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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
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दीदी रिया २३ साल की मदमस्त जवानी है, जिसके संतरे समान स्तन देख मुंह मै पानी आ जाए। तो उसके गोल गुंबदाकार गान्ड देख लंड फन फना उठे, वो काम की मूरत है।

लेकिन उसके कपड़े हमेशा उसके पूरे तन को ढक्ती है। अगले सुबह रिया मुझे देख मुस्कुरा रही थी, तो मै शर्म से नजरें चुरा रहा था। रविवार होने की वजह से हम दोनों घर पर ही थे, और फिर नाश्ता करने के बाद रिया मेरे कमरे में आई और मुझे बोली।

रिया – क्या हो रहा है राहुल ?

राहुल – मैं मोबाइल में न्यूज पढ़ रहा हूं, क्यों कुछ काम है क्या ?

रिया – काम ही तो है राहुल, काम कला करने की इच्छा हो रही है।

राहुल – धीरे बोलो कहीं मम्मी सुन ली ना।

रिया- अरे पागल मम्मी और पापा अपने-अपने काम में व्यस्त है। ये कहते हुए रिया मेरे बिस्तर पर बैठ गई, और मेरे हाथ से मोबाइल लेकर पास के टेबल पर रख दिया।

मै दीदी के हरकत से अचंभित था, कि आखिर मम्मी पापा के घर में होते हुए वो क्यों मुझे छेड़ रही है।

तभी रिया मेरे बरमूडा को कमर से नीचे खिंस्का दिया और मेरे नग्न लंड को थामकर चूमने लग गयी। बिस्तर पर लेटा हुआ दीदी के होंठो का मजा अपने लंड पर ले रहा था।

तभी मै बेड पर अर्धरूप से बैठ गया और उसके टॉप्स को गले की ओर करके उसके नग्न बूब्स को दबाने लग गया। रिया मुझसे नजर मिलाते हुए लंड को अपने मुंह में ले रही थी, और उसको चूसने में मस्त थी।

मै भी उसके स्तन को मसलता हुआ मजे ले रहा था, अब वो लंड को मुंह का झटका देने लग गयी। तो मै उसके सर पर हाथ रखे अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करते हुए लंड से रिया के मुंह को चोदने लग गया। जबकि दूसरे हाथ से मैं उसके चूची को मसल रहा था।

कुछ देर बाद रिया लंड को बाहर निकाली और जीभ उस पर फेरते हुए लंड चाटने लग गयी। मेरा मूसल लंड टाईट हो चुका था और रिया अब सीधे बिस्तर पर बैठकर अपने टॉप्स को उतार देती है, तो उसके नग्न बूब्स को मै दबाने लगा।

रिया – अबे बुद्ध चूची चूस ना, इसे मसल क्यो रहा है।,साला बिल्कुल गवार कहीं का।

और रिया बेशर्म लड़की की तरह बेड पर लेट गई, और मै उसके बदन पर ओंध्कर चूची को मुंह में लेने लग गया। और चूची चूसते हुए दूसरे स्तन को मसलने लगा, तो वो मेरे बाल पर हाथ फेरते हुए बोली।

रिया – आह ओह अब दूसरी चूची चूस ना।

मै चूची निकाल कर बोला – रिया मम्मी पापा देख लिए तो?

रिया – वो दोनो दो तीन घंटे के लिए बाज़ार गए है।

और मै ऐसा सुनकर दूसरे स्तन को मुंह में भर कर चूसने लग गया। लेकिन मेरा हाथ दीदी के स्कर्ट पर था, जिसको मै नीचे की ओर खींस्का रहा था। अब दीदी खुद ही अपने स्कर्ट को पैर से बाहर कर दिया।

और मै दूध कुछ देर तक उनकी चुची पीने के बाद मैं दीदी के सपाट पेट और कमर तक उन्हें चूमने लग गया। लेकिन मेरा हाथ उनकी पेंटी को खोलने में लगा हुआ था और पल भर बाद रिया मेरे साथ नंगी लेटी हुई थी।

