27-01-2020, 01:36 AM
आज बहुत इन्तजार कराया भैय्या , तूने। "
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
और आधे में लटका कर संवाद की (अपनी सास , नन्द) कर दी
बड़े नखड़े से गुड्डी बोली।
और आधे में लटका कर संवाद की (अपनी सास , नन्द) कर दी
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं