29-01-2020, 10:27 AM
मैं 2 बच्चों की मां हूं. मैं अपनी ही कमजोरी के कारण अपराधबोध महसूस करती हूं. कुछ वर्ष पूर्व हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. संयुक्त परिवार में रहने के कारण मेरे जेठ ने हमारी काफी मदद की. मैं उन के एहसान तले दब गई थी. एक दिन उन्होंने मुझे अपने इन्हीं एहसानों का वास्ता दे कर संबंध बनाने को कहा तो मैं उन के आगे झुक गई. यह सिलसिला आज तक जारी है. मेरी सास को इस की भनक लग गई है. उन्होंने मुझे समझाया कि यह गलत है. मैं तो समझ गई हूं और यह सब बंद करना चाहती हूं पर जेठ नहीं समझते. वे जान से मार देने की धमकी देते हैं. कहते हैं कि यदि मैं उन की बात नहीं मानूंगी तो वे मुझे सब में बदनाम कर देंगे. कृपया बताएं कि मैं क्या करूं?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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