06-02-2019, 06:41 PM
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______________अपडेट ==5_______________
दूसरे दिन सोकर जल्दी उठ गया, आज पहली तारीख थी पापा से पॉकेटमनी लेनी थी,
तो में भागकर पापा के कमरे की तरफ गया और नॉक किया,
5 मिनिट तक कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने फिर से नॉक किया करीब दो मिनिट के बाद दरवाजा खुला,
पापा ने बनियान और पाजामा पहन रखा था, उनके बाल बिखरे हुए से लग रहे थे,
हल्का सा पसीना भी निकल रहा था जबकि पापा के कमरे में ac लगा हुआ था,
पापा हल्के से गुस्से में बोले:- क्या हुआ इतनी सुबह सुबह दरवाजा बजा रहे हो,
मैंने उनसे जेबखर्च का बोला तो वो बोले की कमला को दे दूंगा निकले वक्त अब मुझको सोने दो।।
में हॉल में ही बैठकर अखबार पढ़ने लगा जो पापा के रूम के सामने ही था ,
करीब 10 मिनिट बाद ही पापा के रूम का दरवाजा खुला, दरवाजे से कमलाबाई एक गाउन पहने हुये निकली में चौंक पड़ा,
पापा तो बोल रहे थे की वो सो रहे थे, फिर ये कमलाबाई क्या कर रही थी उनके रूम में और उसने गाउन क्यों पहन रखा था ,
जबकि हमेशा वो सलवार कमीज या साड़ी ही पहनती थी, और वो गाउन मेरी मम्मी का था...
कमलाबाई भी मुझको सामने बैठे देखकर सकपका सी गयी, में समझ गया की कुछ गड़बड़ थी,
फिर में नहाकर आया और नाश्ता करके कॉलेज चला गया मेरी पॉकेटमनी मुझको कमलाबाई ने दे दी थी ।।
क्लास में आज कुछ विशेष नहीं था, हाफ टाइम में हम बाहर निकल गये,
तभी मेरे हिस्ट्री टीचर ने मुझे बुला लिया,में उनके पास गया तो वो बोले की ऊपर स्टाफ रूम में उनका टिफिन रखा हुआ है ले आये,
में ऊपर गया देखा स्टाफ रूम का दरवाजा ढेला हुआ है मैंने उसको धकेल और अंदर घुस गया,
अंदर कोई नहीं था तभी मेरे हिस्ट्री सर पीछे से आ गये और दरवाजा बन्द कर लिया,
उफ्फ्फ में डर गया लेकिन सर ने (अब में उनको मदनजी लिखूंगा) कहा डरो मत में तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ,
उन्होंने मुझे सामने बैठाया, वो बोले:- देखों बेटा में कल तुम्हारा पेपर देख रहा था बहुत ही खराब हुआ है लगता है तुम हिस्ट्री में फैल हो जाओगे,
अब में सचमुच में ही डर गया और रुआंसा हो गया ..
लेकिन वो मेरे गाल सहलाने लगे और बोलें :- देखो डरो नहीं क्योंकि अभी मैंने उसको मार्किंग नहीं किया है.....
तुम चाहो तो कुछ हो सकता है आज शाम को तुम मेरे रूम आ जाओ ,
( उनका रूम मेरे घर से थोड़ा ही दूर था) फिर कोई तरकीब निकालते है,
मैंने हाँ भर दी फिर मदनजी खाना खाने लगे में बाहर निकल गया....
कॉलेज से छुट्टी के बाद में घर की तरफ जा रहा था की मेरा दोस्त विनय मिल गया वो मुझसे पूछने लगा की मदनजी क्या कह रहे थे....??
मैंने उसको पूरी बात बताई तो वो मुझसे धीमी आवाज में कहने लगा की, वो पिछले एग्जाम में उसको भी यही बोल के रूम पर बुलवाये थे....
फिर उन्होंने और उनकी बीबी ने उसको लड़की की ड्रेस पहनाई ब्रा पेंटी पहनाई और गन्दा काम किया था,
मैंने पूछा क्या गन्दा काम तो उसने मुझको बोला की कसम खाओ किसी को बताओगे नहीं,
मैंने कसम खाई तो वो बताने लगा, मदनजी ने उसको अपने घर बुलाकर लड़की की ड्रेस पहनाई व उनकी बीबी ने उसका मेकअप किया,
वो भी बिल्कुल किसी लड़की की तरह से , फिर उसको अंदर एक दूसरे रूम में ले गये,
वँहा एक आदमी बिस्तर पे लेटा हुआ शराब पी रहा था, अंदर टीवी पर एक ब्लू फ़िल्म चल रही थी जिसमें दो लड़के और एक लड़की सेक्स कर रहे थे,
फिर उस आदमी ने विनय को अपनी तरफ खींच लिया और किसी लड़की की ही तरह से किस करने लगा,
वो विनय कब पूरे जिस्म को मसल रहा था, मदनजी की बीबी ने विनय को जो ब्रा पहनाई थी .....
