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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
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दाई के बाद आराम से अपने कमरे में सो गए, और अगले दिन दीदी कालेज चली गई तो मै भी अपने दोस्तो से मिलने चला गया। लेकिन मेरा ध्यान उनके नग्न जिस्म पर ही होता है। तो मै अपने दोस्तो से मिलने के बाद मैं घर के लिए निकला।















दीदी घर पर नहीं थी, मुझे नींद आ गई और थकावट के कारण मै २-३ घंटे तक सोता रहा। शाम के ५:३० बजे नींद खुली और मै अपने कमरे से बाहर आया तो देखा कि रिया और मम्मी चाय पी रही है। तभी मै भी वहीं बैठा और कुछ देर के बाद मम्मी ने मुझे चाय बनाकर दी, और मै रिया के साथ बैठा चाय पी रहा था।

रिया – क्या हाल है दीपक, क्या बात दिन में सौ रहे थे?

मैं – हां थोड़ी थकावट हो रही थी इसलिए।

रिया मुस्कुराते हुए बोली – हां रात को कुछ ज्यादा ही मेहनत कि थी ना, तब तो मेरी लहर रही थी।

मैं – क्या लहर रही थी रिया ?

रिया – अबे चूपकर तुमको सब मालूम है।

और फिर मै अपने घर के छत पर जाकर टहलने लग गया, कुछ देर तक वहीं पर घूमता रहा और फिर नीचे आया तो रिया अपने कमरे में थी। उस रात तो कहीं कुछ नहीं हुआ और अग्ला दिन भी सामान्य दिन की तरह ही बीत गया।

शाम को मैं घर से बाहर जाने लगा, तो मम्मी कुछ सामान लाने को बोली

आखिर में यही सोचा कि अगर रिया मुझे सेक्स के लिए उकसएगी तभी आगे कुछ किया जाएगा। मैं घर सामान लेकर लौटा और फिर अपने कमरे में कपड़ा बदलकर फ्रेश हुआ और डायनिंग हाल में आ गया। रिया अपने रूम में ही थी तो मै वहीं बैठकर मम्मी को आवाज दी और बोली।

रिया – मम्मी एक काफी बनाना प्लीज मेरे लिए।

और फिर कुछ देर बाद रिया भी मेरे पास बैठी हुई थी, वो काले रंग के बिन बाहों वाले एक फ्रॉक पहने हुई थी। जोकि उसके घुटने तक उसे ढक रही थी, लेकिन बैठते ही फ्रॉक उसके जांघों पर आ गई और हम दोनों काफी पीने लग गए।

लेकिन मेरी नजर उसकी जांघों पर जा रही थी तो रिया मुस्कुराई और बोली।

रिया – मौका अच्छा है, मम्मी किचन में है। तुम हाथ लगा सकते हो।

तो मै रिया के जांघ पर अपने हाथ को फेरने लग गया और मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी फ्रॉक के अंदर कमर की ओर जाने लगा, उसके मोटे चिकने जांघों को सहलाता हुआ मेरा हाथ उसके पैंटी तक पहुंच गया। और मै अपनी हथेली को पेंटी पर रगड़ने लग गया ,बुर का एहसास तो मिल रहा था और रिया के चेहरे पर सुखद एहसास भी साफ नजर आ रहा था।

मेरा लंड बरमूडा के भीतर टाईट होने लगा तो रिया मुझे धीरे से बोली – चल छत पर घूमते है।

मैं – मम्मी को बोल दो नहीं तो वो तुझे ढूंढेगी।

और फिर मै छत पर पहुंचा, वहां एक लकड़ी की चोंकी पड़ी हुई थी। तो मै छत पर टहलता हुआ रिया दीदी का इंतजार करने लगा। कुछ देर के बाद रिया वहां आई और मेरे बगल में बैठकर मेरे बरमूडा के ऊपर से लंड को पकड़ लिया और वो बोली।

रिया – साला ये तो तुरंत खड़ा हो गया है।

और मै रिया के फ्राक को कमर की ओर करता हुआ पैंटी को उसके कमर से नीचे करने लगा। वो भी अपनी चूत को नग्न करने में मेरी मदद कर रही थी, और अब मैं उसकी नग्न बुर पर हाथ फेरने लगा। तो वो मेरे बरमूडा के किनारे से अपना हाथ अंदर डाला और मेरे लंड को बाहर निकल कर हिलाने लगी।

तभी मेरे अंदर का जानवर जाग उठा और मै दीदी के पैर के पास बैठकर उसके चुतर को चौंकी के किनारे पर किया। उसके दोनों पैर दो दिशा में थे, तो मेरे सामने उसकी नग्न बुर चमक रही थी।

सड़क के किनारे लगे भेेपर लाईट से थोड़ी रोशनी छत पर आ रही थी। अब मैं रिया के बुर पर चुम्बन देने लगा, तो वो सिसकने लगी और बोली।

रिया – ओह ऊं आह दीपक ये ले मेरी बुर में जीभ घुसाके मेरी बुर को अच्छे से चाट।

और फिर मैंने रिया बुर को फैला दिया और मै अपनी जीभ से उसकी बुर को चाटने लग गया। उससे प्राकृतिक गंध आ रही थी, और मैं दीदी कि चूत के अंदर जीभ पेलता हुआ मै बुर चाट रहा था।

मेरा लंड टाईट हो चुका था और रिया मेरे बाल को कसकर पकड़े मेरा चेहरा अपने बुर की ओर धंसा रही थी। मै कुछ देर तक बुर को कुत्ते की तरह लपालप चाटता रहा और वो बोली।

