04-02-2019, 11:03 PM
कुछ देर बाद अचानक सादिया ने फील किया के उसका बेटा अपना हाथ ब्लैंकेट मैं मूव कर रहा है जो सीधा सादिया की लेग्स पे आया. पहले तो सादिया को गुस्सा आया लकिन फिर वो खामोश हो गयी क्यों के वो अपने हज़्बेंड के सामने तमाशा नही करना चाहती थी दूसरा वो इतनी ब्रेव नही थी शरम की वज़ह और बेटे की लाइफ खड़ाब ना हो इस लिए वो चुपके से बिना कुछ कहे और किए बैठी रही.
अली ने अपनी अम्मी की लेग को टच करते ही बहाने से कहा के अम्मी ड्रामा वाली इस ऐक्ट्रेस का नाम किया है?
सादिया ये सुनते ही बहुत शर्मिंदा हुई के वो अपने बेटे के बारे मैं कितना गलत सोच रही थी शेम ऑन यू सादिया...
फिर कुछ दिन नॉर्मल गुज़र गये और अली के फादर दोबारा किसी काम से आउट ऑफ सिटी जा रहे थे. शाम को अली और उसकी अम्मी अकेले बैठे टीवी देख रहे थे के अली दोबारा बिना कुछ कहे अपनी अम्मी की ब्लैंकेट मैं आ गया और उन के साथ लेट गया.
अली: अम्मी एक बात पूछनी है लकिन अगर आप गुस्सा ना करें तो???
सादिया: किया बात है बेटा पूछ मैं बुरा नही मानूं गी.
अली: प्रॉमिस मी मा.
सादिया: बेटा ऐसी किया बात है OK आई प्रॉमिस गुस्सा नही करूँ गी पूछ किया पूछना है.
अली: अम्मी जब हम घर पे अकेले होते हैं तो सिर्फ़ मेन डोर बाहर वाला ही लॉक करते हैं ना?
सादिया: हाँ बेटा. क्यों?
अली: फिर अम्मी जब डैड घर होते हैं तो आप लोग अपने रूम का डोर क्यों लॉक करते हैं.
सादिया: (विद स्माइल) बेटा आप के डैड कहते हैं सेफ्टी अच्छी बात है और कोई डिस्टर्ब ना करे इस लिए भी.
अली: पेर अम्मी सेफ्टी तो मेन डोर लॉक से होती है और फिर डैड जब यहाँ नही होते किया तब सेफ्टी की ज़रूरत नही होती और डैड मुझे भी तो नही कहते के अपने रूम का डोर भी लॉक किया करो? और अम्मी जब डैड यहाँ होते हैं तब तो मैं आप के रूम मैं आता ही नही हूँ फिर कौन और क्यों कोई डिस्टर्ब करे गा डैड को? बताएं ना सही सही क्यों के आप खुद तो कहती हैं के झूट बोलना अच्छी बात नही है फिर आप भी सच बताएं ना मा.
सादिया: बेटा ऐसी बात नही है अभी तुम बच्चे हो जब बड़े हो जाओ गे तुम्हें खुद पता चल जाए गा सो लीव दिस टॉपिक.
अली: लकिन अम्मी आप क्यों नही बता देती हैं?
सादिया: बेटा कहा नही अभी नही दैट्स इट नो मोरे क्वेस्चन ओक?
अली: OK मा
कुछ देर दोनो अम्मी बेटा खामोशी से टीवी देखते रहे.
अली: अम्मी मेरी फ्रेंड है ना मिसबा वो भी बता रही थी के उस के अम्मी ऐंड डैड भी डोर लॉक करते हैं वो भी सिर्फ़ रात मैं लकिन दिन मैं कभी नही.
सादिया: बेटा फिर वही बात और ये बातें फ्रेंड्स के साथ शेयर नही करते पता नही कब अक़ल आए गी तुम्हें कितना समझती हूँ के घर की बातें ना किसी से पूछा करो ना बताया करो.
अली: अम्मी मैं ने नही पूछा उसी ने बताया फिर मेरे दिमाग मैं आया के आप भी लॉक करते हैं रात को बस इस लिए पूछ रहा हूँ अब बता भी दें ना आप खुद तो कहती हैं कोई भी बात हो आप से किया करूँ ऑर ब आप ही नही बता रही हैं दैट्स नोट फेर.
