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Misc. Erotica ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण
#48
रात में पूनम अपने कमरे में सो रही थी. उसके कानो में अमित की आवाज़ बार बार गूंज रही थी. “जितना मज़ा लेना था ले लिया. अब क्या जिन्दगी भर सर पे बिठा कर रखूं. अब गुड्डू विक्की से चुदवा रही होगी रंडी.” पूनम का मन कर रहा था की अमित का खून कर दे. उसने उसके विश्वाश का, उसके प्यार का नाजायज फायदा उठाया था. आज वो अलमीरा से पिक्स और स्टोरी भी बाहर नहीं निकाली थी. पूनम अपनी सोंच में मगन थी जब उसके मोबाइल पे मैसेज आया.

वो उन लड़कों का ही मैसेज था. जितनी देर में पूनम उस मैसेज को पढ़ती उतनी ही देर में 3-4 और मैसेज आ गए. सब के सब नॉनवेज चुटकुले वाले. पूनम का दिमाग थोडा रिलैक्स हुआ. वो अमित को अब अपनी सोच से भी निकाल देना चाहती थी। वो सोचने लगी की वो लड़के सच कह रहे थे. इससे अच्छा तो इनसे चुदवाने वाली लड़कियां हैं जिन्हें पता है की बस मस्ती किया जा रहा है. सिर्फ जिस्म का मज़ा, दिल टूटने का, धोखा गम मिलने का कोई खतरा नहीं. बस मिलो, मज़े करो और फिर सब अपनी अपनी ज़िंदगी में मगन हो जाओ।

पूनम के मोबाइल पे फिर से मैसेज आया “कॉल करो.” पूनम सोची की कॉल नहीं करेगी वो। वो उन मैसेज को पढ़ रही थी। थोड़ी ही देर में 3-4 और मैसेज आ गए। पूनम को अच्छा लग रहा था। पूनम आलमीरा से एन्वेलोप निकाल कर देखने लगी, लेकिन इससे ज्यादा मज़ा तो वो सेक्सी मैसेज दे रहे थे।

फिर से मैसेज आया "प्लीज़ कॉल." पूनम अब सोच रही थी की कॉल करे की नहीं की उतनी देर में उधर से ही कॉल आ गया. पूनम कॉल रिसीव कर ली. वैसे भी उसे मन नहीं लग रहा था और नींद नहीं आ रही थी, तो इन लड़कों से थोडा लड़कर ही सुकून मिले.
“कैसे हो जानेमन?”
“तुमसे मतलब. तुम्हे बोली हूँ की मुझे परेशान मत करो.”
“आज तुम दिखी ही नहीं, तुम्हारे लिया नया एन्वेलोप पैक करके रखा हुआ था मैंने. वो वाला तो पुराना हो गया होगा.”
पूनम सोचने लगी की सच तो बोल रहा है, वो तो पुराना हो गया. उसमे अब कहाँ मज़ा आ रहा है. लेकिन वो अपने टोन को बिना चेंज किये बोली “बोली हूँ न की जाकर अपनी बहन को दो. उसे ज्यादा मज़ा आएगा.”

वो लड़का जिसका नाम गुड्डू था वो पूनम के बात पे बिना कोई रिएक्शन दिए बोल रहा था. उसे पता था की पूनम के अन्दर क्या चल रहा है. बोला “अमित का क्या हालचाल है? समझौता हो गया तुमलोगों में. मना लिया तुमने उसे?” पूनम के दिमाग में फिर से अमित के बात गूंजने लगी. वो चुप हो गयी.

गुड्डू आगे बोला “मैंने तो पहले ही कहा था जान की उस टाइप के लड़के हरामी होते हैं. बस लड़की की चूत से मतलब होता है. तुम्हारा मज़ा लूट लिया, बस काम ख़तम. तुम उसके लिए च्विंगगम की तरह थी. जब तक रस मिलता रहा, मज़ा करता रहा, जब लगा की अब बेकार हो गयी है तो थूक कर चलता बना.”

