28-01-2020, 10:34 PM
रेनू
ये बात सही थी की छत पर कोई आ गया था , लेकिन ये लोग छत के दूसरी तरफ थीं ,
छत पर पूरा अँधेरा था और बीच में काफी सामान भी रखा था।
रेनू ने बोला , भाभी आहट होते ही , ...
मैंने वो बेचारी जो बात नहीं कहना चाहती थी , बोल दी।
' ये बोल , उसका ढीला पड़ गया , यही न। '
रेनू ने बात कबूला और फिर कहा की उसके बाद भी हम लोग थोड़ी देर छत पर रहे लेकिन ,... कुछ नहीं हो पाया ,
रेनू ने हाथ से लेकर उसका खड़ा करने की भी कोशिश की , पर वो बोलता रहा , नहीं रहने दे कोई आ जाएगा।
उसके बाद भी दो तीन बार मौका मिला लेकिन वो लड़का , ट्राई भी किया , ...
" था कितना बड़ा "
मुझसे नहीं रहा गया ,मैंने पूछ लिया।
रेनू ने अपनी तर्जनी का इशारा करके बोला इत्ता बड़ा , जब वो घुसाने की कोशिश कर रहा था।
तबतक हम लोग अपने कमरे में पहुँच गए थे।
बेचारी रेनू उस का मुंह इतना सा हो के रह गया था ,
मैंने एक बार फिर उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के बोला ,
" अरे ननद रानी अच्छा हुआ , ... "
"क्यों भाभी ," बुझे मन से उसने पूछा।
चड्ढी के ऊपर से कस कस के उसकी चुनमुनिया रगड़ते हुए मैंने समझाया ,
" अरे यार , मेरी ननद की इतनी प्यारी कुँवारी चुनमुनिया , किसी केंचए ऐसे से फटे , क्या मज़ा आता ,
अब आ गयी हो यहां न तो किसी मोटे जबरदंग खूंटे से फड़वाओ , दो दिन चल न पाओ , तब मजा है , ... अच्छा तो हुआ , ... "
लेकिन उसका चेहरा वैसे ही लटका , दुखी मन से बोली ,
" अरे भाभी वहां तो तब भी , शादी ब्याह का घर पचास मौके थे , ... आप जानती नहीं मेरे घर वालों को , इतना टाइट कंट्रोल , ... और मेरी एक मौसी मेरे कॉलेज में ही पढ़ाती हैं , कॉलेज के बहाने भी कुछ नहीं , ... अब तो एकदम ,... "
मैंने उसे बाँहों में भर के चूम लिया , और हंस के बोली ,
" बुद्धू , तेरी ये भाभी किसलिए है , ...अब देखना सात आठ दिन में तेरी ये चुनमुनिया फट के रहेगी , और तर्जनी ऐसे से नहीं , ... "
मैंने अपनी कुहनी खड़ी कर के दिखाया ,
" ऐसे मोटे लम्बे तगड़े मूसल से , ... अच्छी तरह से कुटी जायेगी वो , .... बस तू हाँ कर दे , ... और तेरे घर वालों की चिंता छोड़ मेरे ऊपर ,
बस तू अभी हाँ बोल दे , ... "
मेरी चुम्मी का जवाब चुम्मी से देती वो बोली ,
" भौजी आपके मुंह में घी शक्कर , ... मेरी एक बार नहीं दस बार हाँ , ... लेकिन वो है कौन , ... "
" अरे यार कोई भी हो तुझे आम खाने , मेरा मतलब गन्ना खाने से मतलब या नाम जानने से , ... वैसे बहुत कहेगी तो बता दूंगी , लेकिन ब्लाइंड डेट का मजा अलग है , तुझे मेरे ऊपर विश्वास है न बस। "
मैंने उसके उभार हलके हलके दबाते समझाया ।
" एकदम पक्का विश्वास है। "
हंस के वो बोली।
" चल तुझे हिंट दे देती हूँ , तू उसे देख चुकी है , थोड़ा बहुत जानती है , लेकिन हाँ जैसे ननदे मेरी होती हैं ,
तुझे भाईचोद होने में कोई परेशानी तो नहीं ,... "
मैंने कुछ इशारा किया।
सच में मेरी सास का बात एकदम सही है , मेरी सारी ननदे पक्की छिनार।
वो हंस के बोली ,
" भाभी अगर उसे बहनचोद होने में परेशानी नहीं तो मुझे भाईचोद होने में क्यों परेशानी होगी। "
तबतक नीचे से लीला की आवाज आयी ,
" अरे रेनू कहाँ सो गयी , ... "
मैंने झटके से मस्तराम की तीन किताबें तीनों ननदो की बैग में डाल दिया , और रेनू के साथ नीचे।
चलने के पहले मैंने तीनों से वायदा लिया की वो रोक कॉलेज से छूटने के बाद सीधे मेरे यहाँ , ... और वो तीनों फुर्र हो गयीं।
मैं सोच रही थी रेनू पर तीर निशाने पर लगा , लीला की तो पहले ही , ...
एक बार रेनू की भी चिड़िया उड़ने लगेगी तो पक्का गुड्डी पर भी असर होगा , एक बार
थोड़ा सा भी वो पट जाये तो फिर , ... फिर तो उसे भी ,...
