20-01-2020, 01:06 PM
बाजी मुश्कुरा रही थी और बोली- लगता है अब निदा की खैर नहीं है।
मैं- बाजी सच पूछो तो बड़ा दिल करता है, लेकिन मैं कोई भी काम उसकी मर्जी के बिना नहीं करूंगा।
बाजी- अच्छा अब क्या प्रोग्राम है?
मैं- यार प्रोग्राम तो आपने बताना है जब बोलोगी।
बाजी- अरे भाई आज तो हिम्मत ही नहीं है मुझमें। तुम आज की रात अम्मी को अपने साथ ले जाओ सफदर अंकल की तरफ।
मैं- “क्यों जी, क्या तुम ये चाहती हो कि जिस तरह तुम्हें दर्द उठाना पड़ा है, अम्मी की भी ये हालत हो? तो ये बात अपने दिमाग से निकल दो, क्योंकी अम्मी तो इसमें ज्यादा एंजाय करेंगी..."
बाजी हैरानी से बोली- “वो किस तरह? क्या अम्मी एक साथ दो लण्ड अपने अंदर ले सकती हैं? क्या अम्मी ने खुद बताया तुम्हें?”
मैं- “नहीं, बताया तो नहीं। लेकिन मुझे अंदाजा है कि अम्मी एक साथ दो का मजा ले चुकी हैं और वो भी कई बार..” अभी हम ये बातें ही कर रहे थे के मुझे बाथरूम में पानी गिरने की आवाज सुनाई दी तो मैंने बाजी की। तरफ देखा।
तो बाजी मुश्कुरा दी और बोली- “मेरा खयाल है कि अगर तुम निदा को बिना कपड़ों के देखना चाहते हो तो ये अच्छा मोका है, क्योंकी इस तरफ का दरवाजा खुला है...”
मैंने बाजी की तरफ देखा जो कि मुझे ही देख रही थी और हल्का-हल्का मुश्कुरा रही थी, तो मैंने धीरे से कहा
कहीं नाराज ही ना हो जाए?”
बाजी ने कहा- “यार तुम बोल देना कि पता नहीं था कि कोई बाथरूम में है भी या नहीं?”
मैं उठा और बाथरूम की तरफ चल दिया, जहाँ से अब पानी गिरने की आवाज भी सुनाई नहीं दे रही थी। मैं बाथरूम के दरवाजे के बाहर खड़ा हो गया जाकर और एक बार बाजी की तरफ देखा जो कि अभी भी मेरी तरफ ही देख रही थी।
बाजी ने मुझे इशारे से हौसला दिया तो मैंने एक झटके से बाथरूम का दरवाजा खोला तो देखा की मेरी छोटी बहन निदा बाथरूम में नंगी खड़ी अपना जिम मल रही थी।
जैसे ही दरवाजा खुलने की आवाज सुनी निदा ने और बाथरूम में मुझे खड़ा देखा, तो सीधी खड़ी हो गई और अपने हाथ अपने पीछे करके दीवार से लग गई और बोली- “भाई यहाँ मैं नहा रही हूँ आपको दरवाजा नाक करके
आना चाहिए था..."
मैंने एक बार सिर से पाओं तक निदा को बड़े प्यार से देखा और बोला- “सारी यार, मुझे पता नहीं था कि तुम नहा रही हो...” और इतना बोलकर मैंने दरवाजे को बंद कर दिया और बाजी के पास वापिस आ गया।
बाजी मेरी तरफ देखकर मुश्कुराए जा रही थी, तो मैंने कहा- “क्या हुआ इतना खुश क्यों हो रही हो?”
बाजी ने कहा- “तुम्हें देखकर लग रहा है कि अगर तुम्हारा बस चल जाए तो तुम बेचारी निदा को अभी चीर के रख दो...”
मैं- यार क्यों मजाक उड़ा रही हो? अब ऐसा भी कुछ नहीं है।
बाजी- अच्छा जी, तो फिर जरा बताओ तो कैसा कुछ है?
मैं- बाजी की बातों से झुंझला सा गया और बोला- “बाजी आप क्यों इतना तंग कर रही हो? सीधी तरह बोलो ना के इस वक़्त मैं चला जाऊँ यहाँ से..”
बाजी- यार मैंने ऐसा तो कुछ नहीं कहा है, जिससे तुम इतना गुस्सा कर रहे हो? मैं तो बस ये पूछ रही थी कि क्या इरादा है?
