21-01-2020, 11:03 AM
(This post was last modified: 21-04-2021, 07:21 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
सासु की सेवा
" मादरचोद ,अरे मेरी समधन की सेवा दस दिन के बाद करना लेकिन चल पहले मैंगो शेक बना के पिला और इसके बाद सासु की सेवा कर। "
वो मैंगो शेक बनाने गए और मैं और मम्मी एक दूसरे को देख कर आँखों ही आँखों में मुस्करा रहे थे ,
बहुत दिन नहीं हुए थे , जब आम खाने और छूने को छोड़िये , नाम लेने से ये बिचकते थे ,
उनकी उस ममेरी बहन से ( जिसके ऊपर इन्हे चढाने का मेरा और मम्मी का पक्का प्लान था , बल्कि मम्मी ने तो यहाँ तक कह दिया था , उसे इनकी रखैल बनाने का , और इनसे गाभिन भी कराने का ) मेरी बाजी लगी थी ,
मैं इनके मायके में सबके सामने इन्हे आम खिलाऊंगी और उनके मायके में सब लोग मान गए थे की कोमल ये बाजी तो तू हार गयी।
और अभी ये अपनी सास के लिए मैंगो शेक बनाने गए थे ,
और कुछ देर बाद , मैंगो शेक पीते पीते , मम्मी ने उन्हें पुचकारते उन बाल सहलाते कहा ,
"मैंगो शेक तो तूने बहुत अछ्छा बनाया है , चल मैं भी तो तुझे कुछ इनाम दे दूँ , चल चाट। "
मेरी मॉम भी न , थोड़ा सा इनाम कहीं भी कभी भी देने में बिश्वास करती थीं।
वहीँ सोफे पे , अपनी साडी उठा के उन्होंने कमर तक और अपना पिछवाड़ा सीधे उनके मुंह में रख के ,
मम्मी इनसे कहती थीं ,
" अरे सास की सैंडल तो हर दामाद चाटता है , ( मम्मी जिस दिन आयी थीं , उसी दिन उन्होंने ,... ) पर असली दामाद है जो सासू का पिछवाड़ा जम के चाटे , ..."
और मैं और आग में घी छोड़ती ,
" और मम्मी , असली दामाद , ... "
और वो उनके बाल सहलाते बोलतीं ,
" जैसा ये है , गाँड़ के अंदर तक ,... और ,... और अंदरवाला भी , ... क्यों हैं न "
और ये शरमा जाते लौंडिया माफिक , लेकिन बात मॉम की एकदम सही थी ,
और उनको चटवाने में परफेक्ट करने वाली मंजू बाई और उससे भी ज्यादा , गीता उसकी बेटी थी , वो भी एकदम एक्सपर्ट , ... मम्मी ने उससे भी ,...
मैं कभी उसकी तारीफ़ करती तो वो मुझसे भी कहती , बस एक बार अपनी उस कच्ची कली ननद को ले आइये , देखिये ,
पिछवाड़ा चाटने के मामले में मैं अपने से दस हाथ आगे , एकदम अंदर तक ,...
और मम्मी भी उसका साथ देतीं , ...
