गई और वो पेंटी खुद ही खोलकर बुर को नग्न करने लग गयी।

मै उसके छेद पर नाक रगड़ने लग गया और वो मेरे बाल को कसकर पकड़ रही थी। अब रिया की बुर को मैं चूमने लग गया, तो उसने अपनी फ्रॉक बदन से निकाल दिया। और मै उसकी बुर को उंगली की मदद से फैला कर जीभ से बुर चाटने लग गया।

रिया का जिस्म ब्रा के सिवाय पूरा नंगा था, और मै उसकी बुर को चाटता हुआ उसके चूतड़ को सहला रहा था। रिया की बुर के अंदर जीभ घूसाकर मैं उसकी बुर का स्वाद ले रहा था, तो मेरा लंड अब खंबे की तरह खड़ा हो गया था।

उसकी बुर की गहराई तक मैं अपनी जीभ को पेल पेल कर मस्त हो रहा था, तो रिया बोली।

रिया – हाई मै मर गई कुत्ते बुर को कितनी देर तक जीभ से चोदेगा।

तो मै थोड़ा रुका और दीदी की बुर को मुंह में भरकर चुभलाने लग गया, अब उसकी दोनो टांगे कांप रही थी, कुछ देर के बाद रिया मेरे बाल को पकड़े मेरे चेहरे को पीछे की ओर धकेलने लग गयी।

फिर मै वाशरूम भागा, मूतने के बाद लंड धोकर वापस आया तो रिया सोफ़ा पर बैठी हुई थी। अब मै उसके बगल में बैठकर उसकी चूची को दबाने लग गया, तो रिया मेरे ओंठ और गाल को चूमकर कर बोली।

रिया – आज देर रात तक हम दोनों सिर्फ एक दूसरे के साथ मुखमैथुन का आनंद लेंगे।

फिर मै दीदी की चूची पर मुंह लगा कर स्तनपान करता हुआ दूसरा स्तन मसलने लग गया, और रिया मेरे लंड को हिलाने लग गई। हम दो जिस्म एक दूसरे के पूरक हो चुके थे, और मै चूची चूसता हुआ उसकी पीठ को सहला रहा था।

रिया – उह आह हाई बे मादरचोद चूस साले अपनी बहन की चूची चूस, साले तुम्हे दूध भी पिलाऊंगी ओह बुर में कितनी खुजली है।

ये सुनता ही मै दूसरी चूची मुंह में लेकर चूसने लग गया, और रिया की बुर में उंगली पेलकर बुर कुरेदने लग गया। रिया की बुर बहुत गरम थी और मुझे अब उसके पानी का इंतजार था, तभी मै जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करता हुआ चूची चूसने लग गया।

रिया – उह आह अब नहीं दीपक मेरी बुर का रस फेंकने वाली है, अब अपना मुंह लगा मेरी बुर पर।







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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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