तबतक फोन की घण्टी बजी , उनका प्लेन बैंगलोर पहुँच गया था।
ये बात सही थी की छत पर कोई आ गया था , लेकिन ये लोग छत के दूसरी तरफ थीं ,
छत पर पूरा अँधेरा था और बीच में काफी सामान भी रखा था।
रेनू ने बोला , भाभी आहट होते ही , ...
मैंने वो बेचारी जो बात नहीं कहना चाहती थी , बोल दी।
' ये बोल , उसका ढीला पड़ गया , यही न। '
रेनू ने बात कबूला और फिर कहा की उसके बाद भी हम लोग थोड़ी देर छत पर रहे लेकिन ,... कुछ नहीं हो पाया ,
रेनू ने हाथ से लेकर उसका खड़ा करने की भी कोशिश की , पर वो बोलता रहा , नहीं रहने दे कोई आ जाएगा।
उसके बाद भी दो तीन बार मौका मिला लेकिन वो लड़का , ट्राई भी किया , ...
" था कितना बड़ा "
मुझसे नहीं रहा गया ,मैंने पूछ लिया।
रेनू ने अपनी तर्जनी का इशारा करके बोला इत्ता बड़ा , जब वो घुसाने की कोशिश कर रहा था।
तबतक हम लोग अपने कमरे में पहुँच गए थे।
बेचारी रेनू उस का मुंह इतना सा हो के रह गया था ,
मैंने एक बार फिर उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के बोला ,
" अरे ननद रानी अच्छा हुआ , ... "
"क्यों भाभी ," बुझे मन से उसने पूछा।
चड्ढी के ऊपर से कस कस के उसकी चुनमुनिया रगड़ते हुए मैंने समझाया ,
" अरे यार , मेरी ननद की इतनी प्यारी कुँवारी चुनमुनिया , किसी केंचए ऐसे से फटे , क्या मज़ा आता ,
अब आ गयी हो यहां न तो किसी मोटे जबरदंग खूंटे से फड़वाओ , दो दिन चल न पाओ , तब मजा है , ... अच्छा तो हुआ , ... "
लेकिन उसका चेहरा वैसे ही लटका , दुखी मन से बोली ,
" अरे भाभी वहां तो तब भी , शादी ब्याह का घर पचास मौके थे , ... आप जानती नहीं मेरे घर वालों को , इतना टाइट कंट्रोल , ... और मेरी एक मौसी मेरे कॉलेज में ही पढ़ाती हैं , कॉलेज के बहाने भी कुछ नहीं , ... अब तो एकदम ,... "
मैंने उसे बाँहों में भर के चूम लिया , और हंस के बोली ,
" बुद्धू , तेरी ये भाभी किसलिए है , ...अब देखना सात आठ दिन में तेरी ये चुनमुनिया फट के रहेगी , और तर्जनी ऐसे से नहीं , ... "
मैंने अपनी कुहनी खड़ी कर के दिखाया ,
" ऐसे मोटे लम्बे तगड़े मूसल से , ... अच्छी तरह से कुटी जायेगी वो , .... बस तू हाँ कर दे , ... और तेरे घर वालों की चिंता छोड़ मेरे ऊपर ,
बस तू अभी हाँ बोल दे , ... "
मेरी चुम्मी का जवाब चुम्मी से देती वो बोली ,
" भौजी आपके मुंह में घी शक्कर , ... मेरी एक बार नहीं दस बार हाँ , ... लेकिन वो है कौन , ... "
" अरे यार कोई भी हो तुझे आम खाने , मेरा मतलब गन्ना खाने से मतलब या नाम जानने से , ... वैसे बहुत कहेगी तो बता दूंगी , लेकिन ब्लाइंड डेट का मजा अलग है , तुझे मेरे ऊपर विश्वास है न बस। "
मैंने उसके उभार हलके हलके दबाते समझाया ।
" एकदम पक्का विश्वास है। "
हंस के वो बोली।
" चल तुझे हिंट दे देती हूँ , तू उसे देख चुकी है , थोड़ा बहुत जानती है , लेकिन हाँ जैसे ननदे मेरी होती हैं ,
तुझे भाईचोद होने में कोई परेशानी तो नहीं ,... "
मैंने कुछ इशारा किया।
सच में मेरी सास का बात एकदम सही है , मेरी सारी ननदे पक्की छिनार।
वो हंस के बोली ,
" भाभी अगर उसे बहनचोद होने में परेशानी नहीं तो मुझे भाईचोद होने में क्यों परेशानी होगी। "
तबतक नीचे से लीला की आवाज आयी ,
" अरे रेनू कहाँ सो गयी , ... "
मैंने झटके से मस्तराम की तीन किताबें तीनों ननदो की बैग में डाल दिया , और रेनू के साथ नीचे।
चलने के पहले मैंने तीनों से वायदा लिया की वो रोक कॉलेज से छूटने के बाद सीधे मेरे यहाँ , ... और वो तीनों फुर्र हो गयीं।
मैं सोच रही थी रेनू पर तीर निशाने पर लगा , लीला की तो पहले ही , ...
एक बार रेनू की भी चिड़िया उड़ने लगेगी तो पक्का गुड्डी पर भी असर होगा , एक बार
थोड़ा सा भी वो पट जाये तो फिर , ... फिर तो उसे भी ,...
तबतक फोन की घण्टी बजी , उनका प्लेन बैंगलोर पहुँच गया था।