मैं बाजी के पास से उठा और रूम से बाहर निकला और अम्मी के रूम की तरफ चल दिया। लेकिन फिर पता नहीं क्या दिल में आई कि बाहर निकला और रात 8:00 बजे तक यूं ही आवारा फिरता रहा। खाना भी मैंने बाहर से ही खा लिया और 8:00 बजे घर वापिस आया तो देखा कि अम्मी बाजी और निदा के साथ-साथ सफदर अंकल भी घर पे ही थे, और काफी परेशान लग रहे थे।
मुझे घर में इन होता देखकर अम्मी झट से बोली- “कहाँ चले गये थे तुम? पता है कब से तुम्हें ढूँढ़ रहे थे और ऊपर से अपना मोबाइल भी साथ लेकर नहीं गये थे तुम अपने?”
अम्मी की बात सुनकर मुझे शर्मिंदगी हुई और अपनी बेवकूफी का एहसास भी हुआ तो मैं- “सारी अम्मी, बस गलती से रह गया था घर पे, याद ही नहीं रहा मोबाइल साथ ले जाना.." और अपने रूम की तरफ चल दिया।
अभी मैं 3-4 कदम ही चला था कि बाजी की आवाज सुनाई दी, जो खाने को पूछ रही थी।
मैंने कहा- “नहीं, मुझे नहीं खाना। मैं खाकर आया हूँ..." और टपक से अपने रूम में जा घुसा।
मैं रूम में आकर सीधा अपना लूज पाजामा निकालकर बाथरूम में जा घुसा और ड्रेस चेंज करके रूम में आया।
और आराम के लिए लेट गया और सोचने लगा कि मुझे जाने अंजाने में भी ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए थी जिससे कि किसी का भी दिल दुखे। ये सोच आते ही मैं उठने लगा कि चलकर बाहर सबके साथ सो जाता हूँ।
तभी बाजी और निदा रूम में आ गईं। बाजी आते ही मुझे देखकर बोली- “भाई आप आज अम्मी के रूम में सो जाओ, क्योंकी सफदर अंकल भी आज यहाँ ही रुक गये हैं, तो निदा यहाँ मेरे साथ सो जाएगी...”
मैं हाँ में सिर हिलाया और रूम से बाहर निकल आया और अम्मी के रूम में जा घुसा, जहाँ अम्मी और सफदर अंकल बेड पे बैठे बातें कर रहे थे।
मुझे रूम में इन होता देखकर सफदर अंकल ने कहा- “क्या बात है सन्नी बेटा, किसी ने कुछ कहा था तुमसे जो ऐसे नाराज होकर घर से निकल गये थे?”
मैं हँस दिया और बोला- “आपसे किसने बोल दिया अंकल कि मैं किसी से नाराज होकर गया था कहीं? बस जरा दिल चाह रहा था घूमने को तो निकल गया। बस मोबाइल घर भूल गया था जाते हुये.
मेरी बात सुनकर अम्मी ने जरा गुस्से से मुझे देखा और बोली- “तुम्हें कुछ पता भी है कि यहाँ हमारा क्या हाल हो रहा था तुम्हारी इस हरकत से? कुछ शर्म होनी चाहिए खुद को ही...”
मैं आगे बढ़ा और अम्मी के पैरों में बैठकर अपना सिर उनकी गोदी में रख दिया और बोला- “सोरी अम्मी, मैंने जान के ऐसा कुछ नहीं किया था। बस अंजाने में हो गया। आइन्दा से खयाल रखूगा कि ऐसा कुछ ना हो...”
अम्मी ने मुझे नीचे से उठाकर अपने साथ बिठा लिया और अपनी तरफ झुकाकर मेरा माथा चूम लिया और बोली- “सन्नी एक तुम ही तो हम माँ बेटियों का सहारा हो, मत तंग किया करो ऐसे...”
अम्मी की आँखों में आँसू आ चुके थे जिन्हें मैंने साफ किया और अम्मी को अपने साथ लिपटा के फिर से माफी माँगी और उसके बाद अंकल और मैं अम्मी को हँसाने में लग गये। इस तरह हम रात 10:00 बजे तक हँसी मजाक करते रहे, और 10:00 बजे अंकल ने अम्मी से कहा- “जाओ देखकर आओ जरा, दोनों सो गई हैं क्या?
