23-01-2020, 08:04 AM
अनिता इस समय पूरी मस्ती मे थी इस लिए वो बिना किसी जवाब सवाल के पलट गयी. अब अनिता के नितंब ठीक उस लड़के के लिंग से रगड़ खा रहे थे. उस लड़के ने अनिता की पीठ पर हाथ रख कर उसको थोड़ा सा आगे की तरफ और झुका कर अपनी जगह बनाई. और अपने दोनो हाथो से उसके नितंबो को धीरे धीरे कर के मसलना शुरू कर दिया. अनिता इस समय पूरी मस्ती के साथ सिसकारिया निकालते हुए मज़े ले रही थी. थोड़ी ही देर मे उस लड़के ने अपनी पोज़िशन बना कर हल्के हल्के अपने लिंग को अनिता की योनि मे डालना शुरू कर दिया. लिंग के योनि मे जाते ही अनिता की दर्द भरी चीख निकलने लगी. पर वो उस समय पूरी तरह मस्ती मे थी इस लिए उसने उस लड़के को रोका नही. थोड़ी ही देर मे हल्की हल्की दर्द भरी चीख निकालते हुए अनिता ने उस लड़के के भीमकाय जैसे लिंग को पूरा का पूरा अपनी योनि मे ले लिया.
ये सब देख कर मुझसे अब बर्दास्त करना मुश्किल होता जा रहा था. इस लिए मैं वहाँ से हट कर थोड़ा दूर झोपड़ी से सॅट कर खड़ी हो गयी और कब मेरा हाथ मेरी योनि के साथ खेलने लगा मुझे इस बात का एहसास ही नही हुआ. मेरे हाथ की और मेरी योनि की इस समय जंग सी च्चिड गयी थी. पता करना मुश्किल था कि कॉन किसका दुश्मन है. थोड़ी ही देर मे हाथ और योनि की जंग मे हाथ की जीत हुई और योनि ने अपने मुँह से उल्टिया करके अपनी हार मान ली. इधर अंदर से अनिता के सिसकारिया लेने की आवाज़े भी आना बंद सी हो गयी थी. आवाज़े ना आने का मतलब सॉफ था कि अनिता सेक्स का मज़ा ले चुकी है और किसी भी वक़्त बाहर आ सकती है. इस लिए मैं अपने कपड़े सही करके वहाँ से जल्दी से दूर सड़क की तरफ आ गयी. थोड़ी ही देर मे अनिता भी आ गयी. मैं दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हुई थी ताकि वो उस झोपड़ी से आसानी से बिना किसी शर्म-ओ-हया के बाहर निकल सके.
ये सब देख कर मुझसे अब बर्दास्त करना मुश्किल होता जा रहा था. इस लिए मैं वहाँ से हट कर थोड़ा दूर झोपड़ी से सॅट कर खड़ी हो गयी और कब मेरा हाथ मेरी योनि के साथ खेलने लगा मुझे इस बात का एहसास ही नही हुआ. मेरे हाथ की और मेरी योनि की इस समय जंग सी च्चिड गयी थी. पता करना मुश्किल था कि कॉन किसका दुश्मन है. थोड़ी ही देर मे हाथ और योनि की जंग मे हाथ की जीत हुई और योनि ने अपने मुँह से उल्टिया करके अपनी हार मान ली. इधर अंदर से अनिता के सिसकारिया लेने की आवाज़े भी आना बंद सी हो गयी थी. आवाज़े ना आने का मतलब सॉफ था कि अनिता सेक्स का मज़ा ले चुकी है और किसी भी वक़्त बाहर आ सकती है. इस लिए मैं अपने कपड़े सही करके वहाँ से जल्दी से दूर सड़क की तरफ आ गयी. थोड़ी ही देर मे अनिता भी आ गयी. मैं दूसरी तरफ मुँह करके खड़ी हुई थी ताकि वो उस झोपड़ी से आसानी से बिना किसी शर्म-ओ-हया के बाहर निकल सके.