17-01-2020, 08:19 PM
कहा ना मेरी जान कुछ नही होगा बड़ा लंड जब तेरी चूत की मालिश करेगा तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा. बस तू मज़े ले दर्द वर्द कुछ नही होता है” कह कर विकास ने थूक लगाते लगाते ही अपनी एक उंगली सुजाता की योनि के अंदर कर दी जिस से सुजाता की हल्की सी सिसकारी भरी चीख निकल गयी. उस समय अंदर जो कुछ भी सुजाता के साथ हो रहा था वो मुझे अपने साथ होता हुआ महसूस हो रहा था जो उंगली विकास ने सुजाता की योनि मे घुसाई थी वो मुझे मेरी योनि के अंदर घुसती हुई महसूस हो रही थी. मेरा गला जो पहले से ही सूखा हुआ था और भी बुरी तरह से सुख़्ता जा रहा था अब तो होंठ भी एक दूसरे के साथ बुरी तरह से चिपक गये थे.
विकास ने वापस से अपने लिंग पर थूक लगाया और अपने लिंग का सूपड़ा पीछे करके सुजाता की योनि पर रख दिया. विकास का सूपड़ा एक दम लाल रखा था सुजाता विकास के लिंग को अपनी योनि पर महसूस करके शायद मचल गयी थी और इसी कारण उसके नितंब इधर उधर हिलने लग गये थे जिन्हे विकास ने अब अपने दोनो हाथो से कस कर थाम लिया था.
विकास ने हल्के हल्के अपने लिंग का दवाब सुजाता की योनि पर बनाया और अपने लिंग को सुजाता की योनि के अंदर करने की कोसिस करने लग गया. सुजाता की योनि शायद काफ़ी टाइट रही होगी जिसकी वजह से विकास का लिंग बार बार फिसल रहा था जिस तरह विकास का लिंग सुजाता की योनि से रगड़ खा रहा था मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल होता जा रहा था. मेरी योनि भी लिंग के लिए तड़पने लग गयी थी.
विकास ने थोड़ा पीछे हो कर वापस ढेर सारा थूक अपने हाथ पर गिरा कर सुजाता की योनि पर लगाया और वापस अपने लिंग को उसकी योनि के छेद से सटा कर एक धक्का बोहोत हल्के से ही लगाया था शायद पर सुजाता जिस तरह से मचल रही थी उस से लग रहा था कि उसे बोहोत ज़ोर का दर्द हो रहा है… और मेरा यकीन सच मे बदल भी गया विकास के अगला धक्का लगते ही. सुजाता बुरी तरह से चीख उठी…
आआहह मर गयी निकल लो ईसीईए उूउउइइइइम्म्म्माआ मररर्र्र्ररर गयी निकाल लो इसेसीईई
पर विकास ने उसे तसल्ल्ली देते हुए कहा “अरे मेरी जान बस थोड़ा सा दर्द होगा कसिए भी कर के ये दर्द बर्दाश्त कर लो फिर तुम्हे मज़ा ही मज़ा आएगा.”
“मुझे कोई मज़ा नही चाहिए, मुझे वापस जाना है इसे निकाल लो प्लज़्ज़्ज़” सुजाता रोती हुई आवाज़ मे बोली. सुजाता की हालत देख कर मुझे अपनी पहली रात की याद आ गयी और मेरे चेहरे पर हँसी आ गयी सुजाता की हालत देख कर. पर विकास ने सुजाता की एक ना सुनते हुए एक और ज़ोर का धक्का लगाया जिस से पूरा लिंग सुजाता की योनि के अंदर समा गया.
पूरा लिंग अंदर जाते ही सुजाता की बुरी तरह से चीख निकल गयी. वो विकास की पकड़ से छूटने के लिए भरपूर कोसिस कर रही थी पर विकास ने उसे कस कर पकड़ रखा था जिस वजह से वो उस की पकड़ से छूटने मे नाकामयाब रही. सुजाता को दर्द मे तड़प्ता हुआ देख कर विकास कुछ देर के लिए अपना लिंग उसकी योनि डाल कर वैसे ही खड़ा रहा. थोड़ी देर मे ही जब सुजाता का दर्द कुछ कम हुआ था उसने अपने लिंग को सुजाता की योनि मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. दो चार बार और चीखने चिल्लाने के बाद सुजाता भी विकास के साथ मज़े लेने लग गयी वो विकास के हर धक्के पर सिसकारिया निकालने लगी.
थोड़ी ही देर मे सुजाता भी फुल मूड मे आ गयी और विकास के धक्को मे वो भी अपनी कमर को आगे पीछे करके सपोर्ट करने लग गयी. ये सब देख कर मेरी हालत बोहोत ही ज़्यादा खराब हो रही थी. उन दोनो को सेक्स करता हुआ देख कर मेरा मन भी सेक्स करने के लिए मचलने लग गया. लेकिन मैने खुद पर मुश्किल से काबू पाया.