रिया – हाई मेरी बुर में कितनी खुजली हो रही है, अब चूस ना अपनी बहन की चूत को।

और फिर मै दीदी की बुर के दोनों फांक को मुंह में भरकर चूसने लग गया। मेरे पूरे बदन में आग लगी हुई थी, तो रिया मजे में सिसकारी भर रही थी। मै भी दीदी की बुर को मुंह से बाहर किया और अब मैं चौंकी पर बैठ गया।

रिया मेरे पैर के पास बैठकर मेरे बरमूडा को नीचे की ओर खींस्का दी और मेरे नग्न लंड को थामकर चूमने लगी। मेरा ७-८ इंच लम्बा २ इंच मोटा लन्ड रिया के हाथ में था। और वो उसको चूमते हुए उसके सुपाड़ा को अपने चेहरे पर रगड़ने लगी तो मेरा लंड पूरी तरह से चोदने को आतुर हो गया।

लेकिन अभी तो दीदी मुखमैथुन करने को उग्र थी ।अब वो अपना मुंह खोलकर लंड को अन्दर ली और फिर चूसते हुए मेरे झांट पर उंगली घुमा रही थी। मेरा तो हाल खराब हो रहा था।

अब वो मेरे लंड को पकड़कर मुंह का झटका देने लगी और फिर मै बोला।

मैं – रिया तेजी से चूस बे रण्डी आह बहुत मजा आ रहा है।

और वो मेरे लंड को मुंह से बाहर करके अपने जीभ से मेरे लंड चाटने लग गयी। ,मेरा लंड पूरी तरह से गरम हो चुका था, वो लंड के हर हिस्से पर जीभ फेर फेर कर उसे चाट रही थी।

मुझे ऐसा लग रहा था मानो वो लॉलपोप को चाट रही है। तभी रिया मेरे लंड को मुंह में भर ली और सर का तेज झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी। मै अपना हाथ उसके सीने पर लगाकर उसके बूब्स को दबाने लग गया। और वो रण्डी लंड चूसने में मगन थी।

कुछ देर के बाद वो मेरा लंड छोड़कर उठी और बेशरम लड़की की तरह अपने फ्रॉक को कमर तक ऊपर कर के अपनी टांग फैला दी। उसका एक पैर चौंकी पर था तो दूसरा जमीन पर और मै बुर पर मुंह लगाकर चूमने लगा

तभी रिया बुर को फालका दी तो मै जीभ से बुर चाटने लग गया और बुर में रस जमा हुआ था। उसका स्वाद लेते ही मैं मस्त हो गया था और फिर दीदी बोली।

दीदी – अब छोड़ो मेरी बुर को।

मैं – चोदने का मन कर रहा है

दीदी – अभी संभव नहीं है।

और फिर हम दोनों चौंकी पर बैठकर एक दूसरे को निहारने लग गए, ,मेरे लंड को थामकर हिलाते हुए अब मेरे चेहरे को चूमने लगी। तो मै रिया के रसीले ओंठो को चूसता हुआ बूब्स दबा रहा था। और रिया मेरे लंड को तेजी से हिला कर ऊपर नीचे कर रही थी।

तभी रिया अपना जीभ मेरे मुंह में घुसा दी तो मै दीदी के जीभ को चूसता हुआ, अपने लंड पर उसके हाथ का एहसास पा रहा था। कुछ देर तक जीभ को चूसता रहा और दीदी मेरा लंड हिलाती रही।

फिर वो मेरे मुंह से अपना जीभ निकाल कर मुस्कुराने लगी, लेकिन लंड थामे हस्तमैथुन करते रही थी।

मै रिया के चूची को दबाता हुआ बोला – रिया चूस ना मेरे लंड को ,वीर्य का स्वाद नहीं लोगी क्या ?

रिया – बिल्कुल भी नहीं।

मैं – ओह बुर चटवाने में बहुत मजा आता है, रस तो तेरी बुर का चाट लिया मैंने और तुम।

रिया – ठीक है साले अब मेरी मूह को ही चोद।

अब रिया मेरे पैर के पास बैठी थी, वो मेरे लंड को चूमते हुए झांट में उंगली घुमा रही थी। तो मै दीदी की चूची को मसलने में मशगूल था। अब रिया अपने लंबी जीभ को मुंह से बाहर की और उस पर मेरे लंड का सुपाड़ा रगड़ने लगी। मुझे काफी मजा आने लगा और रिया अपने जीभ पर कुछ देर तक मेरे लंड को रगड़ने के बाद, लंड को मुंह में ले लिया।

और फिर सर का तेज झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, मेरे लंड को किसी खेली खाई लड़की की तरह चूस रही थी और मेरा हाथ उसके मुलायम चूची को मसलकर मस्त था। अब मेरा लंड आखिरी पड़ाव पर था और वो रण्डी तेजी से मुखमैथुन कर रही थी।

अब मेरा लन्ड माल फेंकने पर था, तभी मै सिसकने लगा और मैं बोला।

मैं – अबे साली रण्डी और तेज लंड चूस, मेरा माल निकलने वाला है।

तभी रिया के सर पर हाथ रखकर पूरा लंड उसके मुंह में पेल दिया और सुपाड़ा उसके गले में जाकर अटक गई और मेरा लंड वीर्यपात करा दिया तो रिया वीर्य पान करके मस्त हो गई। अब मेरा लंड सुस्त पड़ गया और दोनों अपने कपड़े को ठीक करने लगे। दीदी मेरे गाल को चूम ली और बोली।

दीदी – कल रात तुझसे चूदना भी है।

और दोनों छत से अपने रूम में आ गए।














...........................4
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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