वो भी इशारा समझ जाते थे ,उनका मुंह पूरा खुला ,
दोनों होंठ पिछवाड़े के छेद के दोनों ओर , वैक्यूम पम्प को मात करते , और जीभ एकदम छेद के अंदर , गोल गोल घूमती,गीली गीली ,
मॉम ने गांड चाटने में उन्हें एकदम ट्रेन कर दिया था ,
लेकिन एक अच्छी ट्रेनर की तरह वो जल्दी सन्तुष्ट नहीं होती थीं ,
" अरे और अंदर घुसेड़ न मादरचोद , अभी तो तुझे मेरे समधन की भी गांड चाटनी है , गांडू , घुसेड़ और ,.. "
जोर जोर से अपने चूतड़ उनके मुंह पर रगडती वो बोलीं।
" अरे मम्मी इनकी माँ के चूतड़ तो और बड़े बड़े ,जानमारू एकदम चक्की की तरह चौड़े , खूब मरवाती होंगी पिछवाड़े। "
मैं क्यों मौक़ा चूकती।
" अरे तेरी सास तो बचपन से लौंडो की तरह गांड मरवाती है ,उनका गांड का छेद भी खूब चौड़ा और गहरा होगा , बहुत मजा आएगा तुझ चाटने में "
उनके बाल खींचते वो उनसे बोलीं , और उन्होंने बची खुची जीभ भी अंदर पेल दी।
मम्मी मुझे चिढाते बोलीं ,
" अरे तेरा ये भी तो , तू अपनी सास की गांड की तारीफ़ कर रही है न तो , ... तेरे इसकी भी ,... गांड किससे कम है। एकदम चिकना नमकीन लौंडा है ,साला मादरचोद गांडू मस्त। "
" लेकिन मम्मी अभी कोरी है इनकी ,एकदम इनके उस ममेरी बहन गुड्डी की तरह। "
मैंने बुरा सा मुंह बनाते बोला। हाँ मेरी उँगलियाँ इनके पिछवाड़े की कसी कोरी दरार को सहला रही थीं।
मम्मी भी पहला मौका देखते ही पाला बदल लेतीं थीं , बेटी मैं थी उनकी लेकिन अक्सर वो अपने दामाद की तरफ , इस बार फिर मुझे हड़काते बोलीं ,
" सारी गलती तेरी है , ननद बिना इंटरकोर्स के इंटर पास कर रही है , और ये बिचारा भी ,थोड़ा शर्माता ,झिझकता है तो क्या हुआ तेरी भी तो कुछ जिम्मेदारी है ,की खाली टाँगे उठा के सारी रात सेवा ही करवाओगी ? अरे इसकी बहन की कोरी कोरी फड़वाना और इसकी कोरी फड़वाना तेरा काम है। ये मना थोड़े ही करेगा , और मना करे तो जबरदस्ती करने की तुझे पूरी छूट है ,मेरी ओर से। "
और जैसे अपनी सास की बात की ताकीद करते वो और जोर से , उनकी जीभ मम्मी की गोलकुंडा के अंदर धंसी , छेद के अंदर घुसी , लपड़ सपड़ , जोर जोर से चाटते
मम्मी की बात हर बार की तरह एकदम सही थी।
तीन बार जब कॉलेज में वो पढ़ते थे क्लास ८ से क्लास ११ के बीच ,
एकदम उसकी उमर में जब लौंडेबाज लड़के ,चिकने लड़कों को पक्का गांडू बना देते हैं ,
खुद कबूला था उन्होंने , तीन बार उनकी नेकर सरका दी गयी थी ,सटा दिया गया था लेकिन ऐन मौंके पर , बस बच ही गए वो।
और कमल जीजू मेरे ,
मेरी सबसे बड़ी मौसेरी बहन , चीनू के हस्बैंड , मम्मी की सबसे बड़ी बहन की बेटी के हस्बैंड ,... ...
वो भी उन्ही के कॉलेज में पढ़ते थे ,
जब ये नौंवे में पहुंचे तो वो बारहवें में थे और फिर वो इंजिनयरिंग में चले गए , खुद भी नंबरी ,...
और रीनू की शादी की बात सोचते ही हंसी आ जाती है , सुहागरात की अगली सुबह , रीनू हस्पताल चली गयी , ' वहां ' चार चार टाँके लगे थे , उसे ,
खुद बताते हैं अपने कॉलेज के लौंडेबाजी के किस्से और अभी अभी शादी के बाद भी , ...
कभी कोई चिकना दिख गया न तो बस छोड़ते नहीं है।
उनका कॉलेज सच में मशहूर था लौंडेबाजी के लिए।
और इनकी भी , बस ,...
ये समझिये बच ही गयी ,... वरना जितने चिकने हैं ये , ... मेरी शादी में मेरी भावजों ने इन्हे भी और मुझे भी बहुत चिढ़ाया इस बात को लेकर , ...
और अब तो मम्मी ने शर्त भी लगा दी है की वो मेरी सास पर इन्हे तभी चढ़ायेंगी , जब मैं इनका कोरा पिछवाड़ा फड़वा दूँ , वो भी किसी पक्के लौण्डेबाज से जिसका खूंटा ८ इंच से कम का न हो , जो एकदम इनकी ,...
