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Adultery मेहमान बेईमान
“मैं जाने वाली हू.. आहह आअहह” की आवाज़ जैसे ही मेरे कानो मे आई मेरी नज़र फिर से अंदर की तरफ हो गयी. सुजाता सिसकारिया लेते हुए बोहोत तेज़ी के साथ अपनी कमर विकास के लिंग के साथ आगे पीछे कर रही थी और फिर एक का एक उसकी स्पीड एक दम ढीली सी हो गयी. शायद वो झाड़ चुकी थी. पर विकास अब भी उसमे धक्के लगा रहा था. थोड़ी देर यूँ ही धक्के लगाने के बाद विकास ने भी अपना वीर्य सुजाता की योनि के अंदर ही छ्चोड़ दिया.

उन दोनो ने तो अपना काम कर लिया था पर उनके इस काम ने मेरे अंदर की आग को भड़का दिया था जिसे शांत करना बोहोत ज़रूरी था.. उन दोनो के सुस्त होते ही मैं वहाँ से हट कर वापस जाने के लिए जैसे ही मूडी अमित ने मेरा हाथ पकड़ लिया.

“कहाँ चल दी भाभी. ? ”

“मैने कहा हाथ छ्चोड़ो मेरा, अगर अपनी भलाई चाहते हो तो दूर रहो मुझसे”

“भलाई का तो जमाना ही नही है इतनी बढ़िया हक़ीकत की चलती हुई पिक्चर दिखाई आप को. शुक्रिया अदा करने के बजाए आप मुझे डाँट रहे हो”

“अपनी बकवास बंद करो और चुप चाप हाथ छ्चोड़ो मेरा”

“आप को इतना बढ़िया नज़ारा दिखाया. पर इस नज़ारे ने मेरे लंड की हालत खराब कर दी है. गांद तो आप दोगे नही कम से कम मेरा हिला कर ही मेरा शांत कर दो.”

“तुम हाथ छ्चोड़ रहे हो या नही”

“नही छ्चोड़ता जाओ कर लो जो करना है. आप शायद भूल रही हो कि आप के घर वाली फिल्म अब भी मेरे इस मोबाइल मे है”
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 17-01-2020, 08:21 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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