अम्मी धीरे से उठी और बाथरूम की तरफ से मेरी बहनों के रूम में झाँकने चली गई।
मैंने अंकल से कहा- अंकल एक बात तो बताओ?
अंकल ने मेरी तरफ देखकर कहा- हाँ पूछो क्या बात है?
मैंने कहा- अंकल क्या अम्मी ने कभी एक साथ दो का मजा लिया है?
तो अंकल हँस दिए और बोले- “सन्नी तुम्हारी अम्मी तीन का एक साथ मजा ले चुकी है और वो भी कई बार। घबराओ नहीं फरी की तरह रोएगी नहीं सलमा बेगम...”
अभी हम ये बातें ही कर रहे थे के अम्मी बाथरूम का दरवाजा अपनी तरफ से लाक करके हमारे पास आकर बैठ गई। अंकल ने अम्मी को सीधा बेड पे लिटा दिया और बोले- “चलो जान-ए-मन आज पुरानी याद ताजा हो। जाए..."
तब अम्मी अंकल की बात सुनकर मुश्कुरा दी बोली कुछ नहीं।
अम्मी को मिटाने के बाद अंकल ने अम्मी की सलवार में हाथ डाला और एक झटके के साथ मेरी माँ की सलवार उतारकर एक तरफ फेंक दी और फिर अम्मी की टाँगों को मोड़ दिया जिससे अम्मी का निचला नंगा जिश्म नजर आने लगा। अम्मी की इस तरह टांगें मोड़ लेने से अम्मी की फुद्दी साफ मेरी आँखों के सामने आ गई थी, जो कि उनकी नरम और सफेद रानों में से बड़े प्यारी सी लग रही थी। जिसे मैं बड़े प्यार भरी निगाहों से देख रहा था।
तभी सफदर अंकल ने एक बार फिर से अम्मी का हाथ पकड़कर उठाया और अम्मी की कमीज को पकड़कर ऊपर को खींचने लगे, जिसमें अम्मी भी अपने हाथ ऊपर करके उनका पूरा साथ दे रही थी। फिर अंकल ने अम्मी की कमीज को निकालकर एक तरफ फेंक दिया और उसके बाद ब्रा का हुक खोलकर अम्मी को नंगा कर दिया।
मैं- बाजी सच पूछो तो बड़ा दिल करता है, लेकिन मैं कोई भी काम उसकी मर्जी के बिना नहीं करूंगा।
बाजी- अच्छा अब क्या प्रोग्राम है?
मैं- यार प्रोग्राम तो आपने बताना है जब बोलोगी।
बाजी- अरे भाई आज तो हिम्मत ही नहीं है मुझमें। तुम आज की रात अम्मी को अपने साथ ले जाओ सफदर अंकल की तरफ।
मैं- “क्यों जी, क्या तुम ये चाहती हो कि जिस तरह तुम्हें दर्द उठाना पड़ा है, अम्मी की भी ये हालत हो? तो ये बात अपने दिमाग से निकल दो, क्योंकी अम्मी तो इसमें ज्यादा एंजाय करेंगी..."
बाजी हैरानी से बोली- “वो किस तरह? क्या अम्मी एक साथ दो लण्ड अपने अंदर ले सकती हैं? क्या अम्मी ने खुद बताया तुम्हें?”
मैं- “नहीं, बताया तो नहीं। लेकिन मुझे अंदाजा है कि अम्मी एक साथ दो का मजा ले चुकी हैं और वो भी कई बार..” अभी हम ये बातें ही कर रहे थे के मुझे बाथरूम में पानी गिरने की आवाज सुनाई दी तो मैंने बाजी की। तरफ देखा।
तो बाजी मुश्कुरा दी और बोली- “मेरा खयाल है कि अगर तुम निदा को बिना कपड़ों के देखना चाहते हो तो ये अच्छा मोका है, क्योंकी इस तरफ का दरवाजा खुला है...”
मैंने बाजी की तरफ देखा जो कि मुझे ही देख रही थी और हल्का-हल्का मुश्कुरा रही थी, तो मैंने धीरे से कहा
कहीं नाराज ही ना हो जाए?”
बाजी ने कहा- “यार तुम बोल देना कि पता नहीं था कि कोई बाथरूम में है भी या नहीं?”
