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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
मै, मेरे पापा,मम्मी और बड़ी दीदी दिल्ली के समीप गाजियाबाद में रहते है।

पापा एक फैक्ट्री में नौकरी करते है, तो मेरी एक मम्मी हाउसवाइफ है। मेरी दीदी रिया बी.ए की पढ़ाई पूरी करके घर में ही पूरा दिन ब्यतित करती है, और मै बी.ए द्वितीय वर्ष का छात्र हूं।

रिया देखने में सुंदर है, उसकी उम्र २३ साल के आसपास है। उसकी लंबाई ५’५ फीट है, और उसके सीने पर दो संतरे समान चूची तो उनके गोल नितम्ब काफी लुभावने। मैंने उन्हें कभी नंगा नहीं देखा है, उसकी गान्ड की दरार चलने वक़्त जब आपस में टकराती है, तो मेरे लंड को खंबे की तरह खड़ा कर देती है।

दीदी घर में गाउन ही पहनती है। लेकिन उसका मुशकिल से ही उसके पुरे पूरे घुटने ढक पाती है, एक शाम मै बाज़ार के लिए निकला तो दीदी मुझे बुलाया और और वो मुझसे बोली – दीपक मेरा कुछ सामान ला दो ?

मैं बोला – ठीक है, दीदी बोलो क्या क्या लाना है ?

रिया – लों ये कागज इसमें सब लिखा है ।

मैंने उस कागज पर लिखे सब सामान को देखने लगा, फिर उनके चेहरे को देख मुस्कुराता हुआ बाज़ार चला गय। मैं अपनी दीदी रिया के बारे में सोच रहा था, वो मुझे हेयर रिमुभर ,पैड्स और एक दवाई लाने को बोलीं थी।मैंने दीदी का सारा सामान खरीदा। शाम के ०७:४० बजे घर वापस आया, और दीदी के कमरे में जाकर उन्हें समान देते मैंने उनसे पूछा।

मैं – दीदी ये दवाई किस काम की है ?

दीदी मुस्कुराई और बोली – बाद में बताऊंगी तुझे मैं।

फिर मैं दीदी के कमरे से बाहर निकला और मम्मी के पास किचन चला गया, मैं एक प्याला कॉफी लेकर बालकनी में जाकर पीने लगा।
हम सब ने साथ में खाना खाया, तो उस टाइम मेरी नजर बार बार दीदी के स्तन पर जा रही थी। रिया दीदी भी मुझे तिरछी नजर से देख रही थी। फिर खाना खाकर मैं अपने बेडरूम गया और नाईट बल्ब जलाकर बेड पर लेटे लेटे मोबाइल में न्यूज पढ़ने लगा।

लेकिन मैं बार बार दीदी की गर्भ निरोधक दवाई के बारे में सोच रहा था। तकरीबन ११:१५ बजे मुझे नींद आ गई और मै सो गया। मेरा कमरा दीदी के कमरे से सटा हुआ था, और हम दोनों का वाशरूम एक ही था। बाथरूम का एक दरवाजा दीदी के कमरे की ओर तो दूसरा दरवाजा मेरे कमरे की ओर खुलता था।

मै गहरी नींद में सो रहा था, तभी मुझे एहसास हुआ कि कोई मेरे बरमूडा को कोई खोल रहा है । मुझे लगा कि ये कोई सपना है। तभी मेरी आंख खुली तो मेरी दीदी रिया मेरे बरमूडा को खोलकर मेरे लंड को थामे हुई थी। मैं उन्हें देखकर हड़बड़ा गया और बेड पर बैठकर एक चादर से अपने लंड को ढक लिया।

रिया मेरी बहन काले रंग के गाऊन में बला की सुंदर दिख रही थी, वो मुझसे नजर मिलाते हुए उसने मेरे लंड पर से चादर को हटा दी। और मेरी बहन मेरा लंड को पकड़ कर बोली।

दीदी – दीपक मुझे आज रात तेरे साथ मस्ती करनी है, प्लीज़ आज तुम मुझे मत रोको ।

दीदी के ये कहते ही मैंने दीदी के हाथ को अपने लंड पर से हटा कर बोला।

मैं – रिया दीदी , तुम मेरी बड़ी बहन हो,

लेकिन रिया तभी बेशर्म लड़की की तरह अपना गाउन उतारने लग गयी। और उसने अपने बदन से अपना गाउन निकाल दिया। उसके अर्ध नग्न जिस्म को देख मेरा मन तड़प उठा। तो मै भी दीदी को अपने गोद में बिठाकर चूमने लग गया। रिया ने मात्र एक पेंटी पहन रखी थी, और वो मेरे गोद में दोनों टांग दो दिशा में किए और दोनों पैर मेरे कमर से लपेटे बैठी हुई थी।

वो मेरे से लिपटे अपने चूची को मेरे छाती से रगड़ने लगी, तो हम दोनों एक दूसरे को चूमने लग गए थे। मेरा हाथ उसके पीठ को सहला रहा था, तो रिया ने भी मेरे पीठ पर अपने हाथ लगाए। दीदी अब मेरे होंठों को अपने मुंह में लेकर चूसने लग गयी।

मै अब दीदी के चिकने जिस्म को सहलाता हुआ, रिया की जीभ अपने मुंह में लिया और चूसते हुए उसके मुलायम चूची का एहसास छाती पर पा रहा था। दोनों की आंखे बंद थी तो सांसे तेज थी, कुछ देर बाद उसने मेरे मुंह से अपनी जीभ बाहर कर ली। फिर मैन दीदी को बेड पर लिटा दिया।

