28-01-2020, 08:00 PM
लीला ने लीला
" क्यों लीला , मैंने कहीं कम तो नहीं बोल दिया , नौ से ज्यादा तो नहीं है , ... "
बस गलती से उसके मुंह से निकल गया नहीं भाभी नौ नहीं सिर्फ एक और वो भी बस , ...
जब तक वो चुप होती , बात बनाती तीर कमान से निकल चुका था ,
और अब रेनू और गुड्डी भी मेरे साथ दोनों ही उसकी हम राज ,
पता ये चला की लीला का एक कजिन है ,
उसकी बुआ का लड़का , लीला उसकी ममेरी बहन , ...
( मैंने गुड्डी की ओर घूर कर देखा , और मेरा मतलब समझ कर वो शर्मा गयी ,...
यही रिश्ता तो गुड्डी का इनसे था , और हम लोग गुड्डी को उनका माल कह के छेड़ते थे )
तो वो कजिन ,
यहाँ कोई कोचिंग करने आया था पांच छह महीने के लिए ,... दो तीन महीने के लिए ,...
बस मेरी ननद रानी, लीला अपने उसी कजिन से फंस गयी ,
और एक महीने पहले , शलवार का नाड़ा भी खुल गया।
" तो क्यों रोज होती होगी , बिना नागा कबड्डी ,... कौन कौन आसन ट्राई किये . "
मैंने छेड़ा
और रेनू भी मेरा साथ देने आ गयी ,
" अरे भाभी कित्ते बार तो ये हम दोनों को बता चुकी है , आज भइया ने रात भर सोने नहीं दिया , ऐसे किया , वैसे किया ,... "
बस मेरा काम हो गया , वही तरीका जो अंग्रेजों ने किया था डिवाइड एंड रूल।
और अब लीला ने रेनू की पोल पट्टी खोल दी ,
" चल चल , तेरी भी तो बाल बाल बची , ... और रोज तो उसका व्हाटसएप आता है , ... "
पता चला रेनू का एक कजिन ,
एक शादी में पूरी सेटिंग हो गयी थी , छत पर वो मिला , ऊपर से दबाना मसलना , उस बिचारे ने अपना पैंट खोल कर निकाल भी लिया ,
रेनू की भी शलवार सरक कर नीचे ,
पर सटाने के पहले ही , छत पर कोई आ गया , ...
और, उसके बाद दो बार और उन दोनों ने कोशिश की , लेकिन साइत नहीं बनी।
मैंने गुड्डी को छेड़ा ,
" जरा अपनी सहेलियों से सीख , आखिर तेरे भी तो कजिन हैं "
बस रेनू और लीला दोनों गुड्डी की पोल पट्टी खोलने पर जुट गयीं ,
" अरे भाभी , भौंरे इसके पीछे भी पड़े हैं ,... "
गुड्डी लाख ना ना करती रही , लेकिन लीला और रेनू ने चार के नाम गिना दिए , दो तो रोज कॉलेज के बाहर खड़े मिलते हैं , उसी के मोहल्ले के।
" क्यों किस्सी विस्सी दिया कभी किसी को , ... बेचारे रोज तेरा इन्तजार करते हैं "
मैंने भी छेड़ा , और अब गुड्डी बहाने बनाने पर जुट गयी।
" नहीं नहीं , भाभी , इन्ही दोनों के आशिक हैं सब , मुझे तो कुछ पता भी नहीं , ... कौन है क्यों झूठ मूठ ,... "
पर वो दोनों , लीला और रेनू इत्ती जल्दी हर मानने वाली नहीं थी , वो दोनों साथ साथ चढ़ गयीं ,
" काला कौवा काटेगा , इतना झूठ बोलती हैं , ... तूने खुद दिखाया था हम दोनों को , ... देख ये दोनों पन्दरह दिन से रोज मेरे पीछे पीछे , ...
जैसे गली से निकलती हूँ , कॉलेज तक , ... हमें तो दिन भी याद है ,...
और उस दिन हम दोनों के सामने दोनों तेरा मोबाइल नंबर मांग रहे थे , भूल गयी। "
लेकिन गुड्डी मानने को तैयार नहीं , अब मैं भी अपनी दोनों ननदों के साथ आ गयी , अपने दोनों हाथ नचाते गुड्डी दिखाते मैं बोली ,
" देख यार , मेरे पास सच उगलवाने की मशीन है , ये दोनों , बस ,
अभी तू ऊपर वाले मुंह से नहीं नीचे वाले मुंह से बोलेगी ,
क्यों लीला बुलवाऊं इससे बहुत छिनरपना कर रही है तेरी ये सहेली ,
तुम दोनों की बात जब इसने बताई तो कुछ नहीं और अपनी बार ,... जरा सा मेरी हेल्प कर दे रेनू। "
ननदें कौन जो भाभी के आँख का इशारा न समझे , एक हाथ गुड्डी का रेनू के कब्जे में दूसरा लीला के।
और मेरे एक हाथ ने गुड्डी की स्कर्ट उठायी एकदम कमर तक , और दूसरा हाथ उसकी जाँघों पर रेंग रहा था ,
" क्यों लीला , मैंने कहीं कम तो नहीं बोल दिया , नौ से ज्यादा तो नहीं है , ... "
बस गलती से उसके मुंह से निकल गया नहीं भाभी नौ नहीं सिर्फ एक और वो भी बस , ...
