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Adultery मेहमान बेईमान
उसकी बात सुन कर मैं एक दम शरम से पानी पानी हो गयी. पर इस समय वो मुझसे जिस तरह की बात कह रहा था वो मेरे लिए नामुमकिन था और दूसरा मुझे अंदर कॉन है ये जान ने की उत्सुकता ज़्यादा थी. “देखो उस रात जो हुआ सो हुआ उस रात की बात अब दोबारा करने की कोई ज़रूरत नही है. और मुझे ये बताओ कि सुजाता के साथ अंदर कॉन है..”

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया और कुछ सोचते हुए मेरे पास आ कर बोला कि “मैं क्या बताऊ.. आप मेरे साथ आ जाओ मैं आप को सब दिखा देता हू. इधर से कुछ भी नही दिखाई देगा आप को सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाता हू.. हहे” बोल कर उसने अपने दाँत फाड़ दिए.

मुझे जान ने की उत्सुकता ज़्यादा थी कि कॉन है अंदर इस लिए मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और उसके पीछे पीछे चलने लग गयी. वो उस तरफ से घूम कर मुझे दीवार की दूसरी तरफ ले आया. वहाँ एक दम घुप अंधेरा था और दूसरा कंडे बोहोत सारे रखे हुए थे. जिसकी बदबू बोहोत आ रही थी. पर अंदर कॉन है जान ने की उत्सुकता के कारण मैं वो सब सहन कर रही थी.

“भाभी जी इधर से आ जाओ और चुप रहना अगर कुछ देखना है तो.” बोल कर उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने पास बुला लिया. कंडे इधर उधर बिखरे पड़े हुए थे जिस वजह से मुझे चलने मे काफ़ी दिक्कत हो रही थी. इस लिए उस समय मैने उसका हाथ पकड़ने मे ही भलाई समझी.. उसका हाथ पकड़ कर मैं वहाँ आ तो गयी पर वहाँ खड़े होने की जगह बोहोत कम थी. जगह इतनी कम थी कि हम दोनो मुस्किल से खड़े हो पा रहे थे.

“ये कहाँ ले आए हो यहाँ पर खड़े होने की जगह भी है.” मैने गुस्से से झल्लाते हुए उस से कहा.

“श्ह्ह्ह आवाज़ मत करो.. और आप यहाँ पर आ जाओ यहा से देखो आप को सब दिखाई देगा.” कह कर उसने मुझे अपने आगे की तरफ खड़ा कर दिया और दीवार से अंदर की तरफ देखने को कहा.

मैं उसके आगे की तरफ हो गयी थी और जगह ना होने के कारण वो मुझसे पूरी तरह से चिपक गया था. एक तो गर्मी पड़ रही थी दूसरा मैने इतने टाइट कपड़े पहने हुए थे और अब ये मुझसे चिपक गया था. मैं बोहोत बुरी तरह से खिसिया रही थी पर उस से कुछ कह भी नही सकती थी कही वो मेरी बात का बुरा मान कर उस रात वाली वीडियो को किसी को दिखा ना दे ये सोच कर मैने उस वक़्त चुप रहना ही ठीक समझा. और चुप चाप अंदर की तरफ देखने लग गयी.

“अरे वाह… क्या बात है आज तो तुम पूरी तरह से मुझ पर मेहरबान हो. क्या बात है.? चल जल्दी से अपने दोनो हाथ उपर की तरफ कर ले अभी तेरा कुर्ता उपर करके उतारता हू. देखु तो सही कि तेरे संतरे कैसे है. हहहे” अंदर से आती हुई आवाज़ थोड़ा गूँज रही थी जिसकी वजह से सॉफ तरह से समझ मे नही आ रही थी पर आवाज़ सुन कर लग रहा था कि किसी बोहोत ही करीब वाले की आवाज़ है. लड़के की पीठ मेरी तरफ थी जिस वजह से उसकी शक्ल देखाई नही दे रही थी पर वो जिस तरह से सुजाता से चिपका हुआ था. साफ पता चल रहा था कि दोनो एक दूसरे को किस कर रहे है.

मैं अंदर देख ही रही थी कि मुझे मेरे नितंब पर अमित के लिंग का दवाब महसूस हुआ जिस वजह से मैं थोडा सा आगे की तरफ हो गयी. मैने उसकी तरफ पलट कर देखा तो वो मुस्कुरा रहा था. “उधर देखो ना भाभी जी इधर मेरी तरफ क्या देख रहे हो.हहहे”

मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. और वापस अंदर की तरफ देखने लग गयी.

मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. और वापस अंदर की तरफ देखने लग गयी. वो लड़का उसकी सलवार उतार रहा था. उसने सुजाता की सलवार उपर करके उतार दी और उसे वही एक तरफ फेंक दिया. “बोहोत तडपया है मेरी जान तेरे इन दोनो रस भरे सन्तरो ने आज तो इनका स्वाद ले कर ही रहुगा” कह कर उसने अपने दोनो हाथ से सुजाता के उभार ब्रा के उपर से ही पकड़ कर दबाने शुरू कर दिए.

“आहह… उउई मा हल्के से दबाइए ना आहह…. दर्द हो रहा है. “ सुजाता अपनी आँखे बंद करते हुए दर्द भरे भाव चेहरे पर लाते हुए बोली. इधर मुझे फिर से अपने नितंबो पर अमित का लिंग दबता हुआ महसूस हुआ.

“ठीक से खड़े नही हो सकते हो तुम.. ये बार बार चिपक क्यू रहे हो ?” मैने बोहोत धीमी सी आवाज़ मे उस पर गुस्सा करते हुए कहा.

“सही तो खड़ा हू.. वो पीछे की तरफ सही से खड़ा नही हो रहा हू. सामने देखो भाभी सुजाता की ब्रा भी उतर रही है..हहे”

मैं फिर से थोड़ा सा और आगे की तरफ हो गयी और वापस अंदर की तरफ देखने लग गयी. उस ने अब सुजाता की ब्रा भी उतार दी थी जिस वजह से सुजाता के दोनो उरोज निकल कर हवा मे झूलने लग गये.

“अरे वह तेरे दोनो संतरे तो सच मे मस्त है. ला इन्हे चुस्के देखु कि कैसे है इनका स्वाद” कह कर उसने अपना मुँह सुजाता के उभरो पर टिका दिया.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 15-01-2020, 08:28 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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