27-01-2020, 02:49 PM
(This post was last modified: 26-04-2021, 02:40 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
इन्तजार
गुड्डी अब पूरे जोश में थी और थी भी वो बचपन की छिनार , बड़ी अदा से ठंडी सांस लेते बोली ,
" भैया , सच में इत्ता बड़ा , इत्ता लंबा , उईईइ ये तो बहुत ही बड़ा है। "
" अरे तूने इन्तजार भी तो बहुत लंबा किया है , जित्ता लंबा इन्तजार उत्ता लंबा , ... "
वो भी अब आलमोस्ट खुल के ,...
"न न भइय्या , मेरी तो सोच के हालात खराब हो रही तू सच बोल रहे हो ,परसों ,... लेकिन क्या एकबार में ,... "
अब वो खुल के सिसक रही थी ,लंबी साँसे लेरही थी जैसे जोर जोर से ऊँगली कर रही हो अपनी चुनमुनिया में।
" और क्या एकबार में ,... पूरा , और सिर्फ एक बार नहीं बार बार , आठ दिन रहूंगा मैं तेरे पास ,इत्ते दिन बाद मिलूंगा तुझसे , तू ही तो कह रही थी बहुत इन्तजार किया तूने। "
मैंने उनकी गांड में ऊँगली जोर जोर से गोल गोल घुमाने के साथ अब सीधे उनकी प्रोस्ट्रेट पर दबाना शुरू कर दिया ,
वो एकदम झड़ने के कगार पर थे।
उनकी सिसकी , सेक्सी साँसे उस तक भी पंहुंच रही थी ,
" क्यों भैया कुछ हो रहा है क्या , "
वो सिसकते हुए बोली।
" अरे , तुझसे बात करूँ और कुछ हो न कैसे हो सकता है। "
वो बोले लेकिन साथ साथ झड़ने भी लगे ,मुठियाने ,चूसने और गांड में ऊँगली का असर तो था ही साथ में उस छिनार से बात का भी असर था।
और उधर वो भी पक्का झड़ रही थी , फोन रखतीजोर जोर से हंसती बोली ,
" ठीक है भैया वेट करुँगी ,तुम्हारा सच में बहुत मन करता है ,जल्दी से आ जाओ न परसों। "
वो बार बार झड़ रहे थे , अपनी उस मस्त माल को याद करके ,कम से कम कटोरी भर मलाई उन्होंने मेरे मुंह में छोड़ा होगा।
और मैं भी जब तक वो झड़ते रहे ,उनकी कसी गांड में मैं घसर मसर ऊँगली करती रही ,
फिर उन्हें चूमते हुए सारी उनकी मलाई उनके मुंह में ,मैंने और मुंझसे ज्यादा उनकी सास ने उन्हें कम स्लट बना था।
झड़ें वो कहीं लेकिन सारी मलाई वापस उन्ही के मुंह में जाती थी।
दो चार बड़ी बड़ी बूंदे गाढ़ी थक्केदार , उनके होंठों पर लगी थी ,
उनकी सास ने वहां से अपनी ऊँगली पर ले के सीधे उनके पिछवाड़े चुपड़ दिया ,और आशीष भी दिया ,
" अरे इस मस्त कोरे छेद में खूब गाढ़ी गाढ़ी मलाई अंदर जाए ,
नयी सुहागन की तरह तेरी गांड से भी हरदम रबड़ी मलाई छलकती रहे ,
जल्द ही मेरे समधन के भोंसडे से भी चौड़ा हो जाए। "
और फिर मम्मी ने उनकी बहन के बारे में भी बोला ,
"देखा कित्ता मस्त झड़ी ,सीधे बाथरूम गयी होगी।
और इत्ता जोर जोर से हँस रही थी ,हंसी तो फंसी ,
बस अब पहला मौक़ा पाते ही उसे निहुराओ ,सटाओ और घुसेड़ दो ,एक झटके में पूरा ७ इंच। "
वो बोले नहीं ,
लेकिन उनकी मुस्कराहट और चेहरे की दमक कह रही थी ,
"एकदम मम्मी।'
गुड्डी अब पूरे जोश में थी और थी भी वो बचपन की छिनार , बड़ी अदा से ठंडी सांस लेते बोली ,
" भैया , सच में इत्ता बड़ा , इत्ता लंबा , उईईइ ये तो बहुत ही बड़ा है। "
" अरे तूने इन्तजार भी तो बहुत लंबा किया है , जित्ता लंबा इन्तजार उत्ता लंबा , ... "
वो भी अब आलमोस्ट खुल के ,...
