15-01-2020, 08:29 PM
वो एक उरोज को मुँह मे लेकर चूस रहा था और दूसरे को अपने एक हाथ से दबा रहा था. और सुजाता अपनी दोनो आँखे बंद कर के उसके साथ उरोज चुसवाने का मज़ा लेने लगी.
“आहह प्लज़्ज़्ज़ काटो मत निशान पड़ जाएगे वहाँ पर.. उउउइइ मा…. क्या कर रहे हो” सुजाता ने अपने नचले होंठ को अपने दाँत से दबा कर सिसकारी निकालते हुए बोला.
मैं वहाँ से ये सब देख रही थी पर मेरी खुद की हालत ये सब देख कर खराब हो गयी थी मेरा पूरा गला सुख गया था और साँसे तेज़ी के साथ चलने लग गयी थी. उस पर अमित फिर से आगे की तरफ हो गया था इस बार तो उसकी हिम्मत और ज़्यादा बढ़ गयी थी उसने मेरी कमर पर हाथ फिराना शुरू कर दिया था.
एक तो गर्मी उपर से टाइट कपड़े और फिर यहाँ ज़रा सी जगह मे खड़े होना उस पर ये सब देखना मेरी हालत बोहोत ज़्यादा खराब हो गयी थी. और इस अमित के हाथ लगते ही और भी ज़्यादा मेरी योनि जो पहले हल्के हल्के रिस रही थी अब और भी तेज़ी के साथ उसने बहना शुरू कर दिया. अमित के हाथ जिस तरह मेरी कमर पर चल रहे थे मैं एक बार को तो खोती चली गयी इस नशे मे.. पर अगले ही पल मुझे होश आया और मैने उसके दोनो हाथ झटक कर दूर कर दिए.
उस से कुछ कहती इस से पहले ही अंदर से उस लड़के की आवाज़ जो मुझे काफ़ी परेशान कर रही थी वो समझ मे आ गयी और अगले ही पल उसका चेहरा भी दिख गया. ये मेरा देवर विकास था. जो सुजाता के साथ था. मैने एक नज़र सामने देखा और पलट कर वापस अमित की तरफ देखा वो मेरे चेहरे पर हेरनी के भाव देख कर मुस्कुरा रहा था. “ये…. ये तो विकास है ये सुजाता के साथ क्या कर रहा है..” मैने हैरान होते हुए उस से पूछा.
“तो आप को क्या लगा था कि कॉन होगा.. अपने विकास भाई का मन आ गया था इस सुजाता पर कयि दिनो से बोल रहे थे कि कोई जुगाड़ करवा कर इसकी चूत दिलवा दे” उसने मुस्कुराते हुए कहा.
विकास को देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया था. मुझे लगा था कि कोई और होगा पर विकास होगा ये मैने कभी नही सोचा था.
“ले पकड़ ना ऐसे क्या शर्मा रही है.. रोज़ तो मेरा देखती थी पीनू की छत पर आ कर नहा ते हुए जब मैं अंडरवेर बदल रहा होता था अब जब तेरे सामने है तो शर्मा रही है.. ले पकड़ कर देख तेरा ही है.. पकड़ ना..” अंदर से आती हुई आवाज़ ने फिर से मेरा ध्यान वही की तरफ कर दिया मैने अंदर देखा तो विकास ने अपनी पॅंट उतार दी थी और अपना लिंग सुजाता के हाथ मे पकड़ा रहा था. विकास का लिंग भी अमित के भीमकाय लिंग जैसा ही था. अमित का लिंग जहाँ एक दम सीधा था वही विकास का लिंग थोड़ा टेडा था.
सुजाता ने विकास के लिंग को देख कर हैरान होते हुए कहा. “ये तो बोहोत बड़ा है.”
