25-01-2020, 12:22 AM
“देखो अब तो मैने तुम्हारे कहे अनुसार कर दिया अब प्लीज़ यहाँ से चले जाओ. तुमने जैसा कहा था मैने वैसा ही किया अब प्लीज़ यहाँ से चले जाओ इस से पहले कि मम्मी यहाँ पर आए.” मैने उस से दोनो हाथ जोड़ कर रिक्वेस्ट करते हुए कहा.
“श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……” उसने मुझे चुप होने का इशारा किया जिसे सुन कर मैं एक दम खामोश हो गयी. “ये क्या लगा हुआ है” मैने उसके हाथ के इशारे की तरफ देखा तो वो मेरी योनि की तरफ इशारा कर रहा था अभी मैं कुछ कहती या समझती इस से पहले ही उसने अपने हाथ को मेरी योनि पर रख कर दिया और उसे सहलाने लग गया.
अभी थोड़ी देर पहले ही अनिता और उस लड़के का सेक्स देख कर मैने जैसे तैसे अपने आप को शांत किया था पर फिर से अपनी नंगी योनि पर अमित के हाथ लगने से ना चाहते हुए भी मेरी योनि अपने आप को नही संभाल सकी और उसने गीला होना शुरू कर दिया. और यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती हुई जिस वजह से मैं शरम से ज़मीन मे धँसी जा रही थी.
“बोहोत प्यारी चूत है तेरी भाभी, अपने चाहने वाले को देखते ही कैसे ख़ुसी जाहिर कर रही है” कह कर उसने अपनी उंगली पर मेरी योनि से बहते हुए पानी को ले कर मुझे दिखाते हुए कहा.
“निशा…!!!” बाहर दरवाजे से आती हुई आवाज़ ने तो जैसे मेरे प्राण ही गले मे अटका दिए. बिना कपड़ो के इस हालत मे जहाँ अमित अपने दोनो घुटनो के बल बैठा हुआ मेरी योनि पर हाथ फिरा रहा था. और उसने भी अपनी लिंग को बाहर निकाल रखा था. मेरी समझ मे नही आ रहा था कि बाहर से आती हुई मम्मी की आवाज़ पर क्या रिक्षन करू.
“बेटी निशा.” बाहर से फिर मम्मी ने आवाज़ लगाई इस बार मैने जैसे ही आवाज़ देने के लिए अपना मुँह खोला था कि अमित ने खड़े हो कर अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया.
“मौसी भाभी नहा रही है. एक मिनट रूको मैं आता हू.” कह कर उसने मुझे जल्दी से कपड़े ले कर बाथरूम मे जाने को कहा. और खुद दरवाजे की तरफ चल दिया.
मैं बिना कुछ सोचे समझे अपने सारे कपड़े ले कर बाथरूम मे घुस गयी. बाहर उन दोनो मे क्या बात हुई मुझे कुछ नही पता चला. डर के मारे मैने बाथरूम का नल फुल स्पीड पर खोल दिया ताकि ऐसा लगे जैसे बाहर से आती हुई आवाज़ अंदर सुनाई ही नही दे रही है.
“निशा बेटी…” इस बार बाथरूम का दरवाजा खटखटाने की आवाज़ पर मुझे जवाब देना पड़ा.
“कॉन.. कॉन है..” मैने बनने का नाटक करते हुए कहा.
“मैं हू बेटी, नहा कर तैयार हो जा थोड़ी देर बाद हमे पूजा करने के लिए चलना है. और हां मैने तेरे कमरे मे पीनू से कह कर लाइट वगेरह सही करने को कह दिया है. नहा कर जल्दी आ जा फिर पूजा के लिए चलना है”
“जी मम्मी जी मैं अभी 10 मिनट मे नहा कर बाहर आती हू.” मेरे जवाब देने के साथ ही मम्मी वहाँ से चली गयी. मम्मी के वहाँ से जाने के साथ ही मैने एक चैन की साँस ली. पर मेरी समझ मे नही आ रहा था कि आख़िर मम्मी ने पीनू को यहाँ पर देख कर कुछ कहा क्यू नही. कुछ भी हो पर ये अमित है बोहोत बड़ा चालू. मम्मी को ज़रा भी शक़ नही होने दिया कि यहाँ पर क्या चल रहा था.