पूनम समझ रही थी गुड्डू की बात को. लेकिन वो हार मानने के लिए तैयार नहीं थी. बोली “सब तुम्हारी वजह से हुआ है. अगर तुम उसे धमकाते मारते नहीं तो वो अब भी मेरा ही रहता.” गुड्डू तुरंत ही बोला “ जो लड़का एक बार धमकाने और मारने से तुम्हे छोड़ दे, तुम्हे लगता है कि ऐसे हिजड़े के साथ तुम्हे संबंध आगे बढ़ाना चाहिए। उसे अब तुम में कोई इंटरेस्ट नहीं है मैडम। और सोचो की अगर मैं तुम्हे उससे नहीं बचाता, तब कितनी बार तुम उससे चुदवाती, कितनी बार वो तुम्हे बहला फुसला कर प्यार के नाम पर तुम्हारे इस मादक जिस्म का मज़ा लेता, लेकिन अंत में होता वही जो अभी हुआ. वो तुम्हे छोड़ कर जाता ही. और मेरा स्वार्थ बस इतना है की जब इतनी बार उससे ख़ुशी ख़ुशी चुदवाने के लिए तैयार थी, तो बस एक बार मुझे भी अपनी जवानी का मज़ा ले लेने दो. उससे तो ज्यादा ही मज़ा मेरे साथ आएगा.”

पूनम बोली “तुम तो उस से भी बड़े हरामी हो. तुम उसे इस लिए नहीं धमकाये की वो बाद में मुझे छोड़ कर जाता। तुम्हारा तो अपना स्वार्थ है।” गुड्डू बोला “हाँ, तो मैं तो बोल ही यही रहा हूँ की तुम्हे चोदना चाहता हूँ. मैंने कभी नहीं कहा की मैं प्यार करता हूँ और शादी करूँगा. बस मस्ती करूँगा. तुम्हारा मज़ा लूँगा और तुम्हे मज़ा दूँगा. बस. एक बार मेरे लण्ड को अपनी चुत की गहराई की सैर करने दो। एक बार अपने निप्पल्स को दाँत से काटने दो। बस एक बार अपनी रसीली चुत पे जीभ फिराने दो। बस। फिर तुम अपने रस्ते और मैं अपने.”

रात में अकेली में पूनम को चूत, चुदाई ये सब शब्द सुनकर अच्छा लग रहा था. वो अपने ट्राउजर और पैंटी को थोड़ा नीचे कर चुकी थी और अपनी चूत सहलाना स्टार्ट कर दी थी. बोली “मैं कभी भी तुमसे नहीं करवाने वाली. किसी और को फंसाओ. मेरे पास कोई फायदा नहीं. मैं वैसी लड़की ही नहीं हूँ। अमित के साथ जो भी हुआ, गलती हो या कुछ भी हो, लेकिन अब कभी किसी के साथ कुछ नहीं होगा.”
गुड्डू बोला “क्या नहीं होगा?” पूनम चुप रह गयी. गुड्डू फिर से बोला “बोलो न क्या नहीं करवाओगी मेरे से?”
पूनम मुस्कुराने लगी थी. वो समझ रही थी लेकिन अपनी आवाज़ को नियंत्रित करती हुई बोली “वही, जिसके चक्कर में तुम मेरी जिन्दगी बर्बाद करने पे तुले हो.”
गुड्डू तुरंत बोला “बर्बाद नहीं डार्लिग, आबाद. तुम्हे उस गांडू अमित से बचा लिया मैंने. नहीं तो पता नहीं कितनी बार मेरी जान उछल उछल कर उससे चुदवाती और पता भी नहीं चलता की अपनी जवानी बर्बाद कर रही है." पूनम चुप रही. गुड्डू सही कह रहा था. गुड्डू फिर से बोला “बोल न क्या नहीं करवाएगी मेरे से?”