“अरे मेरी रानी बड़ा है पर तेरा है और बड़े लंड से चुदवाने का जो मज़ा है वो तो अलग ही है. अब जल्दी से इसे अपने मुँह मे लेकर थोडा गीला कर दे और अपनी सलवार खोल ले.. इस से पहले की कोई आ जाए हमे अपना काम ख़तम कर लेना चाहिए.” कह कर विकास ने उसके कंडे पर हाथ रख कर नीचे की तरफ बैठा दिया.
मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था कि विकास इस तरह की कोई भी हरकत कर सकता है. क्यूकी जिस तरह से वो रहता था और बात करता था उससे कभी ऐसा महसूस नही हुआ कि वो इस तरह की भी हरकत कर सकता है और अब तो इसकी शादी हो रही है और ये यहाँ पर सुजाता के साथ.. किसी ने देख लिया तो कितनी बदनामी होगी हमारी.. मैं अभी सोच ही रही थी कि अमित का हाथ अब धीरे धीरे करके मेरे पेट के उपर घूमने लग गया. मैं वापस उसकी तरफ गुस्से से पलटी पर वो तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रहा था. उसको मुस्कुराता हुआ देख कर मेरा खून जला जा रहा था.
“अपनी औकात मे रहो और खबरदार जो अब की बार मुझे छूने की कोसिस भी की तो” मैने उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए कहा. उसकी तरफ गुस्से से पलटी पर वो तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रहा था.
“क्या हुआ भाबी उस रात तो आप कैसे मज़े ले रही थी मेरे छुने से.. अब फिर से इतने भाव क्यू खा रही हो?” उसने फिर से अपने दाँत फाड़ते हुए कहा.
“शकल देखी है अपनी कभी.. सुबह ब्रश किया था क्या दांतो पर.... आक्च्युयली क्या है कि दांतो का पीला पन ओर बदबू यहाँ तक आ रही है..इसलिए फॉरन मुँह बंद करो नहीं तो एक ही घूँसे मे पूरे दाँत बाहर निकाल दुगी.” मैने गुस्से से कहते हुए वापस उसके हाथ जो मेरे पेट पर चल रहे थे उन्हे दूर झटक दिया.
“आहह प्लज़्ज़्ज़ काटो मत निशान पड़ जाएगे वहाँ पर.. उउउइइ मा…. क्या कर रहे हो” सुजाता ने अपने नचले होंठ को अपने दाँत से दबा कर सिसकारी निकालते हुए बोला.
मैं वहाँ से ये सब देख रही थी पर मेरी खुद की हालत ये सब देख कर खराब हो गयी थी मेरा पूरा गला सुख गया था और साँसे तेज़ी के साथ चलने लग गयी थी. उस पर अमित फिर से आगे की तरफ हो गया था इस बार तो उसकी हिम्मत और ज़्यादा बढ़ गयी थी उसने मेरी कमर पर हाथ फिराना शुरू कर दिया था.
एक तो गर्मी उपर से टाइट कपड़े और फिर यहाँ ज़रा सी जगह मे खड़े होना उस पर ये सब देखना मेरी हालत बोहोत ज़्यादा खराब हो गयी थी. और इस अमित के हाथ लगते ही और भी ज़्यादा मेरी योनि जो पहले हल्के हल्के रिस रही थी अब और भी तेज़ी के साथ उसने बहना शुरू कर दिया. अमित के हाथ जिस तरह मेरी कमर पर चल रहे थे मैं एक बार को तो खोती चली गयी इस नशे मे.. पर अगले ही पल मुझे होश आया और मैने उसके दोनो हाथ झटक कर दूर कर दिए.
उस से कुछ कहती इस से पहले ही अंदर से उस लड़के की आवाज़ जो मुझे काफ़ी परेशान कर रही थी वो समझ मे आ गयी और अगले ही पल उसका चेहरा भी दिख गया. ये मेरा देवर विकास था. जो सुजाता के साथ था. मैने एक नज़र सामने देखा और पलट कर वापस अमित की तरफ देखा वो मेरे चेहरे पर हेरनी के भाव देख कर मुस्कुरा रहा था. “ये…. ये तो विकास है ये सुजाता के साथ क्या कर रहा है..” मैने हैरान होते हुए उस से पूछा.