मैं उठा और बाथरूम की तरफ चल दिया, जहाँ से अब पानी गिरने की आवाज भी सुनाई नहीं दे रही थी। मैं बाथरूम के दरवाजे के बाहर खड़ा हो गया जाकर और एक बार बाजी की तरफ देखा जो कि अभी भी मेरी तरफ ही देख रही थी।
बाजी ने मुझे इशारे से हौसला दिया तो मैंने एक झटके से बाथरूम का दरवाजा खोला तो देखा की मेरी छोटी बहन निदा बाथरूम में नंगी खड़ी अपना जिम मल रही थी।
जैसे ही दरवाजा खुलने की आवाज सुनी निदा ने और बाथरूम में मुझे खड़ा देखा, तो सीधी खड़ी हो गई और अपने हाथ अपने पीछे करके दीवार से लग गई और बोली- “भाई यहाँ मैं नहा रही हूँ आपको दरवाजा नाक करके
आना चाहिए था..."
मैंने एक बार सिर से पाओं तक निदा को बड़े प्यार से देखा और बोला- “सारी यार, मुझे पता नहीं था कि तुम नहा रही हो...” और इतना बोलकर मैंने दरवाजे को बंद कर दिया और बाजी के पास वापिस आ गया।
बाजी मेरी तरफ देखकर मुश्कुराए जा रही थी, तो मैंने कहा- “क्या हुआ इतना खुश क्यों हो रही हो?”
बाजी ने कहा- “तुम्हें देखकर लग रहा है कि अगर तुम्हारा बस चल जाए तो तुम बेचारी निदा को अभी चीर के रख दो...”
मैं- यार क्यों मजाक उड़ा रही हो? अब ऐसा भी कुछ नहीं है।
बाजी- अच्छा जी, तो फिर जरा बताओ तो कैसा कुछ है?
मैं- बाजी की बातों से झुंझला सा गया और बोला- “बाजी आप क्यों इतना तंग कर रही हो? सीधी तरह बोलो ना के इस वक़्त मैं चला जाऊँ यहाँ से..”
बाजी- यार मैंने ऐसा तो कुछ नहीं कहा है, जिससे तुम इतना गुस्सा कर रहे हो? मैं तो बस ये पूछ रही थी कि क्या इरादा है?
मैं बाजी के पास से उठा और रूम से बाहर निकला और अम्मी के रूम की तरफ चल दिया। लेकिन फिर पता नहीं क्या दिल में आई कि बाहर निकला और रात 8:00 बजे तक यूं ही आवारा फिरता रहा। खाना भी मैंने बाहर से ही खा लिया और 8:00 बजे घर वापिस आया तो देखा कि अम्मी बाजी और निदा के साथ-साथ सफदर अंकल भी घर पे ही थे, और काफी परेशान लग रहे थे।
मुझे घर में इन होता देखकर अम्मी झट से बोली- “कहाँ चले गये थे तुम? पता है कब से तुम्हें ढूँढ़ रहे थे और ऊपर से अपना मोबाइल भी साथ लेकर नहीं गये थे तुम अपने?”
अम्मी की बात सुनकर मुझे शर्मिंदगी हुई और अपनी बेवकूफी का एहसास भी हुआ तो मैं- “सारी अम्मी, बस गलती से रह गया था घर पे, याद ही नहीं रहा मोबाइल साथ ले जाना.." और अपने रूम की तरफ चल दिया।
अभी मैं 3-4 कदम ही चला था कि बाजी की आवाज सुनाई दी, जो खाने को पूछ रही थी।
मैंने कहा- “नहीं, मुझे नहीं खाना। मैं खाकर आया हूँ..." और टपक से अपने रूम में जा घुसा।
मैं रूम में आकर सीधा अपना लूज पाजामा निकालकर बाथरूम में जा घुसा और ड्रेस चेंज करके रूम में आया।
और आराम के लिए लेट गया और सोचने लगा कि मुझे जाने अंजाने में भी ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए थी जिससे कि किसी का भी दिल दुखे। ये सोच आते ही मैं उठने लगा कि चलकर बाहर सबके साथ सो जाता हूँ।
तभी बाजी और निदा रूम में आ गईं। बाजी आते ही मुझे देखकर बोली- “भाई आप आज अम्मी के रूम में सो जाओ, क्योंकी सफदर अंकल भी आज यहाँ ही रुक गये हैं, तो निदा यहाँ मेरे साथ सो जाएगी...”
