15-01-2020, 10:54 AM
तोल्स्तोय एक समय ताश के बहुत बड़े खिलाड़ी हुआ करते थे. जवानी में खूब दारू और जुआ चला करता था. अगर आपका बचपन संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त इंटरनेशनल कॉलेजों में नहीं बीता है तो तोल्स्तोय की एक-आध कहानी आपने ज़रूर पढ़ी होगी. उनकी सबसे चर्चित कहानी है – इवान इल्यीच की मौत. इस कहानी में एक अधेड़ और अमीर आदमी जवानी जाने के बाद आती हुई मौत के बारे में सोचकर ही सकपका जाता है और इस सकपकाहट का नतीजा ये कि इवान इल्यीच को बिताया गया अपना सारा जीवन निरर्थक नज़र आता है. मौत से डरे इंसान इवान इल्यीच की मौत हो जाती है और आसपास के लोग फिर अपने ढंग से जीने लगते हैं. आदमी बुलबुला है पानी का…
रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियों में तोल्स्तोय की क्रूज़र सोनाटा का नाम भी है. लव और सेक्स पर सबसे विवादित कहानियों में शुमार क्रूज़र सोनाटा ने प्रतिबंध भी झेला था. लेकिन तोल्स्तोय को रॉकस्टार की ख्याति मिली महाकाय, महान उपन्यास ‘युद्ध और शांति’ से. 4 खंड़ों और 1500 से ज़्यादा पन्नों में फैले इस उपन्यास को तोल्स्तोय ने अपनी शादी के ठीक बाद लिखना शुरू किया. इस काम को करने में उनकी मदद करती थीं उनसे 16 साल छोटी पत्नी सोफिया. रूसी में ‘वोयना इ मीर’ नाम से छपे इस उपन्यास को तोल्स्तोय ने 15 बार कांट-छाट कर अंतिम रूप दिया. यानी करीब 15-20 हज़ार पन्नों का लेखन. सोफिया, तोल्स्तोय के लिखे पन्नों में मात्रा ठीक करतीं, उन्हें अंतिम रूप देतीं. इस उपन्यास में नेपोलियन का रूस पर हमला और उसके बाद रूसी जनता की देशभक्ति के साथ बचपन से लेकर बुढ़ापे तक का सफर है. सैंकड़ों पात्रों से सजे ‘युद्ध और शांति’ में बच्चे, बच्चों के बाप बन जाते हैं और राजनीति से लेकर अर्थनीति और जीवन की निरर्थकता पर बात होती है. यूरोप में किताबें पढ़ने वाले लोग हफ्ते-हफ्ते की छुट्टियां लेकर इस उपन्यास को पढ़ते हैं. ये पूरे जीवन की यात्रा है. पढ़ने वाले की विश्व-दृष्टि बदलने का माद्दा रखता ये उपन्यास आते ही बेस्टसेलर बन गया था.
रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियों में तोल्स्तोय की क्रूज़र सोनाटा का नाम भी है. लव और सेक्स पर सबसे विवादित कहानियों में शुमार क्रूज़र सोनाटा ने प्रतिबंध भी झेला था. लेकिन तोल्स्तोय को रॉकस्टार की ख्याति मिली महाकाय, महान उपन्यास ‘युद्ध और शांति’ से. 4 खंड़ों और 1500 से ज़्यादा पन्नों में फैले इस उपन्यास को तोल्स्तोय ने अपनी शादी के ठीक बाद लिखना शुरू किया. इस काम को करने में उनकी मदद करती थीं उनसे 16 साल छोटी पत्नी सोफिया. रूसी में ‘वोयना इ मीर’ नाम से छपे इस उपन्यास को तोल्स्तोय ने 15 बार कांट-छाट कर अंतिम रूप दिया. यानी करीब 15-20 हज़ार पन्नों का लेखन. सोफिया, तोल्स्तोय के लिखे पन्नों में मात्रा ठीक करतीं, उन्हें अंतिम रूप देतीं. इस उपन्यास में नेपोलियन का रूस पर हमला और उसके बाद रूसी जनता की देशभक्ति के साथ बचपन से लेकर बुढ़ापे तक का सफर है. सैंकड़ों पात्रों से सजे ‘युद्ध और शांति’ में बच्चे, बच्चों के बाप बन जाते हैं और राजनीति से लेकर अर्थनीति और जीवन की निरर्थकता पर बात होती है. यूरोप में किताबें पढ़ने वाले लोग हफ्ते-हफ्ते की छुट्टियां लेकर इस उपन्यास को पढ़ते हैं. ये पूरे जीवन की यात्रा है. पढ़ने वाले की विश्व-दृष्टि बदलने का माद्दा रखता ये उपन्यास आते ही बेस्टसेलर बन गया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.