"न न भइय्या , मेरी तो सोच के हालात खराब हो रही तू सच बोल रहे हो ,परसों ,... लेकिन क्या एकबार में ,... "
अब वो खुल के सिसक रही थी ,लंबी साँसे लेरही थी जैसे जोर जोर से ऊँगली कर रही हो अपनी चुनमुनिया में।
" और क्या एकबार में ,... पूरा , और सिर्फ एक बार नहीं बार बार , आठ दिन रहूंगा मैं तेरे पास ,इत्ते दिन बाद मिलूंगा तुझसे , तू ही तो कह रही थी बहुत इन्तजार किया तूने। "
मैंने उनकी गांड में ऊँगली जोर जोर से गोल गोल घुमाने के साथ अब सीधे उनकी प्रोस्ट्रेट पर दबाना शुरू कर दिया ,
वो एकदम झड़ने के कगार पर थे।
उनकी सिसकी , सेक्सी साँसे उस तक भी पंहुंच रही थी ,
" क्यों भैया कुछ हो रहा है क्या , "
वो सिसकते हुए बोली।
" अरे , तुझसे बात करूँ और कुछ हो न कैसे हो सकता है। "
वो बोले लेकिन साथ साथ झड़ने भी लगे ,मुठियाने ,चूसने और गांड में ऊँगली का असर तो था ही साथ में उस छिनार से बात का भी असर था।
और उधर वो भी पक्का झड़ रही थी , फोन रखतीजोर जोर से हंसती बोली ,
" ठीक है भैया वेट करुँगी ,तुम्हारा सच में बहुत मन करता है ,जल्दी से आ जाओ न परसों। "
वो बार बार झड़ रहे थे , अपनी उस मस्त माल को याद करके ,कम से कम कटोरी भर मलाई उन्होंने मेरे मुंह में छोड़ा होगा।
और मैं भी जब तक वो झड़ते रहे ,उनकी कसी गांड में मैं घसर मसर ऊँगली करती रही ,
फिर उन्हें चूमते हुए सारी उनकी मलाई उनके मुंह में ,मैंने और मुंझसे ज्यादा उनकी सास ने उन्हें कम स्लट बना था।
झड़ें वो कहीं लेकिन सारी मलाई वापस उन्ही के मुंह में जाती थी।
दो चार बड़ी बड़ी बूंदे गाढ़ी थक्केदार , उनके होंठों पर लगी थी ,
उनकी सास ने वहां से अपनी ऊँगली पर ले के सीधे उनके पिछवाड़े चुपड़ दिया ,और आशीष भी दिया ,
" अरे इस मस्त कोरे छेद में खूब गाढ़ी गाढ़ी मलाई अंदर जाए ,
नयी सुहागन की तरह तेरी गांड से भी हरदम रबड़ी मलाई छलकती रहे ,
जल्द ही मेरे समधन के भोंसडे से भी चौड़ा हो जाए। "
और फिर मम्मी ने उनकी बहन के बारे में भी बोला ,
"देखा कित्ता मस्त झड़ी ,सीधे बाथरूम गयी होगी।
और इत्ता जोर जोर से हँस रही थी ,हंसी तो फंसी ,
बस अब पहला मौक़ा पाते ही उसे निहुराओ ,सटाओ और घुसेड़ दो ,एक झटके में पूरा ७ इंच। "
वो बोले नहीं ,
लेकिन उनकी मुस्कराहट और चेहरे की दमक कह रही थी ,
"एकदम मम्मी।'