उनमे रुई भरकर बूब्स बनाये हुए थे जिनको वो आदमी दबा रहा था और साथ में शराब भी पी रहा था ,
विनय भी फ़िल्म देख कर उतेजित हो गया उस फ़िल्म में एक लड़का लड़की और लड़के के साथ बारी बारी सेक्स कर रहा था,
फिर उस आदमी ने विनय को अपना लंड चूसवाया और उसकी गांड में अपनी जीभ डाली ,
उस आदमी का लंड जब फूल कड़क होकर खड़ा हो गया तो उसने आवाज लगाई फिर मदनजी की बीबी पूरी नँगी होकर अंदर आई,
फिर उस आदमी ने विनय के सामने ही मदनजी की बीबी को कसकर चोदा,झड़ने के बाद उसने विनय को 500 रुपये भी दीये,
यह सब सुनकर मेरा लंड भी कड़क हो गया था .... विनय फिर बताने लगा की मदनजी ने उसको कहा की किसी को बताना मत
में तुमको अच्छे नम्बरो से पास कर दूंगा, विनय 500 रुपये और अच्छे नम्बरो का सुनकर खुशी खुशी घर आ गया ,
लेकिन 10 दिन बाद ही मदनजी ने उसको फिर अपने घर बुलाया और वैसे ही उसको लड़की के कपड़े पहनाये और उसी कमरे में ले गये इस बार एक अंग्रेज था उस कमरे में ,
विनय ने सोचा की वही पिछली बार की तरह होगा लेकिन इस बार कुछ और होने वाला था,
मदनजी उसको अंदर छोड़ गये , उस अंग्रेज ने दरवाजा अंदर से बन्द किया और विनय को अपनी बांहों में लेकर प्यार करने लगा,
फिर उसने अपने कपड़े उतार दिये और विनय ने देखा की उसका लंड बहुत ही गोरा था और करीब 6इंच का था ,
अंग्रेज ने विनय को लंड कस्बे का इशारा किया तो विनय नीचे बैठके उसका लंड चूसने लगा ,
(विनय अपने मामा के लड़के के साथ काफी बार मुखमैथुन कर चुका था)
थोड़ी देर के बाद अंग्रेज ने उसको बिस्तर पर ले गया और उसके स्कर्ट में हाथ डाल के उसकी पेन्टी उतार ली फिर अंग्रेज उसका लंड चूसने लगा,
फिर अंग्रेज ने कोई क्रीम उसकी गांड में लगाई और अपनी अंगुली उसकी गांड के अंदर बाहर करने लगा,
विनय को हल्का सा दर्द हुआ लेकिन कुछ देर में ठीक हो गया ,
फिर अंग्रेज ने अपने लंड पर निरोध लगाया और विनय को घोड़ी बनाया विनय डर गया ,
लेकिन अंग्रेज ने उसको डांट के चुप करवा दिया और फिर विनय की गांड में अंग्रेजी लंड घुस गया ,
विनय रोने लगा क्योंकि विनय को काफी दर्द हो रहा था , लेकिन वो मजबूर था करीब 15 मिनिट उसकी गांड में लंड अंदर बाहर होता रहा,
फिर विनय को भी थोड़ा मजा आने लगता है, फिर अंग्रेज ने अपना लंड निकाल निरोध हटाकर लंड का पानी विनय के मुंह पे छोड़ दिया ।।
अंग्रेज ने विनय को 2000रुपये दीये विनय को गांड में दर्द हो रहा था ..लेकिन मदनजी के डर और पैसे की वजह से कुछ बोला नहीं और घर निकल गया !!
मदनजी ने उसको 2 टेबलेट दी और कहा की एक रात को एक कल सुबह खा लेना बिल्कुल सही हो जाओगे।।
ये थी विनय की आपबीती...
लेकिन पता नहीं क्यों मुझे यह सुनके बिल्कुल डर नहीं लगा बल्कि मस्ती सी महसूस हुई थी...खैर हम दोनो अपने-अपने घर निकल गये ।।