20-01-2020, 12:47 PM
मैंने अचानक अम्मी से कहा- “अम्मी ये सफदर अंकल कब आए हैं यहाँ?”
तो अम्मी जो कि अपने रूम में जाने के लिए मुड़ चुकी थीं, एक झटके से मेरी तरफ घूमी और फटी आँखों से मेरी तरफ देखने लगीं। मैंने उस वक़्त अम्मी का चेहरा देखा जो कि इर और खौफ से सफेद हो गया था। अम्मी फटी आँखों से मेरी तरफ देखती रही और फिर हँसी हँसी आवाज में बोली- “क्ऽक्या कहा तुमने कऽकब दऽदेखा यहाँ सफदर को?”
मैं अम्मी को घूरते हुये बोला- “क्यों क्या हुआ? सफदर अंकल का तो आप ऐसे पूछ रही हो जैसे आपको पता ही नहीं है?”
अम्मी एक झटके से वापिस सोफे पे बैठ गई। मैंने अम्मी की हालत पे गौर किया तो मुझे पता चला कि अम्मी का सारा जिम हल्के-हल्के कॉप रहा था और उनकी आँखों में हल्का पानी भी साफ नजर आ रहा था।
मैंने कहा- “अम्मी आप अभी जाओ अपने रूम में इस बारे में हम बाद में बात करते हैं...”
अम्मी फटी आँखों के साथ मेरी तरफ देखती हुई अपने रूम की तरफ चली गई। मैं भी उठा और अपने रूम में आ गया, जहाँ फरी बाजी और निदा बैठी गप्पें हांक रही थीं।
मुझे रूम में आता देखकर निदा ने बड़े स्टाइल से अपनी आँखें मटकाई और बोली- “क्यों भाई मूवी अच्छी नहीं थी क्या जो आप टीवी बंद करके यहाँ आ गये हो?”
मैं हँस दिया और बोला- “अरे नहीं यार, बस वैसे ही अम्मी भी आ गई हैं तो मैंने सोचा कि थोड़ा तुम लोगों के साथ ही गप-शप कर लूं...”
मेरी बात सुनते ही निदा झट से बोली- “हमारे साथ या सिर्फ बाजी के साथ गप्प लगाने आए हो आप?”
तो फरी ने निदा को अपनी कोहनी मारते हुये कहा- “कुछ तो शर्म किया करो? अभी भाई ने बताया है ना कि अम्मी घर आ चुकी हैं और अपने रूम में हैं...”
निदा ने कहा- “क्या यार बाजी... अम्मी कौन सा हमें खा जायेंगी? आखिर मैंने ऐसा क्या बोल दिया है जो आप इतना गुस्सा कर रही हो?"
अब मैं भी बेड पे निदा वाली साइड पे ही टिक गया और निदा को कान से पकड़ते हो बोला- “निदा इंसान की बच्ची बना करो, हर वक़्त की मस्ती अच्छी नहीं होती..”
तो अम्मी जो कि अपने रूम में जाने के लिए मुड़ चुकी थीं, एक झटके से मेरी तरफ घूमी और फटी आँखों से मेरी तरफ देखने लगीं। मैंने उस वक़्त अम्मी का चेहरा देखा जो कि इर और खौफ से सफेद हो गया था। अम्मी फटी आँखों से मेरी तरफ देखती रही और फिर हँसी हँसी आवाज में बोली- “क्ऽक्या कहा तुमने कऽकब दऽदेखा यहाँ सफदर को?”
मैं अम्मी को घूरते हुये बोला- “क्यों क्या हुआ? सफदर अंकल का तो आप ऐसे पूछ रही हो जैसे आपको पता ही नहीं है?”
अम्मी एक झटके से वापिस सोफे पे बैठ गई। मैंने अम्मी की हालत पे गौर किया तो मुझे पता चला कि अम्मी का सारा जिम हल्के-हल्के कॉप रहा था और उनकी आँखों में हल्का पानी भी साफ नजर आ रहा था।
मैंने कहा- “अम्मी आप अभी जाओ अपने रूम में इस बारे में हम बाद में बात करते हैं...”
अम्मी फटी आँखों के साथ मेरी तरफ देखती हुई अपने रूम की तरफ चली गई। मैं भी उठा और अपने रूम में आ गया, जहाँ फरी बाजी और निदा बैठी गप्पें हांक रही थीं।
मुझे रूम में आता देखकर निदा ने बड़े स्टाइल से अपनी आँखें मटकाई और बोली- “क्यों भाई मूवी अच्छी नहीं थी क्या जो आप टीवी बंद करके यहाँ आ गये हो?”
मैं हँस दिया और बोला- “अरे नहीं यार, बस वैसे ही अम्मी भी आ गई हैं तो मैंने सोचा कि थोड़ा तुम लोगों के साथ ही गप-शप कर लूं...”
मेरी बात सुनते ही निदा झट से बोली- “हमारे साथ या सिर्फ बाजी के साथ गप्प लगाने आए हो आप?”
तो फरी ने निदा को अपनी कोहनी मारते हुये कहा- “कुछ तो शर्म किया करो? अभी भाई ने बताया है ना कि अम्मी घर आ चुकी हैं और अपने रूम में हैं...”
निदा ने कहा- “क्या यार बाजी... अम्मी कौन सा हमें खा जायेंगी? आखिर मैंने ऐसा क्या बोल दिया है जो आप इतना गुस्सा कर रही हो?"
अब मैं भी बेड पे निदा वाली साइड पे ही टिक गया और निदा को कान से पकड़ते हो बोला- “निदा इंसान की बच्ची बना करो, हर वक़्त की मस्ती अच्छी नहीं होती..”