15-01-2020, 10:54 AM
इल्म पढ़-पढ़ फ़ाज़िल होया, कदे अपने आप नू पढ्या नहीं ! बुल्ले शाह का ये गाना या फिर कबीर का पोथा पढ़-पढ़ बड़ा-बड़ा पंडित होया न कोय…लेव तोल्स्तोय की किताबों पर लागू नहीं होता है. लेव तोल्स्तोय, लियो टॉल्स्टॉय के नाम का मूल उच्चारण यही है, ने जो कुछ भी लिखा वो आज साहित्य की अमरनिधि है. तोल्स्तोय ने तीन भारी-भरकम पोथेनुमा उपन्यास लिखे. ‘युद्ध और शांति‘ जिसे दुनिया की सबसे बढ़िया किताब माना जाता है. ‘आन्ना कारेनिना‘ – दुनिया की सर्वश्रेष्ठ किताबों की कोई भी सूची ले लीजिए उसमें आन्ना कारेनिना का नाम ज़रूर होगा. ‘पुनरुत्थान‘ –
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.