पूनम चुप रही. गुड्डू फिर से वही सवाल पूछा. पूनम उसे चिढाने के अंदाज में बोली “बोली न, वही जिसके चक्कर में हो तुम.” पूनम को मज़ा आ रहा था गुड्डू से इस तरह बात करने में। इतनी ही देर में गुड्डू जितनी बार लण्ड, चुत, चुदाई जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुका था, इतनी बार तो पूनम अपने अब तक के पूरे लाइफ में अपने दिमाग में भी सोची भी नहीं होगी। वो और सुनना चाहती थी। उसकी उँगलियाँ चुत पे रेंग रही थी और चुत के रस से भिंग रही थी।

“मैं तो तुम्हे चोदने के चक्कर में हूँ.” गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला. पूनम बोली “तुम्हे शर्म नहीं लगता कि इस तरह किसी लड़की से बात करने में." गुड्डू बोला "किसी लड़की से बात नहीं कर रहा. एक चुदी चुदाई माल से बात कर रहा हूँ की मुझे भी अपनी चुत में लौड़ा पेल लेने दो. मुझे भी एक बार चोद लेने दो खुद को." पूनम बोली "तो मैं नहीं करवाने वाली. किसी और को फंसाओ.”

गुड्डू बोला “तुम फिर से नहीं बोली, क्या नहीं करवाने वाली.” पूनम को मज़ा आ रहा था. अमित से चुदवाने के बाद भी और साथ में नंगी रहने के बाद भी कभी उसके मुँह से ये सब नहीं निकला था। पूनम मुस्कुराती हुई बोली “कुछ नहीं. रखो फ़ोन, और मुझे परेशान मत किया करो.”

“आय हाय मेरी जान, एक्टिंग तो ऐसे रही है जैसे कुछ पता ही नहीं हो की चुदाई क्या होती है, कैसे होती है. ऐसे बोल रही हो जैसे कोई सती सावित्री हो. कूँवारी माल हो.” गुड्डू के बोलने के बाद पूनम कोई रिप्लाई नहीं दी. गुड्डू चिढ़ते हुए बोला “बोल ना, मूड ख़राब मत कर.” गुड्डू समझ रहा था कि पूनम अभी तक गर्म हो गयी होगी, तभी वो अभी तक उससे बात कर रही थी। लेकिन फिर भी पूनम भाव खा रही थी तो उसे चिढ़ हो रही थी।

पूनम मुस्कुराती हुई ही बोली “मैं क्या मूड खराब कर रही हूँ. मैं क्यू बोलूं. जो चीज़ मुझे करवाना ही नहीं, उसके बारे में मैं कोई चर्चा भी क्यू करूँ. तुम फ़ोन रखो और दूर रहो मेरी ज़िंदगी से.” पूनम गुड्डू के मज़े ले रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उससे क्या कहलवाना चाहता है। लेकिन उसे तो मज़ा आ रहा था गुड्डू को चिढ़ाने में। वो अपने चुत की दरार में उँगलियाँ फेर रही थी और मुस्कुराती हुई मज़ा कर रही थी।


गुड्डू अब और चिढ गया. बोला “तो जब अमित के साथ पूरी नंगी होकर चूत में लंड पेलवा रही थी, तब मज़ा आ रहा था. जब कुँवारी होकर उसका लौड़ा चूस रही थी तब ज़िन्दगी आबाद हो रही थी। देख, मेरा मूड ख़राब मत कर.” पूनम कोई रिप्लाई नहीं दी. गुड्डू फिर बोला “बोल, क्या नहीं करवाएगी मेरे से.” इस बार उसकी आवाज़ आदेशात्मक टोन में था. पूनम डर गयी थी, लेकिन गुड्डू के मुँह से अपने बारे में वो सब सुनकर उसे और भी मज़ा आ रहा था।


