20-01-2020, 12:47 PM
उन दोनों का काम जैसे ही फारिघू हुआ मैं वहाँ खिसक गया, क्योंकी अब दोनों को बाथरूम में ही आना था जिससे वो मुझे देख सकते थे। इसीलिए मैं वहाँ से जिस रास्ते से आया था निकल गया और घर वापिस आ गया।
घर आया तो सामने ही सोफे पे निदा बैठी हुई थी। मुझे घर आता देखकर बोली- “क्या बात है भाई, कहाँ गये थे। इतनी जल्दी में?”
मैं हँस दिया और बोला- “कहीं नहीं यार, भला मैंने कहाँ जाना था? बस बाजार तक चला गया था कुछ काम था...” और निदा के करीब ही बैठ गया और मूवी देखने लगा, जो कि निदा ही लगाए बैठी हुई थी और इसके बाद हमारे बीच कोई बात नहीं हुई।
हमें मूवी देखते हुये 15-20 मिनट ही हुये थे कि निदा उठी और रूम की तरफ चल दी और अभी वो रूम में गई ही थी कि अम्मी घर में इन हो गई और मुझे हाल में बैठा देखकर बोली- “तुम लोग इतनी जल्दी आ गये? क्या बात है, सब ठीक तो है ना? कोई झगड़ा तो नहीं हुआ तुम लोगों में?”
मैंने अम्मी की तरफ देखा ऊपर से नीचे तक, लेकिन कुछ बोला नहीं।
तो अम्मी कुछ परेशान से हो गई और बोली- “क्या बात है सन्नी, तुमने जवाब नहीं दिया मेरी बात का?”
मैंने कहा- “नहीं अम्मी, कोई झगड़ा नहीं हुआ। बस फरी बाजी को थोड़ी मोच आ गई है लेकिन आप कहाँ गई हुई थीं?”
अम्मी मेरे सामने सोफे पे बैठ गई और बोली- “वो बेटा बस मैं वापिस आ रही थी तो सोचा कि तुम लोगों को तो काफी टाइम लग जाएगा वापसी में तो थोड़ा घूमने निकल गई थी मैं.."
मैं- लेकिन अम्मी आप ने तो कहा था मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं घर जा रही हूँ।
अम्मी- हाँ हाँ बेटा वो... वो ऐसा है ना कि बस सिर में दर्द था तो मैंने सोचा कि थोड़ा ताजा हवा खाऊँगी तो ठीक हो जाएगा..."
मैं- अच्छा ठीक है। लेकिन अब तो आप की तबीयत ठीक है ना?
अम्मी- हाँ... अब काफी अच्छा महसूस हो रहा है और तुम लोगों को कितनी देर हुई घर वापिस आए हुये?
मैं- बस ये ही कोई एक घंटा हो ही गया है।
अम्मी मेरा जवाब सुनते ही उठी और अपने रूम की तरफ जाने लगी।
घर आया तो सामने ही सोफे पे निदा बैठी हुई थी। मुझे घर आता देखकर बोली- “क्या बात है भाई, कहाँ गये थे। इतनी जल्दी में?”
मैं हँस दिया और बोला- “कहीं नहीं यार, भला मैंने कहाँ जाना था? बस बाजार तक चला गया था कुछ काम था...” और निदा के करीब ही बैठ गया और मूवी देखने लगा, जो कि निदा ही लगाए बैठी हुई थी और इसके बाद हमारे बीच कोई बात नहीं हुई।
हमें मूवी देखते हुये 15-20 मिनट ही हुये थे कि निदा उठी और रूम की तरफ चल दी और अभी वो रूम में गई ही थी कि अम्मी घर में इन हो गई और मुझे हाल में बैठा देखकर बोली- “तुम लोग इतनी जल्दी आ गये? क्या बात है, सब ठीक तो है ना? कोई झगड़ा तो नहीं हुआ तुम लोगों में?”
मैंने अम्मी की तरफ देखा ऊपर से नीचे तक, लेकिन कुछ बोला नहीं।
तो अम्मी कुछ परेशान से हो गई और बोली- “क्या बात है सन्नी, तुमने जवाब नहीं दिया मेरी बात का?”
मैंने कहा- “नहीं अम्मी, कोई झगड़ा नहीं हुआ। बस फरी बाजी को थोड़ी मोच आ गई है लेकिन आप कहाँ गई हुई थीं?”
अम्मी मेरे सामने सोफे पे बैठ गई और बोली- “वो बेटा बस मैं वापिस आ रही थी तो सोचा कि तुम लोगों को तो काफी टाइम लग जाएगा वापसी में तो थोड़ा घूमने निकल गई थी मैं.."
मैं- लेकिन अम्मी आप ने तो कहा था मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मैं घर जा रही हूँ।
अम्मी- हाँ हाँ बेटा वो... वो ऐसा है ना कि बस सिर में दर्द था तो मैंने सोचा कि थोड़ा ताजा हवा खाऊँगी तो ठीक हो जाएगा..."
मैं- अच्छा ठीक है। लेकिन अब तो आप की तबीयत ठीक है ना?
अम्मी- हाँ... अब काफी अच्छा महसूस हो रहा है और तुम लोगों को कितनी देर हुई घर वापिस आए हुये?
मैं- बस ये ही कोई एक घंटा हो ही गया है।
अम्मी मेरा जवाब सुनते ही उठी और अपने रूम की तरफ जाने लगी।