25-01-2020, 08:45 PM
(This post was last modified: 25-04-2021, 03:29 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कच्ची कलियाँ
मुझे मालूम था उन्हें बड़े उम्र की , भारी बदन एम् आई एल ऍफ़ टाइप पसंद थी ,लेकिन वो इस हद तक ,
कम से कम ४-५ के साथ उन्होंने उस शाम और मजे की बात है कोई भी नाराज नहीं हुयी।
उसके बाद कच्ची कलियाँ ,एकदम मेरी छुटकी ननद की उम्र की एकाध तो उससे भी कच्ची।
भीड़ भरी बस में ही मैंने देखा ,एक किशोरी ,मेरी ननद की ही उम्र की होगी , वो उस के बगल में ,उ
न्होंने दोनों हाथ अपने सीने पे बाँध रखे थे लेकिन उससे आगे निकलते ,जैसे बहुत जल्दी में हों ,
और हलके से उन्होंने उसके उभरते उभार को ,दरेरते हुआ दबा दिया।
जहां वो उतरे , वहां वो लड़की भी उनके पीछे पीछे उतरी।
मैं तो एक बार डरी ,जब उस लड़की ने मुड़ के उनकी ओर देखा ,
लेकिन वो मुड़ी ,मुस्करायी उनकी ओर देखा और अपने रस्ते।
मैंने अपने साथ चल रही मॉम की ओर देखा ,वो जबरदस्त मुस्करा रही थीं और उन की ओर हाई फाइव कर रही थीं।
मतलब ये ट्रिक उन्हें मम्मी ने ही सिखाई थी।
कम से कम ८-१० लडकिया सब किशोरियां ,हाईकॉलेज इंटर में पढने वाली ,
किसी को देख के मुस्करा के इशारा तो किसी को फ़्लाइंग किस , और ५-६ के उभारों की नाप जोख तो उन्होंने की ही होगी
१०० में १०० नम्बर दिए मम्मी ने उन्हें और आशीर्वाद भी ,
बहुत जल्द अपनी बहन की नथ उतारो।
,
मुझे एक शरारत सूझी और मैंने मम्मी के कान में कुछ कहा ,
वो बहुत जोर से हंसी और बोलीं सब मैं ही करुँगी , कुछ तू भी तो कर।
और मैंने गूगल देव का सहारा लिया , और मैं सब को हांक के एक बार कम रेस्टोरेंट में ले गयी।
मम्मी से मैंने असल में बोला था ,
मम्मी आप इन्हें शिकार करना सिखा रही हैं अगवाड़े के मजे के लिए तो कुछ पिछवाड़े के मजे का भी तो इंतजाम करिये ,
आखिर आप नेइन्हें एक जबरदस्त गांडू बनने का भी तो आशीर्वाद दिया है।
वो जगह एक हॉट बार थी और वहां भी ,
हम लोगों ने डिनर वहीँ किया ,
लेकिन कम से कम ४ -५ ' टॉप ' ने उन्हें प्रपोज कर ही दिया और वो भी डायरेक्ट ,
' आर यू बॉटम ?"
और जिस तरह झिझक के वो मुस्कराये ,
उससे जोर की हाँ हो ही नहीं सकती थी।
गनीमत थी हम दोनों साथ थे वरना उनकी नथ वहीँ उतरजाती।
लेकिन रात को एक बार फिर रात भर , ...