रिया के कमर को थामे जांघो को चूमने लग गया, तो वो बेड पर तड़प रही थी। और मैं उसके मोटे चिकने जांघों को चूमता हुआ पैर की ओर जा रहा था। दीदी के दोनों जांघ को चूमकर अब एक तकिया उनकी गद्देदार गान्ड के नीचे डाला।

रिया अपने पैर को अलग करके बुर का दीदार मुझे करा रही थी। उनकी चूत पर हल्के रोंए थे, लालिमा लिए चूत के दरार स्पष्ट थी। और बुर की फांक ब्रेड पकोड़े के तरह फूली हुई थी।

अब मैंने उसकी बुर पर अपना मुंह लगा दिया, और बुर चूमता हुआ मैं उसकी बुर को सूंघ रहा था। दीदी तभी उंगली की मदद से बुर की फांक को अलग करने लग गयी, और मैं उनकी बुर जीभ से चाटने लग गया। वो मेरे बाल पर हाथ फेरते हुए बोली।

रिया – अबे साले कुत्ते बुर को चाट ना आज तेरी मुंह में ही मैं मुतूंगी मेरे कुत्ते।

अब मेरी जीभ कुत्ते की भांति बुर को लपालप चाट रही थी, अब मेरा लंड भी फनफानाने लग गया। तो मैं दीदी की बुर की दोनों फांक को मुंह में लेकर चूसने लग गया। रिया दोनों पैर को बिस्तर पर रगड़ने लग गयी, और पल भर बाद चिल्लाई।

रिया – अरे मादरचोद तेरे मुंह में रस आएगा तो बुर छोड़ दियो, नहीं तो मैं तेरे मुंह में ही पेशाब कर दूंगी।

खैर मेरे मुंह को बुर के रस का स्वाद मिला और मै भी रिया के साथ वाशरूम में चल गया, वो टांग छीहारे मूतने लग गयी। तो मै भी पेशाब करने लग गया। फिर हम दोनों बेड पर आ गये।

मेरा लंड अभी भी टाईट थाज़ तो रिया टांग फालकाकर बेड पर लेट गई और मेरे हाथ में एक दवाई दे दी। जिसे लेते हुए मैं बोला।

मैं – अब इसका क्या करना है?

रिया – मेरी बुर में घुसा दो फिर चोदना ताकि तेरे लंड का रस कहीं मुझे गर्भवती ना कर दे समझा।

मै दीदी के बुर को उंगली की मदद से खोला और वो गोली अंदर घुसाने लग गया। बुर के भीतरी द्वार तक दवाई घुसा कर मैंने दीदी की चुतर के नीचे तकिया डाल दिया।

अब दीदी के दोनों जांघ के बीच घुटने के बल बैठ कर लंड का सुपाड़ा बुर में घुसाने लग गया। मैं जीवन में पहली बार चुदाई करने जा रहा था, और वो भी अपनी सगी बड़ी बहन की।

अब रिया के बुर ने मेरा १/२ लंड घुस चुका था, और आगे का रास्ता तंग था। तभी मैंने रिया के कमर को थामा और जोर का झटका बुर पर दे दिया, मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में चला गया, मानो किसी गद्देदार मांसाल चूत में मेरा लंड फंस गया हो। और ,तभी रिया चिल्ला उठी और मुझ पर चिलाती हई बोली।

रिया – उई मां मेरी बुर फ़ाड़ देगा क्या कमीने।

लेकिन मैं तो रिया को चोदने में लगा हुआ था, मैं उसके दर्द से अनजान बनकर उसको तेज गति से चोदे जा रहा था। उसको चोदते हुए मैं उसके स्तन को मसल रहा था।