“तो आप को क्या लगा था कि कॉन होगा.. अपने विकास भाई का मन आ गया था इस सुजाता पर कयि दिनो से बोल रहे थे कि कोई जुगाड़ करवा कर इसकी चूत दिलवा दे” उसने मुस्कुराते हुए कहा.
विकास को देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया था. मुझे लगा था कि कोई और होगा पर विकास होगा ये मैने कभी नही सोचा था.
“ले पकड़ ना ऐसे क्या शर्मा रही है.. रोज़ तो मेरा देखती थी पीनू की छत पर आ कर नहा ते हुए जब मैं अंडरवेर बदल रहा होता था अब जब तेरे सामने है तो शर्मा रही है.. ले पकड़ कर देख तेरा ही है.. पकड़ ना..” अंदर से आती हुई आवाज़ ने फिर से मेरा ध्यान वही की तरफ कर दिया मैने अंदर देखा तो विकास ने अपनी पॅंट उतार दी थी और अपना लिंग सुजाता के हाथ मे पकड़ा रहा था. विकास का लिंग भी अमित के भीमकाय लिंग जैसा ही था. अमित का लिंग जहाँ एक दम सीधा था वही विकास का लिंग थोड़ा टेडा था.
सुजाता ने विकास के लिंग को देख कर हैरान होते हुए कहा. “ये तो बोहोत बड़ा है.”
“अरे मेरी रानी बड़ा है पर तेरा है और बड़े लंड से चुदवाने का जो मज़ा है वो तो अलग ही है. अब जल्दी से इसे अपने मुँह मे लेकर थोडा गीला कर दे और अपनी सलवार खोल ले.. इस से पहले की कोई आ जाए हमे अपना काम ख़तम कर लेना चाहिए.” कह कर विकास ने उसके कंडे पर हाथ रख कर नीचे की तरफ बैठा दिया.
मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था कि विकास इस तरह की कोई भी हरकत कर सकता है. क्यूकी जिस तरह से वो रहता था और बात करता था उससे कभी ऐसा महसूस नही हुआ कि वो इस तरह की भी हरकत कर सकता है और अब तो इसकी शादी हो रही है और ये यहाँ पर सुजाता के साथ.. किसी ने देख लिया तो कितनी बदनामी होगी हमारी.. मैं अभी सोच ही रही थी कि अमित का हाथ अब धीरे धीरे करके मेरे पेट के उपर घूमने लग गया. मैं वापस उसकी तरफ गुस्से से पलटी पर वो तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रहा था. उसको मुस्कुराता हुआ देख कर मेरा खून जला जा रहा था.
“अपनी औकात मे रहो और खबरदार जो अब की बार मुझे छूने की कोसिस भी की तो” मैने उसकी तरफ गुस्से से देखते हुए कहा. उसकी तरफ गुस्से से पलटी पर वो तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराए जा रहा था.
“क्या हुआ भाबी उस रात तो आप कैसे मज़े ले रही थी मेरे छुने से.. अब फिर से इतने भाव क्यू खा रही हो?” उसने फिर से अपने दाँत फाड़ते हुए कहा.
“शकल देखी है अपनी कभी.. सुबह ब्रश किया था क्या दांतो पर.... आक्च्युयली क्या है कि दांतो का पीला पन ओर बदबू यहाँ तक आ रही है..इसलिए फॉरन मुँह बंद करो नहीं तो एक ही घूँसे मे पूरे दाँत बाहर निकाल दुगी.” मैने गुस्से से कहते हुए वापस उसके हाथ जो मेरे पेट पर चल रहे थे उन्हे दूर झटक दिया.