बोली “मैं नहीं बोलूंगी. प्लीज़ देखो मेरे साथ ऐसा मत करो, मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ.”
गुड्डू का गुस्सा अब बढ़ रहा था. बोला “जब चुदवा रही थी तब किस टाइप की लड़की थी. जब रेस्टॉरेंट में लण्ड चूसती थी तब क्या थी। वहाँ चुच्ची मसलवाने में मज़ा आता था। तब लड़की नहीं रंडी थी क्या. और अभी मेरे सामने बोलने में तेरी गांड फट रही है. जब चुदाई वाली पिक और स्टोरी देखकर चूत में ऊँगली करती है तब किस टाइप की लड़की रहती है. बोल, नहीं तो सोच ले की मैं क्या करूँगा.”

पूनम हिम्मत हार गयी. उसे लगा की अब बोल ही देना चाहिए। उसकी चुत का गीलापन अब और बढ़ गया था। वो ऐसे लड़के से ये सब बात सुन रही थी, और अब खुद बोलने जा रही थी, जिससे वो नफरत करती है। लेकिन जब चुत के अंदर गर्मी बढ़ती है तो फिर सब कुछ होने लग जाता है।

गुड्डू फिर से गुस्से में बोला "जब मैं तेरे BF को पीटकर तेरे लाइफ से दूर कर सकता हूँ तो सोच में और क्या क्या कर सकता हूँ। मैं और भी बहुत से लोगों को पीट सकता हूँ। लेकिन मैं बस तेरे साथ प्यार से पेश आना चाहता हूँ। किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता।"

पूनम को लगा की अब बोल ही देना चाहिए। उसे मज़ा भी आ रहा था और उसे डर भी लगने लगा था गुड्डू से. वो एक झटके में बोलना शुरू की “मैं चू..... चू.... नहीं..... मुझसे नहीं होगा यार.”

गुड्डू बोला “आह ये हुई न बात. बोल जान.... अच्छा लग रहा है. लंड टाइट हो रहा है. बोल.”
पूनम फिर से कोशिश की लेकिन फिर से उसके मुँह से अलफ़ाज़ नहीं निकले. भले ही वो अमित के साथ चुदवाई हो, लेकिन वो ऐसे तो अमित के सामने भी नहीं बोल सकती थी. फिर ये तो वो लड़का है जिससे पूनम को प्यार भी नहीं है, नफरत है.

गुड्डू बोला “बोल न जल्दी. बोल मुझे चोदो.” पूनम बोलने की तैयारी कर ही रही थी की गुड्डू के ऐसा बोलने पर वो तुरंत बोली “मैं नहीं चुदवाऊँगी.” बोलते ही पूनम की कमर के नीचे कुछ करंट जैसा दौड़ा। उसकी चुत से ज्यादा रस टपक रहा था अब। पूनम भी बोल कर अपने दाँतों से अपने होठ को दबा रही थी की ये क्या कर रही है वो. वो उस लड़के से ये सब बोल रही है जो उसे चोदना चाहता है। लेकिन उसे भी अच्छा लगा था. वो अपने ट्राउजर और पैंटी को उतार दी थी और अपने दोनों पैरों को पूरा फैला कर चूत सहलाने लगी थी.

गुड्डू को मज़ा आ गया. उसकी गाड़ी रफ़्तार पकड़ रही थी. पूनम उसके लाइन पे चल रही थी. बोला “आह मज़ा आ गया जान, फिर से बोल, फिर से बोल.” पूनम अभी तक अपने ओठ को दाँतों से दबाए थी। गुड्डू फिर से बोला “आह बोल न जान जल्दी. बोल न मैं चुदवाऊँगी.”

पूनम फिर से तुरंत रिप्लाई दी “मैं नहीं चुदवाऊँगी.” गुड्डू पुरे मूड में आ रहा था. बोला “क्या नहीं चुदवाएगी?” पूनम कुछ नहीं बोली. हालाँकी अब उसका मन था बोलने का. लेकिन बोलने का मतलब होता की उसका मन है चुदवाने का.