मेरा लंड बुर में तेजी से आ जा रहा था और दीदी के चेहरे पर पसीने की बूंद थी, तो वो आंखे बंद करके वो चुदाई का आनंद ले रही थी। तभी मैं दीदी के जिस्म पर सवार होकर उन्हें तेजी से चोदने लग गया।

तो दीदी मुझे कसकर जकड़ रखी थी, उसके बूब्स मेरे छाती से रगड़ रहे थे। और रिया मेरे होंठ को चूमते हुए अपने चूतड़ को ऊपर नीचे करने लगी। मुझे तो दीदी की बुर चुदाई में काफी मजा आ रहा था। और वो अपने नितम्ब को ऊपर नीचे करते हुए बोली।

रिया – राहुल और तेज चोदो ना मुझे अपनी रण्डी बनाकर चोदते रहो आह।

मैं अपनी दीदी के बदन पर लेटकर गपागप लंड अंदर बाहर कर रहा था, और हम दोनों काम वासना की दुनिया में खो चुके थे। अब भाई बहन का रिश्ता लंड और बुर के मिलन में बदल चुका था, और दीदी बेशर्म लड़की की तरह मुझसे चुद रही थी।

कुछ देर बाद उसकी बुर गरम हो गई और फिर दोनों एक ब्रेक में आराम करने लगे।

रिया फ्रिज से बटर का एक टिकिया लेकर आई और बेड पर कुतिया बन गई। मैं उसकी गान्ड के सामने बैठकर मख्खन को बुर पर रगड़ रहा था, फिर बुर को उंगली से फ़लकाकर बटर को बुर में घुसा दिया।

और फिर से लंड को बुर में पेलने लग गया। अब मैं दीदी की बुर में लंड पेलकर तेज चुदाई कर रहा था, तो रिया भी अपनी गान्ड को हिलाने लग गयी। मेरा लंड आज देर तक बुर में टिका हुआ था।

तभी दीदी के चिकने बुर में लंड तेज गति से दौड़ लगा रहा था , जिससे वो सिसकने लगी और बाली।

रिया – ओह ऊं आह और तेज चोद अबे कुत्ते बहन को चोद कर रण्डी बना दे और जोर लगा कर चोद मुझे।

लेकिन लंड की क्या औकात, उसको तो बुर ने में झड़ना ही है जबकि लड़की जात का क्या, वो कितने भी लंड से चुद सकती है।

मै रिया की बुर को चोदता हुआ मस्त था तो दीदी चूतड़ आगे पीछे करते हुए चुदाई के मजे को बढ़ा रही थी। पिछले ७-८ मिनट से दीदी की बुर को चोदता हुआ उसके बूब्स को दबा रहा था, तो वो सिसकने लगी और बोली।

रिया – अबे चोदु बुर आग की भट्टी हो चुकी है, कब अपना माल झाड़कर बुर को ठंडा करेगा अब तू?

मैं – अबे रण्डी थोडा धैर्य रख, अभी तो बुर चुदाई का प्रारंभ की है मैने साली।

रिया गान्ड हिलाते हुए बोली – अब तो तेरे से रोजाना चूदुंगी मैं मेरे राजम

मेरा लंड बुर की आग में जल रहा था मैं बोला – तू और कितनो से चुद चुकी है ?

रिया – अबे हारामी चोदने दे दिया, तो तू क्या समझ रहा है मुझे। कितने लड़के मेरी गान्ड के पीछे घूमते है, पर आज तक किसी को हाथ तक लगाने नहीं दिया।

अब मेरा लंड लोहे की सलाख की तरह कड़ा और गरम हो चुका था, और कुछ देर बाद मैं बोला – ले बे रण्डी ,अब मेरे लंड का वीर्य अपनी बुर को पीला।

रिया – जरूर मेरे बुर से भी पानी आने वाला है।

और मेरे लंड से वीर्य बुर में गिरने लगा गया और उसकी चूत भी पणिया गई,.....................................3
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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