20-01-2020, 12:52 PM
अम्मी ने अपना सिर नहीं उठाया और खामोश बैठी रही। लेकिन मेरे पांव अब अम्मी ने छोड़ दिए थे।
मैंने अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे कहा- “आप बता क्यों नहीं रही अम्मी?”
तो अम्मी ने कहा- “ये सब तुम्हारे अब्बू की इजाजत और मर्जी से होता रहा है...”
अम्मी की बात सुनकर मुझे एक जोर का झटका लगा, क्योंकी मुझे अम्मी से ऐसे किसी जवाब की उम्मीद नहीं थी। जिससे मुझे झटका सा लगा और मैं खामोश सा हो गया। अम्मी ने भी अपना सिर उठाया और मेरी तरफ देखती रही और फिर से सिर झुकाकर खामोश हो गई और मैं भी कुछ देर तक खामोश बैठा अपनी अम्मी की तरफ से मिलने वाले जवाब पे गौर करता रहा।
कुछ देर बाद मैंने एक लंबी सी सांस ली और बोला- “तो क्या अब्बू और सफदर अंकल के इलावा भी आपने किसी के साथ किया है?”
अम्मी ने हाँ में सिर हिला दिया और बोली- “तुम्हारे अब्बू कभी कभार अपने एक-दो दोस्तों को ले आया करते थे घर पे, और शराब पिया करते थे। जिसमें वो लोग मुझे भी शामिल कर लिया करते थे जिसके बाद सब मिलकर मेरे साथ किया करते थे..."
अम्मी की बातों से मुझे हर पल नया झटका मिल रहा था और अब अम्मी भी बिना झिझके मुझे हर बात बताती जा रही थीं। मैंने कहा- “तो फिर आप किस तरह कसम खा सकती हो कि आप ऐसा कभी नहीं करोगी? क्योंकी आपको जो आदत पड़ चुकी है, वो आसानी से जाने वाली तो नहीं है..”
अब की बार अम्मी खामोश रहीं तो मैंने अम्मी से कहा- “अब आप कब तक यूं मेरे पैरों में बैठी रहोगी ऊपर आ जाओ बेड पे और मुझे सोचने दें कि मैं क्या कर सकता हूँ आपके लिए और इस घर के लिए?”
अम्मी नीचे से उठी और बाथरूम चली गई और हाथ मुँह धो के वापिस आ गई और बेड पे बैठ गई। मैं उठा और लाइट बंद करके जीरो पावर की लाइट ओन कर दी और बेड की एक साइड पे लेट गया।
मैंने अम्मी की तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे कहा- “आप बता क्यों नहीं रही अम्मी?”
तो अम्मी ने कहा- “ये सब तुम्हारे अब्बू की इजाजत और मर्जी से होता रहा है...”
अम्मी की बात सुनकर मुझे एक जोर का झटका लगा, क्योंकी मुझे अम्मी से ऐसे किसी जवाब की उम्मीद नहीं थी। जिससे मुझे झटका सा लगा और मैं खामोश सा हो गया। अम्मी ने भी अपना सिर उठाया और मेरी तरफ देखती रही और फिर से सिर झुकाकर खामोश हो गई और मैं भी कुछ देर तक खामोश बैठा अपनी अम्मी की तरफ से मिलने वाले जवाब पे गौर करता रहा।
कुछ देर बाद मैंने एक लंबी सी सांस ली और बोला- “तो क्या अब्बू और सफदर अंकल के इलावा भी आपने किसी के साथ किया है?”
अम्मी ने हाँ में सिर हिला दिया और बोली- “तुम्हारे अब्बू कभी कभार अपने एक-दो दोस्तों को ले आया करते थे घर पे, और शराब पिया करते थे। जिसमें वो लोग मुझे भी शामिल कर लिया करते थे जिसके बाद सब मिलकर मेरे साथ किया करते थे..."
अम्मी की बातों से मुझे हर पल नया झटका मिल रहा था और अब अम्मी भी बिना झिझके मुझे हर बात बताती जा रही थीं। मैंने कहा- “तो फिर आप किस तरह कसम खा सकती हो कि आप ऐसा कभी नहीं करोगी? क्योंकी आपको जो आदत पड़ चुकी है, वो आसानी से जाने वाली तो नहीं है..”
अब की बार अम्मी खामोश रहीं तो मैंने अम्मी से कहा- “अब आप कब तक यूं मेरे पैरों में बैठी रहोगी ऊपर आ जाओ बेड पे और मुझे सोचने दें कि मैं क्या कर सकता हूँ आपके लिए और इस घर के लिए?”
अम्मी नीचे से उठी और बाथरूम चली गई और हाथ मुँह धो के वापिस आ गई और बेड पे बैठ गई। मैं उठा और लाइट बंद करके जीरो पावर की लाइट ओन कर दी और बेड की एक साइड पे लेट गया।