28-01-2020, 08:54 PM
गुड्डी
ननदें कौन जो भाभी के आँख का इशारा न समझे , एक हाथ गुड्डी का रेनू के कब्जे में दूसरा लीला के।
और मेरे एक हाथ ने गुड्डी की स्कर्ट उठायी एकदम कमर तक , और दूसरा हाथ उसकी जाँघों पर रेंग रहा था ,
" देखो गुड्डी रानी , ... अभी मेरा यही हाथ , आराम से धीरे धीरे तेरी चड्ढी खोलेगा , सरका कर उसे नीचे कर देगा , ..
एकदम नीचे , फिर तेरे भरतपुर का हम तीनो नजारा लेंगे ,
थोड़ी देर , मेरी हथेली ज़रा हाल चाल पूछेगी , उसके बाद एक ऊँगली , पांच मिनट तक नहीं बताया तो दूसरी ऊँगली , ...
और हाँ साथ में सबूत के तौर पर तेरी चुनमुनिया की फोटो , .
.एकदम बढ़िया क्लोज अप तेरे ही मोबाइल से , और उसी से हम तीनो को व्हाट्सऐप , ...
फिर अब मैं रेनू , लीला को मना नहीं करुँगी किसको किसको ये सेंड करेंगी , बहुत लाइक्स आएँगी पक्का। "
गुड्डी ने जाँघे समेटने की कोशिश की पर मैंने कस के चिकोटी काटी , और उसकी चड्ढी सरकानी शुरू कर दी ,
... गुलाबो रानी ने दर्शन दिए ही थे की गुड्डी रानी मान गयीं , चीख पड़ीं , अच्छा बताती हूँ।
और मैंने अपने हाथ हटा लिए , पर उसकी सहेलियों ने गुड्डी के हाथ नहीं छोड़े।
और गुड्डी मान गयी ,
हाँ दो लड़के हैं , उसकी गली के बाहर ही एक मकान में लड़के रहते हैं , वहीँ के हैं दोनों।
पहले तो जब वो गली से बाहर निकलती थी कहीं जाने के लिए तो उसे छेड़ते थे गा गा कर के ,
" रेशमा जवान हो गयी ,... लेके अंगड़ाइयां पंखुड़ी खुड़ी गुलाब दी , तीर कमान हो गयी ,.. "
मैं क्यों छोड़ती ऐसे मौका ,
मैंने टॉप के के ऊपर से उसके नए आते जोबन को कस के भींच कर बोला ,
" यार गुड्डी , तेरी गली के लड़कों को तेरा नाम भी नहीं मालूम ठीक से , बड़े शरम की बात है "
और फिर उसकी दोनों सहेलियों को भी घसीटा ,
" और यार तुम दोनों कैसी सहेली हो , कम से कम इत्ता तो हेल्प कर देती बेचारी की , इसके नए नए यारों की , कम से कम इस का नाम ही बता देती ,... "
और फिर रेनू ये मौका क्यों छोड़ती , गुड्डी को छेड़ कर बोली ,
" देख यार मैं अपनी प्यारी प्यारी भाभी की बात को तो कभी मना नहीं कर सकती , अब कल मिलेंगे न दोनों , तो नाम क्या , तेरी ब्रा की साइज , मोबाइल नंबर , सब कुछ बता दूंगी। "
' कोई जरुरत नहीं , नाम वाम सब मालुम है दोनों को , इत्ते सीधे भी नहीं है , ... " गुड्डी अब खिलखिलाती बोली।
" तो ब्रा की साइज भी मालूम है तेरी ,... " भोली बनकर छेड़ते हुए लीला बोली।
" धत्त , ... " गुड्डी लजा कर गुलाब हो गयी।
मैंने बात बदल दी , और गुड्डी से आगे का हाल पूछा ,
" तो चल ये दो हो गए , तेरे गली मोहल्ले वाले , .. अरे यार जोबन का उभार आने की खबर लड़की के पहले उसके गली के लौडों को हो जाती है , पर बाकी दो , ..चार है न , "
मैं सोच रही थी जबतक लोहा गरम है सब बातें उगलवा लूँ , ...