सादिया: अच्छा देर हो गयी है अब सो जाओ.
सादिया ने टीवी ऑफ किया और करवट ले के अपने बैक अली की तरफ कर के लेट गयी अली भी मूँह बना के सोने लगा.
काफ़ी देर बाद रात को अली की आँख खुली तो उस ने अपना हाथ अपनी अम्मी की गांड़ की दरार मैं रखा और हीट फील कर के मज़ा करने लगा.
सादिया की गांड़ टाइट नही थी क्यों के उसकी नीचे वाली लेग सीधी थी और ऊपर वाली लेग बेंड थी उसकी चेस्ट की तरफ इस लिए सादिया की गांड़ खुली हुई थी दरार टाइट नही थी पहले की तरह.
अली को मज़ा आ रहा था फिर उस ने अपना हाथ स्लो स्लो मूव किया अपनी अम्मी की गांड़ के बीच मैं उसे बहुत मज़ा आ रहा था बहुत ही सॉफ्ट गरम मुलायम गांड़ को टच करने मैं.
फिर उस ने अपनी फोर फिंगर्स को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ की दरार मैं रक्खा और उन्हें स्लो स्लो मूव करने लगा जैसे ही वो थोडा नीचे ले जाता तो गांड़ की दरार मैं उसे हीट फील होती वी सोचने लगा के ये किया हो गा फिर उसे याद आया के ये तो उसकी अम्मी सादिया की गांड़ का सुराख है और वहाँ से बहुत हीट निकल रही थी वो जगह बाकी गांड़ से ज़ियादा गरम जो थी.
अली ने अब अपनी अम्मी सादिया की बाकी गांड़ को छोड़ के सिर्फ़ एक फिंगर से अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करना शुरू कर दिया अब अली अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख के साथ खेल रहा था उसे टच कर रहा था फील कर रहा था और जब वो अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करता तो सादिया नींद मैं या वैसे ही सुराख को टाइट करती.
अली को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख का खुलना औट टाइट होना फील कर के बहुत मज़ा आ रहा था वो काफ़ी देर तक अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के साथ उस की गांड़ के सुराख के साथ खेलता रहा उधर उसका लंड बहुत हार्ड था.
अली के दिल की धरकन अब बहुत तेज़ चल रही थी उसे डर भी लग रहा था लकिन उस से ज़ियादा उसे मज़ा आ रहा था.
कुछ देर बाद अली ने अपनी फिंगर अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख से थोडा नीचे की तो वो परेशां हो गया क्यों के सादिया की शलवार वहाँ से बहुत गीली थी. सादिया की चूत पानी छोड़ रही थी लकिन अभी तक वो नींद मैं ही थी शायद कोई खवाब देख रही थी या जो भी ही था लकिन उसकी शलवार काफ़ी गीली हो गयी थी.
अली ने अब सादिया की गांड़ के सुराख को छोड़ दिया और उसी गीली जगह पर फिंगर स्लो स्लो मूव करने लगा उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था चिप चिपा वो सोच रहा था के ये किया है क्यों के वो कन्फर्म हो गया था के ये उसकी अम्मी का पेशाब तो बिल्कुल नही है क्यों के पेशाब ऐसा चिप चिपा नही होता पेर ये जो भी ही है उसे अच्छा लग रहा था.
कुछ देर बाद अली ने दोबारा अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलना चाहा और अपने फिंगर रगड़ता हुआ अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख तक ले आया.
अब अली का मज़ा दुगना हो गया था क्यों के उसकी अम्मी की चूत से निकला हुआ पानी जो शलवार पे लगा हुआ था वो हिस्सा अली की फिंगर की रगड़ के साथ सादिया की गांड़ के सुराख पे आ गया था अब अली फिंगर को पहले से ज़रा तेज़ और थोडा ज़ियादा पुश कर के अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलने लगा और जैसे ही अली की फिंगर उसकी अम्मी की गांड़ के सुराख पे आती तब वो थोडा फिंगर को पुश करता और ऐसा करने से उसकी फिंगर थोड़ी सी सादिया की गांड़ मैं जाने लगती लकिन वो फ़ौरन फिंगर पीछे मूव कर लेता.
