14-01-2020, 08:37 PM
(This post was last modified: 25-03-2021, 07:18 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
एक के साथ दो ,...
एम् आई एल ऍफ़ ( मदर आई लव टू फ़क )
इनकी जबरदस्त फैंटेसी थी , एम् आई एल ऍफ़ वाली ( मदर आई लव टू फ़क ) ,
मैंने कितनी बार टीवी सीरयल में बड़ी उम्र की औरतों को देख कर उन्हें लार टपकाते नोटिस किया था ,
फिर जब बॉबी जासूस बन कर मैंने इनके डार्क वेब में सेंध लगाई , जिन साइट्स पर ये नाम बदल कर सर्फ़ और चैट करते थे , एकदम साफ़ हो गया इन्हे क्या पसंद है ,... कच्ची कलियाँ और उससे भी बढ़कर एम् आई एल ऍफ़ ,
खेली खायी ,... ज्यादा बड़ी नहीं लें ३५-४५ के उम्र के बीच की ,
गदरायी , खूब मांसल , बड़े बड़े जोबन वाली ,
जो थोड़ी जबरदस्ती भी करें ,...
मैंने ममी को बताया तो उलटे मुझे डांट पड़ गयी , मम्मी भी न मुझसे ज्यादा इनको फेवर करती थीं , अपने इकलौते दामाद को ,...
" ठीक तो है , सभी मर्द करते हैं , ... चल आने दे मुझे , ..."
लेकिन आने के पहले ही फोन पर ही , इनकी बर्थ डे के दिन , ... क्या खुल के गाली वाले सोहर , इनकी माँ को रंडी छिनार सब कुछ ,... और उस के बाद तो रोज चार पांच बार सास दामाद में , .... और जब मॉम के आने की बात हुयी तो सारा घर अपने हाथ से ,...
लेकिन आज तो हद पार हो गयी थी , किसी भी आदमी की जो हॉटेस्ट फैंटेसी हो सकती है उससे भी ज्यादा ,
दो ३५ -३८ के बीच की खूब मांसल भरे देह वाली , लेकिन ज़रा भी स्थूल नहीं , सेक्सी नहीं जबरदस्त सेक्सी , भरपूर जोबन , बड़े बड़े नितम्ब , ...
और उनके बीच एक आदमी , ... किसी की भी फैंटेसी हो सकती है
लेकिन आज ये फैंटेसी नहीं असलियत थी ,...
मंजू और मॉम ने मिलकर , ... क्या गत की इनकी , मम्मी दो बार झड़ चुकी थीं , ये भी एक बार , ...
खूंटा थोड़ा सोया थोड़ा जगा , पर ये दोनों उसे सोने देती तब न ,
दोनों लोग मिल के , कभी साथ साथ चाटती ,
कभी साथ चूसती ,
तो कभी एक के हवाले खूंटा और दूसरे के हवाले रसगुल्ले ,
कभी मम्मी कस के अपने दामाद का लंड चूसती तो मंजू इनके पिछवाड़े , ...
क्या मस्त वो गांड चाटती थी , जीभ एकदम अंदर तक , ये गिनगीना रहे थे
लेकिन न मंजू को कोई जल्दी थी न इनकी सास को ,
खूंटा एकदम खड़ा बेताब बेसबरा ,
पर ये कुछ कर भी नहीं सकते थे ,
थोड़ी देर की मस्ती के बाद , इनकी सास की ब्रा से मंजू ने इनके हाथ बाँध दिए , और उनकी पैंटी मुंह में ठूंस दी ,
आँखों में ब्लाइंडफोल्ड भी
फिर तो , कभी एक अपनी चूँचियों से उनका लंड चोदती कभी दूसरी ,...
कभी एक गाल एक के हाथ और दूसरा दूसरे के , ..साथ में हाथ से उनकी सास , मंजू मथानी की तरह खूंटे को , ...
