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कामुक कहानी लिखने की कला
#2
अच्छी सेक्स कहानी कैसे लिखें?

पहली बात तो ये कि कहानी लिखने के लिए कल्पना शक्ति का प्रबल होना पहली आवश्यकता है; इसके बाद अपनी कल्पना को शब्दों में ट्रांसलेट करके साकार कर देना ही मूल आवश्यकता है.
यदि कोई कहानी ग्रामीण परिवेश पर आधारित है तो लेखक को अपने पात्रों का नाम, रहन सहन, पहनने ओढ़ने का ढंग गाँव के रहन सहन के अनुसार ही रखना होगा या कोई कहानी शहरी जीवन, मॉल संस्कृति पर आधारित है तो लेखक को उक्त परिस्थिति में खुद को रख कर एक दृष्टा की दृष्टि से लिखना चाहिए.

अगली बात है लेखक को अतिश्योक्ति से बचना चाहिए और पाठकों को मूर्ख समझने की भूल कभी नहीं करना चाहिए कि वे उनकी बातों को सच मान ही लेंगे.आर एस एस के लाखों पाठक प्रशंसक पूरी दुनियां में हैं जो इसकी सेक्स कहानियों को बड़े चाव से पढ़ते हैं; इनमें से अभिजात्य वर्ग के महिला पुरुष भी हैं जो अपनी तार्किक बुद्धि से कहानी को परखते हैं भले ही वे कहानी पर
कोई कमेंट्स न करें. अतः बेकार की अतिरंजित भाषा लिखने से बचना चाहिये. जैसे कई लोग लिखते हैं कि उनका लिंग नौ दस इंच का है और वो लगातार चार घंटे तक सेक्स कर सकते हैं और कैसी भी कामिनी को हरा सकते हैं, उसे पूर्ण रूप से संतुष्ट कर सकते हैं… रात में डाला सुबह निकाला टाइप का या मैंने उसकी योनि चाटी, वो झड़ गयी और मैं सारा रस पी गया या वो मेरे लिंग मुंड घुसाते ही चीख पड़ी फिर ये फिर वो… और उसने मेरे लिंग का पानी पी लिया और इसे चाट चाट के साफ़ कर दिया.

ऐसी बातें प्रबुद्ध उच्च वर्गीय पाठकों के मन में ऊब और वितृष्णा या अरुचि ही पैदा करती हैं अतः ऐसी अतिश्योक्ति से बचना चाहिए. हां, कहानी में मिर्च मसाला भी जरूरी है उसके बिना कहानी फीकी लगेगी.
मैं यहां ‘उत्कृष्ट’ कहानी लेखन की बात कर रहा हूं, वैसे तो सब चलता है कुछ भी लिखो.

आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अपनी सेक्स कथा को कैसे लिखें?

सबसे पहले आप कहानी का विषय या पटकथा तय कीजिए कि आप अपनी कहानी में क्या बताना चाहते हैं, जैसे:
अपनी आप बीती कोई घटना,
आपकी आँखों देखी कोई सेक्स भरी घटना,
आपके मित्र या संबंधी द्वारा आपको बताई गई कोई सच्ची घटना,
आपके द्वारा कोई कपोल कल्पित कहानी,
कुछ ऐसा जो आप करना चाहते हों लेकिन कर ना पाए हों!
कुछ ऐसा जिसके घटित होने की कोई संभावना ही ना हो, यानि फैंटेसी!

विषय चुनने के बाद आप यह तय करें कि कहानी कौन सुना/बता रहा है. आप बीती घटना है तो कहानी सुनाने वाले आप ही होंगे यानि लेखक होगा. (मैं, मेरा हमारा आदि शब्दों का प्रयोग)
आप किसी और की घटना बता रहे हैं तो वह, उसका, उनका आदि शब्दों का प्रयोग करके कहानी लिखनी चाहिए.

अब आप अपनी कहानी को निःसंकोच लिखना शुरू कर दें, ये कभी न सोचें कि इस पढ़ कर कोई क्या कहेगा… बस लिखते जाइए, जो भी जैसे भी विचार मन में आयें लिखते जाइए; पीछे देखना मना है कि
आपने क्या लिखा है. जबरदस्ती कभी नहीं लिखिए जब मन में विचारों की हिलोरें उठें, तभी उचित शब्दों के साथ उन्हें लिखिए. आपकी कहानी जब तक पूरी न हो जाए तब तक लिखना जारी रखिये;
इसके लिए आपको एक सप्ताह या एक महीना या और ज्यादा समय भी लग सकता है. ध्यान रखें कि आप घटनाक्रम के साथ बहते चले जाएं, इससे आपके मन में स्वतः ही विचार आते चले जायेंगे
और कहानी का प्रवाह और तेज होता चला जाएगा.

कहानी शुरू करें पात्र परिचय से, पात्रों के आस पास के वातावरण माहौल, परिस्थितियों, हालात के वर्णन से. इसके बाद आप बताएं कि कहानी में विभिन्न पात्र आपस में कैसे मिले, कैसे उनमें निकटता हुई, कैसे उनके बीच में प्यार/रोमांस हुआ, उनके बीच की लज्जा हटी. अब थोड़ा बताएं कि उनके बीच सेक्स सुनियोजित है या अचानक बिना किसी योजना के हो गया.

सेक्स की शुरुआत का वर्णन जैसे छेड़छाड़, चूमा चाटी, यौन पूर्व क्रीड़ा जिसे अंग्रेजी में फोरप्ले कहते हैं, इसका विस्तार से वर्णन करें क्योंकि किसी भी सेक्स कहानी में पूर्व क्रीड़ा का बहुत महत्त्व होता है.
फिर लड़की और लड़के के यौन अंगों का रस से भरपूर वर्णन, आकार, रंगरूप आदि. यहाँ पर यौनागों का वर्णन करने में आप स्पर्श, गंध, तापमान, आस पास के वातावरण का वर्णन करें!
पात्रों के बीच चल रहे संवादों, आवाजों और उनके अंगों के संचालन को बताएं.

इसके बाद आगे घटित हो रही घटनाएं क्रम वार लिखें, पात्रों की मनोस्थिति का वर्णन अवश्य करें कि उन्हें कैसा लग रहा है.

अगर आप अपनी कहानी में कुछ रोमांच पैदा करने के लिए कहानी को एकदम से किसी दूसरी दिशा में मोड़ दें, कुछ ऐसा लिखें जिसकी कल्पना पाठकगण ना कर पायें तो आपकी कहानी प्रभाव छोड़ेगी, ज्यादा पसन्द की जायेगी.
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RE: कामुक कहानी लिखने की कला - by firefly - 23-11-2018, 04:42 PM



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