हाँ आज वो मम्मी के साथ एकदम अकेले , सिर्फ सास दामाद , यहां तक की मैं भी कमरे से बाहर थी।
वैसे भी मेरी वो ५ दिन वाली छुट्टियां चल रही थीं , और मैं सोना भी चाहती थी और उन दोनों को अकेले मौका भी भी देना चाहती थी।
वैसे भी कल मम्मी का आखिरी दिन था हमारे साथ ,
परसों सुबह ही उन्हें चले जाना था वापस ,
और उसके अगले दिन ,सुबह सुबह ,हम दोनों को उनके मायके।
अगले दिन उन्होंने छुट्टी ले रखी थी , जिससे मम्मी के साथ पूरा दिन बिता सकें।
मुझे मालूम था उन्हें बड़े उम्र की , भारी बदन एम् आई एल ऍफ़ टाइप पसंद थी ,लेकिन वो इस हद तक ,
कम से कम ४-५ के साथ उन्होंने उस शाम और मजे की बात है कोई भी नाराज नहीं हुयी।
उसके बाद कच्ची कलियाँ ,एकदम मेरी छुटकी ननद की उम्र की एकाध तो उससे भी कच्ची।
भीड़ भरी बस में ही मैंने देखा ,एक किशोरी ,मेरी ननद की ही उम्र की होगी , वो उस के बगल में ,उ
न्होंने दोनों हाथ अपने सीने पे बाँध रखे थे लेकिन उससे आगे निकलते ,जैसे बहुत जल्दी में हों ,
और हलके से उन्होंने उसके उभरते उभार को ,दरेरते हुआ दबा दिया।
जहां वो उतरे , वहां वो लड़की भी उनके पीछे पीछे उतरी।
मैं तो एक बार डरी ,जब उस लड़की ने मुड़ के उनकी ओर देखा ,
लेकिन वो मुड़ी ,मुस्करायी उनकी ओर देखा और अपने रस्ते।
मैंने अपने साथ चल रही मॉम की ओर देखा ,वो जबरदस्त मुस्करा रही थीं और उन की ओर हाई फाइव कर रही थीं।
मतलब ये ट्रिक उन्हें मम्मी ने ही सिखाई थी।
कम से कम ८-१० लडकिया सब किशोरियां ,हाईकॉलेज इंटर में पढने वाली ,
किसी को देख के मुस्करा के इशारा तो किसी को फ़्लाइंग किस , और ५-६ के उभारों की नाप जोख तो उन्होंने की ही होगी
१०० में १०० नम्बर दिए मम्मी ने उन्हें और आशीर्वाद भी ,
बहुत जल्द अपनी बहन की नथ उतारो।
,
मुझे एक शरारत सूझी और मैंने मम्मी के कान में कुछ कहा ,
वो बहुत जोर से हंसी और बोलीं सब मैं ही करुँगी , कुछ तू भी तो कर।
और मैंने गूगल देव का सहारा लिया , और मैं सब को हांक के एक बार कम रेस्टोरेंट में ले गयी।
मम्मी से मैंने असल में बोला था ,
मम्मी आप इन्हें शिकार करना सिखा रही हैं अगवाड़े के मजे के लिए तो कुछ पिछवाड़े के मजे का भी तो इंतजाम करिये ,
आखिर आप नेइन्हें एक जबरदस्त गांडू बनने का भी तो आशीर्वाद दिया है।
वो जगह एक हॉट बार थी और वहां भी ,
हम लोगों ने डिनर वहीँ किया ,
लेकिन कम से कम ४ -५ ' टॉप ' ने उन्हें प्रपोज कर ही दिया और वो भी डायरेक्ट ,
' आर यू बॉटम ?"
और जिस तरह झिझक के वो मुस्कराये ,
उससे जोर की हाँ हो ही नहीं सकती थी।
गनीमत थी हम दोनों साथ थे वरना उनकी नथ वहीँ उतरजाती।
लेकिन रात को एक बार फिर रात भर , ...
हाँ आज वो मम्मी के साथ एकदम अकेले , सिर्फ सास दामाद , यहां तक की मैं भी कमरे से बाहर थी।
वैसे भी मेरी वो ५ दिन वाली छुट्टियां चल रही थीं , और मैं सोना भी चाहती थी और उन दोनों को अकेले मौका भी भी देना चाहती थी।
वैसे भी कल मम्मी का आखिरी दिन था हमारे साथ ,
परसों सुबह ही उन्हें चले जाना था वापस ,
और उसके अगले दिन ,सुबह सुबह ,हम दोनों को उनके मायके।
अगले दिन उन्होंने छुट्टी ले रखी थी , जिससे मम्मी के साथ पूरा दिन बिता सकें।