मम्मी ने उनके मुंह से पैंटी को निकाल दिया और उन्हें बिस्तर पर धक्के देकर गिरा दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ गयीं , फेस सिटिंग ,
मंजू उसकी के साथ उनके लंड को कस के चूस रही थी ,
और फिर जब पॉजिशन बदली ने तो कुछ देर अपनी बुर चुसवाने के बाद उनका सर पकड़ कर सीधे अपने पिछवाड़े ,
" चल रानी चाट मेरी गांड , अरे मस्त चाटेगा न तो तेरी माँ के भोंसडे के साथ उसकी गांड भी दिलवा दूंगी ,... "
जोर जोर से उनके मुंह पर अपनी गांड रगड़ती वो बोली ,
आधे घंटे से भी ज्यादा , दोनों ,...उनकी सास और मंजू बाई ,...
मैं साथ बैठे बैठे देख रही थी , लेकिन मुझसे नहीं देखा गया , दो मस्त भोंसडे , और खूंटा तब भी भूखा ,...
मैंने चुपके से उनका हाथ खोल दिया और ब्लाइंड फोल्ड बस
वहीँ बिस्तर पर मंजू बाई को कुतीया बना के ,
क्या मस्त कुटाई की उन्होंने
मैं और उनकी सास सोफे पर बैठे देख रही थीं , बियर पी रही थी ,
लेकिन मान गयी मैं मंजू बाई को भी क्या मस्त धक्के मार रही थी , पीछे की ओर
फिर पोजीशन बदल के , साइड से , वो बिस्तर पर ये खड़े , ...
ये खूब खुश लग रहे थे
इस ख़ुशी के लिए तो मैं कुछ भी करने को तैयार थी , ...
पर मैंने एक फैसला कर लिए , जब इनकी ममेरी बहन को फंसा फुसला के यहाँ ले आउंगी , किसी भी बहाने से ,...
उसकी फटेगी तो है ही , चोदी भी जायेगी हचक के ,... लेकिन मैं लाऊंगी उसे , ... इनकी रखैल बनाने के लिए ,
और रखैल कौन जो रंडी की तरह चुदवाना न जाने , ...
बस मैं उसे मंजू बाई और गीता के हवाले कर दूंगी , चुदाई की सब ट्रिक सिखाने को , ...
मंजू के झड़ने के साथ ही ये भी झड़े ,
सारी रात
पूरी रात घमासान चला।
इनकी इतनी रगड़ाई आज तक कभी नहीं हुयी , जीतनी उस रात हुयी।
उन्हें भी मजा रहा था ,
लेकिन सबसे ज्यादा मजा मुझे आया ,इनकी सारी शरम लाज , लिहाज ,झिझक सब कुछ ,इनकी और इनकी माँ बहनो के ,... में
मंजू बाई और मम्मी ने भी खूब मजे लिए।
लेकिन वो भी झड़े , वो भी पूरे तीन बार.
दो बार मंजू बाई के भोंसडे में , एकदम लबालब ,मलाई बाहर तक छलक रही थी।
एकदम गाढ़ी थक्केदार मलाई , और फिर मंजू बाई ने उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें चटाई भी।
एकदम पक्के कम स्लट बन गए थे वो ,सडप सडप सब चाट गए।
और एक बार अपनी सास के अंदर भी ,
एकदम कटोरी भर मलाई।
सुबह तक सब थक के चूर हो गए
लेकिन सुबह सुबह सोने के पहले उन्हें 'बेड टी' मिली पीने को ,
वो भी दो कप पूरी।
मैं भले ही पांच दिन की छुट्टी के चक्कर में आउट आफ आर्डर थी ,
पर मंजू बाई और उनकी सास थीं न 'पिलाने को '
और ऊपर से हुकुम भी अगर एक बूँद भी बाहर छलकी तो ,
सच में नहीं छलकी ,सडप सडप सब सटक गए।
सोने को भी ,मैं और मम्मी सो गए , लेकिन मंजू बाई को जाना था और उन्हें सुबह का घर का काम ,फिर आज आफिस भी जाना था।
हाँ मंजू बाई ने थोड़ी हेल्प करा दी उन्हें ,
और चलते चलाते एक बार फिर सुनहरे शरबत की प्याली ,पिला दी।
एम् आई एल ऍफ़ ( मदर आई लव टू फ़क )
इनकी जबरदस्त फैंटेसी थी , एम् आई एल ऍफ़ वाली ( मदर आई लव टू फ़क ) ,
मैंने कितनी बार टीवी सीरयल में बड़ी उम्र की औरतों को देख कर उन्हें लार टपकाते नोटिस किया था ,
फिर जब बॉबी जासूस बन कर मैंने इनके डार्क वेब में सेंध लगाई , जिन साइट्स पर ये नाम बदल कर सर्फ़ और चैट करते थे , एकदम साफ़ हो गया इन्हे क्या पसंद है ,... कच्ची कलियाँ और उससे भी बढ़कर एम् आई एल ऍफ़ ,
खेली खायी ,... ज्यादा बड़ी नहीं लें ३५-४५ के उम्र के बीच की ,
गदरायी , खूब मांसल , बड़े बड़े जोबन वाली ,
जो थोड़ी जबरदस्ती भी करें ,...
