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Adultery मेहमान बेईमान
“तुम समझ नही रहे हो. मैं एक शादी शुदा औरत हू और बाहर मेरे पति मनीष खड़े हुए है अगर उन्हे ज़रा भी पता चल गया तो तुम नही जानते कि क्या हो जाएगा. प्लीज़ तुम अपना जल्दी जल्दी हिला कर पानी निकाल लो.
“अगर तेरा पति तुझे सही तरीके से चोद पता तो तू पीनू से क्यू चुदवाती तूने तो पीनू से अपनी गांद भी मरवाई थी.” उसने मुझे फिर से टोन्ट कसते हुए कहा. उसकी बात सुन कर मैं शर्म से ज़मीन मे गढ़ी जा रही थी.सकी बात सुन कर मुझे बोहोत तेज गुस्सा आ गया और मैं उस के उपर बरस पड़ी “शकल देखी है तूने कभी अपनी आयने मे जो मेरे से इस तरह बात कर रहा है, अपनी शकल देख जा कर आयने मे तब मुझसे बात करियो” मैं उस पर बोहोत बुरी तरह से बरस पड़ी जिस से वो बुरी तरह सक-पका गया.
मुझे डर लग रहा था कि कही वो मेरे इतना तेज गुस्सा करने से कुछ उल्टा सीधा ना कर दे जो मेरे गले की हड्डी ना बन जाए. पर इसके उल्टे वो मेरे कदमो में बैठ गया और धीमे से बोला, “तुम गुस्से में और भी ज़्यादा प्यारी लग रही हो”
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. और चुप-चाप उसको घूरती रही.
“प्लीज़ मुझ पर रहम खाओ, मैं तुझसे फिर से माफी माँगता हू. केयी सारी रात मैं तेरे लिए तड़प्ता रहा हू, तुझे क्या पता मेरी क्या हालत हो रही है तेरे प्यार में. तेरे जिस्म ने मुझे पागल कर दिया है बस एक बार अपने संतरे दिखा दे मेरा पानी निकल जाएगा.” उसने मेरे कदमो मे गिड-गिदते हुए कहा.


मेरे मन में यह भी था कि अगर मैं किसी तरह इसका वीर्य निकालने में कामयाब हो गयी तो शायद यह शांत हो जाएगा, क्यूंकी आदमी के अंदर जोश तबतक रहता है जबतक उसके अंदर वीर्य रहता है. एक बार अगर उसका वीर्य बाहर निकल गया तो फिर उसके आगे कितनी भी सुंदर से सुंदर औरत हो वो कुछ नही कर सकता है.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 28-01-2020, 10:12 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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