रिया के नग्न खूबसूरत जिस्म पर ओंधकर उसके चूची को थामा और मुंह में लेकर चूसने लग गया। तो वो मेरे बाल को सहलाने लगी ,दीदी की बूब्स टाईट और छोटी थी। मै उनका स्तन चूसता हुआ दूसरा स्तन दबाने लग गया, वो अपने दोनो जांघ कों आपस में रगड़ते हुए सिसक करते हुए बोली।

दीदी – ओह आह दीपक और तेजी से मेरी चूची चूसो ना आह मेरी बुर दीपक।

और फिर मैंने उनके दोनों स्तन को चूस चूसकर लाल कर दिये। अब मै रिया के नग्न सपाट पेट को चूमता हुआ बूब्स दबाने लग गया, और कमर के पास आकर चुम्बन देता हुआ अपना हाथ उनकी पेंटी के ऊपर लगाया, बुर के उभार को सहला रहा था तो मेरा लंड अब फन फनाने लग गया।

रिया की मोटी खूबसूरत जांघ को सहलाता हुआ पेंटी के हुक को खोल दिया और उनकी चूत को नग्न करके देखने लग गया। रिया अपने जांघों को सटाकर बुर को छुपा रही थी, तो मै अब उनके जांघ को चूमता हुआ उनके जांघों को अलग करने लग गया।

पल भर बाद रिया की जांघें अलग थी और मै रसीली चमकती चूत की देख रहा था। दोनों मांसल फांक आपस में सटे हुए थे तो बार का नामोनिशान नहीं था।

मैं – इतनी खूबसूरत आपकी बुर है दीदी, जरा चूम तो लू ?

और फिर मैंने दीदी के गान्ड के नीचे तकिया लगा कर मैंने अपना चेहरा उसकी बुर पर लगा लिया और फिर मैं दीदी की चूत को चूमने लग गया।
फिर मैं रिया की बुर के फांक को चूमता हुआ उसपर नाक लगाया तो बुर की प्राकृतिक खुस्बु मुझेआ रही थी।

तभी दीदी बुर पर उंगली लगाकर बुर को फलका दी और मै अपना जीभ उनके बुर में पेलकर बुर कुरेदने लगा। उनके कमर को कसकर थामे बुर को लपालप कुत्ते की भांति चाटने लग गया।

दीदी – आह ओह दीपक पूरा जीभ बुर में पेलकर चाटो ना प्लीज।

जीवन में पहली बार एक नग्न जिस्म को प्यार कर रहा था, उसकी बुर थोड़ी ढीली थी तो मै कुछ देर बाद फांक को मुंह में लेकर चूसने लग गया। और अब मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था ,कुछ देर बुर को चूसा तो वो मुझसे अलग होकर बाथरूम गई।

रिया जैसे ही वाशरूम से वापिस आयी तो वो।मेरे पास आकर मेरे साथ बेड पर लेट गयी, और मेरे ऊपर सवार होकर गाल और ओंठ को चूमने लगी। मै उनके नग्न पीठ को सहलाने लगा तो वो मेरे छाती को चुम्बन दे रही थी। और अब मेरा हाल बेहाल हो रहा था, इसलिये मैं दीदी से बोला।

मैं – ओह आह रिया मेरे लंड में खुजली हो रही है ,

दीदी अपना सर ऊपर करके बोली – सब खुजली ख़तम कर दूंगी चुपचाप लेटा जा बस तू।

और वो मेरे सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमी और फिर दीदी ने एक तकिया मेरे गान्ड के नीचे लगा दिया। अब वो मेरे लंड को हाथ में पकड़कर हिलाते हुए मेरे गान्ड के मुहाने को जीभ से चाटने लगी। मेंरा हाल खराब था।

अबे साले अभी तो अपनी बीबी बोल मुझे तू , दिन में दीदी रात को बीबी।

फिर दीदी वो मेरे जांघ को चूमने लगी, मेरा लंड तो लोहे की रोड की तरह हो चुका था। वो अब लंड के चमड़े को नीचे करके चूमने लगी, दीदी की हरकत से साफ था कि वो चुदाई का मजा ले चुकी है। वो लंड के सुपाड़ा को अपने गाल पर रगड़ने लग गयी, और फिर अपने रसीले ओंठो पर रगड़ते हुए अपने मुंह में मेरा आधा से अधिक लंड ले लिया।

और मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, मेरा लंड अब झड़ने के करीब था और दीदी पूरे गति से मुखमैथुन कर रही थी तो मेरे मुंह से सिसकियां निकल रही थी।

मैं – आह ओह रिया मेरा लन्ड मुंह से निकालो ना वरना मुंह में ही वीर्य झाड़ दूंगा।

लेकिन रिया मेरे लंड को चूसती रही और मेरा लंड उसकी मुंह में वीर्यपात करा दिया ।

दीदी – आज पहली बार लड़की के साथ मजे कर रहे हो ?

मैं – हां लेकिन आपको कैसे पता चला ?

दीदी – इतनी जल्दी झड़ गए, मेरे बुर की खुजली कौन मिटाएगा।

मै बेड पर से उठा और फिर दीदी को लिटाया, उनके बुर पर मुंह लगाकर बुर से निकले रस को जीभ से चाटने लग गया। उसकी बुर के रस को कुछ देर तक चाटा और फिर दोनों वाशरूम चले गए।







.....................1
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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