अली ने अपनी अम्मी की लेग को टच करते ही बहाने से कहा के अम्मी ड्रामा वाली इस ऐक्ट्रेस का नाम किया है?
सादिया ये सुनते ही बहुत शर्मिंदा हुई के वो अपने बेटे के बारे मैं कितना गलत सोच रही थी शेम ऑन यू सादिया...
फिर कुछ दिन नॉर्मल गुज़र गये और अली के फादर दोबारा किसी काम से आउट ऑफ सिटी जा रहे थे. शाम को अली और उसकी अम्मी अकेले बैठे टीवी देख रहे थे के अली दोबारा बिना कुछ कहे अपनी अम्मी की ब्लैंकेट मैं आ गया और उन के साथ लेट गया.
अली: अम्मी एक बात पूछनी है लकिन अगर आप गुस्सा ना करें तो???
सादिया: किया बात है बेटा पूछ मैं बुरा नही मानूं गी.
अली: प्रॉमिस मी मा.
सादिया: बेटा ऐसी किया बात है OK आई प्रॉमिस गुस्सा नही करूँ गी पूछ किया पूछना है.
अली: अम्मी जब हम घर पे अकेले होते हैं तो सिर्फ़ मेन डोर बाहर वाला ही लॉक करते हैं ना?
सादिया: हाँ बेटा. क्यों?
अली: फिर अम्मी जब डैड घर होते हैं तो आप लोग अपने रूम का डोर क्यों लॉक करते हैं.
सादिया: (विद स्माइल) बेटा आप के डैड कहते हैं सेफ्टी अच्छी बात है और कोई डिस्टर्ब ना करे इस लिए भी.
अली: पेर अम्मी सेफ्टी तो मेन डोर लॉक से होती है और फिर डैड जब यहाँ नही होते किया तब सेफ्टी की ज़रूरत नही होती और डैड मुझे भी तो नही कहते के अपने रूम का डोर भी लॉक किया करो? और अम्मी जब डैड यहाँ होते हैं तब तो मैं आप के रूम मैं आता ही नही हूँ फिर कौन और क्यों कोई डिस्टर्ब करे गा डैड को? बताएं ना सही सही क्यों के आप खुद तो कहती हैं के झूट बोलना अच्छी बात नही है फिर आप भी सच बताएं ना मा.
सादिया: बेटा ऐसी बात नही है अभी तुम बच्चे हो जब बड़े हो जाओ गे तुम्हें खुद पता चल जाए गा सो लीव दिस टॉपिक.
अली: लकिन अम्मी आप क्यों नही बता देती हैं?
सादिया: बेटा कहा नही अभी नही दैट्स इट नो मोरे क्वेस्चन ओक?
अली: OK मा
कुछ देर दोनो अम्मी बेटा खामोशी से टीवी देखते रहे.
अली: अम्मी मेरी फ्रेंड है ना मिसबा वो भी बता रही थी के उस के अम्मी ऐंड डैड भी डोर लॉक करते हैं वो भी सिर्फ़ रात मैं लकिन दिन मैं कभी नही.
सादिया: बेटा फिर वही बात और ये बातें फ्रेंड्स के साथ शेयर नही करते पता नही कब अक़ल आए गी तुम्हें कितना समझती हूँ के घर की बातें ना किसी से पूछा करो ना बताया करो.
अली: अम्मी मैं ने नही पूछा उसी ने बताया फिर मेरे दिमाग मैं आया के आप भी लॉक करते हैं रात को बस इस लिए पूछ रहा हूँ अब बता भी दें ना आप खुद तो कहती हैं कोई भी बात हो आप से किया करूँ ऑर ब आप ही नही बता रही हैं दैट्स नोट फेर.
सादिया: अच्छा देर हो गयी है अब सो जाओ.
सादिया ने टीवी ऑफ किया और करवट ले के अपने बैक अली की तरफ कर के लेट गयी अली भी मूँह बना के सोने लगा.
