06-02-2019, 03:50 PM
"हाँ," समीर उसके सिर हिला बात की थी. "मैं इंतजार नहीं कर सकता." l
"मुझे यकीन है आप नहीं कर सकते हैं" असिमा हँसकर कहा l
"तुम हमेशा जल्दी बाजी मे रह्ते हो यही कारण है कि सलमा इतनी जल्दी गर्भवती हो गई l
उसके लिए यह एक सुखद टिप्पणी किसी भी प्रकार से नहीं थी फिर भी असिमा इस तरह की बाते अक्सर कर जाती थी l
समीर उसके वैवाहिक जीवन की निराशा से परीचित था l
हितेन उसका
पति व्यक्ति के रूप मे एक रत्न था. फिर भी हितेन अपने कारोबार की तुलना में
घर पर समय कम ही दे पाता था उसे अहसास था कि ही कि असिमा इस्से कुछ अधिक चाह्ती थी l
उस से थोड़ा बहुत ज्यादा की उम्मीद थी l
उसे आसानी से रिसेप्शनिस्ट रूप में एक नौकरी मिल गई l
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में है और जल्द ही रिसेप्शनिस्ट के तौर प्र ठेठ उद्यमी महिला साबित हुई l
समीरा की देख रेख मे कोई कमी नहीं आनी चाहिये,बाप बनने के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ देना l
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है l
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-
’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं l
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
असिमा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "असिमा
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l
तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,असिमा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?
समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि समीरा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
"मुझे यकीन है आप नहीं कर सकते हैं" असिमा हँसकर कहा l
"तुम हमेशा जल्दी बाजी मे रह्ते हो यही कारण है कि सलमा इतनी जल्दी गर्भवती हो गई l
उसके लिए यह एक सुखद टिप्पणी किसी भी प्रकार से नहीं थी फिर भी असिमा इस तरह की बाते अक्सर कर जाती थी l
समीर उसके वैवाहिक जीवन की निराशा से परीचित था l
हितेन उसका
पति व्यक्ति के रूप मे एक रत्न था. फिर भी हितेन अपने कारोबार की तुलना में
घर पर समय कम ही दे पाता था उसे अहसास था कि ही कि असिमा इस्से कुछ अधिक चाह्ती थी l
उस से थोड़ा बहुत ज्यादा की उम्मीद थी l
उसे आसानी से रिसेप्शनिस्ट रूप में एक नौकरी मिल गई l
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में है और जल्द ही रिसेप्शनिस्ट के तौर प्र ठेठ उद्यमी महिला साबित हुई l
समीरा की देख रेख मे कोई कमी नहीं आनी चाहिये,बाप बनने के बाद उसे ऐसे ही न छोड़ देना l
समीर जानता था कि अपनी किसियाहट छुपाने के लिए वह एस तरह का दिखावा कर रही है l
उसने सोचा कि उसे दिलासा दिलाना ठीक रहेगा-
’"तुम हितेन के बारे में, ऐसा ख्याल दिल मे न लाओ आखिरकार वह तुम्हारे परिवार की खुशी के लिये ही तो ये सब कर रहे हैं l
अच्छा ठीक है ,औपचारिकत्त की आव्श्य्कता नहीं है,खड़े होते हुए समीर ने कहा,तुम्हे गरमागरम काफ़ी पिलाता हूँ l
असिमा ने उसकी बाँह पकड़्कर सोफ़े में खींचते हुए कहा, अब तुम औपचारिक हो रहे हो l
तुम्हे ठंड नहीं लग रही है,समीर ने प्रश्न किया ,मुझे लगता है कि एक क्प काफ़ी हो जाए l
इतनी दूर से मैं यहाँ सिर्फ एक कप कॉफी, के लिए नहीं आई हूँ "असिमा
शरारत से मुस्कुराई. "मैं सालगिरह अपने भाई को अच्छा नाश्ता खिलाने आई हूँ l
. " नाश्ते के लिए बहुत जल्दी है" समीर ने कहा यह सोच कर है कि उसकी
बहन पैकेट के बारे मे बात कर रही है जो वह लेकर आई है l
तुम भी हितेन की तरह कददू(बुद्धू) हो,असिमा ने उसके निकट आते हुए फ़ुसफ़ुसाते हुए कहा ,तुम्हारे सामने खड़ी हूँ,जिन्दा ! इससे बढ़िया नाश्ता क्या होगा?
समीर उसकी इस बात से अचंभित रह गया l निश्चित रूप से उसकी इस बात का मतलब समझकर हैरान नहीं था यह सच है कि समीरा से शादी से पहले उसके उभारों पर उसकी नजर रहती थीऔर वे सपने अब भी कहीं दिल की गहराइयों में ताजा थे कि काश एक बार वह अपनी बहन को ...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.