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Adultery मेहमान बेईमान
ये सब नज़ारा देख कर मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी. गर्मी से मेरा गला जो पहले ही सूखा हुआ था ये सब देखने के बाद तो हालत और भी ज़्यादा खराब हो गयी थी. दोनो पैरो के पंजो पर खड़े हो कर देखने की वजह से मेरी योनि से बहता हुआ पानी मेरी दोनो टाँगो पर गिर कर चिपकने लग गया था. जो मुझे और भी अजीब हालत मे ले जा रहा था. मैने अपना एक हाथ उपर खिड़की से हटा कर अपनी योनि पर रख कर योनि को सहलाना शुरू कर दिया और अपने दोनो उरोजो को उस झोपड़ी से दबाने लगी. जैसे जैसे मेरा हाथ मेरी योनि पर चल रहा था और अंदर से अनिता की सिसकारियो की आवाज़ो ने तो जैसे मुझे एक अलग ही दुनिया मे ले जा कर खड़ा कर दिया और उस मदहोशी के आलम मे मेरा हाथ मेरी योनि पर और भी तेज़ी के साथ चलने लगा.. मेरी दोनो आँखे अपने आप बंद हो कर उस पल मे डूबने लग गयी.

अभी मुझे अपनी आँखे बंद किए हुए कुछ ही पल हुए थे की अचानक से अंदर से अनिता की एक दर्द भरी आवाज़ ने मुझे मेरी आँखे खोलने पर मजबूर कर दिया. मैने अपने हाथ को अपनी योनि से हटा कर वापस खिड़की पर टिका दिया और पंजो पर उचक कर देखा तो उस लड़के ने अपनी दो उंगली अनिता की योनि मे डाल दी है और उसे बड़े मज़े के साथ उसकी योनि मे घुमा रहा है. वो अपनी उंगलियो को पूरी तेज़ी के साथ उसकी योनि मे अंदर बाहर कर रहा था और अनिता ने उसके सर को अपने दोनो हाथो से कस कर पकड़ लिया था. उसकी तेज़ी के साथ चलती हुई उंगलिया पूरी तरह से अनिता के योनि रस मे गीली हो चुकी थी. अचानक उसने अपनी तेज़ी के साथ चलती हुई उंगलियो को रोका और अनिता की योनि से अपनी उंगलियो को बाहर निकाल कर अपने मुँह के करीब तक लाया और बोहोत धीरे से शायद उसकी खुद की साँसे भी मदहोशी के कारण उखड़ सी गयी थी बोला-

अनिता तुम्हारी चूत से आती हुई खुसबू ने तो मुझे पागल ही कर दिया है पानी का टेस्ट करके भी देखु कि वो कितना मजेदार है” बोल कर उसने अपनी दोनो उंगलिया अपने मुँह मे डाल ली और लोलीपोप के जैसे उन्हे चूसने लग गया.

अनिता उसकी इस हरकत को देख कर पहले तो मुस्कुराइ और फिर शरम के कारण अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा ढँक लिया.

“जल्दी करो दीपक वहाँ दुकान पर भाभी मेरा इंतजार कर रही होगी” अनिता ने वैसे ही अपने हाथो को अपने चेहरे पर लगाए हुए ही कहा.

“भाभी की चिंता हो रही है… और मैं..!!! जो इतने दिनो से तुम्हारे लिए पागल दीवानो की तरह से घूम रहा था उसका कुछ नही ?” कह कर वो अनिता के पास से खिसक कर अनिता की दोनो टाँगो के बीच मे आ गया… उसके लिंग ने पहले से भी तेज़ी के साथ उपर नीचे की तरफ झटके लेना शुरू कर दिया था. अनिता की दोनो टाँगो के बीच मे आ कर उसने उसकी दोनो टाँगो को पूरी तरह से फैला दिया और अपना मुँह अनिता की योनि पर लगा दिया. उस लड़के ने जैसे ही अपनी जीभ को योनि पर घुमाया अनिता के पूरे शेरर मे एक झटका सा लगा और उसने उस लड़के के सर को पकड़ कर अपनी योनि पर दबा दिया.

थोड़ी देर उसने उसकी योनि को अपनी जीभ से चाटना चालू रखा. वो कभी तो अपनी जीभ को अनिता की योनि पर उपर से नीचे तक घुमाता तो कभी अपनी जीब को उसकी योनि के अंदर डाल देता. इस सब से अनिता बोहोत खुस हो कर मज़े ले रही थी. पर ये सब देख कर मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होती जा रही थी. धूप और गर्मी की वजह से मेरी हालत वैसे ही खराब थी उपर से ये सब देख कर तो और भी ज़्यादा हो गयी. अंदर का नज़ारा देख कर मेरा हाथ वापस मेरी योनि को प्यार से सहला कर दिलासा देने लग गया.

“दीपक और तेज बस मे झड़ने वाली हू.. आअहह दीपक तेज और तेज…” अंदर से आती हुई आवाज़ ने मुझे फिर से अंदर झाँकने पर मजबूर कर दिया. अंदर देखा तो अनिता अपने दोनो नितंबो को हवा मे उठा कर उस लड़के के मुँह पे ज़्यादा से ज़्यादा दबाने की कोसिस कर रही थी. शायद वो अपनी आखरी मंज़िल पर थी. इस लिए वो पूरी मस्ती के साथ अपने नितंबो को हवा मे उपर उठा रही थी. वो पूरी मस्ती मे आई ही थी कि वो लड़का एका एक रुक गया. और उसको उल्टा होने का इशारा करने लग गया.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 23-01-2020, 08:03 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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