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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
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और फिर हम दोनों उस रात अपने – अपने कमरे में सो गए। अगली सुबह दीदी रिया अपने कालेज के लिए निकली, तो मै दीदी को कालेज छोड़ने के लिए गया। हम दोनों बाईक पर सवार होकर उसके कालेज के गेट पर पहुंचे, और रिया बोली।

रिया – आज का क्लास बोरिंग है तो एक घंटे बाद मुझे यहां पर लेने आ जाना।



मुझे रिया के कालेज के गेट पर १० मिनट में पहुंचना था, फ़िर मैं वहां से निकल पड़ा और दीदी के कालेज के पास पहुंच कर दीदी का इंतजार करने लगा। रिया कुछ देर के बाद कालेज से निकली और मेरे साथ बाईक पर बैठ गई।

वो मेरे कमर पर हाथ और साथ में एक हाथ कंधे पर रख कर बैठी हुई थी, उसका एक बूब्स मेरे पीठ से चिपका हुआ था। मै बाईक तेज रफ्तार से चला रहा था, कुछ देर बाद रिया मुझसे बोली।

रिया – दीपक आज गंगा के किनारे बैठते हैं प्लीज।

मैं – लेकिन वहां जाकर क्या करेंगे हम ?
रिया – चलो तो पहले।

फिर मै बाईक को तेज रफ्तार से चलाने लग गया, और करीब आधे घंटे के बाद गंगा घाट पहुंचे गये। तो दीदी रिया ने मुझे गंगा के किनारे एक लॉज के पास रुकने को बोला, और वो बाईक से उतरकर सीधा लॉज में चली गई। कुछ देर बाद वापस आई और मुस्कुराते हुए बोली।

रिया – एक कमरा शाम तक के लिए है।

मैं – लेकिन क्या ये जगह सही होगी, अगर हम पकड़े गए तो ?

रिया – अरे डरपोक, तू अंदर चल तो मैं सब बताती हूं तुझे।

दीदी रिया के इस काम से मैं बहुत अचंभित था, फिर मैं लॉज के अंदर घुसा तो रिसेप्शन पर एक लड़का बैठा हुआ था। और वो मुस्कुराते हुए एक चाभी देते हुए बोला।

लड़का – ऊपर की मंजिल पर २०९ नंबर का कमरा है।

फिर रिया दीदी ने उसे ५०० रू का नोट दे दिया। फिर हम दोनों ऊपर की मंजिल पर जाने लगे , और दीदी रिया अब कमरे का ताला खोला और हम दोनों अंदर चले गए। मेरी ओर देखते हुए रिया बोली।

रिया – पानी की बोतल मंगवा लेते है और खाने का ऑर्डर दे देते है, ठीक है ना ?

मैं – ठीक है दीदी।

और फिर होटल के सर्भिस स्टाफ को फोन करके सब कुछ का ऑर्डर रिया ने कर दिया, वो मेरे बगल में बैठी पर अंदर से दरवाजा खुला हुआ था।

मै बोला – कमरा तो बढ़िया है दीदी।

रिया – अबे साले चोदु अभी तो बीबी बोल ले मुझे।

मैं – अभी तो तुम मेरी दीदी ही हो, बीबी बनोगी तब तो कहूँगा बीवी।

इतने में एक लड़का आकर पानी का बोतल दे कर वापिस चला गया। रिया ने उठकर दरवाजा को बंद किया और मेरी बगल में बैठकर मुझे घूरने लग गयी।

रिया अब बेड के किनारे पर बैठकर अपने टॉप्स को निकाल देती है, उसके बूब्स ब्रा में काफी खूबसूरत दिख रहे थे। फिर रिया अपने लेगिंग्स को कमर से नीचे करने लगी और उसने मुझे भी कपडे उतारने को बोला। मै अपने शर्ट और जींस को उतारकर एक खूंटी में टांग दी, और सिर्फ कच्छा और बनियान में बैठे गया।

