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Adultery मेहमान बेईमान
नीचे की तरफ आ कर मैने इधर उधर देखा कि कोई देख तो नही रहा है और वापस से औरतो की भीड़ मे शामिल हो गयी. सब कुछ वैसा ही था जैसा मैं छ्चोड़ कर गयी थी लगभग आधी से ज़्यादा औरते जा चुकी थी और बची हुई औरते खाना खा रही थी. मेरी समझ मे नही आ रहा था कि कैसे इस हालत मे मैं वहाँ जाऊ ? अमित का वीर्य मेरी साड़ी पर सॉफ चमक रहा था और उसके वीर्य की कुछ बूंदे मेरे ब्लाउस पर भी आ गयी थी जीने निशान सॉफ दिखाई दे रहे थे.

मैने उन निशानो को छुपाने के लिए साडी के पल्लू से अपने ब्लाउस को तो ढँक लिया पर साडी पर जो स्पॉट थे उन्हे कैसे छुपाऊ कुछ समझ नही आ रहा था. उन निशानो को छुपाने के लिए मुझे अपनी जाँघो पर हाथ रखना पड़ा जहा पर वो निशान था. निशान को छुपा मैं भी उन औरतो के बीच मे शामिल हो गयी मेरे माथे पर पसीना सॉफ झलक रहा था. मेरे दिमाग़ मे यही चल रहा था कि कही किसी ने मुझे देखा तो नही वहाँ उपर से आते हुए.

दूसरा घर से आकर मैने सिर्फ़ नाश्ता किया था तो मुझे भी भूक लग रही थी, मैने भी एक प्लेट ले कर जब खाने के काउंटर पर आई तो देखा कि वहाँ अमित पहले से ही खड़ा हुआ था. वो छत से कब यहा पर आ कर खड़ा हो गया पता ही नही चला. मैने उसे इग्नोर किया और उस अपने हाथ से प्लेट को टेबल पर रख कर, क्यूकी दूसरा हाथ मेरी साड़ी के निशानो को छुपा रहा था. मैने जैसे ही डाल प्लेट मे डाल ने को हुई.

“अरे भाभी जी आप क्यू तकलीफ़ उठा रही हो मैं हू ना, मैं डाल देता हू. हहहे” कह कर उसने अपनी बत्तीसी चमका दी.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 19-01-2020, 08:04 AM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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