16-01-2020, 06:19 PM
(This post was last modified: 05-04-2021, 09:13 AM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कच्ची कलियाँ
हम लोगों के घर के पास ही एक गर्ल्स हाईकॉलेज था , और आज उनका ' वर्क फ्रॉम होम ' वाला दिन था।
जहाँ वो बैठे थे , वहां से हाईकॉलेज की किशोरियां आती जाती दिखती थीं।
मम्मी उनके बगल में बैठ के कभी उन्हें छेड़ रही थीं ,कभी उन्हें उकसा रही थीं
और आज टारगेट पर थी उनकी ममेरी बहन ,मेरी छुटकी ननदिया ,गुड्डी।
हाईकॉलेज की एक लड़की कॉलेज से निकली थी की उसे दिखाती मम्मी ने उन्हें उकसाया ,
" देख तेरे माल की तरह है न ,.. '
सच में गोरी चिट्ठी ,चेहरे पे लुनाई और वही उभरते जोबन।
पहले का जमाना होता तो शायद वो झिझक जाते पर आज टकटकी लगा के उसके कच्ची अमियों को देखने लगे है।
" है न एकदम पटाखा तेरे माल की तरह ,तेरी गुड्डी के भी तो कच्चे टिकोरे इसी तरह हैं न " मम्मी ने और आग लगाई।
" हाँ उसके भी इसी तरह , थोड़े छोटे ,... लेकिन इसी साइज के ,... "
उनके जिस तरह बोल फूटे मुझे तो कानों पे बिश्वास नहीं हुआ।
" अरे यही तो उमर होती है मिजवाने दबवाने की ,कचकचा के काटने की। एकबार दबाना मसलना काटना शुरू कर दोगे न तो खुदी खोल के तेरे हाथ में देगी। "
मम्मी ने और उनकी हिम्मत बढ़ाई।
वो लड़की अब उन्ही की ओर देख रही थी।
दूसरा मौक़ा होता तो तुरंत वो निगाहें फेर लेते या कुछ और काम का बहाना बना के उठ जाते।
मेरा पक्का एक्सपीरियन्स था की जैसे ही जवानी आती है ,जोबन के फूल आने लगते हैं ,लड़कियों का सिक्स्थ सेन्स भी एकदम से बढ़ जाता है , कोई उनके बारे में बाते करे ,उनके उभारों को घूर घूर के देखे ,चट से उन्हें अंदाज हो जाता है।
और उस लड़की को भी हो गया होगा , अब जिस तरह से वो उन्हें देख रही थी। लेकिन मॉम मेरी उनको उकसाने लगी ,
" अरे देख रही है तुझे लाइन मार , लाइन मार ,... "
मुझे लगा की अब वो निगाहें फेर लेंगे , हट जाएंगे लेकिन अब तो वो एकदम अपनी सास के गुलाम ,
उसी तरह उसके कच्चे टिकोरों को घूरते रहे ,और फिर एक हल्का सा फ़्लाइंग किस ,
मुझे लगा की अब वो लड़की या तो जाके प्रिंसिपल से शिकायत करेगी या सीधे हमारे घर आके ,
एक पल के लिए तो लगा भी , ... उस लड़की ने खूब बुरा सा मुंह बनाया , अपना चेहरा हटा लिया और दुपट्टे से अपने आते उभारों को ढक लिया और पीछे मुंड गयी।
तब तक उसके कालेज की बस आ गयी और वो बस में बैठने लगी। ये बेबस उसकी ओर ,... तभी वो फिर उनकी ओर मुड़ी और
.... अब उसके गोरे गोरे चेहरे पे मुस्कराहट थी , आँखों में शैतानी नाच रही थी ,सीधे उनके ओर देख रही थी। दुपट्टा एक बार फिर गले से एकदम चिपका ,दोनों उभार खूब उभरे कड़े,चुनौती देते खड़े , हलके से जैसे उसने उन्हें उभारा , रसीले होंठ गोल किये और बस चलने के पहले हलके से वेव किया।
" देख तू झूठ मूठ में डर रहा था , देखा उसे अच्छा लगा न। अरे किस लड़की को अपने जोबन की तारीफ़ अच्छी नहीं लगेगी। " मम्मी ने उनके साथ हाई फाइव किया।