और गुड्डी ने एक की बात उगल दी , ...
" वो जहाँ , मैं म्यूजिक सीखने जाती हूँ न वहीँ , उन्ही म्यूजिक वाली बहनजी के घर में ऊपर रहता है '
मैं पूछ तो रही थी साथ में घबड़ा भी रही थी ,
मैंने तो सोचा था की इस स्साली की नथ अपने सैंया से उतरवाने का मेरा प्रोग्राम था और इसके अभी से इतने यार , ... कहीं कोई और उद्धघाटन न कर दे , ... इसका मतलब मुझे जल्दी करनी पड़ेगी , इसके साथ भी , इसके भइया के साथ भी , ...
और इसकी दोनों सहेलियों को भी पटा के सब बातों का पता लगा के रखना पडेगा।
" यार गुड्डी , तू भी न , ... देख इन दोनों से सीख , यार चाहे जितने रख ले , मौका सबसे सही घर में ही , कजिन के साथ ही लगता है , ... किसी को शक्क भी नहीं होगा , चिड़िया भी उड़ने लगेगी , ... अब फुदक तो रही ही है। "
और ये कह के गुड्डी की स्कर्ट में हाथ डाल के कस के उसकी चिकनी गुलाबो को मैंने दबोच लिया ,
और रेनू भी मेरे साथ बोली ,
" भाभी एकदम सही कह रही हैं "
तबतक रेनू का बैग गिर गया इसी धींगामुश्ती में , और उस की किताबे , ...
वो वापस रखने लगी , मैं उठा के देखने लगी , सब कोर्स की , मैंने जोर से उसके पीठ पे एक मुक्का मारा
" क्या यार , सब किताबें कोर्स की , ...एक भी इंटरकोर्स की नहीं। "
ननदें कौन जो भाभी के आँख का इशारा न समझे , एक हाथ गुड्डी का रेनू के कब्जे में दूसरा लीला के।
और मेरे एक हाथ ने गुड्डी की स्कर्ट उठायी एकदम कमर तक , और दूसरा हाथ उसकी जाँघों पर रेंग रहा था ,
" देखो गुड्डी रानी , ... अभी मेरा यही हाथ , आराम से धीरे धीरे तेरी चड्ढी खोलेगा , सरका कर उसे नीचे कर देगा , ..
एकदम नीचे , फिर तेरे भरतपुर का हम तीनो नजारा लेंगे ,
थोड़ी देर , मेरी हथेली ज़रा हाल चाल पूछेगी , उसके बाद एक ऊँगली , पांच मिनट तक नहीं बताया तो दूसरी ऊँगली , ...
और हाँ साथ में सबूत के तौर पर तेरी चुनमुनिया की फोटो , .
.एकदम बढ़िया क्लोज अप तेरे ही मोबाइल से , और उसी से हम तीनो को व्हाट्सऐप , ...
