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Gay/Lesb - LGBT मनोज से माया तक का सफर
#7





______________अपडेट == 4_______________
उसके बाद सबने साफ सफाई की कपड़े पहने और सर ने कल मुझको टाइम से आने को कहा ,
उन्होंने मुझको व शीबा को एक-एक बड़ी वाली डेयरी मिल्क चॉकलेट दी,
साथ ही मुझको एक छोटी डायरी जैसी किताब भी दी और कहा :- बेटा इसको छुपाकर रखना और रात को अकेले में पढ़ना,
मैंने हामी भर दी फिर हम दोनो निकल गये रास्ते में शीबा ने कहा की मेरा लन्ड भी टेस्टी है वो फिर चुसेगी किसी दिन....
फिर में घर आ गया, घर ने घुसते ही हमारी नौकरानी 
कमला बाई (उम्र 38 साल पतली सी सुंदर बड़ी बड़ी छातियाँ कुल मिलाकर मस्त माल) ने मुझको चाय बनादी मेंने पी ली तो कुछ अच्छा लगा ,
क्योंकि स्लखन के बाद थोड़ी सी थकावट आ गयी थी ।।
फिर में पढ़ने लगा करीब दो घण्टे पढ़ाई की फिर टीवी देखने लगा ,
थोड़ी देर में ही पापा आगये हमने आज सर से हुई मीटिंग की बातें की तो मैंने सर और मेम की बहुत ही प्रशंसा की तो पापा खुश हो गये,
बाद में हमने साथ-साथ खाना खाया और सोने चले गये,
मेरा कमरा ऊपर था जबकि पापा का नीचे था, में बिस्तर पे लेट गया तभी मुझको सर की दी हुई किताब का याद आया,
मैंने वो किताब निकाली और पढ़ने लगा....वो किताब समलैंगिक सेक्स के बारें में थी ,
जिसमे गांड को मरवाने, लंड चूसने और पार्टनर को खुश करने के अलग-अलग तरीके बतायें गये थे,
साथ ने काफी सारे सेक्सी चित्र भी थे,
उसको पढ़ते पढ़ते मेरा 5 इंच का लंड खड़ा हो गया और में पढ़ने के साथ-साथ मुठ्ठी भी मारने लगा...
किताब खत्म होते ही मेरा पानी निकल गया लेकिन बहुत ही कम पानी निकला मेरा ... फिर में सो गया...!!





 
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RE: मनोज से माया तक का सफर - by Salmakhan21 - 06-02-2019, 04:51 PM
RE: मनोज से माया तक का सफर - by Sexyboyforol - 13-03-2019, 09:53 AM



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