काफ़ी देर बाद रात को अली की आँख खुली तो उस ने अपना हाथ अपनी अम्मी की गांड़ की दरार मैं रखा और हीट फील कर के मज़ा करने लगा.
सादिया की गांड़ टाइट नही थी क्यों के उसकी नीचे वाली लेग सीधी थी और ऊपर वाली लेग बेंड थी उसकी चेस्ट की तरफ इस लिए सादिया की गांड़ खुली हुई थी दरार टाइट नही थी पहले की तरह.
अली को मज़ा आ रहा था फिर उस ने अपना हाथ स्लो स्लो मूव किया अपनी अम्मी की गांड़ के बीच मैं उसे बहुत मज़ा आ रहा था बहुत ही सॉफ्ट गरम मुलायम गांड़ को टच करने मैं.
फिर उस ने अपनी फोर फिंगर्स को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ की दरार मैं रक्खा और उन्हें स्लो स्लो मूव करने लगा जैसे ही वो थोडा नीचे ले जाता तो गांड़ की दरार मैं उसे हीट फील होती वी सोचने लगा के ये किया हो गा फिर उसे याद आया के ये तो उसकी अम्मी सादिया की गांड़ का सुराख है और वहाँ से बहुत हीट निकल रही थी वो जगह बाकी गांड़ से ज़ियादा गरम जो थी.
अली ने अब अपनी अम्मी सादिया की बाकी गांड़ को छोड़ के सिर्फ़ एक फिंगर से अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करना शुरू कर दिया अब अली अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख के साथ खेल रहा था उसे टच कर रहा था फील कर रहा था और जब वो अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख को टच करता तो सादिया नींद मैं या वैसे ही सुराख को टाइट करती.
अली को अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख का खुलना औट टाइट होना फील कर के बहुत मज़ा आ रहा था वो काफ़ी देर तक अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के साथ उस की गांड़ के सुराख के साथ खेलता रहा उधर उसका लंड बहुत हार्ड था.
अली के दिल की धरकन अब बहुत तेज़ चल रही थी उसे डर भी लग रहा था लकिन उस से ज़ियादा उसे मज़ा आ रहा था.
कुछ देर बाद अली ने अपनी फिंगर अपनी अम्मी की गांड़ के सुराख से थोडा नीचे की तो वो परेशां हो गया क्यों के सादिया की शलवार वहाँ से बहुत गीली थी. सादिया की चूत पानी छोड़ रही थी लकिन अभी तक वो नींद मैं ही थी शायद कोई खवाब देख रही थी या जो भी ही था लकिन उसकी शलवार काफ़ी गीली हो गयी थी.
अली ने अब सादिया की गांड़ के सुराख को छोड़ दिया और उसी गीली जगह पर फिंगर स्लो स्लो मूव करने लगा उसे बहुत अच्छा फील हो रहा था चिप चिपा वो सोच रहा था के ये किया है क्यों के वो कन्फर्म हो गया था के ये उसकी अम्मी का पेशाब तो बिल्कुल नही है क्यों के पेशाब ऐसा चिप चिपा नही होता पेर ये जो भी ही है उसे अच्छा लग रहा था.
कुछ देर बाद अली ने दोबारा अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलना चाहा और अपने फिंगर रगड़ता हुआ अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख तक ले आया.
अब अली का मज़ा दुगना हो गया था क्यों के उसकी अम्मी की चूत से निकला हुआ पानी जो शलवार पे लगा हुआ था वो हिस्सा अली की फिंगर की रगड़ के साथ सादिया की गांड़ के सुराख पे आ गया था अब अली फिंगर को पहले से ज़रा तेज़ और थोडा ज़ियादा पुश कर के अपनी अम्मी सादिया की गांड़ के सुराख के साथ खेलने लगा और जैसे ही अली की फिंगर उसकी अम्मी की गांड़ के सुराख पे आती तब वो थोडा फिंगर को पुश करता और ऐसा करने से उसकी फिंगर थोड़ी सी सादिया की गांड़ मैं जाने लगती लकिन वो फ़ौरन फिंगर पीछे मूव कर लेता.