दीदी सिर्फ पेंटी और ब्रा पहन कर बैठी थी, उसकी मदमस्त जवानी को देख मैं तड़प उठा। तभी २३ साल की मस्त माल बेड पर लेट गई और मै भी उसके बगल में बैठ गया, उसके बदन को निहारता हुआ। मैं अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया। रिया के गोल गोल बूब्स उसके सीने कि खूबसूरती बढ़ा रहे थे।

तो मै अब रिया के जिस्म पर झुक कर उसके चेहरे को चूमने लग गया। उसके बूब्स को दबाता हुआ मैं उसके होंठो को मुंह में लेकर चूसने लग गया। और रिया अब मेरे बदन पर हाथ फेरने लग गयी। अब रिया अपना आपा खो चुकी थी और वो अपने लंबी जीभ को मेरे मुंह में भरकर चुसवा रही थी।

उसके बूब्स को ब्रा पर से मसलते हुए, मैं उसकी जीभ को चूस रहा था। और पल भर बाद रिया मेरे चेहरे को पीछे की ओर कर दिया। मेरे मुंह से जीभ बाहर निकाल कर रिया ने अपना हाथ अपने पीछे की ओर ले जाकर अपनी ब्रा को भी खोल दी। तो मै उसके एक चूची को पकड़कर उसके घूंडी को जीभ से चाटने लगा और मैं बोला।

मैं – अरे जानेमन मेरे रहते हुए, तू कपडे खुद क्यों उतार रही है ?

रिया – चल अब दूध पी और अपनी बकवास बंद कर।

और मै रिया के एक चूची को मुंह में लेकर उसे चूसता हुआ दूसरे स्तन को दबाने लग गया। वो मुझे अपने छाती से लगाकर दूध पीला रही थी, और मेरा लंड कच्छा में टाईट हो रहा था। रिया की सिस्कान निकलते हुए बोली।

रिया – आह ओह ऊं और तेज चूसो ना मेरी चूची को।

मेरा लंड तो अब पूरी तरह से टाईट हो गया था, लेकिन मुझे अभी रिया को पहले गरम करना था। उसकी दूसरी चूची चूसता हुआ मैं मस्त हो रहा था, फिर मै दीदी के सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमने लग गया।

रिया अपने दोनो पैर को बिस्तर पर रगड़ रही थी ,तभी मै दीदी की चुतर के नीचे एक तकिया डाला। और उसके जांघों को दो दिशा मे करके, मैं उसकी पेंटी पर नाक लगाकर बुर को सूंघने लगा। रिया के पेंटी की डोरी को खोला और उसकी चूत को नग्न कर दिया।

रिया की चूत चिकनी और बिन बार की थी और दोनों फांक ब्रेड पकोड़े की तरह फूली हुई थी। अब मै बुर के मुहाने पर नाक लगाकर बुर सूंघने लग गया, और फिर बुर पर होंठ सटाकर चूमने लग गया।

मैं रिया की बदन के हरेक अंग के साथ वक़्त बिताना चाहता था, अब बुर को चूमता हुआ दीदी कि बुर के फांक को अलग किया। और जीभ से बुर चाटने लग गया, दीदी मेरे बाल को कस रही थी।

वो मेरे सर को अपने चूत की ओर धंसा रही थी, और मै उसकी चूत को जीभ से चाटने मे लगा हुआ था। दीदी सिसकते हुए बोली।

रिया – अबे साले कुत्ते सिर्फ बुर चाटता रहेगा या चोदेगा भी।

तो मैंने रिया की बुर को छोड़कर सर ऊपर किया। रिया बेड पर नंगे लेटि हुई थी, तो मै अब रिया के चेहरे के पास बैठा और अपना कच्छा खोल दिया। मेरा लंड पूरी तरह से टाईट हो गया था।

तो मै दीदी के होंठो पर अपने लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगा और टाईट लंड धीरे धीरे उसके मुंह में जाने लग गया था। रिया अपने मुंह को खोलकर मेरा लंड ले कर चूसने लग गयी, तो मै उसके दोनों बूब्स को मसलने लग गया।