टकककक… टकककक फिर से दरवाजा ख़टखटाने की आवाज़.. पर कोई आवाज़ नही. मुझे लगा कि कही मम्मी वापस तो नही आ गई. यही सोच कर मैने अपनी छाती पर टवल लप्पेट कर हल्का सा दरवाजा खोल कर बाहर देखा तो अमित खड़ा था.
“अब क्या है ? क्यू मुझे बर्बाद करने के पीछे पड़े हो ?” कह कर मैने दरवाजा बंद करना चाहा पर दरवाजा बंद नही हुआ. उसने दरवाजे मे अपना पैर अड़ा रखा था. उसने दरवाजे को एक धक्का दिया और दरवाजा मुझे पीछे को धकेलते हुए खुल गया.
दरवाजे के खुलते ही वो अपने दाँत फाड़ता हुआ बाथरूम के अंदर घुसा चला आया. बाथरूम मे नल से पानी के गिरने की आवाज़ अब भी बदस्तूर वैसे ही आ रही थी जैसे अभी थोड़ी देर पहले मम्मी के आने का समय हो रहा था. उसके अंदर आते ही मैं बुरी तरह से घबरा गयी. क्यूकी जिस तरह से वो मुस्कुरा रहा था उसकी हँसी उस समय किसी राक्षस से कम नही लग रही थी.
“तुम…. अंदर क्यू आ गये… मैने कहा बाहर जाओ. देखो तुम मेरे सब्र का इम्तहान मत लो. अगर अब तुम यहाँ से नही गये तो मैं शोर मचा कर पूरे घर को यहाँ पर बुला लुगी.” मैने अपनी छाती पर लगे टवल से अपने शरीर को ढकने की नाकाम कोसिस करते हुए कहा.
“तो बुला लो ना डरता कॉन है.. उन्हे भी तो पता चले कि उनकी बहू निशा कितनी खूबसूरत दिखती है.” कह कर उसने अपनी जेब से फ़ोन निकाला और कुछ बटन दबा कर मेरे घर वाली वीडियो मुझे दिखाने लग गया.
मैं मन ही मन अपने आप को गाली देने लग रही थी. काश मैं उस वक़्त ना बहकी होती तो आज ये सब नोबत ना आती
“श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……” उसने मुझे चुप होने का इशारा किया जिसे सुन कर मैं एक दम खामोश हो गयी. “ये क्या लगा हुआ है” मैने उसके हाथ के इशारे की तरफ देखा तो वो मेरी योनि की तरफ इशारा कर रहा था अभी मैं कुछ कहती या समझती इस से पहले ही उसने अपने हाथ को मेरी योनि पर रख कर दिया और उसे सहलाने लग गया.
अभी थोड़ी देर पहले ही अनिता और उस लड़के का सेक्स देख कर मैने जैसे तैसे अपने आप को शांत किया था पर फिर से अपनी नंगी योनि पर अमित के हाथ लगने से ना चाहते हुए भी मेरी योनि अपने आप को नही संभाल सकी और उसने गीला होना शुरू कर दिया. और यही मेरी सबसे बड़ी ग़लती हुई जिस वजह से मैं शरम से ज़मीन मे धँसी जा रही थी.
“बोहोत प्यारी चूत है तेरी भाभी, अपने चाहने वाले को देखते ही कैसे ख़ुसी जाहिर कर रही है” कह कर उसने अपनी उंगली पर मेरी योनि से बहते हुए पानी को ले कर मुझे दिखाते हुए कहा.
“निशा…!!!” बाहर दरवाजे से आती हुई आवाज़ ने तो जैसे मेरे प्राण ही गले मे अटका दिए. बिना कपड़ो के इस हालत मे जहाँ अमित अपने दोनो घुटनो के बल बैठा हुआ मेरी योनि पर हाथ फिरा रहा था. और उसने भी अपनी लिंग को बाहर निकाल रखा था. मेरी समझ मे नही आ रहा था कि बाहर से आती हुई मम्मी की आवाज़ पर क्या रिक्षन करू.