फिर अब मैं रेनू , लीला को मना नहीं करुँगी किसको किसको ये सेंड करेंगी , बहुत लाइक्स आएँगी पक्का। "
गुड्डी ने जाँघे समेटने की कोशिश की पर मैंने कस के चिकोटी काटी , और उसकी चड्ढी सरकानी शुरू कर दी ,
... गुलाबो रानी ने दर्शन दिए ही थे की गुड्डी रानी मान गयीं , चीख पड़ीं , अच्छा बताती हूँ।
और मैंने अपने हाथ हटा लिए , पर उसकी सहेलियों ने गुड्डी के हाथ नहीं छोड़े।
और गुड्डी मान गयी ,
हाँ दो लड़के हैं , उसकी गली के बाहर ही एक मकान में लड़के रहते हैं , वहीँ के हैं दोनों।
पहले तो जब वो गली से बाहर निकलती थी कहीं जाने के लिए तो उसे छेड़ते थे गा गा कर के ,
" रेशमा जवान हो गयी ,... लेके अंगड़ाइयां पंखुड़ी खुड़ी गुलाब दी , तीर कमान हो गयी ,.. "
मैं क्यों छोड़ती ऐसे मौका ,
मैंने टॉप के के ऊपर से उसके नए आते जोबन को कस के भींच कर बोला ,
" यार गुड्डी , तेरी गली के लड़कों को तेरा नाम भी नहीं मालूम ठीक से , बड़े शरम की बात है "
और फिर उसकी दोनों सहेलियों को भी घसीटा ,
" और यार तुम दोनों कैसी सहेली हो , कम से कम इत्ता तो हेल्प कर देती बेचारी की , इसके नए नए यारों की , कम से कम इस का नाम ही बता देती ,... "
और फिर रेनू ये मौका क्यों छोड़ती , गुड्डी को छेड़ कर बोली ,
" देख यार मैं अपनी प्यारी प्यारी भाभी की बात को तो कभी मना नहीं कर सकती , अब कल मिलेंगे न दोनों , तो नाम क्या , तेरी ब्रा की साइज , मोबाइल नंबर , सब कुछ बता दूंगी। "
' कोई जरुरत नहीं , नाम वाम सब मालुम है दोनों को , इत्ते सीधे भी नहीं है , ... " गुड्डी अब खिलखिलाती बोली।
" तो ब्रा की साइज भी मालूम है तेरी ,... " भोली बनकर छेड़ते हुए लीला बोली।
" धत्त , ... " गुड्डी लजा कर गुलाब हो गयी।
मैंने बात बदल दी , और गुड्डी से आगे का हाल पूछा ,
" तो चल ये दो हो गए , तेरे गली मोहल्ले वाले , .. अरे यार जोबन का उभार आने की खबर लड़की के पहले उसके गली के लौडों को हो जाती है , पर बाकी दो , ..चार है न , "
मैं सोच रही थी जबतक लोहा गरम है सब बातें उगलवा लूँ , ...
और गुड्डी ने एक की बात उगल दी , ...
" वो जहाँ , मैं म्यूजिक सीखने जाती हूँ न वहीँ , उन्ही म्यूजिक वाली बहनजी के घर में ऊपर रहता है '
मैं पूछ तो रही थी साथ में घबड़ा भी रही थी ,
मैंने तो सोचा था की इस स्साली की नथ अपने सैंया से उतरवाने का मेरा प्रोग्राम था और इसके अभी से इतने यार , ... कहीं कोई और उद्धघाटन न कर दे , ... इसका मतलब मुझे जल्दी करनी पड़ेगी , इसके साथ भी , इसके भइया के साथ भी , ...
और इसकी दोनों सहेलियों को भी पटा के सब बातों का पता लगा के रखना पडेगा।
" यार गुड्डी , तू भी न , ... देख इन दोनों से सीख , यार चाहे जितने रख ले , मौका सबसे सही घर में ही , कजिन के साथ ही लगता है , ... किसी को शक्क भी नहीं होगा , चिड़िया भी उड़ने लगेगी , ... अब फुदक तो रही ही है। "
और ये कह के गुड्डी की स्कर्ट में हाथ डाल के कस के उसकी चिकनी गुलाबो को मैंने दबोच लिया ,
और रेनू भी मेरे साथ बोली ,
" भाभी एकदम सही कह रही हैं "
तबतक रेनू का बैग गिर गया इसी धींगामुश्ती में , और उस की किताबे , ...
वो वापस रखने लगी , मैं उठा के देखने लगी , सब कोर्स की , मैंने जोर से उसके पीठ पे एक मुक्का मारा
" क्या यार , सब किताबें कोर्स की , ...एक भी इंटरकोर्स की नहीं। "