मैं हाँ में सिर हिलाया और रूम से बाहर निकल आया और अम्मी के रूम में जा घुसा, जहाँ अम्मी और सफदर अंकल बेड पे बैठे बातें कर रहे थे।
मुझे रूम में इन होता देखकर सफदर अंकल ने कहा- “क्या बात है सन्नी बेटा, किसी ने कुछ कहा था तुमसे जो ऐसे नाराज होकर घर से निकल गये थे?”
मैं हँस दिया और बोला- “आपसे किसने बोल दिया अंकल कि मैं किसी से नाराज होकर गया था कहीं? बस जरा दिल चाह रहा था घूमने को तो निकल गया। बस मोबाइल घर भूल गया था जाते हुये.
मेरी बात सुनकर अम्मी ने जरा गुस्से से मुझे देखा और बोली- “तुम्हें कुछ पता भी है कि यहाँ हमारा क्या हाल हो रहा था तुम्हारी इस हरकत से? कुछ शर्म होनी चाहिए खुद को ही...”
मैं आगे बढ़ा और अम्मी के पैरों में बैठकर अपना सिर उनकी गोदी में रख दिया और बोला- “सोरी अम्मी, मैंने जान के ऐसा कुछ नहीं किया था। बस अंजाने में हो गया। आइन्दा से खयाल रखूगा कि ऐसा कुछ ना हो...”
अम्मी ने मुझे नीचे से उठाकर अपने साथ बिठा लिया और अपनी तरफ झुकाकर मेरा माथा चूम लिया और बोली- “सन्नी एक तुम ही तो हम माँ बेटियों का सहारा हो, मत तंग किया करो ऐसे...”
अम्मी की आँखों में आँसू आ चुके थे जिन्हें मैंने साफ किया और अम्मी को अपने साथ लिपटा के फिर से माफी माँगी और उसके बाद अंकल और मैं अम्मी को हँसाने में लग गये। इस तरह हम रात 10:00 बजे तक हँसी मजाक करते रहे, और 10:00 बजे अंकल ने अम्मी से कहा- “जाओ देखकर आओ जरा, दोनों सो गई हैं क्या?
अम्मी धीरे से उठी और बाथरूम की तरफ से मेरी बहनों के रूम में झाँकने चली गई।
मैंने अंकल से कहा- अंकल एक बात तो बताओ?
अंकल ने मेरी तरफ देखकर कहा- हाँ पूछो क्या बात है?
मैंने कहा- अंकल क्या अम्मी ने कभी एक साथ दो का मजा लिया है?
तो अंकल हँस दिए और बोले- “सन्नी तुम्हारी अम्मी तीन का एक साथ मजा ले चुकी है और वो भी कई बार। घबराओ नहीं फरी की तरह रोएगी नहीं सलमा बेगम...”
अभी हम ये बातें ही कर रहे थे के अम्मी बाथरूम का दरवाजा अपनी तरफ से लाक करके हमारे पास आकर बैठ गई। अंकल ने अम्मी को सीधा बेड पे लिटा दिया और बोले- “चलो जान-ए-मन आज पुरानी याद ताजा हो। जाए..."
तब अम्मी अंकल की बात सुनकर मुश्कुरा दी बोली कुछ नहीं।
अम्मी को मिटाने के बाद अंकल ने अम्मी की सलवार में हाथ डाला और एक झटके के साथ मेरी माँ की सलवार उतारकर एक तरफ फेंक दी और फिर अम्मी की टाँगों को मोड़ दिया जिससे अम्मी का निचला नंगा जिश्म नजर आने लगा। अम्मी की इस तरह टांगें मोड़ लेने से अम्मी की फुद्दी साफ मेरी आँखों के सामने आ गई थी, जो कि उनकी नरम और सफेद रानों में से बड़े प्यारी सी लग रही थी। जिसे मैं बड़े प्यार भरी निगाहों से देख रहा था।
तभी सफदर अंकल ने एक बार फिर से अम्मी का हाथ पकड़कर उठाया और अम्मी की कमीज को पकड़कर ऊपर को खींचने लगे, जिसमें अम्मी भी अपने हाथ ऊपर करके उनका पूरा साथ दे रही थी। फिर अंकल ने अम्मी की कमीज को निकालकर एक तरफ फेंक दिया और उसके बाद ब्रा का हुक खोलकर अम्मी को नंगा कर दिया।