मैंने ममी को बताया तो उलटे मुझे डांट पड़ गयी , मम्मी भी न मुझसे ज्यादा इनको फेवर करती थीं , अपने इकलौते दामाद को ,...
" ठीक तो है , सभी मर्द करते हैं , ... चल आने दे मुझे , ..."
लेकिन आने के पहले ही फोन पर ही , इनकी बर्थ डे के दिन , ... क्या खुल के गाली वाले सोहर , इनकी माँ को रंडी छिनार सब कुछ ,... और उस के बाद तो रोज चार पांच बार सास दामाद में , .... और जब मॉम के आने की बात हुयी तो सारा घर अपने हाथ से ,...
लेकिन आज तो हद पार हो गयी थी , किसी भी आदमी की जो हॉटेस्ट फैंटेसी हो सकती है उससे भी ज्यादा ,
दो ३५ -३८ के बीच की खूब मांसल भरे देह वाली , लेकिन ज़रा भी स्थूल नहीं , सेक्सी नहीं जबरदस्त सेक्सी , भरपूर जोबन , बड़े बड़े नितम्ब , ...
और उनके बीच एक आदमी , ... किसी की भी फैंटेसी हो सकती है
लेकिन आज ये फैंटेसी नहीं असलियत थी ,...
मंजू और मॉम ने मिलकर , ... क्या गत की इनकी , मम्मी दो बार झड़ चुकी थीं , ये भी एक बार , ...
खूंटा थोड़ा सोया थोड़ा जगा , पर ये दोनों उसे सोने देती तब न ,
दोनों लोग मिल के , कभी साथ साथ चाटती ,
कभी साथ चूसती ,
तो कभी एक के हवाले खूंटा और दूसरे के हवाले रसगुल्ले ,
कभी मम्मी कस के अपने दामाद का लंड चूसती तो मंजू इनके पिछवाड़े , ...
क्या मस्त वो गांड चाटती थी , जीभ एकदम अंदर तक , ये गिनगीना रहे थे
लेकिन न मंजू को कोई जल्दी थी न इनकी सास को ,
खूंटा एकदम खड़ा बेताब बेसबरा ,
पर ये कुछ कर भी नहीं सकते थे ,
थोड़ी देर की मस्ती के बाद , इनकी सास की ब्रा से मंजू ने इनके हाथ बाँध दिए , और उनकी पैंटी मुंह में ठूंस दी ,
आँखों में ब्लाइंडफोल्ड भी
फिर तो , कभी एक अपनी चूँचियों से उनका लंड चोदती कभी दूसरी ,...
कभी एक गाल एक के हाथ और दूसरा दूसरे के , ..साथ में हाथ से उनकी सास , मंजू मथानी की तरह खूंटे को , ...