तब तक कुछ और लड़कियां निकलीं और मम्मी ने उनका टेस्ट चालू कर दिया ,
चल आगे वाले की साइज बोल ,
' २८ ' वो झट से बोले।
सहीजवाब , मम्मी बोलीं और अगला सवाल दाग दिया ,
" और उसके पीछे वाली का , "
" ३० " उन्होंने उसके आते हुए कच्चे टिकोरों को घूर के जवाब दिया।
" अच्छा बोल ,वो दबवाती होगी की नहीं। " मम्मी ने क्विज थोड़ी और टफ कर दी।
" नहीं नहीं अभी बहुत छोटी लगती है। " उन्होंने हिचकिचाते हुए अंदाज लगाया और मॉम का एक तेज हाथ उनकी पीठ पर पड़ गया।
" तू न बुद्धू का बुद्धू ही रहेगा , इत्ता सीखा पढ़ाया , ... अरे पक्का दबवाती है ,अच्छा चल इसके पीछे वाले की साइज बता "
" ३२ , और हाँ ये दबवाती होगी ,पक्का। " उन्होंने तुरंत जवाब दे दिया।
सास दामाद की क्विज चलती रही जबतक लडकिया सब निकल नहीं गयी , और उसके बाद फाइनल क्वेश्चन मम्मी ने दाग दिया ,
" अच्छा बोल इसमें से कौन कौन दबवाने लायक थीं ? "
कुछ सोच के उन्होंने ४-५ के बारे में बताया।
और जबरदस्त डांट पड़ गयी। कोई बची नहीं उनकी मायकेवाली जिसका रिश्ता मम्मी ने गधे घोड़े से न जोड़ा हो ,
" अबे साल्ले, रंडी के पूत ,हरामी के जने,तेरी सारी बहनों की फुद्दी मारूँ ,उनकी गांड में गदहे कुत्ते का लन्ड , अरे ये सब की सब दबवाने लायक हैं।
बस ये सोचो की इस चूंचियां उठान में मीजने दबाने में कित्ता मजा आएगा ,तेरी उस छिनार ममेरी बहन से भी तो छोटी बहने हैं न तेरी ?"
वो क्या बोलते मैंने पूरी फेहरिस्त सुना दी , भला हो फेसबुक और व्हाट्सएप्प का ,
उनकी फुफेरी ,मौसेरी ,चचेरी सब की सब।
ज्यादातर वो जो इनकी माल से भी छोटी , कुछ की तो बस झांटे आ रही थीं ,
ब्रा साइज के साथ आखिर मेरी ननदें थी ,मेरी जिम्मेदारी थी उनके जोबन का हिसाब रखना।
मम्मी ने गुस्से का वाल्यूम थोड़ा कम किया ,
" अच्छा बोल ये जो तेरी माल है , जिस से मिलेगा २-३ दिन में , उसका दबाने का मन करता है न ?"
मम्मी से झूठ बोलने की उनकी हिम्मत थोड़ी थी , तुरंत कबूल किया , हाँ मम्मी बहुत मन करता है।
" अरे तो साल्ले दबाता क्यों नहीं , जल्दी से उसका नेवान कर ले वरना न जाने किससे अपना फीता कटवा ले , वैसे तेरी पसंद माननी पड़ेगी माल है बहुत मस्त। ले जरूर आना।
तेरी शादी में तो दो साल छोटी थी , लेकिन बारात में जो आयी थी तो अबतक तेरी ससुराल में उसके इत्ते दीवाने हैं , आज तक उसका नाम ले के मुट्ठ मारते हैं।
तुम मजे ले लेना तो फिर मैं लेजाऊंगी कुछ दिन के लिए अपने गाँव , सब गुण धर्म सीखा दूंगी। "
मम्मी ने हाल खुलासा बयान किया , उनकी ट्रेंनिंग, मेरी ननद के बारे में सास दामाद की ये ज्ञान भरी चर्चा मेरी कच्ची कली , कोरी ननदों के बारे में और चलती पर ,
, तब तक सुजाता का मेसेज आ गया ,सुजाता - मेरी सहेली ,इनकी एकलौती और फेवरिट साली और मम्मी की फेवरिट मुंहबोली बेटी।
सुजाता और मम्मी को एक मिशन पर जाना था ,
वही मिसेज मोइत्रा की गोरी गोरी कबूतरियों को दाना चुगाने का।
मम्मी खुद उन दोनों कबूतरियों को देखना चाहती थी।