और अगर मैं ये न कर पायी तो इन्हे मेरी सास के ऊपर चढाने का प्लान कैंसल , ... और ये तो मैं कतई नहीं सोच सकती थी ,
लेकिन मेरे लिए परेशानी थी , कहाँ मिलेगा ऐसा , .. जैसा मम्मी ने कहा है , और कैसे उनके पिछवाड़े ,... पर कुछ भी हो अब तो कोमल को ये करना ही पडेगा ,
सच में मम्मी ने इन्हे , ... मस्त चाटते थे ये , चूत चाट चाट के झाड़ने में तो ये शुरू से एकदम एक्सपर्ट थे लेकिन , पिछवाड़ा चाटने में ,... और वो भी सिर्फ चाटना नहीं चाट चाट के , बिना अगवाड़ा छुए , झाड़ देना , ... और उनकी सास तो वैसे भी ,... और एक बार झाड़ने से काम नहीं चलने वाला था उनका ,...
मैं काम कर रही थी पर कनखियों से देख भी रही थी ,
सच्च में , एकदम मस्त चाट रहे थे ये ,
दोनों नितम्बो को हाथ से कस के फैला के , ... जीभ देर तक पिछवाड़े की दरार में , ऊपर नीचे , ऊपर नीचे ,
और फिर गोल छेद के चारों ओर
बीच बीच में मुंह के थूक से जैसे बच्चे बबल गम का गोला बनाते हैं , एकदम उसी तरह ढेर सारा थूक लेकर और सीधे , गोल छेद पर ,
और उसका असर छेद पर भी हो रहा था , दुबदुबाता , ... सिकुड़ता फैलता , ... और फिर सिर्फ जीभ की टिप अंदर गोल गोल
लेकिन थोड़ी देर में सिर्फ टिप नहीं ,...आधी जीभ अंदर , और गांड के अंदर धंसी घुसी , दीवालों को चाटती ,
साथ में दोनों होंठ इनके सासु के पिछवाड़े चिपके जोर से सक करते एकदम वैक्यूम क्लीनर की तरह , ... जीभ भी क्या कोई लंड से गाँड़ मारेगा उसी तरह अंदर बाहर गोल गोल , ...
देर तक
ये मम्मी का काम कर रहे थे ,और लैपी पर इनका काम मैं कर रही थी।
" मादरचोद ,अरे मेरी समधन की सेवा दस दिन के बाद करना लेकिन चल पहले मैंगो शेक बना के पिला और इसके बाद सासु की सेवा कर। "
वो मैंगो शेक बनाने गए और मैं और मम्मी एक दूसरे को देख कर आँखों ही आँखों में मुस्करा रहे थे ,
बहुत दिन नहीं हुए थे , जब आम खाने और छूने को छोड़िये , नाम लेने से ये बिचकते थे ,
उनकी उस ममेरी बहन से ( जिसके ऊपर इन्हे चढाने का मेरा और मम्मी का पक्का प्लान था , बल्कि मम्मी ने तो यहाँ तक कह दिया था , उसे इनकी रखैल बनाने का , और इनसे गाभिन भी कराने का ) मेरी बाजी लगी थी ,
मैं इनके मायके में सबके सामने इन्हे आम खिलाऊंगी और उनके मायके में सब लोग मान गए थे की कोमल ये बाजी तो तू हार गयी।
और अभी ये अपनी सास के लिए मैंगो शेक बनाने गए थे ,
और कुछ देर बाद , मैंगो शेक पीते पीते , मम्मी ने उन्हें पुचकारते उन बाल सहलाते कहा ,
"मैंगो शेक तो तूने बहुत अछ्छा बनाया है , चल मैं भी तो तुझे कुछ इनाम दे दूँ , चल चाट। "
मेरी मॉम भी न , थोड़ा सा इनाम कहीं भी कभी भी देने में बिश्वास करती थीं।
वहीँ सोफे पे , अपनी साडी उठा के उन्होंने कमर तक और अपना पिछवाड़ा सीधे उनके मुंह में रख के ,
मम्मी इनसे कहती थीं ,
" अरे सास की सैंडल तो हर दामाद चाटता है , ( मम्मी जिस दिन आयी थीं , उसी दिन उन्होंने ,... ) पर असली दामाद है जो सासू का पिछवाड़ा जम के चाटे , ..."