मम्मी ने उनके मुंह से पैंटी को निकाल दिया और उन्हें बिस्तर पर धक्के देकर गिरा दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ गयीं , फेस सिटिंग ,
मंजू उसकी के साथ उनके लंड को कस के चूस रही थी ,
और फिर जब पॉजिशन बदली ने तो कुछ देर अपनी बुर चुसवाने के बाद उनका सर पकड़ कर सीधे अपने पिछवाड़े ,
" चल रानी चाट मेरी गांड , अरे मस्त चाटेगा न तो तेरी माँ के भोंसडे के साथ उसकी गांड भी दिलवा दूंगी ,... "
जोर जोर से उनके मुंह पर अपनी गांड रगड़ती वो बोली ,
आधे घंटे से भी ज्यादा , दोनों ,...उनकी सास और मंजू बाई ,...
मैं साथ बैठे बैठे देख रही थी , लेकिन मुझसे नहीं देखा गया , दो मस्त भोंसडे , और खूंटा तब भी भूखा ,...
मैंने चुपके से उनका हाथ खोल दिया और ब्लाइंड फोल्ड बस
वहीँ बिस्तर पर मंजू बाई को कुतीया बना के ,
क्या मस्त कुटाई की उन्होंने
मैं और उनकी सास सोफे पर बैठे देख रही थीं , बियर पी रही थी ,
लेकिन मान गयी मैं मंजू बाई को भी क्या मस्त धक्के मार रही थी , पीछे की ओर
फिर पोजीशन बदल के , साइड से , वो बिस्तर पर ये खड़े , ...
ये खूब खुश लग रहे थे
इस ख़ुशी के लिए तो मैं कुछ भी करने को तैयार थी , ...
पर मैंने एक फैसला कर लिए , जब इनकी ममेरी बहन को फंसा फुसला के यहाँ ले आउंगी , किसी भी बहाने से ,...
उसकी फटेगी तो है ही , चोदी भी जायेगी हचक के ,... लेकिन मैं लाऊंगी उसे , ... इनकी रखैल बनाने के लिए ,
और रखैल कौन जो रंडी की तरह चुदवाना न जाने , ...
बस मैं उसे मंजू बाई और गीता के हवाले कर दूंगी , चुदाई की सब ट्रिक सिखाने को , ...
मंजू के झड़ने के साथ ही ये भी झड़े ,
सारी रात
पूरी रात घमासान चला।
इनकी इतनी रगड़ाई आज तक कभी नहीं हुयी , जीतनी उस रात हुयी।
उन्हें भी मजा रहा था ,
लेकिन सबसे ज्यादा मजा मुझे आया ,इनकी सारी शरम लाज , लिहाज ,झिझक सब कुछ ,इनकी और इनकी माँ बहनो के ,... में
मंजू बाई और मम्मी ने भी खूब मजे लिए।
लेकिन वो भी झड़े , वो भी पूरे तीन बार.
दो बार मंजू बाई के भोंसडे में , एकदम लबालब ,मलाई बाहर तक छलक रही थी।
एकदम गाढ़ी थक्केदार मलाई , और फिर मंजू बाई ने उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें चटाई भी।
एकदम पक्के कम स्लट बन गए थे वो ,सडप सडप सब चाट गए।
और एक बार अपनी सास के अंदर भी ,
एकदम कटोरी भर मलाई।
सुबह तक सब थक के चूर हो गए
लेकिन सुबह सुबह सोने के पहले उन्हें 'बेड टी' मिली पीने को ,
वो भी दो कप पूरी।
मैं भले ही पांच दिन की छुट्टी के चक्कर में आउट आफ आर्डर थी ,
पर मंजू बाई और उनकी सास थीं न 'पिलाने को '
और ऊपर से हुकुम भी अगर एक बूँद भी बाहर छलकी तो ,
सच में नहीं छलकी ,सडप सडप सब सटक गए।
सोने को भी ,मैं और मम्मी सो गए , लेकिन मंजू बाई को जाना था और उन्हें सुबह का घर का काम ,फिर आज आफिस भी जाना था।
हाँ मंजू बाई ने थोड़ी हेल्प करा दी उन्हें ,
और चलते चलाते एक बार फिर सुनहरे शरबत की प्याली ,पिला दी।