मम्मी तैयार होने चली गयी , और वो बिचारे फिर आफिस के काम में लग गए।
हम लोगों के घर के पास ही एक गर्ल्स हाईकॉलेज था , और आज उनका ' वर्क फ्रॉम होम ' वाला दिन था।
जहाँ वो बैठे थे , वहां से हाईकॉलेज की किशोरियां आती जाती दिखती थीं।
मम्मी उनके बगल में बैठ के कभी उन्हें छेड़ रही थीं ,कभी उन्हें उकसा रही थीं
और आज टारगेट पर थी उनकी ममेरी बहन ,मेरी छुटकी ननदिया ,गुड्डी।
हाईकॉलेज की एक लड़की कॉलेज से निकली थी की उसे दिखाती मम्मी ने उन्हें उकसाया ,
" देख तेरे माल की तरह है न ,.. '
सच में गोरी चिट्ठी ,चेहरे पे लुनाई और वही उभरते जोबन।
पहले का जमाना होता तो शायद वो झिझक जाते पर आज टकटकी लगा के उसके कच्ची अमियों को देखने लगे है।
" है न एकदम पटाखा तेरे माल की तरह ,तेरी गुड्डी के भी तो कच्चे टिकोरे इसी तरह हैं न " मम्मी ने और आग लगाई।
" हाँ उसके भी इसी तरह , थोड़े छोटे ,... लेकिन इसी साइज के ,... "
उनके जिस तरह बोल फूटे मुझे तो कानों पे बिश्वास नहीं हुआ।
" अरे यही तो उमर होती है मिजवाने दबवाने की ,कचकचा के काटने की। एकबार दबाना मसलना काटना शुरू कर दोगे न तो खुदी खोल के तेरे हाथ में देगी। "
मम्मी ने और उनकी हिम्मत बढ़ाई।
वो लड़की अब उन्ही की ओर देख रही थी।
दूसरा मौक़ा होता तो तुरंत वो निगाहें फेर लेते या कुछ और काम का बहाना बना के उठ जाते।
मेरा पक्का एक्सपीरियन्स था की जैसे ही जवानी आती है ,जोबन के फूल आने लगते हैं ,लड़कियों का सिक्स्थ सेन्स भी एकदम से बढ़ जाता है , कोई उनके बारे में बाते करे ,उनके उभारों को घूर घूर के देखे ,चट से उन्हें अंदाज हो जाता है।
और उस लड़की को भी हो गया होगा , अब जिस तरह से वो उन्हें देख रही थी। लेकिन मॉम मेरी उनको उकसाने लगी ,
" अरे देख रही है तुझे लाइन मार , लाइन मार ,... "
मुझे लगा की अब वो निगाहें फेर लेंगे , हट जाएंगे लेकिन अब तो वो एकदम अपनी सास के गुलाम ,
उसी तरह उसके कच्चे टिकोरों को घूरते रहे ,और फिर एक हल्का सा फ़्लाइंग किस ,
मुझे लगा की अब वो लड़की या तो जाके प्रिंसिपल से शिकायत करेगी या सीधे हमारे घर आके ,
एक पल के लिए तो लगा भी , ... उस लड़की ने खूब बुरा सा मुंह बनाया , अपना चेहरा हटा लिया और दुपट्टे से अपने आते उभारों को ढक लिया और पीछे मुंड गयी।
तब तक उसके कालेज की बस आ गयी और वो बस में बैठने लगी। ये बेबस उसकी ओर ,... तभी वो फिर उनकी ओर मुड़ी और
.... अब उसके गोरे गोरे चेहरे पे मुस्कराहट थी , आँखों में शैतानी नाच रही थी ,सीधे उनके ओर देख रही थी। दुपट्टा एक बार फिर गले से एकदम चिपका ,दोनों उभार खूब उभरे कड़े,चुनौती देते खड़े , हलके से जैसे उसने उन्हें उभारा , रसीले होंठ गोल किये और बस चलने के पहले हलके से वेव किया।
" देख तू झूठ मूठ में डर रहा था , देखा उसे अच्छा लगा न। अरे किस लड़की को अपने जोबन की तारीफ़ अच्छी नहीं लगेगी। " मम्मी ने उनके साथ हाई फाइव किया।
तब तक कुछ और लड़कियां निकलीं और मम्मी ने उनका टेस्ट चालू कर दिया ,
