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Adultery मेहमान बेईमान
और मैने एक झटके के साथ ही उसे अपने से दूर कर दिया

“क्या हुआ” उसने बड़ी उदासी भरा चेहरे बनाते हुए कहा.

“तुम से ज़रा हंस कर बात क्या कर ली बुड्ढे तुम तो अपनी औकात ही भूल गये” मैने उस पर गुस्सा करते हुए कहा.

“ये अचानक तुम्हे क्या हो गया ? अभी तो कितने अच्छे से बात कर रही थी?” उसने अपने बुरे से चेहरे को रोनी सूरत मे और भी बुरा बनाते हुए कहा

“अच्छे से ही बात करती अगर तुम अच्छे से बात करने लायक होते” मैने अपनी आवाज़ मे और भी ज़्यादा गुस्सा और कठोरता लाते हुए कहा.

“पर मैने तूऊ..” वो अपनी पूरी बात कह पता इस से पहले ही उसकी बीवी दरवाजा खोल कर अंदर की तरफ आ गयी.

उसकी बीवी के आते ही मुझे अनिता का ख़याल आया उसे काफ़ी देर हो चुकी थी गये हुए और वो अभी तक वापस नही आई थी मेरा दिल जोरो से धड़कने लग गया. मुझे अंदर ही अंदर एक अंजाना डर सताने लग गया. क्यूकी जिस तरह के लोग यहा इस देहात मे मिल रहे थे मुझे अनिता को लेकर और भी ज़्यादा चिंता होने लग गयी थी. एक तो कुवारि लड़की उपर से अकेले यही सब सोच सोच कर मेरा दिल बैठा जा रहा था. मेरी नज़रे बार बार दरवाजे पर जा कर टिक जा रही थी.

“क्या हुआ नाप हो गया ?” जावेद की बीवी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देख कर कहा.

मैने उनके सवाल के जवाब मे गर्दन हां मे हिलाई और वापस दरवाजे की तरफ देखने लग गयी.

“क्या हुआ तुम बार बार दरवाजा की तरफ क्या देख रही हो ?” जावेद की बीवी ने मुझसे कहा तो जावेद भी मेरी तरफ असमजस भरी नज़रो से देखने लग गया.

“अनिता को देख रही हू, उसे गये हुए काफ़ी टाइम हो गया है वापस नही आई है अभी तक घर पर सब परेशान हो रहे होगे..” कह कर मैं अपने कपड़े वही पर छ्चोड़ कर बाहर जाने लगी

“अरे मोहतार्मा आप अपने विकास भैया के यहा से हो ?” जावेद ने एक दम बुरी तरह से हैरान होते हुए कहा, उसे तो चेहरे की एक दम हवैया सी ही उड़ गयी थी.

“अरे.. जुंमन के अब्बू आप ने इन्हे पहचाना नही ये मनीष की बेगम है” जावेद की बीवी ने जावेद को मुस्कुराते हुए बताया.

“अरे तो ये मनीष की बेगम साहिबा है, आप ने पहले बताया ही नही कि आप विकास भैया की भाभी हो,,” कह कर वो मेरी तरफ देख कर एक पल को मुस्कुराया पर फिर से उसके चेहरे के भाव उड़े उड़े नज़र आ रहे थे, मुझे अच्छे से पता था कि उसके चेहरे के भाव क्यू उड़े हुए है. उसे डर था कि कही मैं उसकी शिकायत घर पर ना कर दू.

ये सब बाते अभी सब सोचने का नही था मुझे अनिता को देखना था. इस लिए मैं वहाँ से जाने को हुई ही थी कि जावेद की बीवी मेरे से बोल पड़ी “अरे बेटी धूप मे कहाँ बेकार मे परेशान होगी थोड़ी देर और इंतजार कर लो अनिता बेटी आ जाएगी”

“नही मैं वैसे भी काफ़ी लेट हो चुकी हू. अब और इस इंतजार करना…” मेरी बात को बीच मे काट ते हुए वो बोली

“अरे बेटी तुम चिंता ना करो अनिता बिटिया यहाँ की एक एक गली को अच्छे से जानती है, तुम उसकी चिंता मत करो”

जावेद की बीवी ने मुझे तसाल्लि देते हुए कहा
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 23-01-2020, 07:59 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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