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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
#42
मैं उसे कस के हुचुक हुचुक कर कुसुमा की चूत अपनी जीभ से चोद रही थी|

वो नीचे से चिल्लाई, “ये तेरी भौजी छिनाल ऐसे नहीं मानेगी, हुमच के अपना लंड इसकी गांड़ में पेल दो|” 

मैं डर गई पर बोली, “और क्या, अकेले तुम्हीं देवर से गांड़ मराने का मजा लोगी|” 




लेकिन जैसे ही उसने गांड़ में मूसल पेला, दिन में तारे दिख गये| मैं भी हार मानने वाली नहीं थी| मेरी चूत खाली हो गई थी|




मैं उसे कुसुमा की झाँटों भारी बुर पे रगड़ने लगी| 

कुछ हीं देर में हमलोग सिक्स्टी नाइन की पोज में थे लेकिन वो घचाघच मेरी गांड़ मारे जा रहा था| 

[Image: anal-pain-tumblr-oamaiykx-Ia1vazt6mo1-500.gif]

हम दोनों दो-दो बार झड़ चुके थे| उसने जैसे हीं गांड़ में झड़ने के बाद लंड निकाला, सीधे मैंने मुँह में गड़प कर लिया| वो लाख मना करता रहा लेकिन मैंने चाट चूट के हीं छोड़ा|

तीन बार मेरी बुर चुदी|
मैं उठने की हालत में नहीं थी| 


[Image: holi-rag-jpg-480-480-0-64000-0-1-0.jpg]

किसी तरह साड़ी लपेटी, ब्लाउज देह पे टांगा और घर को लौटी
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RE: ससुराल की पहली होली - by komaalrani - 06-02-2019, 11:11 PM



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