गुड्डू बोला “बोल न मेरी जान जल्दी बोल न. बहुत मज़ा आ रहा है. आह बोल जल्दी.” पूनम मुस्कुराती हुई शैतानी करती हुई बोली “जो चुदवाया जाता है वही. वही नहीं चुदवाऊँगी.” पूनम अब धड़ल्ले से चुदवाने शब्द का इस्तेमाल कर रही थी. गुड्डू बोला “बोल न. ऐसे मत कर. बहुत मज़ा आ रहा है. मज़ा ख़राब मत कर. बोल चूत चुदवाऊँगी तुमसे.”

पूनम की उँगलियाँ चूत में चलने लगी थी. बोली “चूत नहीं चोदने दूँगी तुम्हे. नहीं चुदवाऊँगी तुमसे.” बोलते ही पूनम के हाथ की रफ़्तार तेज हो गयी.

गुड्डू बोला “ऐसी तो कोई चूत बनी ही नहीं है जान, जिसे चोदने के बारे में हम सोंचे और वो बिना हमसे चुदे रह जाये. जल्दी ही तेरी चिकनी चुत में मेरे लंड का पानी भरा होगा. बाय.” पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन गुड्डू के मुंह से बाय सुनते ही वो शॉक्ड रह गयी. उसके मुँह से निकल गया “क्या हुआ? कहाँ जा रहे हो?” बोलते ही उसे अफ़सोस हुआ लेकिन अब तो तीर कमान से छुट चूका था.

गुड्डू हँसने लगा. बोला “तेरी चूत पूरी गरम हो गयी है न. वाह! मज़ा आएगा तुझे चोदने में. जब फ़ोन चोदन में इतना मज़ा आया तो जब सच में तेरी चुदाई करूँगा तब सोच कितना मज़ा आएगा. जब तुझे पूरी नंगी करके, दोनों पैर पूरा फैलाकर तेरी कमसिन चुत में अपना मोटा लण्ड पेलूंगा, तब सोच कितना मज़ा आएगा तुझे। जब फुल स्पीड में धक्के लगाऊँगा और लण्ड तेरी चुत में इतना अंदर जायेगा, जिसका आधा भी अमित का नहीं गया होगा, सोच तब तुझे कितना मज़ा आएगा। जब तुझे अपने लण्ड पे बिठाकर नीचे से धक्का लगाऊँगा तो तू खुद ऊपर नीचे होकर अपनी चुत को मस्ती में चुदवाने लगेगी”

पूनम कुछ नहीं बोल रही थी। वो बस गुड्डू की बातों को इमैजिन कर रही थी और अपनी चूत में फुल स्पीड में ऊँगली चला रही थी. गुड्डू की बातों से ही पूनम की चुत ने पानी छोड़ दिया। गुड्डू बोला "बोल जान, चुदवाएगी न? पूनम कुछ नहीं बोली। उसकी सांसे तेज़ चल रही थी। आधी रात का वक़्त था और गुड्डू और पूनम दोनों अपने अपने कमरे में थे जहाँ और कोई आवाज़ नहीं हो रही थी। पूनम की तेज़ साँसों की आवाज़ सुनता हुआ गुड्डू हँस दिया और बोला "पानी छोड़ दिया चुत." पूनम शर्मा कर फ़ोन कट कर दी. वो इसी तरह टाँगे फैलाये नंगी लेटी हुई रही और चुत से पानी टपक कर बाहर आने लगा। पूनम अपनी पैंटी को चुत के नीचे रख ली.

गुड्डू का फ़ोन आया लेकिन पूनम कॉल पिक नहीं की. वो थोड़ी देर तक कुछ सोंचती रही की ये क्या हो रहा है, क्या सही है क्या गलत है और फिर सो गयी.
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RE: ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण - by Bunty4g - 05-02-2019, 11:40 PM



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