जब तक वो चुप होती , बात बनाती तीर कमान से निकल चुका था ,
और अब रेनू और गुड्डी भी मेरे साथ दोनों ही उसकी हम राज ,
पता ये चला की लीला का एक कजिन है ,
उसकी बुआ का लड़का , लीला उसकी ममेरी बहन , ...
( मैंने गुड्डी की ओर घूर कर देखा , और मेरा मतलब समझ कर वो शर्मा गयी ,...
यही रिश्ता तो गुड्डी का इनसे था , और हम लोग गुड्डी को उनका माल कह के छेड़ते थे )
तो वो कजिन ,
यहाँ कोई कोचिंग करने आया था पांच छह महीने के लिए ,... दो तीन महीने के लिए ,...
बस मेरी ननद रानी, लीला अपने उसी कजिन से फंस गयी ,
और एक महीने पहले , शलवार का नाड़ा भी खुल गया।
" तो क्यों रोज होती होगी , बिना नागा कबड्डी ,... कौन कौन आसन ट्राई किये . "
मैंने छेड़ा
और रेनू भी मेरा साथ देने आ गयी ,
" अरे भाभी कित्ते बार तो ये हम दोनों को बता चुकी है , आज भइया ने रात भर सोने नहीं दिया , ऐसे किया , वैसे किया ,... "
बस मेरा काम हो गया , वही तरीका जो अंग्रेजों ने किया था डिवाइड एंड रूल।
और अब लीला ने रेनू की पोल पट्टी खोल दी ,
" चल चल , तेरी भी तो बाल बाल बची , ... और रोज तो उसका व्हाटसएप आता है , ... "
पता चला रेनू का एक कजिन ,
एक शादी में पूरी सेटिंग हो गयी थी , छत पर वो मिला , ऊपर से दबाना मसलना , उस बिचारे ने अपना पैंट खोल कर निकाल भी लिया ,
रेनू की भी शलवार सरक कर नीचे ,
पर सटाने के पहले ही , छत पर कोई आ गया , ...
और, उसके बाद दो बार और उन दोनों ने कोशिश की , लेकिन साइत नहीं बनी।
मैंने गुड्डी को छेड़ा ,
" जरा अपनी सहेलियों से सीख , आखिर तेरे भी तो कजिन हैं "
बस रेनू और लीला दोनों गुड्डी की पोल पट्टी खोलने पर जुट गयीं ,
" अरे भाभी , भौंरे इसके पीछे भी पड़े हैं ,... "
गुड्डी लाख ना ना करती रही , लेकिन लीला और रेनू ने चार के नाम गिना दिए , दो तो रोज कॉलेज के बाहर खड़े मिलते हैं , उसी के मोहल्ले के।
" क्यों किस्सी विस्सी दिया कभी किसी को , ... बेचारे रोज तेरा इन्तजार करते हैं "
मैंने भी छेड़ा , और अब गुड्डी बहाने बनाने पर जुट गयी।
" नहीं नहीं , भाभी , इन्ही दोनों के आशिक हैं सब , मुझे तो कुछ पता भी नहीं , ... कौन है क्यों झूठ मूठ ,... "
पर वो दोनों , लीला और रेनू इत्ती जल्दी हर मानने वाली नहीं थी , वो दोनों साथ साथ चढ़ गयीं ,
" काला कौवा काटेगा , इतना झूठ बोलती हैं , ... तूने खुद दिखाया था हम दोनों को , ... देख ये दोनों पन्दरह दिन से रोज मेरे पीछे पीछे , ...
जैसे गली से निकलती हूँ , कॉलेज तक , ... हमें तो दिन भी याद है ,...
और उस दिन हम दोनों के सामने दोनों तेरा मोबाइल नंबर मांग रहे थे , भूल गयी। "
लेकिन गुड्डी मानने को तैयार नहीं , अब मैं भी अपनी दोनों ननदों के साथ आ गयी , अपने दोनों हाथ नचाते गुड्डी दिखाते मैं बोली ,
" देख यार , मेरे पास सच उगलवाने की मशीन है , ये दोनों , बस ,
अभी तू ऊपर वाले मुंह से नहीं नीचे वाले मुंह से बोलेगी ,
क्यों लीला बुलवाऊं इससे बहुत छिनरपना कर रही है तेरी ये सहेली ,
तुम दोनों की बात जब इसने बताई तो कुछ नहीं और अपनी बार ,... जरा सा मेरी हेल्प कर दे रेनू। "
ननदें कौन जो भाभी के आँख का इशारा न समझे , एक हाथ गुड्डी का रेनू के कब्जे में दूसरा लीला के।
और मेरे एक हाथ ने गुड्डी की स्कर्ट उठायी एकदम कमर तक , और दूसरा हाथ उसकी जाँघों पर रेंग रहा था ,