और मैं और आग में घी छोड़ती ,
" और मम्मी , असली दामाद , ... "
और वो उनके बाल सहलाते बोलतीं ,
" जैसा ये है , गाँड़ के अंदर तक ,... और ,... और अंदरवाला भी , ... क्यों हैं न "
और ये शरमा जाते लौंडिया माफिक , लेकिन बात मॉम की एकदम सही थी ,
और उनको चटवाने में परफेक्ट करने वाली मंजू बाई और उससे भी ज्यादा , गीता उसकी बेटी थी , वो भी एकदम एक्सपर्ट , ... मम्मी ने उससे भी ,...
मैं कभी उसकी तारीफ़ करती तो वो मुझसे भी कहती , बस एक बार अपनी उस कच्ची कली ननद को ले आइये , देखिये ,
पिछवाड़ा चाटने के मामले में मैं अपने से दस हाथ आगे , एकदम अंदर तक ,...
और मम्मी भी उसका साथ देतीं , ...
वो भी इशारा समझ जाते थे ,उनका मुंह पूरा खुला ,
दोनों होंठ पिछवाड़े के छेद के दोनों ओर , वैक्यूम पम्प को मात करते , और जीभ एकदम छेद के अंदर , गोल गोल घूमती,गीली गीली ,
मॉम ने गांड चाटने में उन्हें एकदम ट्रेन कर दिया था ,
लेकिन एक अच्छी ट्रेनर की तरह वो जल्दी सन्तुष्ट नहीं होती थीं ,
" अरे और अंदर घुसेड़ न मादरचोद , अभी तो तुझे मेरे समधन की भी गांड चाटनी है , गांडू , घुसेड़ और ,.. "
जोर जोर से अपने चूतड़ उनके मुंह पर रगडती वो बोलीं।
" अरे मम्मी इनकी माँ के चूतड़ तो और बड़े बड़े ,जानमारू एकदम चक्की की तरह चौड़े , खूब मरवाती होंगी पिछवाड़े। "
मैं क्यों मौक़ा चूकती।
" अरे तेरी सास तो बचपन से लौंडो की तरह गांड मरवाती है ,उनका गांड का छेद भी खूब चौड़ा और गहरा होगा , बहुत मजा आएगा तुझ चाटने में "
उनके बाल खींचते वो उनसे बोलीं , और उन्होंने बची खुची जीभ भी अंदर पेल दी।
मम्मी मुझे चिढाते बोलीं ,
" अरे तेरा ये भी तो , तू अपनी सास की गांड की तारीफ़ कर रही है न तो , ... तेरे इसकी भी ,... गांड किससे कम है। एकदम चिकना नमकीन लौंडा है ,साला मादरचोद गांडू मस्त। "
" लेकिन मम्मी अभी कोरी है इनकी ,एकदम इनके उस ममेरी बहन गुड्डी की तरह। "
मैंने बुरा सा मुंह बनाते बोला। हाँ मेरी उँगलियाँ इनके पिछवाड़े की कसी कोरी दरार को सहला रही थीं।
मम्मी भी पहला मौका देखते ही पाला बदल लेतीं थीं , बेटी मैं थी उनकी लेकिन अक्सर वो अपने दामाद की तरफ , इस बार फिर मुझे हड़काते बोलीं ,
" सारी गलती तेरी है , ननद बिना इंटरकोर्स के इंटर पास कर रही है , और ये बिचारा भी ,थोड़ा शर्माता ,झिझकता है तो क्या हुआ तेरी भी तो कुछ जिम्मेदारी है ,की खाली टाँगे उठा के सारी रात सेवा ही करवाओगी ? अरे इसकी बहन की कोरी कोरी फड़वाना और इसकी कोरी फड़वाना तेरा काम है। ये मना थोड़े ही करेगा , और मना करे तो जबरदस्ती करने की तुझे पूरी छूट है ,मेरी ओर से। "
और जैसे अपनी सास की बात की ताकीद करते वो और जोर से , उनकी जीभ मम्मी की गोलकुंडा के अंदर धंसी , छेद के अंदर घुसी , लपड़ सपड़ , जोर जोर से चाटते
मम्मी की बात हर बार की तरह एकदम सही थी।
तीन बार जब कॉलेज में वो पढ़ते थे क्लास ८ से क्लास ११ के बीच ,
एकदम उसकी उमर में जब लौंडेबाज लड़के ,चिकने लड़कों को पक्का गांडू बना देते हैं ,
खुद कबूला था उन्होंने , तीन बार उनकी नेकर सरका दी गयी थी ,सटा दिया गया था लेकिन ऐन मौंके पर , बस बच ही गए वो।
और कमल जीजू मेरे ,
मेरी सबसे बड़ी मौसेरी बहन , चीनू के हस्बैंड , मम्मी की सबसे बड़ी बहन की बेटी के हस्बैंड ,... ...
