27-01-2020, 02:29 PM
(This post was last modified: 26-04-2021, 02:26 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
गुड्डी रानी
तभी फिर फोन की घंटी बजी ,वही थी ,गुड्डी मेरी ननद।
और अबकी फोन उठा के मैंने उन्हें दे दिया।
आफ कोर्स ,स्पीकर फोन आन था। मैं और मम्मी उन दोनों की हर बात सुन रहे थे।
" आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
" अरे इन्तजार का फल बहुत मीठा होता है। "
आज वो भी मूड में थे ,उसे चिढाते बोले।
" अच्छा जी , तो कब मिलेगा ,वो मीठा वाला फल। "
उसी अदा से उस शोख ने जवाब दिया।
" बहुत जल्द , बस परसों ,४८ घंटे के अंदर , मैं तेरे सामने होऊंगा। "
ख़ुशी से वो बोले
अब उनकी ममेरी बहन की आवाज से भी ख़ुशी छलक रही थी , खिलखिलाती वो बोली।
" सच्ची ,चलिए आप भी याद करियेगा किसी दिल वाली से पाला पड़ा था। "
गुड्डी बोली।
उसे चिढाते , वो बोले ,
" क्या बोली तू , बिल वाली ,लगता है लाइन में कुछ प्राब्लम है जोर से बोल न ,साफ़ सुनाई नहीं दे रहा। "
मुझे लगा की अब मेरी ननदिया गुस्सा हो जायेगी ,लेकिन आज वो भी गरमाई हुयी थी , पहले तो जोर से हंसी , फिर बोली ,
" दुष्ट ,बदमाश। मुझे सब मालूम है ,प्राब्लम कहाँ है , तू भी न ,आओ जल्दी बताती हूँ ,पिटाई करनी पड़ेगी सब सही हो जाएगा। "
और फिर वो खुद बोली ,
" भैया आपने इंतजार तो बहुत करवाया है लेकिन कभी चखाया नहीं ,कैसा होता है ये फल , "
अब वो भी उन्ही के लेवल पर आ रही थी।
मैं और मम्मी सोच रहे थे देखें ये क्या जवाब देते हैं लेकिन मम्मी की ट्रेनिंग का अब इनपर पूरा असर हो गया था ,बोले ,
" तूने केला देखा है न ,... "
वो भी एकदम पक्की छिनार , हंस के उन की बात काटती बोली ,
" अरे भैय्या ,समझते क्या हो मुझको अब बच्ची नहीं हूँ। अरे देखा भी है ,छुआ है ,पकड़ा है ,चखा भी है , वो छोटा वाला न। "
" तभी तो मैं कहता हूँ तू न अभी भी बच्ची है ,अरे छोटा वाला नहीं , बड़ा वाला , पूरे ७ इंच का , और मोटा भी खूब ,... "
वो भी अब रंग में थे।
और मैं भी उनको और गरम करने के लिए अब खूब जोर जोर से चूसने लगी ,
साथ में मेरी तर्जनी जो ऊनके पिछवाड़े के छेद पर घिसर मसर कर रही थी ,
सटाक से गांड के अंदर घुस गयी।
हलके से उन्होंने सिसकी ली और उधर से उनकी उस छिनार बहना की भी सैक्सी सिसकी सुनाई पड़ा ,
पक्का उसकी ऊँगली भी उसकी पैंटी के अंदर रगड़ घिस्स कर रही होगी।
गुड्डी अब पूरे जोश में थी और थी भी वो बचपन की छिनार , बड़ी अदा से ठंडी सांस लेते बोली ,
" भैया , सच में इत्ता बड़ा , इत्ता लंबा , उईईइ ये तो बहुत ही बड़ा है। "
तभी फिर फोन की घंटी बजी ,वही थी ,गुड्डी मेरी ननद।
और अबकी फोन उठा के मैंने उन्हें दे दिया।
आफ कोर्स ,स्पीकर फोन आन था। मैं और मम्मी उन दोनों की हर बात सुन रहे थे।
" आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
" अरे इन्तजार का फल बहुत मीठा होता है। "
आज वो भी मूड में थे ,उसे चिढाते बोले।
" अच्छा जी , तो कब मिलेगा ,वो मीठा वाला फल। "
उसी अदा से उस शोख ने जवाब दिया।
" बहुत जल्द , बस परसों ,४८ घंटे के अंदर , मैं तेरे सामने होऊंगा। "
ख़ुशी से वो बोले
अब उनकी ममेरी बहन की आवाज से भी ख़ुशी छलक रही थी , खिलखिलाती वो बोली।
" सच्ची ,चलिए आप भी याद करियेगा किसी दिल वाली से पाला पड़ा था। "
गुड्डी बोली।
उसे चिढाते , वो बोले ,
" क्या बोली तू , बिल वाली ,लगता है लाइन में कुछ प्राब्लम है जोर से बोल न ,साफ़ सुनाई नहीं दे रहा। "
मुझे लगा की अब मेरी ननदिया गुस्सा हो जायेगी ,लेकिन आज वो भी गरमाई हुयी थी , पहले तो जोर से हंसी , फिर बोली ,
" दुष्ट ,बदमाश। मुझे सब मालूम है ,प्राब्लम कहाँ है , तू भी न ,आओ जल्दी बताती हूँ ,पिटाई करनी पड़ेगी सब सही हो जाएगा। "
और फिर वो खुद बोली ,
" भैया आपने इंतजार तो बहुत करवाया है लेकिन कभी चखाया नहीं ,कैसा होता है ये फल , "
अब वो भी उन्ही के लेवल पर आ रही थी।
मैं और मम्मी सोच रहे थे देखें ये क्या जवाब देते हैं लेकिन मम्मी की ट्रेनिंग का अब इनपर पूरा असर हो गया था ,बोले ,
" तूने केला देखा है न ,... "
वो भी एकदम पक्की छिनार , हंस के उन की बात काटती बोली ,
" अरे भैय्या ,समझते क्या हो मुझको अब बच्ची नहीं हूँ। अरे देखा भी है ,छुआ है ,पकड़ा है ,चखा भी है , वो छोटा वाला न। "
" तभी तो मैं कहता हूँ तू न अभी भी बच्ची है ,अरे छोटा वाला नहीं , बड़ा वाला , पूरे ७ इंच का , और मोटा भी खूब ,... "
वो भी अब रंग में थे।
और मैं भी उनको और गरम करने के लिए अब खूब जोर जोर से चूसने लगी ,
साथ में मेरी तर्जनी जो ऊनके पिछवाड़े के छेद पर घिसर मसर कर रही थी ,
सटाक से गांड के अंदर घुस गयी।
हलके से उन्होंने सिसकी ली और उधर से उनकी उस छिनार बहना की भी सैक्सी सिसकी सुनाई पड़ा ,
पक्का उसकी ऊँगली भी उसकी पैंटी के अंदर रगड़ घिस्स कर रही होगी।
गुड्डी अब पूरे जोश में थी और थी भी वो बचपन की छिनार , बड़ी अदा से ठंडी सांस लेते बोली ,
" भैया , सच में इत्ता बड़ा , इत्ता लंबा , उईईइ ये तो बहुत ही बड़ा है। "