20-01-2020, 10:54 AM
वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहन कर पहले बाथरूम में गई और फिर किचन में. उसके जाने के दो मिनट बाद पंकज बाथरूम में गये. वापस आ कर उन्होने अंडरवियर पहना और कुर्सी पर बैठ गये. पिछले कुछ मिनटों में जो उनके साथ हुआ था वो उनके दिमाग में एक फिल्म की तरह चलने लगा. उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उन्होंने अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री के साथ सम्भोग किया था! पर सामने पड़े निराली के कपड़े बता रहे थे कि यह सच था.
वे थोड़े लज्जित भी थे – एक तो इसलिये कि उन्होंने एक नौकरानी के साथ यह काम किया था और दूसरे इसलिये कि वे उसे तुष्ट नहीं कर पाए.
पंकज अपने ख्यालों में खोये हुए थे कि निराली उनके लिए चाय ले कर आ गई. उन्हें चाय का कप दे कर वह उनके सामने जमीन पर बैठ कर चाय पीने लगी. उनको उदास देख कर वह बोली, “दुखी क्यों हो रहे हैं, बाबूजी? मैंने कहा ना कि हमारे पास वक्त है. इस बार सब ठीक होगा!”
वे थोड़े लज्जित भी थे – एक तो इसलिये कि उन्होंने एक नौकरानी के साथ यह काम किया था और दूसरे इसलिये कि वे उसे तुष्ट नहीं कर पाए.
पंकज अपने ख्यालों में खोये हुए थे कि निराली उनके लिए चाय ले कर आ गई. उन्हें चाय का कप दे कर वह उनके सामने जमीन पर बैठ कर चाय पीने लगी. उनको उदास देख कर वह बोली, “दुखी क्यों हो रहे हैं, बाबूजी? मैंने कहा ना कि हमारे पास वक्त है. इस बार सब ठीक होगा!”
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.