वो भी उन्ही के कॉलेज में पढ़ते थे ,
जब ये नौंवे में पहुंचे तो वो बारहवें में थे और फिर वो इंजिनयरिंग में चले गए , खुद भी नंबरी ,...
और रीनू की शादी की बात सोचते ही हंसी आ जाती है , सुहागरात की अगली सुबह , रीनू हस्पताल चली गयी , ' वहां ' चार चार टाँके लगे थे , उसे ,
खुद बताते हैं अपने कॉलेज के लौंडेबाजी के किस्से और अभी अभी शादी के बाद भी , ...
कभी कोई चिकना दिख गया न तो बस छोड़ते नहीं है।
उनका कॉलेज सच में मशहूर था लौंडेबाजी के लिए।
और इनकी भी , बस ,...
ये समझिये बच ही गयी ,... वरना जितने चिकने हैं ये , ... मेरी शादी में मेरी भावजों ने इन्हे भी और मुझे भी बहुत चिढ़ाया इस बात को लेकर , ...
और अब तो मम्मी ने शर्त भी लगा दी है की वो मेरी सास पर इन्हे तभी चढ़ायेंगी , जब मैं इनका कोरा पिछवाड़ा फड़वा दूँ , वो भी किसी पक्के लौण्डेबाज से जिसका खूंटा ८ इंच से कम का न हो , जो एकदम इनकी ,...
और अगर मैं ये न कर पायी तो इन्हे मेरी सास के ऊपर चढाने का प्लान कैंसल , ... और ये तो मैं कतई नहीं सोच सकती थी ,
लेकिन मेरे लिए परेशानी थी , कहाँ मिलेगा ऐसा , .. जैसा मम्मी ने कहा है , और कैसे उनके पिछवाड़े ,... पर कुछ भी हो अब तो कोमल को ये करना ही पडेगा ,
सच में मम्मी ने इन्हे , ... मस्त चाटते थे ये , चूत चाट चाट के झाड़ने में तो ये शुरू से एकदम एक्सपर्ट थे लेकिन , पिछवाड़ा चाटने में ,... और वो भी सिर्फ चाटना नहीं चाट चाट के , बिना अगवाड़ा छुए , झाड़ देना , ... और उनकी सास तो वैसे भी ,... और एक बार झाड़ने से काम नहीं चलने वाला था उनका ,...
मैं काम कर रही थी पर कनखियों से देख भी रही थी ,
सच्च में , एकदम मस्त चाट रहे थे ये ,
दोनों नितम्बो को हाथ से कस के फैला के , ... जीभ देर तक पिछवाड़े की दरार में , ऊपर नीचे , ऊपर नीचे ,
और फिर गोल छेद के चारों ओर
बीच बीच में मुंह के थूक से जैसे बच्चे बबल गम का गोला बनाते हैं , एकदम उसी तरह ढेर सारा थूक लेकर और सीधे , गोल छेद पर ,
और उसका असर छेद पर भी हो रहा था , दुबदुबाता , ... सिकुड़ता फैलता , ... और फिर सिर्फ जीभ की टिप अंदर गोल गोल
लेकिन थोड़ी देर में सिर्फ टिप नहीं ,...आधी जीभ अंदर , और गांड के अंदर धंसी घुसी , दीवालों को चाटती ,
साथ में दोनों होंठ इनके सासु के पिछवाड़े चिपके जोर से सक करते एकदम वैक्यूम क्लीनर की तरह , ... जीभ भी क्या कोई लंड से गाँड़ मारेगा उसी तरह अंदर बाहर गोल गोल , ...
देर तक
ये मम्मी का काम कर रहे थे ,और लैपी पर इनका काम मैं कर रही थी।