“बेटी निशा.” बाहर से फिर मम्मी ने आवाज़ लगाई इस बार मैने जैसे ही आवाज़ देने के लिए अपना मुँह खोला था कि अमित ने खड़े हो कर अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया.
“मौसी भाभी नहा रही है. एक मिनट रूको मैं आता हू.” कह कर उसने मुझे जल्दी से कपड़े ले कर बाथरूम मे जाने को कहा. और खुद दरवाजे की तरफ चल दिया.
मैं बिना कुछ सोचे समझे अपने सारे कपड़े ले कर बाथरूम मे घुस गयी. बाहर उन दोनो मे क्या बात हुई मुझे कुछ नही पता चला. डर के मारे मैने बाथरूम का नल फुल स्पीड पर खोल दिया ताकि ऐसा लगे जैसे बाहर से आती हुई आवाज़ अंदर सुनाई ही नही दे रही है.
“निशा बेटी…” इस बार बाथरूम का दरवाजा खटखटाने की आवाज़ पर मुझे जवाब देना पड़ा.
“कॉन.. कॉन है..” मैने बनने का नाटक करते हुए कहा.
“मैं हू बेटी, नहा कर तैयार हो जा थोड़ी देर बाद हमे पूजा करने के लिए चलना है. और हां मैने तेरे कमरे मे पीनू से कह कर लाइट वगेरह सही करने को कह दिया है. नहा कर जल्दी आ जा फिर पूजा के लिए चलना है”
“जी मम्मी जी मैं अभी 10 मिनट मे नहा कर बाहर आती हू.” मेरे जवाब देने के साथ ही मम्मी वहाँ से चली गयी. मम्मी के वहाँ से जाने के साथ ही मैने एक चैन की साँस ली. पर मेरी समझ मे नही आ रहा था कि आख़िर मम्मी ने पीनू को यहाँ पर देख कर कुछ कहा क्यू नही. कुछ भी हो पर ये अमित है बोहोत बड़ा चालू. मम्मी को ज़रा भी शक़ नही होने दिया कि यहाँ पर क्या चल रहा था.
टकककक… टकककक फिर से दरवाजा ख़टखटाने की आवाज़.. पर कोई आवाज़ नही. मुझे लगा कि कही मम्मी वापस तो नही आ गई. यही सोच कर मैने अपनी छाती पर टवल लप्पेट कर हल्का सा दरवाजा खोल कर बाहर देखा तो अमित खड़ा था.
“अब क्या है ? क्यू मुझे बर्बाद करने के पीछे पड़े हो ?” कह कर मैने दरवाजा बंद करना चाहा पर दरवाजा बंद नही हुआ. उसने दरवाजे मे अपना पैर अड़ा रखा था. उसने दरवाजे को एक धक्का दिया और दरवाजा मुझे पीछे को धकेलते हुए खुल गया.
दरवाजे के खुलते ही वो अपने दाँत फाड़ता हुआ बाथरूम के अंदर घुसा चला आया. बाथरूम मे नल से पानी के गिरने की आवाज़ अब भी बदस्तूर वैसे ही आ रही थी जैसे अभी थोड़ी देर पहले मम्मी के आने का समय हो रहा था. उसके अंदर आते ही मैं बुरी तरह से घबरा गयी. क्यूकी जिस तरह से वो मुस्कुरा रहा था उसकी हँसी उस समय किसी राक्षस से कम नही लग रही थी.
“तुम…. अंदर क्यू आ गये… मैने कहा बाहर जाओ. देखो तुम मेरे सब्र का इम्तहान मत लो. अगर अब तुम यहाँ से नही गये तो मैं शोर मचा कर पूरे घर को यहाँ पर बुला लुगी.” मैने अपनी छाती पर लगे टवल से अपने शरीर को ढकने की नाकाम कोसिस करते हुए कहा.
“तो बुला लो ना डरता कॉन है.. उन्हे भी तो पता चले कि उनकी बहू निशा कितनी खूबसूरत दिखती है.” कह कर उसने अपनी जेब से फ़ोन निकाला और कुछ बटन दबा कर मेरे घर वाली वीडियो मुझे दिखाने लग गया.
मैं मन ही मन अपने आप को गाली देने लग रही थी. काश मैं उस वक़्त ना बहकी होती तो आज ये सब नोबत ना आती