अब रिया की आंखें बंद थी और मै उसके सर के पीछे हाथ लगाकर थोड़ा ऊपर किया और लंड से उसका मुंह को चोदने लग गया। मेरे लंड का सुपाड़ा उसके गले मे अटक रहा था और मै रिया के मुंह को अपने लंड से चोदता जा रहा था। कुछ देर के बाद रिया मेरा लंड मुंह से निकालकर उस पर जीभ फेरने लग गयी और अब हम दोनों गरम हो चुके थे।

अब रिया वाशरूम जाकर फ्रेश हुई और मै भी फ्रेश हो गया। फिर हम दोनों बेड पर नंगे ही थे, रिया बोली।

मैं कमर से एक तौलिया लपेट रखा था, तो दीदी वाशरूम घुस गई थी, अब वो स्टाफ वाला चला गया। तो मैंने दरवाजा बंद किया और वाशरूम का दरवाजा खटखटाने लग गया।



रिया – चल अब अपनी बीबी की चुदाई कर।

और वो बेड पर लेट गई तो मै उसकी जांघों के बीच घुटने के बल बैठकर, लंड को उसकी बुर में पेलने लग गया। आधा लंड आराम से दीदी की चूत में चला गया था, और मैने कमर थामे एक जोर का झटका बुर पर दे दिया। जिससे मेरा लंड अब बुर के अंदर चला गया था और मै अब जोर जोर से चुदाई करने लग गया।

रिया – अबे साले तेरा लंड तो लोहे कि सलाख की तरह गरम और कड़ा है, अपनी बीबी की बुर फाड़ेगा क्या ?
मै चोदता हुआ बोला – जरूर बे साली, तुझे चोद चोदकर अपनी रण्डी बना दूंगा आज।

और मेरा लंड उसकी बुर में तेजी से दौड़ लगा रहा था, अब मै रिया के जिस्म पर सवार होकर चुदाई करता रहा रहा था। रिया मेरे बदन को सहलाते हुए मेरे होंठो को चूमने लग गयी। कुछ देर के बाद रिया चिल्लाने लगी और बोली।

रिया – ओह आह ऊं दीपक और तेज मुझे चोदो मेऋ बुर का पानी निकलने वाला है।

और पल भर बाद रिया की बुर से रस निकलने लग गया, मै अब अपना मुंह उसकी बुर पर लगाकर रस कोजीभ से चाटने लग गया। और कुछ देर तक रिया की बुर के रस का स्वाद लेता रहा।
फिर मैंने रिया को बेड पर कुत्तिया बना दिया, जिससे मेरे सामने उसकी गांड आ गयी। दीदी की गोल गुंबदाकार गान्ड को चूमता हुआ अब उसके गान्ड के मुहाने को जीभ से चाटने लग गया। तो वो पीछे मूड कर मुझे देख रही थी, फिर मैने दीदी की चूत में लंड को घुसा दिया।

और मैं उसकी कमर थामकर जोर का झटका दिया। रिया की रसीली चूत में मेरा लंड था और अब तिब्र गति से चुदाई करता हुआ, मस्त हो रहा था। तभी रिया अपने चूतड़ को आगे पीछे करने लगी और मै उसके सीने से लटकते चूची को दबा रहा था। और साथ ही उसकी बुर को चोद रहा था।

रिया की बुर गरम हो चुकी थी, तो मेरा लंड अब पल दो पल का मेहमान था। वो अपने चूतड़ को हिलाते हुए हान्फ़ रही थी और बोल रही थी।

रिया – अब बस करो मेरे जानू बुर की गर्मी को अपना रस झाड़ कर शांत कर दो।

और कुछ देर बाद उसकी बुर में रस गिरा कर मैं शांत पड़ गया। हम दोनों थक कर बेड पर ही लेते रहे।


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Pahli bar bahan k sath picnic - by neerathemall - 14-02-2019, 03:18 AM
RE: Soni Didi Ke Sath Suhagraat - by neerathemall - 26-04-2019, 12:23 AM
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Meri Didi Ki Garam Jawani - by neerathemall - 29-01-2020, 11:22 AM
RE: पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ - by neerathemall - 29-01-2020, 11:42 AM



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