“क्या हुआ भाभी मज़ा आ रहा है ना?” मुझे एक तक अंदर देख कर मुस्कुराते हुए अमित ने मुझसे कहा तो मेरा ध्यान वहाँ से टूटा वो अपने लिंग को हाथ मे लेकर सहला रहा था. एक तो मेरी हालत वैसे ही खराब थी उपर से जिस तरह से वो बार बार अपने लिंग को सहला कर अपने सूपदे को निकाल रहा था. मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होने लग गयी.
एक पल के लिए तो मेरे मन मे ख़याल आया कि अमित के लिंग को… पर फिर मेरे मन ने मुझे इस सोच पर खूब धिक्कारा कि मैं ये सब क्या सोच रही हू.
विकास ने वापस से अपने लिंग पर थूक लगाया और अपने लिंग का सूपड़ा पीछे करके सुजाता की योनि पर रख दिया. विकास का सूपड़ा एक दम लाल रखा था सुजाता विकास के लिंग को अपनी योनि पर महसूस करके शायद मचल गयी थी और इसी कारण उसके नितंब इधर उधर हिलने लग गये थे जिन्हे विकास ने अब अपने दोनो हाथो से कस कर थाम लिया था.
विकास ने हल्के हल्के अपने लिंग का दवाब सुजाता की योनि पर बनाया और अपने लिंग को सुजाता की योनि के अंदर करने की कोसिस करने लग गया. सुजाता की योनि शायद काफ़ी टाइट रही होगी जिसकी वजह से विकास का लिंग बार बार फिसल रहा था जिस तरह विकास का लिंग सुजाता की योनि से रगड़ खा रहा था मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल होता जा रहा था. मेरी योनि भी लिंग के लिए तड़पने लग गयी थी.
विकास ने थोड़ा पीछे हो कर वापस ढेर सारा थूक अपने हाथ पर गिरा कर सुजाता की योनि पर लगाया और वापस अपने लिंग को उसकी योनि के छेद से सटा कर एक धक्का बोहोत हल्के से ही लगाया था शायद पर सुजाता जिस तरह से मचल रही थी उस से लग रहा था कि उसे बोहोत ज़ोर का दर्द हो रहा है… और मेरा यकीन सच मे बदल भी गया विकास के अगला धक्का लगते ही. सुजाता बुरी तरह से चीख उठी…
आआहह मर गयी निकल लो ईसीईए उूउउइइइइम्म्म्माआ मररर्र्र्ररर गयी निकाल लो इसेसीईई
पर विकास ने उसे तसल्ल्ली देते हुए कहा “अरे मेरी जान बस थोड़ा सा दर्द होगा कसिए भी कर के ये दर्द बर्दाश्त कर लो फिर तुम्हे मज़ा ही मज़ा आएगा.”
“मुझे कोई मज़ा नही चाहिए, मुझे वापस जाना है इसे निकाल लो प्लज़्ज़्ज़” सुजाता रोती हुई आवाज़ मे बोली. सुजाता की हालत देख कर मुझे अपनी पहली रात की याद आ गयी और मेरे चेहरे पर हँसी आ गयी सुजाता की हालत देख कर. पर विकास ने सुजाता की एक ना सुनते हुए एक और ज़ोर का धक्का लगाया जिस से पूरा लिंग सुजाता की योनि के अंदर समा गया.
पूरा लिंग अंदर जाते ही सुजाता की बुरी तरह से चीख निकल गयी. वो विकास की पकड़ से छूटने के लिए भरपूर कोसिस कर रही थी पर विकास ने उसे कस कर पकड़ रखा था जिस वजह से वो उस की पकड़ से छूटने मे नाकामयाब रही. सुजाता को दर्द मे तड़प्ता हुआ देख कर विकास कुछ देर के लिए अपना लिंग उसकी योनि डाल कर वैसे ही खड़ा रहा. थोड़ी देर मे ही जब सुजाता का दर्द कुछ कम हुआ था उसने अपने लिंग को सुजाता की योनि मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. दो चार बार और चीखने चिल्लाने के बाद सुजाता भी विकास के साथ मज़े लेने लग गयी वो विकास के हर धक्के पर सिसकारिया निकालने लगी.
थोड़ी ही देर मे सुजाता भी फुल मूड मे आ गयी और विकास के धक्को मे वो भी अपनी कमर को आगे पीछे करके सपोर्ट करने लग गयी. ये सब देख कर मेरी हालत बोहोत ही ज़्यादा खराब हो रही थी. उन दोनो को सेक्स करता हुआ देख कर मेरा मन भी सेक्स करने के लिए मचलने लग गया. लेकिन मैने खुद पर मुश्किल से काबू पाया.
“क्या हुआ भाभी मज़ा आ रहा है ना?” मुझे एक तक अंदर देख कर मुस्कुराते हुए अमित ने मुझसे कहा तो मेरा ध्यान वहाँ से टूटा वो अपने लिंग को हाथ मे लेकर सहला रहा था. एक तो मेरी हालत वैसे ही खराब थी उपर से जिस तरह से वो बार बार अपने लिंग को सहला कर अपने सूपदे को निकाल रहा था. मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होने लग गयी.
एक पल के लिए तो मेरे मन मे ख़याल आया कि अमित के लिंग को… पर फिर मेरे मन ने मुझे इस सोच पर खूब धिक्कारा कि मैं ये सब क्या सोच रही हू.