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Adultery मेहमान बेईमान
मैं तो अंदर देख कर हैरान थी जिस तरह से सुजाता विकास के साथ मे मुस्कुराते हुए उसका साथ दे रही थी मुझे बड़ा अजीब लग रहा था कि वो शादी से पहले ये सब कैसे कर सकती है. अभी मैं उन्दोनो को देख कर सोच ही रही थी कि विकास सुजाता की योनि पर हाथ फिराते हुए अपने दोनो घुटनो के बल बैठ गया और अपना मुँह उसकी योनि पर ले जाकर ज़ोर की साँस खींचेते हुए बोला “अरे वाह सच मे तेरी चूत से गजब की महक आ रही है कोई सेंट लगा कर आई है क्या”

मेरी तो आँखे जैसे वही की वही जम गयी थी. सुजाता की योनि एक दम सफेद रखी हुई थी और योनि पर बॉल ना होने के कारण एक दम सॉफ चमक रही थी. वो अपने हाथो से ही अपने दोनो उरोजो को दबा रही थी. जैसे जैसे विकास का हाथ उसकी योनि पर चल रहा था वो अपने हाथो को भी वैसे ही अपने उभारो पर चला रही थी और उत्तेजना के कारण सिसकारिया ले रही थी.

“देखो भाभी बिल्कुल तुम्हारे जैसे ही एक दम चिकनी रखी है इसकी भी” अमित ने मुझे अंदर की तरफ यूँ एक तक देखते हुए कहा.

उसकी बात सुन कर मैं शरम से पानी पानी हो गयी. क्या कहती उस से कुछ समझ मे नही आ रहा था. इस लिए कुछ ना बोलना ही मैने ठीक समझा. वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था और उसके चेहरे पर मुस्कुराहट देख कर मेरा खून जला जा रहा था. मैं उसकी तरफ देख ही रही थी कि अंदर से आती आवाज़ ने फिर से मेरा ध्यान अपनी तरफ खींच लिया..

“आआईयईईईईईईईईई….. आआहह…… आआअहह…… उउउम्म्म्मममममममम” मैने जब अंदर देखा तो सुजाता जोरो के साथ सिसकारिया ले रही थी और विकास ने अपना मुँह उसकी योनि से लगा दिया था. विकास बड़ी धीमे धीमे सुजाता की योनि पर अपनी जीभ घुमा रहा था. उस सीन को देख कर मेरी योनि बुरी तरह से अंदर ही अंदर बहने लग गयी. मेरा एक मन तो कर रहा था कि अंदर जा कर इन दोनो को डाँट लगाऊ कि ये सब क्या हो रहा है पर अगले ही पल सोचा कि देखु तो सही कि विकास सुजाता के साथ क्या करता है. ये मेरी सोच मेरी बहती हुई योनि की माँग थी जो बुरी तरह से बहे जा रही थी.

विकास अपनी जीभ घुमा सुजाता की योनि पर रहा था पर महसूस मुझे अपनी योनि पर हो रही थी. बस उसी को सोचते हुए मेरी हालत और भी ज़्यादा खराब होने लग गयी. “भाभी बिल्कुल आप की तरह ही आवाज़ करती है जैसे आप करती हो..हहहे” कह कर अमित फिर से दाँत निकाल कर हँसने लग गया.

“मुझे कुछ हो रहा है… आअहह…… उूउउम्म्म्म…. मैं झड़ने वाली हुउऊ.. आअहह…” कहते हुए सुजाता का पूरा शरीर अकड़ने लग गया और सुने अपनी कमर को झटके देते हुए अपने दोनो हाथो से विकास का सर अपनी योनि पर दबा दिया. जैसे ही सुजाता का झड़ी उसी साथ मेरी योनि ने भी झटखे खाते हुए पानी छ्चोड़ दिया. जिस कारण मेरी दोनो आँखे अपने आप बंद होती चली गयी. एक सुकून एक राहत की साँस मिली मुझे.

और जब वापस आँख खुली तो अंदर देखा तो विकास ने उसे डॉगी स्टाइल मे कर दिया था और अपने हाथ पर थूक गिरा कर सुजाता की योनि पर मलने लग गया था. “मुझे बोहोत डर लग रहा है तुम्हरा बोहोत बड़ा है….” कह कर सुजाता ने पलट कर विकास की तरफ देखा पर विकास ने उसकी कोई बात जब जवाब ना देकर वैसे ही उसकी योनि पर थूक लगा कर मालिश करता रहा… “ मुझे बोहोत दर्द होगा हम फिर कभी करेगे अभी वैसे भी बोहोत देर हो गयी” सुजाता की आवाज़ मे अब डर सॉफ झलक रहा था.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 17-01-2020, 08:18 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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