चल आगे वाले की साइज बोल ,
' २८ ' वो झट से बोले।
सहीजवाब , मम्मी बोलीं और अगला सवाल दाग दिया ,
" और उसके पीछे वाली का , "
" ३० " उन्होंने उसके आते हुए कच्चे टिकोरों को घूर के जवाब दिया।
" अच्छा बोल ,वो दबवाती होगी की नहीं। " मम्मी ने क्विज थोड़ी और टफ कर दी।
" नहीं नहीं अभी बहुत छोटी लगती है। " उन्होंने हिचकिचाते हुए अंदाज लगाया और मॉम का एक तेज हाथ उनकी पीठ पर पड़ गया।
" तू न बुद्धू का बुद्धू ही रहेगा , इत्ता सीखा पढ़ाया , ... अरे पक्का दबवाती है ,अच्छा चल इसके पीछे वाले की साइज बता "
" ३२ , और हाँ ये दबवाती होगी ,पक्का। " उन्होंने तुरंत जवाब दे दिया।
सास दामाद की क्विज चलती रही जबतक लडकिया सब निकल नहीं गयी , और उसके बाद फाइनल क्वेश्चन मम्मी ने दाग दिया ,
" अच्छा बोल इसमें से कौन कौन दबवाने लायक थीं ? "
कुछ सोच के उन्होंने ४-५ के बारे में बताया।
और जबरदस्त डांट पड़ गयी। कोई बची नहीं उनकी मायकेवाली जिसका रिश्ता मम्मी ने गधे घोड़े से न जोड़ा हो ,
" अबे साल्ले, रंडी के पूत ,हरामी के जने,तेरी सारी बहनों की फुद्दी मारूँ ,उनकी गांड में गदहे कुत्ते का लन्ड , अरे ये सब की सब दबवाने लायक हैं।
बस ये सोचो की इस चूंचियां उठान में मीजने दबाने में कित्ता मजा आएगा ,तेरी उस छिनार ममेरी बहन से भी तो छोटी बहने हैं न तेरी ?"
वो क्या बोलते मैंने पूरी फेहरिस्त सुना दी , भला हो फेसबुक और व्हाट्सएप्प का ,
उनकी फुफेरी ,मौसेरी ,चचेरी सब की सब।
ज्यादातर वो जो इनकी माल से भी छोटी , कुछ की तो बस झांटे आ रही थीं ,
ब्रा साइज के साथ आखिर मेरी ननदें थी ,मेरी जिम्मेदारी थी उनके जोबन का हिसाब रखना।
मम्मी ने गुस्से का वाल्यूम थोड़ा कम किया ,
" अच्छा बोल ये जो तेरी माल है , जिस से मिलेगा २-३ दिन में , उसका दबाने का मन करता है न ?"
मम्मी से झूठ बोलने की उनकी हिम्मत थोड़ी थी , तुरंत कबूल किया , हाँ मम्मी बहुत मन करता है।
" अरे तो साल्ले दबाता क्यों नहीं , जल्दी से उसका नेवान कर ले वरना न जाने किससे अपना फीता कटवा ले , वैसे तेरी पसंद माननी पड़ेगी माल है बहुत मस्त। ले जरूर आना।
तेरी शादी में तो दो साल छोटी थी , लेकिन बारात में जो आयी थी तो अबतक तेरी ससुराल में उसके इत्ते दीवाने हैं , आज तक उसका नाम ले के मुट्ठ मारते हैं।
तुम मजे ले लेना तो फिर मैं लेजाऊंगी कुछ दिन के लिए अपने गाँव , सब गुण धर्म सीखा दूंगी। "
मम्मी ने हाल खुलासा बयान किया , उनकी ट्रेंनिंग, मेरी ननद के बारे में सास दामाद की ये ज्ञान भरी चर्चा मेरी कच्ची कली , कोरी ननदों के बारे में और चलती पर ,
, तब तक सुजाता का मेसेज आ गया ,सुजाता - मेरी सहेली ,इनकी एकलौती और फेवरिट साली और मम्मी की फेवरिट मुंहबोली बेटी।
सुजाता और मम्मी को एक मिशन पर जाना था ,
वही मिसेज मोइत्रा की गोरी गोरी कबूतरियों को दाना चुगाने का।
मम्मी खुद उन दोनों कबूतरियों को देखना चाहती थी।
मम्मी तैयार होने चली गयी , और वो बिचारे फिर आफिस के काम में लग गए।