28-01-2020, 10:15 PM
उसके मुँह से अपने लिए तारीफ सुन कर मैं और भी ज़्यादा मस्त हो गयी और मस्ती मे आने के कारण मैने उसके दोनो बॉल्स को भी अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया. मुझे लग रहा था कि मुकेश का पानी अब निकल जाएगा पर मुकेश बोहोत चालक था उसने बड़ी चालाकी से जैसे ही पानी निकलने वाला होता था वो मेरे हाथ को रोक देने को कहता और थोड़ा पीछे को खिसक जाता था. इस तरह बीच मे रुक जाने से सारा किया धारा बेकार हो जाता और उसका पानी नही निकल पाता. मेरे हाथ मुकेश की गांद पर भी चल रहे थे. मैने मज़े लेने के लिए अपनी एक उंगली मुकेश की गांद मे घुसा दी. मेरे यूँ अचानक गांद मे उंगली घुसा देने से मुकेश बुरी तरह उछल गया. और मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखते हुए बोला “बोहोत शरारती हो तुम” कह कर मुस्कुरा दिया.
उसको मुस्कुराता हुआ देख कर मैं भी मुस्कुरा दी और बोली “मज़ा आ रहा है या नही ?”
“कसम से आज तक इतना मज़ा नही मिला जितना अब आ रहा है. तुम्हारे हाथो मे तो जादू है” कहते हुए वो एक बार फिर से मुस्कुरा दिया. “फूलो से भी नाज़ुक है तुम्हारे ये हाथ. मन तो कर रहा है कि इन हाथो को चूम लू. पर तुम नाराज़ हो जाओगी. हहहे”
अपने बारे मे मुकेश के मुँह से तारीफ सुन सुन कर मैं और भी ज़्यादा उसकी तरफ होती जा रही थी. जिस से मेरा हाथ मुकेश के लंड पर और भी तेज़ी के साथ चल रहा था. और दूसरे हाथ से दो उंगली भी उसकी गांद मे घुस देती थी बीच बीच मे. लेकिन काफ़ी देर तक मुकेश का लंड हिलाने के बाद भी जब मुकेश का पानी नही निकलता है तो मैं बुरी तरह से मुकेश पर फ्रस्टरेट हो जाती हू और उस को झल्लाते हुए कहतू हू कि “तुम गाँव वाले साले सब के सब बीमार हो.. तुम लोगो मे तो वीर्य है ही नही निकलेगा तो जब, जब होगा” कह कर ना जाने क्यू मेरी अपने आप हँसी निकल जाती है.
“मैने तुम्हे बताया ना कि मेरा ऐसे नही निकलता है. जब तक मैं तुम्हारी चूत ना देखु लू तब तक मेरा पानी नही निकलेगा. तुम मेरी तकलीफ़ को समझो ना जब तुम पीनू को दे सकती हो तो मुझे दिखाने मे तुम्हारा क्या घिस जाएगा ? केवल एक बार दिखा दो मेरा अपने आप देख कर आसानी से निकल जाएगा जब तुम इतनी गरम हो तो तुम्हारी चूत तो तुम से भी ज़्यादा गरम होगी और तुम्हारी चूत की गरमी को देख कर मैं महसूस करते हुए अपने आप झाड़ जाउन्गा” कहते हुए वो फिर से एक बार मेरे कदमो मे गिर कर भीख माँगने लग गया. “दिखा दो ना एक बार” वो फिर से एक बार गिड-गिदाया. ज़बरदस्ती वो कर नही सकता था क्यूकी मैने आते ही उसके गाल पर रसीद काट दी थी इस लिए वो केवल मुझसे रिक्वेस्ट कर सकता था और वही वो कर रहा था
उसको मुस्कुराता हुआ देख कर मैं भी मुस्कुरा दी और बोली “मज़ा आ रहा है या नही ?”
“कसम से आज तक इतना मज़ा नही मिला जितना अब आ रहा है. तुम्हारे हाथो मे तो जादू है” कहते हुए वो एक बार फिर से मुस्कुरा दिया. “फूलो से भी नाज़ुक है तुम्हारे ये हाथ. मन तो कर रहा है कि इन हाथो को चूम लू. पर तुम नाराज़ हो जाओगी. हहहे”
अपने बारे मे मुकेश के मुँह से तारीफ सुन सुन कर मैं और भी ज़्यादा उसकी तरफ होती जा रही थी. जिस से मेरा हाथ मुकेश के लंड पर और भी तेज़ी के साथ चल रहा था. और दूसरे हाथ से दो उंगली भी उसकी गांद मे घुस देती थी बीच बीच मे. लेकिन काफ़ी देर तक मुकेश का लंड हिलाने के बाद भी जब मुकेश का पानी नही निकलता है तो मैं बुरी तरह से मुकेश पर फ्रस्टरेट हो जाती हू और उस को झल्लाते हुए कहतू हू कि “तुम गाँव वाले साले सब के सब बीमार हो.. तुम लोगो मे तो वीर्य है ही नही निकलेगा तो जब, जब होगा” कह कर ना जाने क्यू मेरी अपने आप हँसी निकल जाती है.
“मैने तुम्हे बताया ना कि मेरा ऐसे नही निकलता है. जब तक मैं तुम्हारी चूत ना देखु लू तब तक मेरा पानी नही निकलेगा. तुम मेरी तकलीफ़ को समझो ना जब तुम पीनू को दे सकती हो तो मुझे दिखाने मे तुम्हारा क्या घिस जाएगा ? केवल एक बार दिखा दो मेरा अपने आप देख कर आसानी से निकल जाएगा जब तुम इतनी गरम हो तो तुम्हारी चूत तो तुम से भी ज़्यादा गरम होगी और तुम्हारी चूत की गरमी को देख कर मैं महसूस करते हुए अपने आप झाड़ जाउन्गा” कहते हुए वो फिर से एक बार मेरे कदमो मे गिर कर भीख माँगने लग गया. “दिखा दो ना एक बार” वो फिर से एक बार गिड-गिदाया. ज़बरदस्ती वो कर नही सकता था क्यूकी मैने आते ही उसके गाल पर रसीद काट दी थी इस लिए वो केवल मुझसे रिक्वेस्ट कर सकता था और वही वो कर रहा था